मेरा गुप्त जीवन- 154

नीलू ने उस वक्त अपनी नाईट ड्रेस पहनी हुई थी और उसकी गोरी सुंदरता उसमें से साफ़ दिख रही थी।
उसके मोटे और सॉलिड मम्मे नीली ड्रेस से साफ़ झलक रहे थे।

डायना और नीलू थोड़ी देर के लिए कमरे से बाहर निकली और फिर जल्दी ही नीलू तो वापस आ गई लेकिन डायना वापस नहीं आई।
मैंने नीलू से डायना के बारे में पूछा तो वो बोली- डायना अभी आती है क्यूंकि उसको वार्डन मैडम ने बुलाया था।

हम यह बातें कर ही रहे थे कि इतने में डायना एक औरत के साथ अंदर आई और बोली- सोमू, इनसे मिलो, ये हैं मिस जस्सी मैडम, इस गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन और हम सबकी सहेली भी!
मैंने ध्यान से जस्सी को देखा, वो 30 के आस पास की उम्र वाली एक काफी सुंदर स्त्री लग रही थी और उसने भी बड़ी आकर्षक नाइटी पहन रखी थी।

जेस्सी ने मुझको बड़े ध्यान से देखा, फिर बोली- मिस्टर सोमू तुम काफी हैंडसम लड़के हो, अच्छी हाइट है और कसरती बॉडी भी है।
मैं बोला- थैंक यू मैडम! माफ कीजिये, अब मुझ को चलना चाहिए।

जस्सी मैडम बोली- नहीं नहीं सोमू, तुम अभी रुको और अपनी फ्रेंड्स के साथ एन्जॉय करो। अच्छा डायना और नीलू, सोमू की खातिर करो, उसका ध्यान रखो, मैं अब चलती हूँ, अगर ज़रूरत समझो तो मुझको बुला लेना।
ओके बाई बाई गर्ल्स। एन्जॉय !!
यह कह कर जस्सी मैडम तो चली गई और हम तीनों बेड पर ही बैठे रहे।

कुछ क्षण बीत जाने के बाद डायना बोली- सोमू, क्या तुम नीलू को अभी फक कर सकते हो?
मैं अकचका के बोला- अभी? तुम क्या पागल हो गई हो डायना? इतनी रात गए यह सब गर्ल्स हॉस्टल में करना खतरे से खाली नहीं।
तब नीलू बोली- प्लीज सोमू प्लीज, मुझको फक कर दो।

मैं अब गहरी सोच में पड़ गया, अगर मैं साफ़ इंकार करता हूँ तो ये लड़कियाँ मुझको फंसा सकती हैं और मुझ पर ज़बरदस्ती भी कर सकती हैं या फिर मुझ पर गर्ल्स हॉस्टल में घुसने का इल्जाम लगा सकती हैं जिसके कारण मुझको पुलिस पकड़ भी सकती है।

आखिर मैंने यह फैसला लिया कि इन लड़कियों की बात मानने में ही मेरा हित है और फिर आज तो दिन भर में मैं कई लड़कियों को चोद चुका हूँ तो 1-2 और सही, क्या फरक पड़ता है।

मैं डायना से बोला- देखो डायना रात काफी हो चुकी है सो मेरा कोठी में लौटना ज़रूरी है. मैं सिर्फ नीलू को फक कर सकता हूँ किसी और को नहीं। बोलो मंज़ूर है?
डायना ने नीलू से पूछा, उसने कहा- ठीक है सोमू सिर्फ मेरा काम कर दो और फिर तुम चले जाना।

मैंने डायना से कहा- अच्छा ठीक है, मैं नीलू को फक कर देता हूँ लेकिन मैं एक फ़ोन कम्मो को करना चाहता हूँ ताकि वो परेशान ना हो।
डायना मुझको हॉस्टल के ऑफिस में ले गई, वहां से मैंने कम्मो को फ़ोन पर बता दिया कि वापस आते हुए मुझको कुछ देर हो सकती है।

डायना के कमरे में पहुंचा तो नीलू अपनी नाइटी उतार कर अपनी ऊँगली से चूत को मसल रही थी।
नीलू का शरीर बड़ा ही सुंदर था, उसके खूबसूरत मोटे मम्मे और गोल चूतड़ों को देख कर मेरे लंड के मुंह में पानी आ गया।

नीलू ने आगे बढ़ कर मेरे भी कपड़े उतारने शुरू कर दिए और मैं जल्दी ही नंग मलंग उन दोनों के सामने खड़ा था।
मेरा लौड़ा एकदम सीधा अकड़ा खड़ा था जिसको देख कर नीलू एकदम ख़ुशी से चहक उठी।
नीलू ने जल्दी से मुझ को एक बड़ी ही कामुक जफ्फी मारी, मेरे लबों को बेतहाशा चूमने लगी और अपनी काले बालों से भरी चूत को मेरे खड़े लंड से रगड़ने लगी।

