इंडियन सेक्सी भाभी की चुदाई का मौका-1

व्यापार के चलते मेरी ज्यादातर यात्राएं मुंबई, सूरत, दिल्ली और राजकोट की रहती हैं. कभी-कभी और अन्य शहरों … चेन्नई या पुणे भी जाना पड़ता है.

शादी से पहले और शादी के बाद भी मेरे शारीरिक संबंध लड़कियों और भाभियों के साथ रहे हैं और भी नई हसीनाओं के साथ शारीरिक संबध बनाने के लिए उत्सुक भी हूँ. मैं आशा रखता हूँ कि मेरी कहानी पढ़कर लड़कियों या भाभियों की चूत गीली हो जाएगी.

शारीरिक संबध के साथ-साथ अगर मेरी पार्टनर चाहती है … तो मैं उसके साथ लॉन्ग ड्राइव … मॉल … सिनेमा आदि जगहों पर चला जाता हूँ. इस रस से भरी ऎसी ही एक सेक्स कहानी का मजा आप मेरी पिछली कहानी
रिसेप्शनिस्ट की कुंवारी चूत का भेदन
पढ़ कर ले सकते हैं.

मैं मानता हूँ कि किसी भी लड़की के साथ शुरूआत एक-दूसरे को जान-समझ कर, थोड़ा घूम-फिर कर करनी चाहिए. यह बात मैं अपने लड़कियों के साथ रहे अनुभवों के आधार पर बता रहा हूँ. वर्ना मर्दों की सोच तो सीधी सी यही रहती है कि जब मन हुआ और चुत मिली, तो बस उस पर चढ़ने की तैयारी में रहते ही हैं.

दोस्तो, मैंने इस सेक्स कहानी में एक शब्द चुना है मानुनी … जिसका मतलब होता है मदमस्त यौवना, जिसका बदन बहुत ही खूबसूरत हो और उसकी खुशबू आपको पागल कर दे. जी हां ऐसी ही एक मानुनी से मेरी मुलाकात हुई.

ये कहानी उस मानुनी की चुत चुदाई और उसकी चुत पूजा की है.

हुआ यूं कि एक बार मेरा एक नया दोस्त बना. हमारी मित्रता काफी प्रगाढ़ हो गयी थी. उसने मेरी मुलाकात अपनी पत्नी से करवाई. दोस्त की बीवी का नाम रीना था. उसकी उम्र बयालीस साल की थी मगर वो पैंतीस साल से ज्यादा की नहीं लगती थी.

रीना का हंसता हुआ चेहरा एकदम गोल था, जो कि मुझे पहली ही नजर में भा गया. उस समय रीना ने कुर्ती और लैगी पहनी हुई थी. उसके बाल कंधों तक के ही थे. अपने शरीर पर रीना ने कोई मस्त फरफ्यूम लगाया हुआ जिसकी खुशबू बड़ी ही मदहोश कर देने वाली थी. रीना का जिस्म भरा हुआ था. कुल मिला कर मैं उसकी मदमस्त काया पर फ़िदा हो गया.

हम दोनों ने हाथ मिलाकर एक दूसरे से हैलो किया. उसके हाथों की नरमी ने मेरे छोटे उस्ताद को गरम कर दिया और उसने मेरी पैंट के अन्दर से ही अपना फन उठा कर मुझे चेता दिया कि इस मानुनी की चुत चाहिए मतलब चाहिए … चाहे तुमको जो भी करना पड़े.

रीना के साथ मेरी बातें होने लगीं. उसकी बातों से पता चला कि वो एक हाउसवाईफ है और वो कुछ सेवा संस्थानों से जुड़ी है.

अभी ये सब बातें चल ही रही थीं कि इसी दौरान कोई और भी मुझसे मिलने आ गया. मैं उससे बात करने लगा.

रीना अपने पति के साथ बातचीत करने लगी थी. उसी दौरान दोनों के बीच थोड़ी नोक-झोंक होती दिखी. मैंने उनकी तरफ देखा और उन दोनों से वापस बात करने लगा. हमारे बीच अब बातें तो हो रही थीं, पर रीना भाभी का मूड अब कुछ ठीक नहीं लग रहा था.

मैंने दोस्त से इशारे से पूछा, तो वो हंस कर बोला- यार रीना एक नामचीन संस्थान में बड़े पद पर है, कल उस संस्था का उदयपुर, राजस्थान में एक समारोह है … और मुझे कल सुबह मुंबई जाना है. इसी लिए ये नाराज है.

मैंने ना आव देखा ना ताव … फटाक से बोल दिया कि अरे कल तो मैं भी उदयपुर जा रहा हूँ … अगर तुमको कोई ऐतराज ना हो, तो भाभी जी को मेरे साथ भेज दो.

उसने तुरंत रीना से बात की और ये तय हुआ कि मैं और रीना कल सुबह निकल जाएंगे. मुझे उसे दोपहर दो बजे तक उदयपुर पहुंचाना था.

अगली सुबह मिलने की जगह तय हुई उधर में अपनी होंडा कार लेकर पहुंच गया. वो ओला में आ गई थी. मैंने उसे देखा, तो मेरा लंड खड़ा हो गया. मेरी उससे हैलो हाय हुई.

उसने कॉटन की पेन्ट और शर्ट पहनी हुई थी. हल्का सा मेकअप किया था. मैंने उसका सामान डिक्की में रखा और हम दोनों गाड़ी में बैठ गए.

कार में बैठते ही उसकी मादक खुशबू मेरे दिलो दिमाग पर छा गई. मैंने कार को आगे बढ़ा दिया. हमारी औपचारिक बातें होने लगीं.

कोई आधा घंटे बाद मुझे चाय की तलब लगी, तो मैंने एक ढाबे के सामने कार रोक दी.

आवाज देकर मैंने ढाबे वाले से कार में ही चाय मंगा ली. उधर ही हम दोनों ने नाश्ता किया. ये नाश्ता वो अपने घर से बना कर लाई थी.

इसके बाद मैंने कार बढ़ा दी और कार के साउंड सिस्टम को ऑन कर दिया. उसने रिमोट से गाने सिलेक्ट करना शुरू कर दिए और मैंने उसकी पसंद के गाने सुने.

हमारी इस यात्रा के दौरान मेरी उससे काफी सारी बातें हुईं. जिससे मुझे पता चला कि मेरा दोस्त बिजनेस में बहुत व्यस्त रहता है और अपना वक्त काटने के लिए रीना सामाजिक कार्य एवं किटी पार्टी में व्यस्त रहती है.

अहमदाबाद से उदयपुर की यात्रा के बाद हम अपनी मंजिल पर आ गए. मैंने उसे उसकी बताई हुई जगह पर ड्राप किया. उसका रूम वहीं एक होटल में बुक था.

उसने मेरा पूछा, तो मैंने कहा कि मेरी मीटिंग है … वो खत्म करके किसी होटल में रूम बुक कर लूंगा.

वो मुस्कुरा कर बोली- थैंक्यू वेरी मच रणदीप … जानती हूँ आप व्यस्त होंगे, पर अगर सम्भव हो, तो चार बजे मेरी स्पीच है … आप जरूर आइएगा.

मैं बोला- ये थैंक्यू वाली औपचारिकता रहने दीजिए. आपके इस दोस्त का वादा है कि बंदा चार बजे आपकी खिदमत में हाजिर हो जाएगा. एक बात और रीना. अब हम दोनों दोस्त हैं. इसलिए अब ये जी जी लगाने का सिस्टम खत्म करो, सिर्फ नाम से बुलाना ठीक रहेगा.

रीना हंसी और बोली- ओके रणदीप डन.

मैं उसे आल द बेस्ट बोल कर निकल गया. आगे जाकर मैंने एक चिल्ड बीयर ली, स्पा में गया वहां एक मालिश वाली से अपनी मसाज करवाई और ब्लोजॉब करवा कर फारिग हुआ. फिर नहा कर कपड़े बदली किए और वापस पहुंच गया.

मैं उसकी स्पीच वाले हॉल में अंतिम लाइन में जाकर बैठ गया.

कार्यक्रम कुछ लम्बा खिंचने लगा था, इसलिए चालीस मिनट बाद पौन पांच बजे उसके नाम की घोषणा हुई.

वो स्टेज पर साड़ी पहन कर आई थी. अपने बाल ठीक करते हुए उसने अपनी नागिन सी कमर मटकाई. कसम से मेरे लंड की ठरक और बढ़ गई.

मुझे किसी स्पीच से क्या लेना देना था, मगर मैं तब भी थोड़ी थोड़ी देर में ताली बजा देता था, जिससे कुछ चूतिया टाइप के लोग भी ताली बजाने लगते थे. इससे रीना की ख़ुशी बढ़ जाती थी.

खैर … स्पीच खत्म हुई, तालिया बजीं, फिर कार्यक्रम चला. आखिर में पुरुस्कार दिए गए, जिसमें मेरी रीना रानी को भी अवार्ड मिला.

फिर सात बजे हम दोनों मिले. मैंने हाथ मिला कर उससे कहा- कांग्रेच्युलेशन रीना … मुझे तो पता भी नहीं था कि मैं रीना को अभी तक जानता ही नहीं था. सच में यार तुम तो एक वन्डरफुल सोशल वर्कर हो.
वो मेरी तरफ गर्व से देखने लगी.

