सहेली के पति का लण्ड चूसा

मैं झिझक कर बोली- हाँ दर्द तो बहुत हुआ और खून भी निकला.

सुमन यह सुनकर उतेजित हो गई. कहने लगी कि क्या खून भी निकला?
मैंने हलके से सर हिला दिया.

यह सुनकर सुमन बोली कि क्या तुमने पहली बार किया था?
मैंने कहा- हाँ.

ओहो तो तुम इतनी भोली हो. फ़िर सुमन कहें लगी अच्छा बताओ क्या क्या किया.
मैंने कहा- क्या मतलब?
अब इतनी भी भोली मत बनो. मुंह में डाला क्या?

मैं तो शरमा गयी. सच तो यह है कि मेरे पति ने मुंह में डालने के लिए कहा था, पर मैं डाल नहीं पाई. मैंने सुमन को सच बता दिया.
वह बोली- अरे तुमने अपने पति को यह मजा नहीं दिया?
मैंने सुमन से कहा की ऐसा कोई कैसे कर सकता है?
वह बोली- बहुत मजा आता है, तुम जरूर करना.

मैंने हिम्मत जुटा कर सुमन से पूछा कि क्या तुम करती हो.
उसने कहा- हाँ वह तो रोज करती है. लंड चूसे बगैर तो मजा ही नहीं आता.

हम बातें कर ही रहे थे कि सुमन के पति राजेश आ गए. सुमन को तो पता नहीं क्या हो गया, वो राजेश से बोली कि देखो इसकी शादी को दस दिन हो गए हैं और ये अभी तक लण्ड चूसना नहीं सीखी. मानती ही नहीं कि कोई ऐसे भी करता है. यह कहकर सुमन उठी और राजेश से बोली कि आओ इसे कुछ सिखा दें!

और उसने राजेश की जिप खोलकर उसका लंड बाहर निकाल लिया. इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती, सुमन ने लंड मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया. मैं तो देखकर हैरान रह गई. राजेश का लंड बहुत मोटा और लंबा हो गया था. सुमन उसे चूसने में व्यस्त थी. राजेश मेरी और देख रहा था और मैं भी उतेजित हो रही थी. मैंने पहली बार यह सब देखा था.
थोडी देर बाद सुमन बोली- देख कर मजा आ रहा है क्या?
मैंने कहा- हाँ!

सुमन ने बिना कुछ बोले मेरी सारी ऊपर उठा दी. उसका हाथ मेरी चूत पर पहुँच गया. मैंने पैंटी नहीं पहनी थी. सुमन की उँगलियों के स्पर्श ने मुझे और उतेजित कर दिया. मैं भूल गई कि राजेश भी वहीं खड़ा है. मेरी साड़ी मेरी जांघों तक उठ गई और मैंने अपनी टाँगे फैला ली. मेरी चूत पर बाल न देख कर राजेश उतेजित होने लगा.
सुमन बोली- अरे! वह तुम्हारी चूत तो चिकनी है!

मुझे अब सिर्फ़ मजा आ रहा था और बिल्कुल होश नहीं था. कुछ ही देर में हम तीनो नंगे थे और राजेश सुमन को छेड़ रहा था और पता है मैं क्या कर रही थी?
मैं राजेश का लण्ड चूस रही थी!

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