ट्रेन में मिली एक लड़की संग मस्ती-1

खैर मेरे पास टाइम कम था और इलाहाबाद भी आने वाला था, मैंने अचानक हल्का से उठ कर उसके लबों को अपने लबों से जकड़ लिया।
वो छटपटाई और गुँ गुँ गुँ की आवाज़ करने लगी लेकिन मैंने भी नहीं छोड़ा उसको… और फिर वो भी साथ देने लगी, हमने चुम्बन को खत्म किया और हल्का सा उस पर लेट कर फिर से चूमा किया और दूसरे हाथ से चूची को मसल दिया पर वो नखरे इतना ज़्यादा कर रही थी, मैं समझ नहीं पा रहा था कि ऐसा क्यूँ कर रही है।

लेकिन मैं बेकाबू हो चुका था, इलाहाबाद भी आने वाला था, मैंने उसको फिर से लिप किस करना शुरू कर दिया, हाथों से उसकी टीशर्ट उठा दी और ब्रा के ऊपर से चूची दबाने लगा तो वो बहुत मचल रही थी पर मेरे शरीर का वज़न उसके ऊपर होने से वो ज्यादा कुछ नहीं कर पा रही थी।

मैंने ब्रा को ऊपर उठा कर चूची को मुँह में भर लिया। अब वो भी कम विरोध कर रही थी। मेरा हाथ अब फ्री था, मैंने उसके लोअर में हाथ डाल दिया और सीधे चूत पर ले गया।

‘आअह…’ साली पूरी गीली थी, सटाक से मेरी ऊँगली अंदर चली गई… आअह क्या गर्म चूत थी… क्लीन शेव चूत… अँधेरा था, देख तो नहीं पाया पर महसूस कर सकता था। मैं फिंगर फ़क कर रहा था, साथ में चूची चूस रहा था।

तभी इलाहाबाद आ गया था, ट्रेन प्लेटफार्म पर एंटर हो रही थी, हम दोनों के बिछड़ने का पल था। मैं जैसी ही पर्दे के बाहर आया, वो कुछ पल के बाद बाहर आई, उसकी आँखों में नशा था, खड़े लन्ड पर धोखा हो गया था क्योंकि मैंने अपने भाई को स्टेशन पर बुला रखा था नहीं तो मैं बनारस तक चला जाता।

चलते चलते उसने अपना फोन दिया और कहा कि वो अपने फोन से मेरा नम्बर मिलाए। इस तरह हम दोनों के पास एक दूसरे का नंबर आ गया।
जाते समय उसने हग किया और लबों पर एक हल्का सा चुम्बन दिया।

मैं फ़ोन नम्बर लेकर उतर गया।
थोड़ी देर में ही उसका व्हाट्सप्प पर हेलो का मैसज आ गया।
खैर सुबह दिन भर हमने खूब बातें की।
अगले दिन उसने पूछा- क्या कर रहे हो?
तो वो बोली- बनारस आ जाओ कल शाम को 5 बजे!

मैंने भी हाँ कर दी और आज मैं ऑफिस का काम आधे दिन में निपटा कर दोपहर की बस से बनारस चला गया।

करीब शाम 6 बजे वो मस्त भरे बदन की हुस्न की मल्लिका मेरे आँखों के सामने थी।
हम दोनों फिर एक रेस्तराँ में जाकर बैठ गए।
मैंने पूछा- रेस्टोरेंट क्यूँ? होटल बुक कर लेते हैं।
बोली- लेट हो गया है, 7:30 मेरा ब्रदर मुझे लेने IP VIJAYA मॉल में आएगा।
मेरा तो मूड ऑफ हो गया।

फिर वो बोली- प्रोमिस, आपकी इच्छा मैं जरूर पूरी करुँगी, अभी तो मस्ती करो ना!
मैंने पूछा- कब वापिस जाओगी?
वो बोली- कल!
मैने कहा- मेरे साथ चलो?
तो वो बोली- हाँ ठीक है!
मैने तुरंत ही उसकी एक टिकट 2AC में बुक कर दी, थोड़ी देर मैं वहाँ रुका, हमने कॉफी और स्नैक्स लिए, फिर कुछ शॉपिंग की, फिर एक दूसरे को हग किया।

तब वो बोली- मुझे विश्वास नहीं होता कि मेरे एक बार कहने पर आप इलाहाबाद से बनारस आ गए… आप सच में अमेजिंग हो!

अब कल ट्रेन में कल क्या होगा, यह अभी भविष्य की गर्त में है।

चलो आप लोग ही बताओ कि क्या होगा इलाहाबाद से जबलपुर के बीच में?
राहुल
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