ऐसा लगता था कि वो काफी समय से लण्ड की प्यासी थी और उसकी चुदाने की इच्छा बड़ी प्रबल हो चुकी थी। वो बार बार मेरे शरीर पर अपने हाथ फेर रही थी और मेरे लण्ड और अंडकोष को सहला रही थी।

नीलू की चुम्मियों का सिलसिला और भी तेज़ हो गया था और जब उससे रहा नहीं गया वो मुझको खींचती हुई पलंग पर ले गई।
मुझको लिटा कर मेरे ऊपर चढ़ बैठी और मेरे लण्ड का निशाना बना कर उसके ऊपर बैठ गई।

नीलू की चूत में जैसे ही मेरा लण्ड गया, वो बेहद अधीर होकर ऊपर नीचे होने लगी और मैं भी उस के छोटे लेकिन सॉलिड मम्मों के साथ खेलने लगा और उसके नितम्बों को भी सहलाता रहा।
मैंने नीलू के मुंह की तरफ देखा तो उसकी आँखें यौन आनन्द के कारण पूरी तरह से बंद थी और उसके होंठ खुले हुए थे और सांस जोर जोर से चल रही थी।

सात आठ धक्कों में ही नीलू प्यासी का पानी छूट गया और वो मेरी छाती पर लुढ़क गई।
मैं भी जल्दी में था, मैंने उस को घोड़ी बना दिया और पीछे से उसकी पनियाई चूत में लण्ड डाल कर तेज़ी से चोदने लगा।

नीलू की चूत शायद साइज में कुछ छोटी थी हर बार लण्ड पूरा डालने पर उसकी चूत के अंत तक ठोकर मार रहा था और शायद यही कारण रहा होगा, वो फिर से बड़ी जल्दी ही झड़ गई।
इस बार झड़ते ही उसके शरीर मेरी बड़ी तीव्र कंपकपी छिड़ गई और डायना भी दौड़ कर आई, उसको अपनी बाहों में ले लिया और उसके लबों पर चुम्मी देने लगी।

ये दोनों एक दूसरे के साथ बिजी थी कि कमरे का दरवाज़ा एकदम ज़ोर से खुला और 3- 4 लड़कियाँ धड़धड़ाती हुई कमरे में आई और मुझको नंगा देख कर उन सबके मुंह खुले के खुले रह गए।
कुछ एक के मुंह से तो निकल ही गया- ओह माय गॉड… इतना बड़ा लण्ड??

मैं भी एकदम हैरान हुआ यह नज़ारा देख कर भौंचक्का हो गया।
चारों ने झीनी टाइप की नाइटी ही पहन रखी थी जिसमें से उनके सेक्सी शरीरों के साफ़ दर्शन हो रहे थे।

सबसे पहले डायना ही होश में आई, उसने उनसे गुस्से से पूछा- तुम मेरे कमरे में मेरी परमिशन के बिना क्यों घुस आई?
उनमें से एक जो साँवले रंग रंगत वाली लड़की थी, बोली- क्यों डायना, तुम अकेले ही यह मौज मस्ती कर रही हो और तुमने सोचा कि यह किसी को पता नहीं चलेगा??

डायना भी अकड़ कर बोली- मैंने वार्डन मैडम को बता दिया था और उन्होंने मुझ को परमिशन दे दी थी। चलो निकलो तुम चारों यहाँ से, नहीं तो मैं वार्डन मैडम को बुलाती हूँ?
वही साँवले रंग वाली लड़की फिर बोली- ऐसे कैसे हो सकता है? हमको भी इस सेक्स में हिस्सा चाहिए नहीं तो हम शोर मचा कर लोगों को इकट्ठा कर लेंगी, फिर वार्डन मैडम और तुम सब फंस जाओगी। बोलो क्या कहती हो?

हालात की नाजुकता को देखते हुए मुझको इन लड़कियों की लड़ाई में बोलना पड़ा- रुको रुको तुम सब, मुझसे तो कोई पूछ ही ना रहा कि मेरी क्या मर्ज़ी है? और क्या में तुम सबका काम कर भी सकूंगा या फिर आप सब ही बेरंग जाओगी?
सांवली बोली- सो सॉरी माय फ्रेंड, तुमने इन दोनों को फक किया है या नहीं?

