कमसिन जवानी की चुदाई के वो पन्द्रह दिन-10

अंकल ने जल्दी से अपने पूरे कपड़े उतारे और मेरे पीछे की तरफ आ गए. तभी गौरव बोला- वन्द्या तू थोड़ा ऊपर को हो जा.
उसने एक तकिए को उठाकर मेरी कमर के नीचे रख दिया. उसने मुझे अपने हाथ से पकड़ के टेड़ा कर दिया. गौरव ने मेरे टॉप को भी नहीं उतारा.. बस पेंटी को नीचे खिसका कर मेरे मुँह की तरफ अपना लंड कर दिया और मेरी चूत में अपना मुँह रखकर सिक्सटी नाइन की पोजीशन में आ गया.

वो मुझसे बोला- वन्द्या तुम बस आज जमके मेरा लंड चूसो और मैं जी भर के तुम्हारी चूत चाटूंगा. मुझे चोदने से ज्यादा चाटना पसंद है.. और अंकल तो तेरी गांड के दीवाने निकले. साले सभी बुड्ढे गांडू ही होते हैं. उनसे तू जमकर अपनी गांड मरवा.

इतना कहते हुए गौरव ने मेरी टांगें चौड़ी करके अपना मुँह मेरी चूत में रखकर जैसे ही चूत में जीभ को डाला, मैं उछल पड़ी. वो इतनी जोर से जीभ और होंठों लगाकर मेरी चूत चाटने लगा कि जैसे चूत को खा ही जाएगा.

मैं पूरी तरह से पागल होने लगी. अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था. गौरव अपना लंड मेरे मुँह के पास लाकर रगड़ने लगा था. मुझसे रहा नहीं गया, मैंने मजबूर होकर गौरव का लौड़ा अपने हाथ से पकड़ कर सीधे अपने मुँह में भर लिया और जोर से चूसने लगी, चाटने लगी. उसके लंड से बहुत बदबू आ रही थी, पर वह भी मुझे अच्छी लगी. मैं इतनी जोश में जो आ गई थी.

तभी वह मन भरण अंकल मेरे पीछे से लिपट कर मेरे कूल्हों को फैला कर अपनी नाक मेरी गांड के छेद में रगड़ने लगे और बोले- वन्द्या सच में तेरी गांड से अच्छा दुनिया में कुछ भी नहीं है. बहुत सेक्सी और हॉट है तू, वन्द्या कुछ भी कर, पर मुझे अपनी गांड से अलग मत करना.

अंकल अपनी जीभ से गांड चाटने लगे. तब मैं बोली कि अंकल तुम जो चाहो अभी कर लो, मेरा बहुत मन बिगड़ गया है.

मनभरण अंकल बोले- मैं डाल दूं तेरी गांड में अपना लंड और चोद दूं?
मैं बोली- पूछो नहीं अंकल अब सीधे डाल दो.. मुझसे नहीं रहा जा रहा.

ये सुनकर अंकल ने सीधे अपना लंड पकड़ा और बहुत सारा थूक लगाकर मेरी गांड में अपना लंड दबाने लगे. गांड के छेद पर सुपारा रख कर अंकल ने जैसे ही जोर डाला, तो ऐसा लगा कि गांड फट गई. मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा था.

मेरे मुँह से गौरव का लंड निकल गया और मैं चिल्लाने लगी- ऊंहहह ओहह.. आपका बहुत मोटा है.. अंकल मैं मर जाऊंगी.. गांड में बहुत दर्द हो रहा है निकाल लो, आह.. मम्मी मुझे बचाओ, मैं मर जाऊंगी.

पर अंकल को कोई फर्क नहीं पड़ा, दर्द के बाद भी उन्होंने पूरी ताकत लगा कर अपना लौड़ा मेरी गांड में घुसेड़ दिया. मैंने कसके चादर को हाथ से पकड़ लिया और लंड बर्दाश्त करने लगी.
अंकल बोले कि दर्द तो नहीं है?
मैं बोली- बहुत है.

तभी आगे गौरव दांतों से मेरी चूत को खाने लगा. अंकल पीछे मेरी कूल्हों को पूरा फैला कर तकिए से और ऊपर उठा लिया और एक ही झटके में मेरी गांड में पूरा लौड़ा डाल कर घुसा दिया.

मैं अपने आप दर्द के मारे अकड़ गई. मुझे लगा कि मेरी गांड फट गई. पर वह एक्सपीरियंस्ड चोदू थे, तो मेरी कमर पकड़ कर जल्दी जल्दी धक्के लगाने लगे. जल्दी जल्दी अन्दर बाहर करने लगे. मुझे दर्द तो बहुत हुआ, पर 3-4 मिनट में ही उनकी रगड़ से मैं शांत होने लगी. फिर भी मैं चूंकि जोर से चीख उठी थी इसलिए गौरव का लंड मेरे मुँह से निकल गया था. उस वक्त मैं चिल्लाई भी थी कि अंकल बहुत दर्द हो रहा है.. आप बाहर निकाल लो, लेकिन वह नहीं माने थे.

इधर गौरव मेरी चूत को खाए जा रहा था. वो पूरा अन्दर तक जीभ डाल कर मेरी चूत को बहुत तेजी से चाट रहा था. मैं बिल्कुल मचलने लगी और गौरव का लंड बहुत तेजी से चूसने लगी. वह भी सटासट लंड को मेरे मुँह में अन्दर बाहर किए जा रहा था.

मेरे से बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रहा था. अब मनभरण अंकल बहुत जोर जोर से पीछे मेरी गांड को चोदने लगे और मुझे गाली भी देने लगे.

वे बोले- साली ले लंड खा.. मादरचोदी तू बहुत बड़ी रंडी है.. आह ले कुतिया.. साली कैसी मस्त हो रही है, तुझे हम लोगों ने भी चख लिया. आज पूरी रात अभी दो-तीन घंटे तेरी चुदाई होने वाली है. कुछ बड़े लोग आने वाले हैं.

उसका इतना कहना ही हुआ कि मेरे कमरे में एक धक्का लगा और दरवाजा खुल गया. रमीज खान के साथ दो लोग अन्दर आ गए. एक बुड्ढा करीब 70-75 साल का था और एक बहुत मोटा सा काला सा पहलवान था. रमीज ने उसका नाम अनवर लिया. दोनों की दाड़ी लंबी बड़ी थी.

उस बुड्ढे ने जैसे ही मुझे देखा तो बोला- रमीज तू कैसे इतनी तारीफ कर रहा था कि वो लड़की नहीं कयामत है.. हीरोइन भी उसके सामने कुछ नहीं है और इधर तेरी हीरोइन को यह ड्राइवर लोग चोद रहे हैं.

तभी रमीज ने गौरव को बोला- उठ साले बाहर जा और वह ड्राइवर अंकल को भी बोले- ओ बुड्ढे.. तू भी बाहर निकल ले.. अब तेरा काम खत्म हुआ.

तभी गौरव तुंरत उठा. उसने मेरे मुँह से अपना लंड निकाल लिया. मेरी चूत से भी अपना मुँह हटा कर उठा, अपने कपड़े पहने और बाहर चला गया.

परन्तु उस बुड्ढे ड्राइवर ने बोला कि मालिक दो मिनट इसकी गांड मार लेने दो.. मेरा काम बस हो ही गया, मैंने आज तक ऐसी लड़की नहीं चोदी. यह बहुत मस्त माल है. सच में कोई हीरोइन भी इसके सामने कुछ नहीं लगती. पूरी दुनिया में सबसे मस्त गांड वाली लड़की है ये.

रमीज बोला- चल ठीक है चोद ले.. पर जल्दी कर.

इधर रमीज ने जिनको लाया था, उन लोगों से बोला- भाई जान आप दोनों शुरू हो जाओ.. कपड़े उतार लो अपने. इसे देखते भी रहो, कैसे गजब चुदवाती है, इसका नाम वन्द्या है. यह अपनी मौसी के यहां शादी में आई है. बगल वाले कमरे में इसकी मम्मी भी चुदवा रही है. हालांकि उसकी उम्र पैंतालीस साल के आसपास है, वो ढल गई है, पर गजब चुदवाती है. ये तो अभी मुश्किल से जवान हुई होगी, पर कोई रंडी भी इसके सामने नहीं लगती.

