गाली देना शोभा नहीं देता !

बाबा ने सलमा की चूचियाँ दबाकर कहा- ऐसे दबाई थी क्या..?

सलमा- हाँ बाबा, फिर उस मां के लौड़े ने मेरा कमीज उतारा !

बाबा उसका कमीज उतार कर बोला- गाली मत दे बेटी ! ऐसे ही तेरा कमीज उतारा था उसने?

सलमा- हाँ बाबा !

बाबा- इस पर गाली देना शोभा नहीं देता ! तूने उसे रोका क्यों नहीं?

सलमा- बाबा, जब उस रण्डी के ने मेरी चूचियाँ मसली तो मुझे मज़ा आया।

बाबा सलमा की चूचियाँ मसलते हुए बोला- ऐसे ही क्या?

सलमा- हाँ बाबा ! फिर उस भौंसड़ी के ने मेरी सलवार खोल कर उतार दी और मुझे लिटा कर चोद दिया।

बाबा ने सलमा की सलवार उतारी, नीचे लिटाया और सलमा की फ़ुद्दी में अपना लौड़ा घुसा कर बोला- ऐसे ही तो चोदा होगा?

सलमा- हाँ बाबा !

बाबा- इसमें भी गाली देना शोभा नहीं देता।

सलमा- पर बाबा, उस गण्डमरे ने चोदने के बाद बताया कि उसे एड्स है।

बाबा- अब्दुल मादरचोद… तेरी माँ का भोंसड़ा… हरामी की औलाद ! बहनचोद… रण्डी के… !