मेरी जबरदस्त डबल चुदाई

मुझे कम बोलने और ज्यादा चोदने वाले वाले लड़के पसंद हैं।

अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आती हूँ।

बात तब की है जब मुझे नेट का बड़ा चस्का होता था, अभी भी है।

मैं रोज़ नेट पर बात करती रहती थी, रात को रोज़ अपनी चूत शान्त करने के लिए चूत में उंगली डाला करती थी।

एक दिन नेट पर एक लड़के ने मुझे मैसेज भेजा और अपनी फोटो भी भेजा, वो भी रीवा में ही रहता था, वो भी काफ़ी खूबसूरत था।

उसकी प्यार भरी बातों से मेरी चूत का पानी निकल गया।

रोज़ हमारी बात होती।

मैंने उसे अपनी फोटो भेजी।
थोड़े दिनों में हमारी बातचीत खुली हो गई, अब वो मुझसे मिलना चाहता था।

फिर हम एक दिन रेस्टोरेंट में मिले।

वो मुझे बहुत पसंद करने लगा, फिर मुलाकातें बढ़ने लगी, कभी कभी हम छोटी मोटी किस कर लेते थे।

फिर एक दिन मुझे उसने अपने घर बुलाया।
शायद उस के घर पर कोई नहीं था, मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था, पर मैं उससे मिलने चली गई।

मैंने बेल बजाई, वो बाहर आया, मैंने सेक्सी सा लाल रंग का सूट पहना था और बहुत माल और बहुत सेक्सी लग रही थी।

मैं उसके घर के अंदर गई, मैंने देखा उस के घर पर कोई नहीं था, उसका घर ठीक ठाक था।

मैं सोफे पर बैठ गई और वो मेरे लिए चाय बनाने चले गया, अंदर से कुछ आवाजें आ रही थी।

मैंने सुना तो उसका और एक दोस्त उसके घर पर था, वो थोड़ा सांवला था लेकिन तगड़ा था, ज़ींस और टॉप पहन रखा था उसने, वो मेरे पास आया।

ओह, सॉरी दोनों का नाम बताना तो मैं भूल ही गई, मेरे ब्वायफ्रेंड का नाम रमन है और उसके दोस्त का नाम आदित्य है।

वो दोनों मेरे पास आकर बैठ गये।

रमन ने अपने दोस्तका परिचय करवाया।

मेरा ब्वायफ्रेंड मुझे कोई बात बताने के लिए उठने के लिए बोला, मैं उठ कर उसके पीछे गई।

वो वाशरूम की तरफ़ जा रहा था, अंदर आते ही उसने मुझे पकड़ लिया और किस करना शुरु कर दिया।

थोड़ी देर बाद मैंने भी उसे दबाना शुरू कर दिया, मैं गर्म हो गई थी।

मैंने पहली बार उसका लंड उसकी पैंट से बाहर निकाला और किस करना शुरू कर दिया।

उसने मेरे मुँह पर हाथ रख कर बोला- मेरे दोस्त की कोई गर्लफ़्रेन्ड नहीं है, वो भी तुम से आज मिलना चाहता है और मैं भी…

मैं समझ गई कि दोनों आज चोदना चाहते हैं, मैंने कहा- ठीक है।

मैंने जितना सोचा भी नहीं था शायद उससे ज्यादा मिल रहा है आज।

मेरी चूत पानी छोड़ रही थी उन दोनों को देख कर।

हम बाहर आए तो रमन ने बोला कि चलो मेरे कमरे में चलते हैं।

हम उसके कमरे में चले गए और अंदर जाकर मैं बेड पर बैठ गई, वो दोनों खड़े थे।

रमन ने आकर मेरे पास बैठ कर मुझे किस करना शुरू कर दिया लेकिन आदित्य शरमा रहा था।

वो मेरे पास आकर बैठ गया।

मैंने रमन की पैंट उतार दी और उसके लंड पर किस करने लगी, रमन का लौड़ा पूरा खड़ा हो गया था।

कुछ देर बाद मुझे लगा कोई मेरे बदन से खेल रहा है, वो आदित्य था, उसने भी अपने कपड़े उतार दिए थे।

मैंने उसका लौड़ा बाहर निकाल लिया, देखते ही डर गई, रमन ने भी मुड़ कर देखा और नीचे आ गया और मेरी चूत को ध्यान से देखने लगा।

