गर्लफ़्रेंड ने तुड़वा दी कमसिन नौकरानी की सील-4

वो बोली- यार इसका जिम्मा मेरा रहा, तुम बस सहमति दो.. और हाँ, ध्यान रहे कि ये अभी कुंवारी लड़की है। अभी तक चुदी नहीं है ये.. तो मैं पक्का नहीं कह सकती.. परन्तु हाँ, ये हमसे सहमत जल्दी हो जाएगी ये मेरा विश्वास है।
मैंने कहा- एग्री होगी.. वो तुम्हें कैसे पता?

उसने बताया- एक दिन चुदाई की मूवी लगा कर वो छोड़ कर बाहर चली गई थी.. ये कमरे में सफाई करने आई तो ये खड़ी होकर वो मूवी देखने लगी और एक हाथ से अपनी चूत को सहलाने लगी। मैं जब अन्दर आने लगी तो मैंने इसे देख लिया परन्तु इसने मुझे नहीं देखा। तो मैं भी इसका ये नज़ारा एक तरफ खड़ी होकर देखने लगी। पहले इसने अपनी चूत को सलवार के अन्दर हाथ डालकर सहलाया और फिर अपने दोनों मम्मों को भी दबाने लगी। ये करीब 10 मिनट तक ऐसा करती रही और फिर बाथरूम में घुस गई। मैं पीछे हो गई फिर अन्दर कुछ देर बाद सफाई करने लगी। मुझे पक्की उम्मीद है उस दिन इसने सफाई करते हुए वो मूवी देखकर इसने चूत में उंगली की थी।

मैंने कहा- तू बता फिर.. मुझे इसमें क्या करना होगा?
उसने बताया- अभी तुमने कुछ नहीं करना.. जो करना है.. मैंने करना है.. जहाँ तुमको करना होगा.. वहाँ बता दूंगी।

उसने लंच ख़त्म किया और शालू को किचन में जाकर बोला- आज सफाई जरा ज़ल्दी कर दे.. किसी को आना है।
मैं घर के ऊपर जाकर बैठ कर अखबार पढ़ने लगा।

नीलू ने शालू को सफाई करने के बाद अपने कमरे में बुलाया और कहा- मैं तुमसे एक बात करना चाहती हूँ।
‘क्या..?’
उसने शालू को कहा- देखो शालू मैं तुम्हें कुछ नहीं कहूँगी और न ही तुम मुझसे डरना.. मैं बस तुमसे एक बात पूछना चाहती हूँ और तुम उसका जवाब मुझे सच-सच बताना.. हाँ या न में।
तो शालू ने कहा- ऐसी क्या बात है दीदी जी.. आप पूछो क्या पूछना चाहती हो?

नीलू ने उससे पूछा- क्या कुछ दिन पहले तुमने मेरे कमरे में पोर्न मूवी चलती देखी थी?
शालू एक बार घबरा सी गई और बोली- दीदी मैं समझी नहीं.. आप क्या कह रही हो?

नीलू ने बड़े प्यार से कहा- शालू.. तुम घबराओ नहीं.. ये बताओ तूने कुछ दिन पहले मेरे कमरे में सेक्सी मूवी चलती हुई देखी थी क्या?
शालू ने घबरा कर कहा- ओहओ.. दीदी देखी थी.. परन्तु मैंने टीवी बंद कर दिया था.. मैंने कोई ध्यान नहीं दिया था।
नीलू ने कहा- देखो शालू, मैंने ये बात तुझसे इसलिए पूछी है.. क्योंकि मैंने उस दिन तुझे देखा था कि तुमने अपने आप को बाथरूम में जाकर शांत किया था। घबराओ मत, ये हर जिस्म का जरूरी हिस्सा है और अगर सेक्स अच्छा न होता तो भगवान् इसे बनाते ही क्यों.. इसलिए तू घबरा मत, मैं तुझे कुछ नहीं कह रही हूँ।

इतना बोल नीलू ने देखा कि उसके चेहरे पर एक शर्मिंदगी थी और वो लग रहा था कि जैसे कुछ बोलना चाह रही हो.. पर झिझक रही थी।
नीलू ने उसकी झिझक को खोलने के लिए कहा- मैं तो सिर्फ इतना कहना चाहती हूँ कि मेरा भी फ़र्ज़ बनता है कि मैं भी तेरा ख्याल रखूं, अगर तू चाहे तो तुझे उस मूवी जैसे मज़े दिलवा सकती हूँ, पर शर्त एक है कि इस बात का किसी को पता नहीं लगना चाहिए। अगर तुझे उस मूवी जैसे मज़े असली ज़िन्दगी में मिल जाएं.. तो तू खुद ही सोच ले तुझे कितना मज़ा आएगा और अगर मजा नहीं लेना चाहती.. तो तेरी मर्जी है।

शालू कुछ नहीं बोली और इधर-उधर देखने लगी।
नीलू ने उससे फिर बोला- चल जा तू अपना काम कर ले।

शालू को बाहर भेज कर उसने फिर अपने कमरे में वही मूवी चालू कर दी और शालू को आवाज़ दे कर बुलाया और बोली- ये देख शालू ये वही मूवी है जो उस दिन तूने देखी थी.. तू देखना चाहेगी?

