उसको चोद कर भूल नहीं पा रहा हूँ

जब मैं उसे देखा.. मैं खिल उठा.. क्या मस्त माल थी.. सुपर हॉट.. एकदम बोल्ड.. बड़े-बड़े और एकदम गोरे मम्मे.. खुद दबा रही थी.. उसने सूट पहना हुआ था।

मैंने कहा- खोलो तो..

उसने मुझसे बोला- तुम भी अपना ‘टूल’ दिखाओ।

मैंने कहा- अभी तो मैं परिवार के बीच हूँ रात में सब दिखा दूँगा।

वो बोली- थोड़ी झलक तो दिखा..

मैं कमरे में अकेला था.. मैंने दरवाजा बंद किया और 2 मिनट तक अपना सामान दिखाया।

इतने में वो बोली- क्या तुम लुधियाना आ सकते हो??

मैंने कहा- अगर आप बुलाओगी.. तो क्यों नहीं..

बोली- ठीक है.. कल आ जाओ..

मैंने कहा- इतनी जल्दी ? मैं कल तो नहीं आ सकता..।

उसने कहा- मैं यहाँ पर कल तक ही हूँ.. उसके बाद दो महीने तक बाहर हूँ.. फिर बाद में ही मिल सकेंगे..

मैंने सोचा साला कोई लड़का होगा मुझे वेबकैम पर कोई ट्रिक करके पागल बना रहा होगा..

मैंने मोबाइल नंबर माँगा तो कहती हैं कल आ जाओ.. फिर वहीं देती हूँ।

मैंने कहा- ये भी कोई बात हुई?

फिर उसने कहा- तुम अपना नम्बर दो.. मैं फोन करती हूँ.. और तुम मुझे फोन मत करना..

मैंने कहा- ठीक है..

उसका फोन आया तो.. ओह.. क्या सुरीली स्वीट आवाज थी उसकी- हाय.. कैसे हो राहुल?

मैंने कहा- वाह.. आपकी आवाज तो बड़ी प्यारी है.. मैं ठीक हूँ.. आप बताओ..

बोली- बस.. तुम कल आ जाओ..

मैंने कहा- यार कुछ समय तो दो मुझे..

अगले दिन ऑफिस में जरूरी काम था।

मैंने कहा- रात में मिलते हैं फिर बात करेंगे और आने के लिए कुछ करता हूँ।

इस तरह फोन पर कुल 2 से 3 मिनट बात हुई.. फिर चैटिंग पर आ गए।

वो बार-बार यही कहती रही- मुझे जाना है.. रात में 10 बजे मिलते हैं।

फिर मैं ऑफिस की प्लानिंग करने लगा.. रात 9 बजे तक फोन करता रहा.. तब जा कर बड़ी मुश्किल से कहीं बात बनी।
फिर रात में मैं ऑनलाइन आ गया और इन्तजार करने लगा। दस मिनट में वो भी आ गई।

फिर मैंने उसके बारे में मालूम किया.. वो शादीशुदा थी.. मैंने पति और बच्चों के बारे में पूछा तो बोली- नो पर्सनल..
मैं चुप हो गया। फिर वेबकैम चालू हो गए.. धीरे-धीरे हम नंगे होते चले गए.. बात चलती रही। उसने अपनी चूत और मम्मे साफ-साफ़ दिखाए।

मैंने भी कैपरी और चड्डी उतार दी। उस हसीन जवानी को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया.. मेरा 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा लवड़ा पूरा टाइट हो गया था।

वो भी बोली- हाय.. बहुत मोटा है आपका..

अब मिलने का प्लान चलता रहा.. उसने बोला- कल बस स्टैंड पर 11 बजे तक मिल जाना.. मैं 1-2 घंटे के लिए ही मिलूँगी।

फिर प्लान तय हुआ कि होटल में मिलेंगे।

उसने कहा- तुम मुझे फोन मत करना.. मैं तुम्हें 9 बजे खुद फोन करूँगी..

अब उसके साथ 1 से 1.30 घंटे चैटिंग के बाद 12 के करीब मैं सो गया। सुबह 7 बजे घर से निकला और बस पकड़ कर अम्बाला पहुँचा.. उधर से शान-ए-पंजाब ट्रेन पकड़ी।

उसका लुधियाना में मिलने का 12 बजे का टाइम था.. इतने में उसका फोन का इन्तजार करते हुए कॉल भी आ गया।

“कहाँ हो.. कैसे हो… ये मेरा नंबर चालू रहेगा… इस पर फोन कर लेना।

फिर 40-45 मिनट पहले ही फोन चालू हो गए- कहाँ पहुँचे.. कब तक आ रहे हो..

मैं 12.15 पर पहुँच गया.. मैंने फोन किया- आप कहाँ हो?

बोली- मुझे स्टेशन दूर पड़ेगा.. आप बस स्टैंड आ जाओ.. वहाँ एक ढाबा है.. बहुत बड़ा बोर्ड लगा हुआ है..