दोनों दनादन मेरी दूध की थैलियाँ मसल रहे थे और मेरी चूत चाट रहे थे।

मैंने दोनों के बाल पकड़े और चूत पर मसाज करवाई, दोनों मस्त हो कर लग गये…

कुछ देर बाद मैं रमन को अपने ऊपर बुला कर उसका लंड चूसने लग गई, वो सिसकारियाँ लेने लगा- आह्ह ह्ह… चूसो मुझे, चूसो ज़ोर से…

उसकी आवाजें सुन कर मैं भी मदहोश होने लगी।

उधर से आदित्य मेरी चूत को पूरा अंदर लेने की कोशिश कर रहा था।
मुझे मज़ा आ रहा था।

मैंने आदित्य को मेरे कपड़े उतारने के लिए कहा।

अब हम तीनों नंगे थे।

रमन चिल्लाने लगा- मुझे चोदने दो प्लीज़, अब नहीं रहा जा रहा !

उसने मुझे अपने लौड़े पर बिठाया और मेरी चूत पर अपने लौड़े को टिका कर ज़रा सा अंदर किया, वो अंदर चला गया।

मुझे लगता है मेरी चूत से खून निकल रहा था पर कोई बात नहीं, मजा भी आ रहा था।

मैंने आदित्य को देखा, वो लंड हिला रहा था।

मैंने उसके लंड को चूसना शुरू किए उसे मज़ा आने लगा, अब मैं उसके लंड पर जीभ फ़िराने लग गई।

उधर से रमन ज़ोर ज़ोर से मेरी चूत पर झटके मार रहा था और आवाजें निकाल रहा था।

मैं भी ‘आ आह आआआःह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह… आआः… मर गई…’ की आवाजें निकाल रही थी।

थोड़ी देर में ही मैं झड़ गई और आदित्य के बगल में आकर लेट गई।

आदित्य मेरी चूत चाट रहा था, मेरी चूत बहुत स्वादिष्ट लगी उसे, उसे मज़ा आ रहा था, पूरी टाईट थी, उसकी जीभ से मुझे भी मज़ा अ रहा था, मैं चूतड़ हिला हिला कर चटवा रही थी।

उसने थोड़े समय बाद मुझे घोड़ी बनाया और अब मैं फ़िर से मूड में आ गई थी।

आदित्य ने पहले चूत पर थोड़ा थूक लगाया और अपना लौड़ा मेरी की चूत पर रखा, थोड़ा सा झटका दिया, मेरी चीख निकल गई, मेरी चूत से फिर खून निकलने लग गया, मैं रोने लग गई।

वो थोड़ा रुका फ़िर उसने थोड़ा झटका मारा और मेरे बूब्स पकड़ लिए और दबाने लग गया, मुझे मज़ा आने लगा।

उसने अपने झटकों को बढ़ा कर पूरा लौड़ा अंदर डाल दिया, मैं मज़े से अपनी गाण्ड हिलाने लग गई।

थोड़े समय बाद आदित्य ने मुझे अपने ऊपर लिया, रमन ने मेरी गांड पर अपना लौड़ा टिकाया, और अंदर झटका मारा, एक झटके में ही वो अपना लौड़ा अंदर ले गया, उसने खूब दबा के अंदर झटके मारे।

मैं ‘मर गई… आ आआ आआ आआःह्ह्ह्ह् मर गई’ बोलती रही और वो पूरे ज़ोर से चोदता रहा।

वो दोनों भी झड़ने वाले थे, अब दोनों ने मुझे बेड के किनारे पर डोगी स्टाइल में किया।

एक बार एक ने चूत फ़िर दूसरे ने, दोनों ने मेरी चूत मारी ..

अब आदित्य का लंड एकदम कस गया और वो झड़ गया, रमन ने फ़िर से अपनी टांगों के ऊपर बिठा कर चोदा।

अब वो खुद हिल रहा था- अह्ह्ह्छ… आआआह… अह्ह्ह्ह…
दोनों मज़े मार रहे थे, आदित्य मेरे होंटों पर किस कर रहा था, रमन मेरे ऊपर झटके मारते मारते झड़ गया।

मैं खड़ी हुई तो मुझे चलते नहीं बन रहा था।

दोनों मेरे बोबे चूसने लग गये.. थोड़ी देर बाद दोनो ने मेरे मुँह में पिचकारी मारी और मैंने दोनों के मुँह भर दिए…

मैं मज़े से दोनों के लौड़े का जूस पी गई।

फ़िर हम तीनो नंगे सो गए।

उसके बाद भी मैं कई बार उनसे चुदी हूँ।

पर अब मुझे नये साथी की तलाश है।

अब मैं किसी लेस्बियन लड़की और नये लड़कों की तलाश में हूँ।

अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें।