प्रतियोगिता

लेकिन कोई दो-तीन के बाद हार मान लेता तो कोई हिम्मत वाला दस-बारह के बाद।

सन्ता ने भी इस प्रतियोगिता के बारे में सुना तो उसे भी लगा कि उसे इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहिए।

तय समय सुबह आठ बजे सन्ता आयोजकों के पास पहुँचा और प्रतियोगिता में भाग लेने की अपनी इच्छा बताई।

आयोजकों ने उसे नियम बताते हुए कहा कि शाम पाँच बजे तक अगर तुमने पचास लड़कियों को चोद लिया तो तुम्हें पचास लाख डॉलर मिलेंगे।

सन्ता ने स्वीकार कर लिया और काम पर लग गया।

दो घण्टे बीतने पर आयोजकों में हलचल होने लगी कि पता नहीं सन्ता कौन सी मंजिल पर होगा और क्या कर रहा होगा।

शाम होने लगी तो सभी आयोजकों ने सोचा कि सन्ता कहीं बेहोश पड़ा होगा, उन्होंने सन्ता की खोज शुरु कर दी।

हर मंजिल पर लड़कियों से पूछने लगे तो एक एक करके सबने कहा कि सन्ता उसे चोद कर ऊपर वाली मंजिल पर चला गया है।

जब वे पचासवीं मंजिल पर पहुँचे तो उस पचासवीं लड़की ने बताया कि सन्ता उसे चोद कर जा चुका है।

तब आयोजकों को हैरानी हुई कि आखिर शर्त जीत कर भी सन्ता अपना ईनाम लेने क्यों नहीं आया।

इधर उधर ढूंढा पर सन्ता नहीं मिला।

तभी इमारत का लिफ़्टमैन कराहता हुआ आया और कहने लगा- इस पचासवीं लड़की को चोदने के बाद सन्ता ने मेरी जम कर गाण्ड मारी है।

आयोजक हैरान हो गए, फ़िर लिफ़्टमैन से पूछा- तो अब सन्ता है कहाँ?

लिफ़्टमैन ने बताया- सन्ता मेरी गान्ड मारने के बाद ऊपर छत पर गया था।

आयोजक ऊपर छत पर गए तो देखा-

सन्ता मुण्डेर पर बैठा मुठ मार रहा था।