यह लो आपने तो अभी से मुस्कुराना शुरु कर दिया…
अरे, चुटकुला शुरु तो करने दो…! . . .
.
.
.
.
.
.
.
संता: चल यार बस कर, अब बोर हो रहे हैं…
बंता: हाँ, अब वैसे भी मेरे पास बस एक हाथी और तेरे पास केवल एक घोड़ा बचा है…!
(हंसो मत ! अभी चुटकुला खत्म नहीं हुआ!)
.
.
.
फिर विश्वनाथन आनंद आता है…
आनंद: चलो संता बंता शतरंज खेलते हैं…
संता: नहीं, आप तो हमें आसानी से हरा दोगे…
आनंद: अच्छा चलो, तुम दोनों और मैं अकेला…
बंता: फिर भी हम हार जाएंगे…!
आनंद: ओके, चलो मैं बाएँ हाथ से खेलूंगा…
संता-बंता: हाँ फिर ठीक है…
(आप फिर हँस पड़े! चुटकुला अभी खत्म नहीं हुआ है जी !)
.
.
.
आनंद संता बंता को हरा कर चला जाता है… . .
संता: बड़ी शर्मनाक बात है यार, उसने हमें उल्टे हाथ से भी हरा दिया…
बंता: अबे, वो हमें बेवकूफ़ बना गया…
संता: कैसे?
बंता: वो लेफ़्टी ही होगा !
.
.
.
चुटकुला खत्म हो गया है, अब आप हंस सकते हैं…
प्रस्तुतकर्ता : निक्की