फिल्मों से यारी, चूत की भरमारी-2

मैंने ही चुप्पी तोड़ी और उनसे बोला- मैम, आपने मुझे बुलाया था.
‘हम्म!’ जैसे वो कुछ सोच रही हो और मैंने उनकी तंद्रा भंग कर दी हो.

‘हाँ… रोहिणी तुम्हारी बहुत तारीफ कर रही थी और फिर मीटिंग रूम में तुम्हें देखने के बाद और जो तुमने मेरे साथ किया, बस मुझे तुम्हें पास से देखने की इच्छा हुई तो मैंने तुम्हें बुला लिया. उनकी पीठ अभी भी मेरी तरफ थी, उनका जिस्म मैं एक घंटे पहले ही देख चुका था, बिल्कुल परफेक्ट थी और उनको देखकर लगता था कि किसी के भी लंड का पानी वो बड़ी आसानी से निकाल सकती थी.

इससे पहले कुछ वो बोलती, ‘सॉरी मैम!’ मैंने अपनी बात कह दी.
वो मेरी तरफ घूमी और फिर से दरवाजे का टेक लगाते हुए बोली- मुझे सलोनी ही सुनना पसंद है और सॉरी की बात नहीं है, अगर तुम वो न करते तो शायद मैं तुम्हारे बारे में न सोचती.

शराब का घूंट लेते हुए मेरी तरफ आगे बढ़ी और मुझसे बोली- अब तक कितनी लड़कियों को चोद चुके हो?
इससे पहले मैं कुछ बोलता, ‘सॉरी यार! एक मिनट रूको.’ इतना कहकर बार रूम में गई और एक गिलास शराब से भरी हुई मेरे पास लेकर आई और मुझे देते हुए बोली- हाँ अब बताओ कितनी चूत चोद चुके हो?
‘जी… रोहिणी पहली थी.’

‘मतलब रोहिणी को एक कुंआरा लंड मिला. आओ अब काम की बात करते हैं.’ इतना कहते हुए उन्होंने अपनी नाईटी उतार फेंकी और मुझे भी कपड़े उतारने के लिये बोली.

नाईटी उतारकर वो सोफे पर बैठ गई और मुझसे गिलास लेते हुए अपनी जाँघों के बीच में आने के लिये बोली.
मैं उनकी जाँघों के बीच बैठ गया.

‘चूत चाटना है तुम्हें मेरी… और मैं तुम्हें दारू का नशा करवाऊंगी.’ इतना कहने के साथ ही उन्होंने मेरे सर पर हल्का सा दबाव दिया और बोली- दारू की एक बूंद जमीन में नहीं गिरनी चाहिये.
मैंने अपनी जीभ उनके पावरोटी जैसी चूत पर लगा दी और वो शराब को धीरे-धीरे से अपनी चूत पर गिराने लगी.

अभी तक मैंने मूवी में ही देखा था इस तरह के सीन को और आज हकीकत में मेरे साथ होने जा रहा था.

अपनी चूत में शराब की बूंदें गिराते हुए सलोनी ने मुझसे पूछा- रवीश डार्लिंग, इस मूवी में कितनी लड़कियों को चोदना पसंद करोगे?
मैंने भी थोड़ा लाग लपेट वाली बात कहते हुए बोला- मैडम, अब आप की चूत मिल गई है तो और चूत…
इतना कहकर मैं रूक गया.
वो खिलखिला कर हंसी और बोली- भोसड़ी के, मेरी गांड पॉलिश मत कर!
‘नहीं मैम ऐसी कोई बात नहीं है!’
‘यार, तुम मुझे मैडम नहीं बोलो, सलोनी बोलो!’
‘ओ.के. सलोनी.’

फिर अपनी फांकों को फैलाकर उसकी दरार में शराब की बूंद टपकाने लगी और बोली- अब यहाँ पर अपनी जीभ चलाओ.
‘जानोगे नहीं, इस फिल्म में तुम कौन सा रोल प्ले करने वाले हो?’
‘आप बताओ!?!’

‘सुनो, इस फिल्म में तुम एक पुलिस वाले का रोल कर रहे हो जो भ्रष्ट है और उसको माल बनाने और खाने से मतलब है.’
इतना बताने के बाद वो चुप हुई और अपनी चूत के मुहाने को खोल दिया और बोली- देखो इसी के अन्दर लंड जाता है.
मैंने देखा तो अन्दर सब तरफ गुलाबी ही गुलाबी नजर आ रहा था.

वो फिर बोली- रवीश, अब इसके अन्दर अपनी जीभ चलाओ.
मैं जीभ चलाने लगा. मैं बीच-बीच में उनको देखता जा रहा था, वो अपनी आंखें बन्द किये हुए अपनी जाँघों को सहला रही होती या फिर अपने दोनों मम्मों को खूब जोर-जोर से मसलती.

दारू का वो गिलास खाली हो चुका था, फिर उन्होंने मुझे अपने से अलग किया और सोफे का सहारा लेकर कुतिया स्टाईल में खड़ी हो गई और अपनी चूत में हाथ फेरते हुए बोली- आओ अब मेरी चूत में अपना लंड डालो.
मैं उनके पीछे खड़ा हो गया और उनकी चूत में लंड डालने लगा कि वो मेरे लंड को पकड़ पकड़ कर अपनी चूत सहलाने लगी, मेरा सुपारा उनके सहलाते हुए ही उनकी चूत में जाकर फंस गया, तभी उन्होंने अपना हाथ हटा लिया और बोली- मार धक्का इतनी जोर से कि तेरा लंड पूरा का पूरा मेरी चूत में घुस जाये.

इतना इशारा मिलते ही मैंने उनके जांघ के हिस्से को पकड़ा और एक जोर का धक्का दिया और गप्प से पूरा लंड उनकी चूत के अन्दर घुस गया.
तभी आवाज आई- रूको, अपने लंड को इसी तरह अन्दर रहने दो और मेरे मम्मो को जोर-जोर से दबाओ!

उनके आदेश का पालने करते हुए मैं उनके चूचों को जोर-जोर से दबाने लगा और बीच-बीच में घुमटी को उंगलियों से मसल देता था, वो सिसकारी लेती जा रही थी, मुझे भी मेरे सुपारे में खुजली सी महसूस हो रही थी, मुझे लग रहा था कि अन्दर मेरे निकलने वाला है, अपने आप ही मेरी कमर चलने लगी, मैं धक्के मारने लगा, धीरे-धीरे मेरे धक्के की स्पीड बढ़ती जा रही थी.

सलोनी भी अपनी चूत को सहलाते हुए आह-ओह किये जा रही थी- बहुत मस्त, मजा आ रहा है और जोर से और जोर से!
बोले जा रही थी- नानी याद दिला दो इस चूत को मेरे राजा!

मैं काफी देर धक्के मारता रहा, मुझे मूवी के सीन याद आने लगे, मैंने सलोनी की चूत से लंड को बाहर निकाला और उसको गोद में उठाकर पास पड़ी हुई डायनिंग टेबिल पर बैठा दिया और चूत में एक बार फिर से अपने लंड को डाल दिया और फिर उसको गोदी में लेकर चोदने लगा.

‘अरे वाह! तुम तो खिलाड़ी नजर आते हो.’
‘नहीं सलोनी, ब्लू फिल्म का सीन याद आ गया तो उसी स्टाईल में कोशिश कर रहा था.’

सलोनी ने मेरे गले में अपनी बाँहें डाल दी, मैंने भी उसी तरह हवा में उठाकर दीवार से सटा दिया और उसके चूतड़ों को भी साथ में सहलाने लगा और उंगली से गांड के अन्दर का रास्ता खोजने लगा.
सलोनी फिर बोली- रवीश मुझे लगता है कि तुम्हें गांड में उंगली करना बड़ा अच्छा लगता है.
‘नहीं, अपने आप ही साली ने आपकी गांड का रास्ता खोज लिया.’

