किस्सा एक रात का

किस्सा है ये चुदाई की रात का

उस रात मेरे मन में ना जाने क्या झमेला था

क्योंकि मैं घर पर एकदम अकेला था

अकेलेपन में मैं तन्हाई के गीत गुनगुना रहा था

और बीच बीच में अपने लण्ड को भी हिला रहा था

क्योंकि किसी कन्या का ख्याल आते ही ये दिल बड़ा हो जाता है

ये मासूम लण्ड भी इसकी तमन्ना समझते हुए खुद ही खड़ा हो जाता है

अब है तो खड़ा होगा ही

छोटा है तो बड़ा होगा ही

अचानक मुझे लगा कि कोई बुदबुदा रहा है

दिमाग गंदा हो तो लगता है कि कोइ चुदवा रहा है

मैने दरवाजा खोला तो वहां एक गोरी थी

उसके मम्में और गाण्ड देख कर लग रहा थी कि आज तक कोरी थी

मैने उसे अपने घर में अन्दर बुला लिया

ठंड बहुत थी सो मैंने कुन्डा लगा दिया

मैंने माज़रा पूछा तो पता चला वो रास्ता भूल गई

मेरी हिम्मत भी उसकी हालत देख के खुल गई

मैंने उसे बाहों में भर लिया था

क्योंकि उसे चोदने का पक्का इरादा कर लिया था

वो मेरी बांहों में आकर शरमा रही थी

और मेरी सांसों की गरमी से वो भी गरम हुई जा रही थी

मैंने धीरे से एक हाथ उसके मम्मों पर धर दिया

इन हाथों ने ही उसका सारा काम कर दिया

मेरा दूसरा हाथ उसकी चूत पे था

और ध्यान उसके सूट पे था

आखिर उसकी जवानी को जो संवारना था

इसलिये उसका सूट भी उतारना था

मैंने उसकी कमीज़ उतार कर मम्म दबाने शुरू कर दिये

सलवार को अलग किया और शोट लगाने शुरू कर दिये

वो आहें भर कर मज़ा दे रही थी

या यूं कहें कि लड़की होने की सज़ा ले रही थी

मेरा लण्ड उसकी चूत के अन्दर था

ये भी मज़े का एक मंजर था

वो कह रही थी कि चोदते रहो, चोदते रहो और चूत को फ़ाड़ डालो

आज अपने लण्ड से मेरी चूत में झण्डे गाड़ डालो

मैं भी पूरे दम से उसे चोदे जा रहा था

और चूत चुदाई के इस खेल में दोनों को मज़ा आ रहा था

मेरे लण्ड से पानी निकला तो वो संतुष्ट हो गई

नंगी ही वो मुझसे लिपट के सो गई

थोड़ी देर बाद उसने मेरे लण्ड को पकड़ लिया

मुझे कुछ समझ आता इससे पहले ही अपने होठों में जकड़ लिया

वो मेरे लण्ड को चूस रही थी इसलिये लण्ड खड़ा हो गया

एक बार फ़िर से ये लण्ड चुदाई के लिये खड़ा हो गया

अब उसे अपनी गाण्ड मुझसे मरवानी थी

उसकी चूत की तरह उसकी गाण्ड भी सुहानी थी

मैंने भी पूरी पावर से अपना लण्ड उसकी गाण्ड में डाला

और एक ही बार में उसकी गाण्ड को फ़ाड़ डाला

उसकी चीख ने मुझे झन्झोड़ दिया

साथ ही मेरे लण्ड ने एक बार फ़िर पानी छोड़ दिया

अब मुझे पता चला मैं कहां था

जिसमें मैं था वो एक दूसरा ही जहां था

मैंने गाण्ड और चूत दोनों ही मारी थी

लेकिन यारो सच जो ये है कि मैंने सपने में मुठ मारी थी

मेरा अन्डरवियर एकदम गीला हो गया था

मुठ इतनी जोर से मारी कि लण्ड भी नीला हो गया था

यारो सपना ही सही लेकिन मज़ा तो किया

अपने लण्ड को चूत के अन्दर तो किया

तो दोस्तो ! चोदो, चुदाओ और अपनी लाइफ़ को खुशहाल बनाओ