रमीज की इन बातों से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था. वह बुड्ढा ड्राइवर बहुत तेजी से मेरी गांड को रगड़ के चोद रहा था. उसने एकदम से स्पीड बढ़ा दी. उसकी हालत अब बहुत तेजी से बिगड़ रही थी.

मुझे बोला- आह.. वन्द्या तेरी गांड बहुत कमाल की है.. आह ले अब बस मेरा काम होने ही वाला है.. आह.. तेरी गांड इतनी गरम है कि कोई लंड इस गांड के अन्दर 5 मिनट से ज्यादा नहीं टिक सकता.. और मैं तुझे छ: सात मिनट से चोद रहा हूं.

ड्राइवर अंकल मेरी पीठ को कस के पकड़ के धक्का लगाने लगे, तभी वह जो रमीज के साथ पहलवान की तरह अनवर आया था. वह अपने पूरे कपड़े उतारने लगा. जो बुड्ढे से मियां थे, अनवर उन्हें बोला- भाई जान आप भी जल्दी से उतार लो.. देखो साली कैसे मस्त सेक्सी लड़की है. कैसे पागलों की तरह गांड चुदवा रही है. मैं तो अब नहीं रह पा रहा हूं.

वे बुड्ढे मियां भी अपनी कुर्ता और पजामा उतारने लगे. मेरे देखते ही देखते दोनों लोग बिल्कुल नंगे हो गए.

अनवर का लौड़ा देखकर मैं बिल्कुल आश्चर्य में पड़ गई. ये साला अब्दुल से भी बड़ा और बहुत मोटा लंड था. मैं सोचने लगी कि सच में आज मुझे यहां जन्नत मिल जाएगी.. यह तो पागलपन की हद हो गई है.

मुझे अभी वह बुड्ढा ड्राइवर चोद ही रहा था कि अनवर आकर सामने से मुझसे लिपट गया और सीधे मेरी चूत में अपनी हथेली रखकर उल्टा लेट गया. मेरी पहले से ही इतनी हालत खराब थी कि कुछ समझ नहीं आ रहा था. मैं अपने आप ही अनवर का लंड पकड़ कर हाथ से रगड़ने लगी.

तभी अनवर ने मेरी चूत में अपनी जीभ को डाल दिया और मुझे बोला कि तेरी चूत इतनी गरम कैसे है. ये तो भट्टी सी धधक रही है, लगता है मेरी जीभ जल जाएगी?

मैं गुर्रा कर बोली- तू बस अपना लंड डाल दे.. मुझे तुझसे कुछ मतलब नहीं है, मैं मर रही हूं, अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.

इतने में बुड्ढे ड्राइवर ने अपना पूरा लौड़ा जोर से गांड में डाला और अकड़ गया. अगले ही पल उसका गरम गरम लंड रस मेरी गांड में भर गया.

वो मेरी पीठ को चाटते हुए बोला कि वन्द्या तू बहुत बड़ी मस्त है रे.. मुझे मस्त कर दिया.. आह तेरी गांड गजब की है.

वो एक मिनट तक चिपका रहा. फिर मुझे छोड़ कर जाने लगा.

वो बोला- मालिकों आपको बहुत बहुत धन्यवाद, मैं आपका एहसान नहीं भूलूंगा, आप लोग कुछ करना या नहीं इसकी गांड जरूर मारना, इसकी गांड बहुत मस्त है.
तभी वह बुड्ढा मियां बोला- हां ये सच बोल रहा है.. इसके दूध और गांड दोनों बहुत मस्त हैं. मैं भी आज इसकी गांड ही चोदूंगा.

ये कह कर बुड्ढा मियां मेरी गांड की तरफ आ गया और बोला- आह.. लड़की क्या उठी हुई गांड है तेरी.. तू तो बस कमाल की माल है. तुझे क्या बताऊं कि कैसी तेरी गजब गांड है. अब मुझसे नहीं रहा जाता. रमीज तुमने एक नंबर की रंडी बुलाई है, इसकी तो मैं अब गांड बजा के ही रहूंगा.

बस बुड्ढा मियां मेरी गांड को चाटने लगा. वो जोर जोर से गांड चाटते हुए बोला- इसकी गांड खुशबूदार है.

इधर मैं अनवर का पूरा लौड़ा अपने मुँह भरने की कोशिश कर रही थी, पर जा ही नहीं रहा था.

इतने में अनवर बोला- चल अब बस कर.. मैं तुझे चोदूंगा… आज मैं तेरी चूत का बाजा बजा दूंगा. पर तेरी चूत बहुत टाइट है तूने कैसे इतनी बड़ी रंडी हो कर भी चूत को टाइट बनाए रखी है.

वो सीधा होकर मुझसे लिपट गया, अब उसका बहुत बड़ा मोटा लंड मेरी चूत में टच होने लगा. अनवर का सीना भी मेरे सीने से मिल गया और मैं अनवर के बाजुओं में पूरी समा गई. उसकी बॉडी लग रही थी कि लोहे की है, वह जिमनास्टिक करने वाला बन्दा था. पहली बार मुझे कोई जिम वाला जवान मिला था. एकदम बॉडी बिल्डर ही था.

अनवर ने मुझे कस के अपनी बांहों में जकड़ लिया. मैं उसके सीने में बिल्कुल फूल जैसे मचल रही थी.

अनवर बोला- तू तो बहुत नाजुक कली है.. बहुत स्वीट एंड सेक्सी है. तू रंडी कैसे बन गई.. तुझे तो कोई भी अपनी रखैल बना ले? चल मेरे बहुत सारे बड़े बड़े लोगों से संबंध हैं.. कई तो अरबपति हैं, उनमें से किसी की तुझे रखैल बनवा दूंगा. उनकी रखैल बनने के बाद सारी उम्र राज करेगी और जैसे जीना चाहेगी जियेगी. बस उनके लंड की सेवा करना और उनके बिस्तर को गर्म करना.. बता बनेगी रखैल?

मैं होश में तो थी नहीं, मुझे कुछ नहीं याद है कि क्या बोलूं.. क्या नहीं.

मैं बोली- हां अनवर मैं रखैल बनूंगी, तुमको मुझे जो बनवाना है, बनवा देना, पर अब मुझे मत तड़पाओ, मुझसे रहा नहीं जा रहा है. तुम जल्दी से कुछ करो.
अनवर बोला- अपना पूरा लौड़ा एक झटके में डाल दूं.. बोल, चूत फट जाएगी तेरी.. दर्द भी हो सकता है, सह लेगी?
मैं बोली- फटने दे.. तू बस जल्दी से पूरा घुसा दे, अब मुझसे रहा नहीं जा रहा है. मैं मर रही हूं.

तभी जो बुड्ढे मियां ने अनवर को बोला- अबे यह लड़की पागलपन की हद से ज्यादा सेक्सी है.. तू अब रुक मत.. आज फाड़ ही दे इसकी चूत, मैं जवान होता तो बताता, अब मेरे लंड में इतना दम बचा नहीं.. पर आज दस साल बाद मेरा लंड इतना कड़क हुआ है, वो भी इसकी गांड चाटने के बाद हुआ है. नहीं तो अब मेरा ठीक से खड़ा भी नहीं होता था. पर आज मेरा ये लंड इस वन्द्या की सेवा के लिए खड़ा हो गया.

बुड्ढे मियां ने अपना लंड मेरे कूल्हों को चौड़ा करके गांड के छेद में फिट कर दिया. गांड अब भी खुली ही थी. जैसे ही मियां ने अपना लंड गांड में टच किया, मैं इधर अनवर से लिपट गई.

अब अनवर ने मुझे अपनी टांगों में फंसा लिया और बोला कि वन्द्या तुम मेरा लंड पूरा झेल लेना. मैं एक बार में ही घुसा दूंगा.

मैं बोली- हां मेरे राजा घुसा दे, जितना दम हो एक ही बार में पेल दे. अब मुझसे पूछ मत, जो होगा मैं देख लूंगी.

ये सुनकर अनवर ने अपना लंड हाथ से पकड़ कर मेरी चूत के छेद में रख दिया और फंसा के बोला कि अब तू ठीक से संभल जा, मैं तेरे अन्दर डालने वाला हूं.

मैं बोली- डाल जल्दी कर.. बहुत मन कर रहा है.. कुछ भी मत बोल, बस घुसा दे.

इतने में अनवर अपना लंड पूरा खींच लिया और जोर से पकड़ कर मेरी जांघों को फैलाकर अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत में जैसे ही फंसाया, मैं कस के लिपट गई. मेरे लिपटते ही अनवर का लंड अपने से ही थोड़ा सा घुस गया. अनवर ने पूरी ताकत लगाकर लंड मेरी चूत में एक झटके में घुसा दिया.