शालू ने सर हिला दिया कि वो नहीं देखना चाहती।
नीलू ने उससे कहा- चल न देख तो.. दो मिनट यहाँ बैठ और मेरे कपड़ों की तह भी लगा दे। मैं अभी ऊपर जाकर आती हूँ।

यह बोल कर नीलू ऊपर मेरे पास आ गई। जो बात मैंने आपको बताई ये सब नीलू ने मुझे आकर बताई कि उसकी और शालू की क्या बातचीत हुई।

नीलू मेरे पास आकर बताने लगी- शायद अब तुम्हारी नीचे जरूरत पड़े।
मैंने कहा- कोई बात नहीं जानेमन, तू बुला तो सही.. मैं एकदम रेडी हूँ।

नीलू फिर नीचे चली गई, उसने अपने रूम में जाकर देखा कि मूवी चल रही थी और शालू कपड़े भी तह लगा रही थी और साथ-साथ मूवी भी देख रही थी।

नीलू ने कहा- देख.. कहो तो आज तेरे पास चांस है। आज मैं भी तुझे कह रही हूँ, फिर मैं भी नहीं कहूँगी। सोच ले और दस मिनट के अन्दर-अन्दर मुझे अपना फैसला बता देना।
शालू बोली- दीदी थोड़ा डर लग रहा है।
नीलू ने कहा- अरे डर किस बात का.. ये तो सभी करते हैं और फिर मैं तेरे पास रहूँगी न.. अगर तुझे कोई दिक्कत आएगी तो मैं सम्भाल लूँगी।

शालू ने फिर कुछ सोच कर मना कर दिया।
तब नीलू ने कह दिया- चलो ठीक है तेरी मर्जी।
शालू घर के बाकी काम करने लगी।

इधर मुझे संजय का फ़ोन आ गया था कि वो वहाँ से निकल गया है और मैंने उसे नीलू के घर का एड्रेस मैसेज कर दिया।
नीलू ने मेरे पास आकर बताया कि शालू तो मना कर गई।

कुछ देर बाद मैं भी नीचे ही आ गया और जाने की तैयारी करने लगा ताकि शालू को ऐसा लगे कि मैं आज चला जाऊँगा।

तभी नीलू ने अपने कमरे में जाकर देखा शालू वहाँ खड़ी थी और वो मूवी देख रही थी।

नीलू ने कहा- अरे कुछ नहीं होता, ले ले मज़ा अपनी जवानी का।
तो शालू ने धीरे से कहा- दीदी ये बात आप किसी को बताओगी तो नहीं न?

नीलू ने उसे बांहों में लेते हुए कहा- अरे मेरी रानी, ऐसे तू सोच भी कैसे लिया.. चल आजा मेरे साथ.. मैं करवाती हूँ आज तेरी जवानी का उद्घाटन।
यह कहते हुए उसने मुझे आवाज दी और अपने कमरे में बुलाया।

मैंने जाकर देखा दोनों एक साइड में खड़ी थीं और सामने टीवी पर पोर्न मूवी चल रही थी।

मैंने उससे कहा- हाँ जी..
तो नीलू ने कहा- ये मेरी बहुत ही प्यारी मुनिया है.. इसकी जवानी का उद्घाटन करवाना है आपसे.. और देखिए ये बात हम तीनों के अलावा किसी को पता नहीं चलना चाहिए और न ही इसे कोई दिक्कत आनी चाहिए।
मैंने कहा- ओह तो ये बात है.. अरे कोई बात नहीं मेरी जान, अभी कर देते हैं, आओ मेरे आगोश में आओ।

शालू घबराने और शर्माने लगी.. नीलू ने धक्का देकर शालू को मेरे आगोश में धकेल दिया। मैंने उसके कपड़ों के ऊपर से ही उसके मम्मों पर हाथ फेरा और शरीर के ऊपर हाथ फिराना शुरू कर दिया।

मैंने देखा कि शालू शर्मा रही थी।
मैंने कहा- स्वीटी पहले तो अपनी शर्म छोड़ो.. पहले कभी किया है ऐसा?