उसने पता बताया और मैं पहुँच गया.. फोन किया तो बोली- इधर ये गली है.. वहाँ आ जाओ।

मुझे गली नहीं मिली.. आगे रोड पर गया तो एक गाड़ी पास आकर रुकी.. वो पीछे गॉगल्स लगा कर बैठी हुई थी.. क्या कयामत लग रही थी यार.. पूछो मत..
उसने गाड़ी का दरवाजा खोला.. मैं अन्दर बैठ गया।

हैलो.. हाउ आर यू.. चलता रहा.. आगे गाड़ी को ड्राइवर चला रहा था।

उसकी जवानी की क्या तारीफ करूँ.. 34-30-36 का फिगर.. दूध सी गोरी जवानी.. चुस्त जीन्स और गुलाबी रंग का टॉप पहना हुआ था।

मेरी आँखों में चमक और मुँह में पानी आ गया.. मैंने मुश्किल से सब्र किया.. ड्राईवर जो साथ था।

फिर बात शुरू हुई तो बोली- कहाँ चलना है?

मैंने कहा- होटल..

तो बोली- मैं इस तरह होटल कभी नहीं गई।

मैंने भी यही कहा.. फिर मैं एक होटल में गया। उधर पूछा एसी रूम का क्या लेते हैं तो मालूम हुआ 1500 का है।
अभी बात कर ही रहा था कि इतने में उसका फोन आ गया, बोली- कमरा बुक मत करना.. यूँ ही पूछ लो बस..

फिर मैं आ गया.. वो बोली- और कहीं चलते हैं..

मैंने कहा- हाँ.. सिटी के बाहर ही ठीक रहेगा।

तो गाड़ी आगे ले ली.. फिर उससे बात होने लगी।

‘पहले कभी किया है आपने?’

मैंने धीरे से कहा- हाँ..

फिर वो बोली- ये ड्राइवर नहीं.. मेरे पति हैं..

मैं एकदम से सकते में आ गया.. मैंने कहा- झूठ??

तो बोली- कसम से..

मैं अवाक था।

फिर आगे चल कर उसके पति ने ही एक होटल बुक किया।

उसने कहा- पति के साथ एडजस्ट कर लोगे ना.. वो भी कमरे में ही रहेंगे?

मैंने कहा- ओके..

हम लोग कमरे में गए। उसका पति बोला- मैं बाथरूम में जाता हूँ.. आप लोग कर लो..

मैंने पीने का पानी मँगवाया.. गर्मी बहुत थी.. मैंने पानी पिया.. उसने मना कर दिया।

मैं मूड में आ गया वो बिस्तर पर बैठी थी मैंने कपड़े उतारे.. बस चड्डी नहीं उतारी। फिर उसे अपनी बाँहों में ले लिया- आ जाओ जान..

उसे बिस्तर पर गिरा दिया.. उसके रसभरे होंठों को ज़ोर से चूसने लगा।

वो भी मेरे होंठों को जी भर के चूस रही थी।

फिर मैंने उसका टॉप उतारा.. और मैं चूंकि लेटा हुआ था.. सो पीछे से ब्रा का हुक खोल दिया.. फिर उसको बाँहों में ले लिया।

मैं उसे ज़ोरों से चूमता-चूसता रहा.. उसके मम्मे यम्मी थे.. स्वीट सेक्सी निप्पल चूसे.. बोली- दर्द होता है..

फिर हम दोनों एक-दूजे के जिस्मों से खेलते रहे और पति बाथरूम से आकर पलंग के दूसरी ओर मुँह करके बैठ गया था।

फिर मैंने कहा- जान.. जीन्स तो उतारो..

उसने कहा- लो खोल लो।

मैंने उसकी जीन्स उतारी… क्या नरम-नरम कमर और टाँगें थीं.. नीचे उसकी पैन्टी वो भी गजब की थी.. भूरे रंग की.. फिर मैं उसके होंठ.. गला.. मम्मे.. नाभि… पेट चूसते-चूसते चूत पर आया तो उसकी हसीन मखमली चूत को चुम्बन किया.. उसको खूब चूमा-चाटा.. वो भी मस्ती से मचलने लगी।

फिर तो जितना चूमता था उतनी और प्यास लगने लगती थी। बड़ी ही मीठी महक थी.. नरम साफ चिकनी खूबसूरत चूत थी.. चूसने का और ज़ोर का मन हुआ और ज़ोर से चूसता गया।

वो ‘अहहा.. आहह.. आहह..’ की सिसकारियां लेती रही। फिर उसने एकदम से मेरे बाल पकड़ कर मेरा सर चूत के ऊपर दबा दिया और बोली- और ज़ोर से चूस… ज़ोर से चूस… अहहह..