लंड घुसते ही मैं बहुत जोर से चिल्ला उठी कि आह.. मर जाऊंगी.. मैं मर गई मम्मी.. बचा लो.

मुझे इतना जोर से दर्द कभी नहीं हुआ था. जैसे कि अभी हुआ और मैं बिल्कुल घबरा के लिपट गई.

तभी पीछे से जो मियां अंकल थे, उन्होंने भी मेरे कूल्हों को फैलाकर अपना लंड मेरी गांड में डाल कर अन्दर तक पेल दिया. वहां थोड़ा ही दर्द हुआ क्योंकि बुड्ढे का लंड बहुत बड़ा नहीं था. पर मेरी चूत में मुझे लगा कि फट गई और मैं मर गई.

इतने में अनवर बोला- साली चिल्लाती बहुत है.. तुझे नहीं पता कि मेरा लौड़ा कितना बड़ा है? तुझे यह देखने के बाद पता चल गया था, फिर भी तूने कहा कि डाल और फाड़ दे मेरी चूत.. फिर अब क्यों रो रही है.. क्यों चिल्ला रही है? साली कुतिया.. बहुत टाइट है तेरी चूत.. आह.. ऐसा लगता है कि तू कुंवारी है. तू सील पैक माल है.. मेरा लंड बड़ी मुश्किल से घुसा है, बड़ी ताकत लगानी पड़ी. मैंने एक टाइट चूत को पहली बार चोदा था, इतनी टाईट उसकी भी नहीं थी. आज तो मुझे ऐसा लगता है कि जैसे आज तू पहली बार चुद रही है.

मैं चिल्लाए जा रही थी, जोर जोर से रोने लगी. मुझे बहुत दर्द हो रहा था. मैं जितना रो रही थी, उतने जोर से अनवर अपने लंड का धक्का मेरी चूत में मार रहा था. मैं अब उसको नोचने लगी गाली देने लगी कि हट मादरचोद कुत्ते कमीने तू साले भड़वे.. मुझे छोड़ दे.. मैं मर जाऊंगी.

मेरी गालियां सुन के अनवर और जोश में आ गया. वो बोला- आह.. बहुत मस्त लगता है.. और गालियां बक.. ऐसी लड़की को चोदने में बहुत मजा आता है. तूने तो पागल कर दिया वन्द्या.. तेरी चूत में आग लगी है.. इतनी गरम चूत मैंने आज तक नहीं चोदी. तेरे अन्दर लगता है मेरा लंड जल जाएगा.. तू बहुत सेक्सी आइटम है. रमीज तूने बहुत मस्त माल दिलवा दिया यार.. यह चिल्लाती बहुत है.. इसके मुँह में लंड डाल, साली का रोना, चिल्लाना बंद हो जाए.

उधर रमीज पहले से ही मुझे चुदते देखकर पागल हो रहा था. रमीज मेरे मुँह के पास आया और अपना लंड मेरे मुँह में रखकर डालने लगा.

अबकी बार चिल्लाने पर जैसे ही मेरा मुँह खुला, उसने सीधे ही लंड घुसा दिया. मैं उसे चूसने और चाटने लगी.

अनवर ने करीब 4-5 मिनट तक जम कर मुझे रगड़ा.. तब दर्द होता रहा. फिर अनवर ने अपने लंड को मेरी चूत में घुसा घुसा कर लंड को अन्दर बाहर किया तो अचानक से मेरा पूरा दर्द अपने आप गायब होने लगा. फिर जरा भी दर्द नहीं रहा. उसके बाद तो मैं पागल सी होने लगी और अब मैं जान गई कि थोड़ा दर्द के बाद असीम मजा आता है. मैं यह बात आज समझ गई कि थोड़ा कष्ट और दर्द के बाद चुदाई में बहुत मजा है.

मैंने अब कसके अनवर को बांहों में पकड़ लिया और अपनी कमर आगे पीछे करने लगी. बुड्ढा मियां भी अन्दर बाहर मेरी गांड में लौड़ा कर रहा था. वो मुझे गंदी गंदी गालियां देने लगा.