मैंने तो जैसे आज रुकने का सोचा ही न था. आगे उसकी तारीफ़ में कसीदे पढ़ता ही चला गया.

मैं- न केवल तुम एक शानदार सामाजिक काम करने के शिखर पर हो, बल्कि आज तो इस साड़ी में गजब की खूबसूरत भी लग रही हो.
उसने मुस्कुराते हुए कहा- रणदीप थैंक्यू फॉर एवरीथिंग … खासतौर पर तुम्हारी आखिरी तारीफ़ पर.

मैंने कहा- ये कोई झूठी तारीफ़ नहीं है रीना … मुझे जो दिल से लगा, वही मैंने कहा. तुम पर आज ये साड़ी बहुत फब रही है … किसी भी हीरोइन को भी मात कर देने वाली खूबसूरती के लिए कोई कैसे अपने आपको रोक सकता है

वो हंस पड़ी.

रीना से यूं ही बातें होती रहीं. फिर मैंने उससे कहा- आज तो पार्टी बनती है यार.

थोड़ी ना नुकुर के बाद वो मान गई और बोली- पार्टी यहां नहीं … मैं चेंज करके आती हूँ … फिर कहीं दूसरी जगह चलते हैं.
मैंने ओके कहा और वो अपनी गांड मटकाते हुए अपने कमरे में चली गई.

मैं लॉबी में उसके आने का वेट कर रहा था. करीब पौन घंटे बाद वो आई.

आह वो नहीं कोई कयामत आई थी. रीना ने घुटनों तक की लम्बाई वाली स्कर्ट पहनी हुई थी. हाई हील्स, गांड से ऊपर तक झूलने वाली टी-शर्ट थी, जिसमें से उसके मम्मे क़यामत बरपा रहे थे. उसने हल्का सा मेकअप किया था. कंधे पर सिल्वर कलर का बैग था.

मैं उसे आंखों से चोदते हुए बोला- रीना रानी क्या इरादा है यार … आज तुम कितनों की जान लोगी!
वो हंस कर बोली- शटअप रणदीप … चलो इधर से जल्दी निकलो.

हम दोनों कार की तरफ चल दिए. मैं बार बार पीछे होकर उसके मटकते हुए चूतड़ों को निहारने लगता … उसके चूतड़ तो मानो मुझे बुला रहे थे.

वहां से चल कर हम दोनों एक स्टार रेस्टोरन्ट में गए. उधर पूल साइड टेबल ले ली. मैंने बीयर और पीनट चाट मंगवाई.

उधर बढ़िया संगीत बज रहा था. हम दोनों गप्पें लगा रहे थे. बीयर अपना काम कर रही थी. कुछ ही देर में एक-एक बीयर खत्म हुई, तो मैंने दूसरी मंगवाई. उतने में कुछ जोड़ों ने फ्लोर डांस शुरू कर दिया. उनके उत्तेजक डांस को हम दोनों नजरें घुमाते हुए देख रहे थे और इधर उधर की बातें कर रहे थे.

मैं बोला- रीना डियर … अगर तुम्हें ऐतराज ना हो तो हम दोनों डांस करें?
वो कुछ टुन्नी में बोली- हां चलो यार … मेरा भी मन कर रहा है.

हम दोनों ने डांस करना शुरू किया. धीरे धीरे हम करीब हुए … फिर सेन्सयुअल डांस पर आ गए.

अब हम दोनों एकदम करीब हो कर डांस का मजा लेने लगे थे. उसका एक हाथ मेरी पीठ पर था और दूसरा हाथ मेरे कंधे पर था. जबकि मेरा एक हाथ उसकी पीठ पर, दूसरा हाथ उसकी चुत पर था.
हम दोनों बॉडी टु बॉडी चिपका कर मजा ले रहे थे.

मैं पलकें झपकाए बिना उसकी आंखों में देखता रहा.
उसने इशारे से पूछा- क्या?
मैं हल्के से बोला- रीना आइ लाइक यू.

वो कुछ नहीं बोली तो मैंने उसके माथे पर एक चुम्मी ले ली और अपने होंठ उसके होंठों के पास ले जाकर मैं ठहर गया. थोड़ी ही देर में हरकत हुई और हम दोनों के होंठ मिल गए.

रीना की मदमस्त जवानी मुझे उसको चोदने के लिए व्याकुल किए जा रही थी. आपको भी इस मामुनी की चुत पूजा का पूरा विवरण उस इंडियन सेक्सी भाभी चुदाई की कहानी के अगले भाग में विस्तार से लिखूंगा.
मुझे आपके मेल का इन्तजार रहेगा.
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