उसकी चूत का स्वाद इतना मस्त.. जिंदगी भर ना भूलूँ.. हल्का सा नमकीन.. मस्त गीली चूत.. गर्म इतनी जितना जलता हुआ कोयला.. बस मैं भी चूसता जा रहा था। इस बीच मैंने चड्डी उतारी और लंड निकाल कर उसके मुँह में लगा दिया.. वो कामातुर होकर चूसने लगी…
उसे चूसने नहीं आता था.. फिर मैंने ही उसका मुँह पकड़ कर धक्के लगाए। इतने में मैं उसके मुँह में लंड डाले हुए ही उसके पेट के ऊपर से चूत पर पहुँच गया और चूत चूसने लगा।

उसका पति भी नंगा हो गया और मेरे कान में कहने लगा- मैं मर्द नहीं हूँ.. तुम आज इसकी चूत चोद डालो..

मैंने कहा- ठीक है..

फिर वो अपनी बीवी से कहने लगा- आज जी भर कर चुदवा ले..

हम लंड-चूत चूसते रहे चूचियों से खेलते रहे.. इस हसीन जन्नत में बहुत मजा आ रहा था। फिर मैं उसे स्मूच करने लगा.. तो बोली- तुम्हें नहीं आता.. मैं सिखाती हूँ..

फिर तो वो मेरे ऊपर आ गई और मेरी बाजू पकड़ लीं.. मेरी दोनों टांगों में अपनी दोनों टांगों कर जोरों से बाँध लीं।

उसने मुझे इस कदर जकड़ लिया था कि मैं हिल भी नहीं सकता था।

फिर वो मेरे होंठों के किनारों पर धीरे-धीरे अपनी जीभ फिराती हुई चूम रही थी.. मैं अपने मुँह से उसकी जीभ पकड़ने की कोशिश करता तो सर ऊपर कर लेती।
मुझे बहुत सनसनी हो रही थी.. ऐसा लग रहा था.. जैसे वो मेरा देह शोषण कर रही हो। इस चुदाई के सबसे हसीन पल यही लगे थे मुझे।

इसके बाद वो मेरा लंड पकड़ कर मुझे चोदने लगी। फिर पोज़ बदल कर मैंने उसे लिटा कर उसकी गीली चूत चूसने लगा और उसके पति ने अपना नामर्द लंड उसके मुँह में डाल दिया।

फिर मैंने अपना लंड पकड़ कर उसकी गरम चूत में डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा।

बोलती है- और ज़ोर से चोद.. और ज़ोर के धक्के मार.. अहहा.. उउहह..

उसे पकड़ कर चोदने में बहुत मज़ा आ रहा था। दस मिनट तक चोदने के बाद वो अकड़ गई और झड़ गई उसके पानी की गर्मी से मेरा भी निकलने का था।

फिर मैंने लंड निकाल कर उसके मुँह पर पर पिचकारी मारी.. उसने मुँह साइड में किया तो उसके मम्मों पर माल की पिचकारी दे मारी।

फिर पूछा- चूसोगी?

उसने सिर हिला कर मना कर दिया- नहीं..

इतने में वो मुस्करा रही थी.. क्या क्यूट लग रही थी.. और माल उसके मम्मों पर और चेहरे पर खूबसूरती बढ़ा रहा था।
इसके बाद उसके पति ने चोदा.. वो तो 2 से 3 मिनट में धक्के मार कर गिर गया। फिर हमें होटल में डर भी लग रहा था.. इस दौरान 2 घंटे तक हमने चुदाई के खूब मजे किए।

उसके बाद मैंने पूछा- मज़ा आया?

तो बोली- हाँ बहुत ज़्यादा.. तुम चूसते बहुत मस्त हो।

हम सबने कपड़े पहने और निकल गए।

उसने मुझे 2000 दिए.. बोली- रख लो कोई बात नहीं।

मैंने मना किया.. पर उसके प्यार के आगे मना नहीं कर सका।

बोली- अपने लिए कोई गिफ्ट खरीद लेना।

वो पैसे मैंने आज भी संभाल कर रखे हुए हैं।

फिर बोली- आज रात को वेबकैम पर ज़रूर मिलना..

मैंने इन्तजार किया.. पर वो नहीं मिली। मैंने एक-दो बार फोन भी किया तो अटेंड नहीं किया और मैसेज से जबाव दिया- मैं कॉल करूँगी।

उसका आज तक कोई फोन नहीं आया! मुझसे कहा था कि वो 6 से 7 हफ्ते के लिये वो बाहर जा रही है और मैं उसके बारे में कुछ भी नहीं जानता। पता नहीं शायद मेरे नसीब में उससे मिलना था।
उस दिन को कभी नहीं भुला सकता.. उसी हफ्ते मुझे एक कपल से मिलने दिल्ली जाना था.. पर मैं नहीं गया। एक सच्चे प्यार का सा एहसास था वो.. मैं उसे बहुत याद करता हूँ।

मुझे इसके बाद कई कपल और औरत तो मिलीं.. पर उसके जैसी आज तक नहीं मिली।

दोस्तो, मेरी पहली कहानी थी यह रियल कहानी है.. आपको कैसी लगी.. जरूर बताना!