‘और कितने स्टाईल जानते हो?’
‘बहुत!’ मैंने कहा.
‘ठीक है लेकिन अभी तुम्हें अपना लंड मेरी चूत से निकालना है.’
‘क्यों?’ मैंने पूछा.
तो बोली- निकालो मैं झड़ने वाली हूँ और मैं चाहती हूँ कि तुम मेरे रस का मजा लो, तुमने इसे भी मूवी में तो देखा ही होगा.

सलोनी के कहे मैंने सलोनी को नीचे उतारा, वो सोफे पर बैठ गई और अपनी चूत को सहलाने लगी और जोर-जोर से आह-ओह करने लगी- आओ रवीश, आओ मेरी चूत का रस निकल रहा है!
मैंने देखा, सफेद रंग का गाढ़ा सा पदार्थ बूंद रूप में टपक रहा था. सलोनी का हाथ उसकी चूत में और तेज-तेज चलने लगा, मैंने अपनी जीभ उसकी चूत पर लगा दी. अब उसका टपकता हुआ रस मेरी जीभ के ऊपर आ गया, एक कसैला सा स्वाद लगा, लेकिन मुझे अच्छा लगा, मैंने जितनी मलाई उसकी चूत से निकलती गई उतना मैं उसे चाटता गया.

सलोनी एक हाथ से अपनी चूत को सहला रही थी और दूसरे हाथ से मेरे सर को सहलाते जा रही थी और अंग्रेजी को जो बोल रही थी उसकी हिन्दी यूं थी- शाबाश, तुम बहुत ही अच्छे तरीके से अपनी जीभ चला रहे हो, मेरे निकलते हुए पूरे रस को पीओ, मेरे राजा!

उसके बाद मैं खड़ा हो गया और अपनी कमर पर हाथ रखकर खड़ा हो गया, सलोनी मेरे इशारे को समझ गई, उसने तुरन्त मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और हथेली चलाकर मेरे सुपारे से खेलने लगी.
उसने कई बार हथेली मेरे सुपारे में चलाई और फिर अपनी हथेली को चाट जाती. फिर मेरे लंड को मुंह में भरकर चूसने लगी साथ ही वो मेरे चूतड़ों को दबाती जा रही थी और अपनी उंगलियाँ मेरी दरार में चला रही थी.

जब लंड उसकी थूक से काफी गीला हो गया तो सोफे पर ही फिर से उल्टी हो गई और अपने कूल्हों को फैलाती हुई बोली- लो आओ, अपना लंड इस छेद में भी डालो.

उसके कहने भर की देर थी, मैंने सुपारा उसकी गांड के छेद में सेट किया और हल्का सा अन्दर धक्का दिया, इस छेद में भी बिना किसी खास दबाव के लंड अन्दर चला गया, बाकी का काम मेरे धक्के ने करना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर तक तो ऐसा ही चलता रहा, फिर सोफे पर सलोनी ने अपने हाथ को फैलाया और अपने आगे का पूरा वजन उसी हाथ में दे दिया, इस तरह उसकी गांड काफी ऊँची हो गई.

मैं भी सोफे पर चढ़ गया और उसकी उठी हुई गांड पर लंड डाल दिया और एक बार फिर साईकिल ने अपनी रफ्तार पकड़ ली, ‘बहुत अच्छे… आह… बहुत अच्छे मेरे राजा… तुम्हें मेरी गांड मार कर कैसा लग रहा है?
मैंने भी एक गहरी सांस लेते हुए कहा- सलोनी माई डार्लिंग, बहुत मजा आ रहा है.

सलोनी के गांड की गोलाई मेरे लंड के गोलाई के बराबर हो गई, जिसमें लंड बड़ी आसानी से आ जा रहा था.

एक बार फिर सलोनी ने अपनी पोजिशन बदली, इस बार उसने मुझे जमीन पर लेटने को कहा और मेरे लंड को अपनी गुफा के अन्दर ले लिया, उसके बाद उछलने लगी, कभी वो लंड को चूत में लेती तो कभी अपनी गांड के अन्दर, कभी उसका मुंह मेरे सामने होता तो कभी उसकी पीठ मेरे सामने होती.

