सन्ता-बन्ता-जीतो-डॉक्टर

सन्ता- फिर वो मुझे एक सुनसान जगह पर ले गई और गाड़ी रोक कर उसने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मुझ से बोली कि ‘ले लो तुम्हें जो चाहिए !’

बन्ता- तो फिर तुमने क्या किया?

सन्ता- करना क्या था, मेरे पास कार नहीं थी सो मैं कार ले आया, और वैसे भी अगर मैं उसके कपड़े ले लेता तो मैं उन कपड़ों का करता क्या?

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एक डॉक्टर सन्ता के पीछे ब्लेड लेकर दौड़ रहा था और साथ ही सन्ता को गालियाँ भी दे रहा था- ठहर जा बहनचोद ! आज तो मैं तेरा लंड काट कर ही दम लूँगा !

डॉक्टर को सन्ता के पीछे ब्लेड लेकर दौड़ते हुए देख कर उसे आस पास के कुछ लोग पकड़ लेते हैं और उनमें से एक आदमी डॉक्टर पूछता है- अरे डॉक्टर साहब, क्या हो गया क्यों सन्ता कि माँ बहन एक कर रहे हो?

आदमी की बात सुन डॉक्टर हाँफते हुए उस आदमी से कहता है- क्या बताऊँ भाई, यह भोंसड़ी का सन्ता, पिछली चार बार से मेरे पास नसबंदी करवाने के बहाने आता है और झांटें कटवा कर भाग जाता है !

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सन्ता अपनी पत्नी जीतो के साथ घर पर था कि तभी अचानक दरवाज़े पर दस्तक हुई, सन्ता ने दरवाज़ा खोला तो देखा कि सामने बन्ता अपनी टांगों के बीच अपने हाथों को दबाये खड़ा है।

यह देख सन्ता ने बन्ता से पूछा- क्या हुआ?

मुझे क्रिकेट की गेंद से चोट लग गई ! बन्ता ने जवाब दिया।

तभी वहाँ सन्ता की पत्नी जीतो आई और बन्ता से कहा- तुम अन्दर आ जाओ, मैं तुम्हे प्राथमिक चिकित्सा दे देती हूँ !

जीतो ने बन्ता को कुर्सी पर बैठाया और एक पतीले में गर्म पानी में गुलाब जल डाल कर रुई से बन्ता के लिंग की सिकाई करने लगी।

कुछ देर बाद सन्ता ने बन्ता से पूछा- अब तुम्हें कैसा लग रहा है?

बन्ता अपना हाथ हवा में उठाते हुए कहता है- जो जीतो भाभी ने किया उसके बाद मुझे काफी बेहतर लग रहा है, पर मुझे लगता है कि मेरी उंगली का नाखून फिर भी टूट जाएगा !