स्कूल का टूअर

हमारे स्कूल का टूर जयपुर गया था, मैं भी अपने दोस्तों के साथ गया था। जनवरी का महीना था, बहुत ठण्ड थी।

हम जयपुर में घूम-फिर रहे थे कि बीयर पीने का मूड बन गया और हमने एक एक बीयर पी ली। हमें नशा हो चुका था और मज़ा भी आ रहा था।

जब रात को सोने का वक्त हुआ तो मैं और मेरा दोस्त राकेश हम दोनों एक कमरे में चले गए।

हम दोनों सो गए थे कि मैंने देखा कि थोड़ी देर में राकेश ने मेरे ऊपर अपना हाथ रखा और धीरे धीरे अपना हाथ मेरे शारीर पर फिराने लगा। मुझे गुदगुदी होने लगी, मैंने उसे मना भी किया परन्तु मेरे मना करने पर उसने और भी ज्यादा करना शुरू कर दिया।

फिर मुझे भी मज़ा आने लगा, मैं भी उसे मना नहीं कर पाया और मै भी उससे वैसे ही करने लगा।

फिर मेरा 9″ का लंड खड़ा होने लगा और उफान मार रहा था। उसने मेरे लंड को पकड़ा और आगे-पीछे करने लगा।

मुझे भी मज़ा आ रहा था।

फिर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसने मेरे कपड़े उतार दिए।

अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे और एक दूसरे के लण्डों को सहला रहे थे। फिर मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और वो मज़े से चूसने लगा।

मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर थोड़ी देर में मैंने अपना वीर्य उसके मुँह में छोड़ दिया और वो सारा का सारा वीर्य पी गया मज़े से !

फिर थोड़ी देर बाद मैंने उसकी गांड उचकाई और अपना लंड उसकी गांड के छेद पर लगा दिया।

उसने मना किया पर मैंने कहा- बहुत मजा आयेगा !

वो मान गया और मैंने तेल की शीशी में से थोड़ा सा तेल उसकी गांड पर लगा दिया फिर एक झटके में मेरे लंड का टोपा उसकी गांड में समां गया।

इतने से ही उसकी चीख निकल गई- आ आ आ आ मर गया छोड़ दे मुझे !

पर मै नहीं माना, मैंने एक और झटके में पूरा लंड उसकी गांड में घुसा दिया। उसकी गांड से खून निकल रहा था।

वो यह देख कर डर गया, मैंने उसे तसल्ली दी और कहा- ऐसा तो होता है पहली बार में !

फिर उस दिन के बाद जब भी मेरा गांड मरने का मन करता है, मैं राकेश के पास जाता हूँ या उसे बुला लेता हूँ, फिर पूरा आनंद उठाता हूँ।

मुझे गांड मारने में बहुत मज़ा आता है।