उसने ऐसे इन्सान को क्यों पसन्द किया?

जनाब की तारीफ़ ब्यान करूँ तो किडनैपिंग और फिरौती के मामलों में हवालात भी जा चुके हैं, इसके अलावा लड़कियों के स्कूल कॉलेज के बाहर चाय, पान बीड़ी सिगरेट की दुकान वाले उसके बारे में उसके घर वालों से ज्यादा जानते होंगे।
हालांकि वो शख्स दिखने में किसी फिल्मी हीरो जैसा है लेकिन उसकी चाल ढाल, रंग रूप उसके गुनाहों को ढक नहीं सकते और उसकी फ़ितरत तो सही नहीं हो जाती।
आखिर उस आदमी में उसने ऐसी क्या खासियत देखी कि उसके आगे मेरी पाक साफ इलतज़ा को ठुकरा दिया।

जिन्दगी में इश्क-मुहब्बत जैसी कोई चीज़ नहीं होती, यह मान लिया लेकिन कम से कम एक सही सलामत इन्सानी दिमाग भी तो ऐसे रिश्ते की इजाजत कतयी नहीं देगा जो सिर्फ दिखावे पर टिका हो, और जिसमें आपकी, आपके परिवार की, आपसे जुड़े दूसरे लोगों की बदनामी हो।

मैं सोचता हूँ कि दोस्ती के नाते ही सही, उसे एक बार जाकर समझाऊँ लेकिन फिर सोचता हूँ कि कहीं इसका गलत मतलब ना निकाला जाए।
हालांकि मेरे दिल में अब भी उसके लिए मुहब्बत है। क्या मेरा ऐसा करना ठीक होगा।