उसने ‘न’ में सर हिलाया तो मैंने कहा- तभी इतना शर्मा रही है लाडो.. कोई बात नहीं अभी सिखा देते हैं।

मैंने उसकी कमीज़ उतार दी और उसने मम्मों के ऊपर ब्रा पहनी थी, तो मैंने ब्रा को ऊपर किया और उसका एक मम्मा मुँह में लेकर चूसने लगा और नीलू को उसकी सलवार उतारने का इशारा किया।

नीलू ने इशारा पाकर शालू की सलवार को उतार दिया, उसके नीचे शालू ने पैंटी पहनी थी। मैंने एक हाथ को उसकी पैंटी में डाल दिया, मुझे मालूम था कि कुंवारी लड़की को कहाँ तक छेड़ना है। इसलिए मैंने अपनी उंगली को उसकी चूत में नहीं डाला.. बस उसकी चूत के ऊपर हाथ फिराता रहा और अपनी उंगलियाँ चलाता रहा।

अब शालू भी गर्म होने लगी थी, उसके मुँह से मजेदार सिसकारियाँ निकलने लगी थीं।
तभी आगे होकर नीलू ने शालू से पूछा- बेबी.. मज़ा आ रहा है न..?

तो शालू ने ‘हाँ’ में सर हिलाया, उधर टीवी पर चल रही पोर्न मूवी में एक लड़का लड़की की चूत में लंड डाल कर उसे चोद रहा था और एक लड़का पीछे से उस लड़की की गाण्ड मार रहा था और लड़की मजेदार सिसकारियाँ ले रही थी।

नीलू ने मूवी की आवाज़ थोड़ा ऊँची कर दी और अब हम सभी को चुदाई की मादक आवाजें साफ़ सुनाई देने लगीं।

मैंने शालू की ब्रा को उतार दिया और अब उसके दोनों मम्मे नंगे हो चुके थे और मैंने शालू के मम्मे चूसने जारी रखे थे।

अब शालू और ज्यादा सिसकारने लगी थी, मैं शालू के दोनों मम्मों को लगातार चूसे जा रहा था और शालू की पीठ पर भी हाथ फेर रहा था.. शालू की पीठ सहलाए जा रहा था।

नीलू ने फिर पूछा- अब कैसा लग रहा है शालू.. मज़ा आ रहा है न?
शालू ने कहा- हाँ आह.. हाँ दीदी आह..
शालू सिसकार रही थी।

इस बार नीलू ने भी अपने हाथ शालू की कमसिन बॉडी पर चलाने शुरू कर दिए।
शालू थोड़ा शर्मा रही थी.. तो नीलू बोली- अरे शर्मा मत.. देख अभी तेरी शर्म उतार देती हूँ।

ये कह कर नीलू ने एक-एक करके अपने सारे कपड़े उतार दिए, यहाँ तक कि अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी।

नीलू अब बिलकुल अल्फ नंगी थी। अब शालू के शरीर पर भी बस पैंटी थी.. जिसके अन्दर मेरी उंगलियाँ चल रही थीं। मैंने उसकी पैंटी को भी उतार दिया।

नीलू मुझसे कहने लगी- देखो अब आप भी अपने कपड़े उतार दो।

मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और नंगा हो गया। तभी नीलू मेरा लंड पकड़ कर शालू से बोली- देख शालू, ये है असली चीज़.. जिससे तू डर रही थी। ये चीज़ डरने वाली नहीं होती.. प्यार करने वाली होती है.. ले पकड़ कर देख इसे।

ये कहते हुए उसने मेरा लंड शालू के हाथों में दे दिया और बोली- इसे मुँह में लेकर देख मज़ा आएगा।

शालू ने मेरा लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और थोड़ा चूसने लगी, मैं भी शालू के सर को ऊपर से पकड़ कर उसका मुँह आगे-पीछे करने लगा।

नीलू ने ऊपर से मुझ किस करते हुए कहा- अब इसकी बुर का उद्घाटन कर दो मेरे राजा।

मैंने शालू को बेड पर चित्त लिटाया और उसकी चूत को अपने मुँह की जद में ले लिया और जीभ की नोक से उसकी चूत को कुरेदते हुए चाटने लगा।

शालू एकदम से गर्मा गई और कामुकता से सिसकारने लगी।

साथियो, आपने देखा कि शालू भी चुदने के लिए राजी हो गई थी।

अगले भाग में शालू की चूत का उद्घाटन होना है, इस पल के गवाह बनने के लिए आप सभी का स्वागत है।

आपकी मेल का मुझे इन्तजार रहेगा।
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कहानी जारी है।