काफी देर तक ऐसा ही चलता रहा, अब उसकी सिसकी तेज आवाज में बदलने लगी- रवीश मेरा निकलने वाला है!
मुझे भी लगा मेरा कुछ फंसा सा बाहर निकलना चाहता है. मेरे मुंह से भी निकला- सलोनी मेरा लंड भी खलास होना चाहता है.
तुरन्त बोली- अपना पानी तुम मुझे पिलाओ.
कह कर वो मेरे लंड से हट गई और 69 की अवस्था में होकर वो अपनी चूत को मेरे मुंह के पास लाई और मेरे लंड को अपने मुंह में रखते हुए बोली- तुम मेरा पानी पिओ, मैं तुम्हारा पीती हूँ.
उसके बाद मेरे मुंह में सलोनी ने रस छोड़ना शुरू किया और मैंने सलोनी के मुंह में! उसके बाद वो मेरे ऊपर से उतर गई और मेरे बगल में आकर लेट गई. हम दोनों सीधे लेटे हुए थे, थोड़ी देर बाद मैंने करवट ली और थोड़ा सा नीचे आते हुए उसके दूध को अपने मुंह में भर लिया. मैंने उसकी एक गुमटी को अपने मुंह में भरा हुआ था और दूसरी को मसल रहा था. फिर मैं बारी-बारी से दोनों दूध को अपने मुंह में लेता रहा और अब मेरा हाथ उसकी चूत में चल रहा था, मैं कभी उसकी चूत को सहलाता तो कभी उसकी फांकों को मसलता.

सलोनी ने तभी अपनी एक टांग मेरे ऊपर चढ़ा दी और दूसरी को और थोड़ा फैला दिया, मैं उसकी पुतिया को मसल देता तो कभी उसके अन्दर उंगली डाल देता तो कभी हथेली से पूरी चूत को रगड़ देता और साथ ही उसके दाने को काट खाता, सलोनी सिसिया कर रह जाती.

मुझे अहसास होने लगा था कि मेरे हाथ चलाने से वो पानी छोड़ने लगी थी, उसने मुझे अपने से और चिपका लिया था ‘आह… हो और तेज… तेज!’ सिसकारी भर रही थी.

उसकी चूत गीली हो चुकी थी, उसकी चूत से निकलते हुए पानी को मैं उसके ही पूरे चूत में लगा रहा था, फिर वो ढीली पड़ गई, उसके बाद मैं थोड़ा ऊपर हो गया और सलोनी से नजर मिलाते हुए उसका पानी जो मेरे हाथों में लगा था, मैं जीभ चलाकर उसको साफ करने लगा.

सलोनी मुझको देखकर मुस्कुराई और मेरी तरफ घूमते हुए मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर बोली- आज तक पता नहीं कितनों ने मुझे चोदा होगा, मेरी गांड मारी होगी, लेकिन तुम पहले हो जिससे मैं हार मान रही हूँ, तुम बहुत अच्छा चूत चोदते हो. अब तुम रोज शाम को यहाँ आना और एक नई लड़की की चुदाई करना, इस बहाने उनकी भी चूत खुल जायेगी और फिल्म में आसानी से चुदाई का सीन होगा.

उसके बाद बोली- अब तुम चलो, अब आशुतोष भी आने वाला होगा.
मैंने कहा- ठीक है.

कहकर मैं वहाँ से अपने घर आ गया.

दूसरे दिन हम लोग अपने तय शुदा समय से स्टूडियो पहुंच गये. मैडम अब मेरे ऊपर काफी ध्यान दे रही थी, मुझे रोज नई लड़की चुदने को मिलती और उसके बदले में शाम के समय या फिर खाली समय में मैडम की चूत और गांड की सेवा करनी पड़ती.
धन्यवाद

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आपका अपना शरद
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