बोला- वन्द्या तू मेरी रखैल बन जा या भैन की लौड़ी.. मेरे से तू निकाह कर ले और मेरी बेगम बन जा.. मैं तुझे इतने मस्त लौंडो के लंड से चुदवाऊंगा कि जिंदगी में तेरे से ज्यादा मजे किसी को नहीं मिलेंगे. बस रोज एक बार मेरे से अपनी गांड मरवा लेना.. बहुत मस्त गांड है, वन्द्या तेरी गांड कितनी उठी हुई है.. बड़ी गजब की गांड है. मैंने 70 वर्ष की उम्र में कभी तेरे जैसी मस्त खूबसूरत गांड नहीं देखी.

वह बुड्ढा मियां मेरे कूल्हों में थप्पड़ मारने लगा और बोला- क्या लाल लाल तेरे कूल्हे हैं रानी.. आह..

वो मेरी गांड को जोर जोर से चोदने लगा. इधर अनवर मेरे एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा.

वो बोला- वन्द्या तेरे दूध बहुत सेक्सी हैं.. छोटे छोटे समोसे से हैं.. मैं इन्हें बहुत दबा दबा कर, चूस चूस कर बड़ा कर दूंगा.

वो मेरी चूत में हथौड़े जैसा लंड बहुत तेजी से अन्दर बाहर करने लगा. इधर रमीज मेरे बालों को पकड़ के अपने लंड को अन्दर बाहर रगड़ के मुँह में लंड चुसवा चटवा और मुँह को चोद रहा था.

अब एक साथ मेरे अन्दर 3-3 लंड अन्दर बाहर हो रहे थे.

तभी बुड्ढे मियां कुछ मिनट बाद जोर से कस के मेरी गांड को लिपटकर रगड़ के बोले- वन्द्या सेक्सी इस उम्र में भी मैंने तेरी इतनी देर तक चुदाई कर ली, यह तेरी मस्त गांड का ही कमाल है. नहीं तो अब मेरा ठीक से खड़ा भी नहीं होता था. आज इतने साल बाद मेरा लंड इतना खड़ा हुआ है और मैंने इतना चोद पाया है तुझे. अब तो बस लगता है तुझे अपनी बीवी बना ही लूं.. कोई धंधे वाली तेरे सामने कहीं नहीं लगती है.

इसके तुरंत बात बुड्ढे मियां का गरम गरम लंड रस निकल के मेरी गांड में भरने लगा और वह अकड़ के कस के मुझे पकड़े और मेरी पीठ को चाटते हुए बोला- आह.. मेरा काम हो गया.. डार्लिंग सेक्सी वन्द्या मेरा काम हो गया.. तूने मुझे इस उम्र में जन्नत की सैर करा दी.

दो मिनट लिपटे रहने के बाद मियां उठ गया और अपने कपड़े पहन कर अनवर से बोला कि अब तू भी जल्दी से निपटा दे.. बहुत मस्त चुदवाती है यह.

रमीज बोला कि वन्द्या मेरे लंड को मुँह से और तेज चूस.. जम के चूस कुतिया.

मैं रमीज के लंड को मुँह में चाटने चूसने लगी.

तभी अनवर बोला- अरे रमीज भाई.. वन्द्या की गांड में डाल लो.. देखो बह रही है.
रमीज बोला- ठीक बोला अनवर.. इसकी गांड की गुफा खाली भी हो गई.

रमीज मेरे पीछे की तरफ आ गया. उसने अपना लंड मेरी गांड के छेद में लंड टिकाया और जोर का धक्का मारा.

मेरी खुली गांड में उसका लंड पूरा एक ही झटके में घुस गया, क्योंकि दो लंड के रस के कारण बहुत चिकनी गांड हो चुकी थी.

रमीज लंड पेलता हुआ बोला- आह.. क्या मस्त गांड है इसकी.. एक झटके में लंड अन्दर चला गया.. इसकी गांड अन्दर बहुत गर्म है. अनवर तू इसकी चूत फाड़ दे.
अब मेरा मुँह खुल गया था तो मैं भी बोली- हां कमीनों.. चोदो चोदो मुझे मेरी चूत और गांड दोनों फाड़ दो.. जितना दम हो कस कस के मुझे चोदो भड़वो!

कहानी जारी है.
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