मैंने भी जोश में कहा- बिल्कुल नहीं, इन दोनों में से सिर्फ एक लड़की नंगी लेटी है और मैंने सिर्फ उसको ही फक कर ही रहा था कि तुम सबने हल्ला बोल दिया। मैंने दूसरी लड़की डायना को फक नहीं किया। वो तो पूरे कपड़े पहन कर बैठी है जैसा कि तुम देख सकती हो।

सांवली के साथ एक दूसरी गोरी लड़की ने कहा- लेकिन तुम्हारा लण्ड तो अभी भी खड़ा ही है. अगर तुमने नीलू को फक किया है और यह तब से खड़ा है तो इसका मतलब है कि तुम हम सब को बारी बारी फक कर सकते हो! क्यों?
अब डायना बोली- मेरा दोस्त अभी एक दो को तो फक कर सकता है लेकिन तुम चारों को नहीं कर सकता। समझा करो, वो कोई सुपरमैन तो है नहीं ना?

अभी यह बात चल ही रही थी कि वार्डन मैडम भी आ गई कमरे में और आते ही गुस्से में बोली- यह क्या हो रहा है? क्यों इतना शोर मचा रही हो तुम सब? और यह तुम्हारा फ्रेंड नंगा हो कर क्या कर रहा है यहाँ? बोलो जल्दी से?
वार्डन मैडम वैसे तो डांट रही थी लड़कियों को लेकिन उसकी नज़र मेरे लण्ड पर टिकी हुई थी और उसके मुंह से उस खड़े लंड को देख कर लार टपक रही थी।

वो जल्दी से चल कर मेरे पास आई और मेरे लण्ड को अपने हाथ में ले लिया और उसको अत्यन्त भूखी नज़रों से देखने लगी।
डायना ने बड़ी ही बेबस नज़रों से मुझको देखा और हल्के से सर हिला दिया, मैं समझ गया कि डायना इस मामले में कुछ भी नहीं कर सकती, अब जो कुछ भी करना है वो मुझ को ही करना पड़ेगा।

मैंने शांत मन से सोचा कि मैं पहले भी कई बार ऐसे हालात में फंस गया था जब मुझ को 5-6 लड़कियों को एक ही समय में चोदना पड़ा था। यह काम मुझको कोई ख़ास मुश्किल नहीं लगा लेकिन तब मुझको कम्मो का साथ था और वो काफी काम खुद कर लेती थी जिस से मुझ पर कम मेहनत पड़ती थी।

अब मैंने वार्डन मैडम को सम्बोधित किया- मैडम जी, आप तो जानती हैं हम पुरुषों की सेक्स पावर काफी लिमिटिड होती है तो यह उम्मीद करना कि मैं अकेला आप सबकी सेवा कर सकूंगा, काफी गलत होगा। इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है कि आप सब लड़कियाँ पहले आपस में सेक्स कर लें और एक दूसरी को गर्म और तैयार कर लें, फिर मैं आप सबको बारी बारी से चोदने की कोशिश कर सकता हूँ।

वार्डन मैडम बोली- सोमू ठाकुर ठीक कह रहा है, आप पहले कमरे को लॉक करो ताकि कोई और ना अंदर आ सके और फिर जैसे सोमू कह रहा है वैसे करो।
डायना ने अपने कमरे की चादरों को फर्श पर बिछा दिया और सब लड़कियाँ अपने अपने कपड़े उतारने लगी।

वार्डन मैडम ने भी अपने कपड़े उतार दिए और वो सबसे पहले नंगी होकर खड़ी हो गई और मेरे समेत सब लड़कियां मैडम की तरफ देखने लगी।

वार्डन मैडम की उम्र शायद 30 के आस पास की होगी लेकिन शरीर एकदम सुंदर और सुगठित और सफेद एवं और लालिमा लिए हुए था।
गोल मोटे और सॉलिड मम्मे और उभरी हुई सॉलिड गांड, चुदाई के लिए पूर्ण तरह से तैयार थी और उसकी चूत पर बालों का इतना घना जमघट था कि उसकी चूत के दर्शन ही दुर्लभ हो गए थे।

मैडम बिना कुछ कहे ही मेरे पास आ गई और मेरे चौड़े वक्षस्थल पर अपने मुलायम हाथ फेरने लगी और उसके ऐसा करते ही मेरा लण्ड और भी अकड़ गया।
मैडम ने मेरे होटों पर एक बहुत ही कामुक चुंबन जड़ दिया और मेरे चूतड़ों को अपने हाथों से मसलते हुए मुझको पलंग की तरफ ले गई।

मैडम ने दूसरी लड़कियों की तरफ देखा और गुस्से से उनको कहा- जल्दी से वैसा ही करो जैसा सोमू ने कहा है, और तुम डायना इन सबको देखो कि यह सब वो करें जो सोमू ने कहा है। ठीक है ना?

मैंने उन लड़कियों की तरफ देखा, वो सब निर्वस्त्र हो चुकी थी और वो सब काफी सुंदर और आकर्षक लग रही थी।
अब डायना ने उनको फर्श पर लेट जाने के लिए कहा और सब एक दूसरे के साथ आलिंगन और चुम्बन में मस्त हो गई।

इधर मैडम ने मुझको लिटा दिया और स्वयं मेरे ऊपर टांगों के बल बैठ गई और अपनी चूत में मेरे लौड़े को डाल दिया, धीरे धीरे अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लगी और मैं उनके गोल मम्मों के साथ खेलने में मस्त हो गया।
अब मैंने मैडम की गांड को अपने हाथों में थाम रखा था तो अब वो काफी स्पीड के साथ मुझको चोद रही थी और उसकी टाइट चूत लपालप मेरे लौड़े को चूस रही थी।

जल्दी ही मैडम छूटने के कगार पर पहुँच गई और कुछ धक्के मेरे नीचे से मारने के बाद मैडम बड़े ज़ोर से सिसकती हुई धराशायी हो गई।
जैसे ही मैडम उठी, मेरे ऊपर से तो वो सांवली लड़की ने जम्प किया ओर मेरे साथ आकर लेट गई और बिना किसी झिझक के उसने मेरे लंड को अपनी गिरफ़्त में ले लिया।

वो भी अन्य लड़कियों की मेहनत के कारण एकदम गीली हो चुकी थी, मैंने उसको घोड़ी बना कर चोदना शुरू कर दिया।
तभी बाकी लड़कियों ने उसको उकसाना शुरू कर दिया- बक अप रानी… लगी रहो, जल्दी नहीं छूटना। सोमू को हरा दो यार!
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जैसे जैसे वो रानी को उकसा रही थी वैसे ही मेरी चुदाई की स्पीड तेज़ होती जा रही थी।
मैं एक हाथ से रानी की चूत की भग को भी मसल रहा था और रानी अब उचक उचक कर लण्ड को अपने अंदर लील रही थी।

जल्दी ही वो भी ढेर हो गई और इस तरह उसके बाद आने वाली लड़की एक एंग्लो इंडियन थी, उसका नाम जेनी था और वो दिखने में काफी खूबसूरत थी।

उसकी खूबसूरती का आनन्द लेते हुए मैंने उसको अपने नीचे लिटा कर पूरे प्यार से चोदा और सब लड़कियां देख कर चकित हो रही थी कि जेनी इतनी अधिक कामुक हो चुकी थी, वो मुझ से पूरी तरह से चिपकी हुई थी और मेरे लण्ड को पूरा निकलने भी नहीं दे रही थी और जब वो थोड़ा बाहर आता तो वो अपनी गांड उठा कर फिर उसके साथ चिपक रही थी।

लेकिन वो भी जल्दी ही झड़ गई लेकिन फिर भी उसने मुझको नहीं छोड़ा और मुझसे चिपकी रही।
डायना ने आगे बढ़ कर उसको मेरे से जुदा किया ताकि उसकी जगह दूसरी लड़की आ सके।

अब जो लड़की आई वो थोड़ी मोटी थी लेकिन उसके नयन नकश एकदम से आकर्षक थे और उसके अंग प्रत्यंग बहुत ही ठोस और मोटे थे, उसने अपना नाम नैंसी बताया।
उसकी चूत पर बाल बहुत ही हल्के और भूरे रंग के थे और उसके गोरे शरीर पर वो दिखाई ही नहीं देते थे।

मैंने उसको खड़े कर के पीछे से चोदने का फैसला किया।
उसको एक मस्त चुम्मी उसके लाल लाल लबों पर देने के बाद मैं उसके गोल मम्मों को चूसने लगा और उसके गोल उभरे हुए मस्त चूतड़ों को सहलाते हुए उसको पलंग के साथ हाथों को टिका कर खड़ा कर दिया और फिर मैंने पीछे से उसकी फूली हुई गोल्डन चूत में अपना लौड़ा डाल दिया।

फिर मैंने धीरे धीरे लंड को नैंसी की चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया ही था कि बाहर से दरवाज़ा खटका और दरवाज़ा खोल कर वार्डन मैडम घबराई हुई अंदर आ गई- जल्दी करो, डायरेक्टर साहब की कार गेट में घुसी है, वो शीघ्र ही अंदर आ जायेंगे। आप सब कपड़े पहन कर अपने कमरों में चली जाओ, सोमू को स्टोर रूम में छिपा दो, उसके कपड़े भी वहीं स्टोर रूम में पहुंचा दो और याद से उसके जूते भी दे देना। और तुम नैंसी भी सोमू के साथ स्टोररूम में रहना कहीं वो घबरा ना जाए। ओके !!

यह कह कर वार्डन मैडम वहां से भाग गई।
कहानी जारी रहेगी।
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