हॉट आंटी की चूत और गांड की चुदाई

आंटी मेरे से पहले कोई ऐसी-वैसी बात नहीं करती थीं, पर एक दिन बोलीं- मेरे को तेरे से एक काम है.
मैंने बोला- बताओ आंटी.
तो आंटी ने कहा- मेरी एक कुंवारी सहेली है.. उसका एक ब्वॉयफ्रेंड है और मेरे पास उसका फ़ोन रखा है.. उसमें बैटरी डलवा दो.

पहले तो मेरी समझ में नहीं आया कि आंटी ये सब मुझसे क्यों बता रही हैं. वे सीधे भी कह सकती थी कि मेरे मोबाइल में बैटरी डलवा दो.
खैर.. मैंने ‘हाँ’ में सर हिलाया तो आगे कहने लगीं- प्लीज़, यह बात अपने अंकल (यानि उनके पति) को मत बताना.

मुझे समझ नहीं आया कि ये ऐसी बात क्यों कह रही है.. बाद में मुझे मालूम हुआ कि उनके पति नपुंसक हैं और वे आंटी को संतुष्ट नहीं कर पाते हैं. इसलिए आंटी ने कोई सैटिंग बिठा रखी थी.
मैंने कहा- ठीक है.. मैं नहीं बताऊँगा और मैं आपका काम भी कर दूँगा.

बस उस दिन से आंटी मेरे से बहुत खुल कर बातें करने लगीं और मेरे से एक दिन बोलीं- क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं है.
तो आंटी ने कहा- झूठ मत बोलो.
मैंने कहा- सच्ची.. नहीं है.
तो आंटी बोलीं- तो तुम्हारा टाइम पास कैसे होता है?
मैंने खुल कर कह दिया- हाथ से..
‘मतलब.. हाथ से कैसे..?’
मैंने आँख मारते हुए कहा- मुठ मार के..

आंटी मुस्कुराने लगीं और कहने लगीं- ऐसे तो कमजोर हो जाओगे.
मैंने कहा- अगर मेरी इतनी फ़िक्र है तो आप मेरा काम कर दो.. मैंने भी तो आपका काम किया है.
तो वो मुस्करा कर कहने लगीं- मैंने तुम्हें बच्चा समझा था.

मैंने आंटी के हाथ पर हाथ रखा और धीरे-धीरे उनके पजामी पर हाथ फेरने लगा.
आंटी ने भी अपनी आँख बंद कर ली थीं. मैंने आंटी के होंठों पर चुम्मी की.. तो आंटी गरम हो गईं. उनकी चुत में से कामरस निकलने लगा और वे भी चुदास की आग से भर उठीं. अब आंटी भी मेरा साथ देने लगीं और उन्होंने मेरी पैन्ट की जिप खोल कर मेरा लंड पकड़ लिया.

मैंने भी अपना लौड़ा आगे बढ़ा दिया.. आंटी ने अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.
मैं तो यारों.. उस टाइम मानो जन्नत में पहुँच गया था. मेरा यह पहला मौका था सो मैं ज्यादा देर टिक नहीं पाया और आंटी के मुँह में ही अपना शरबत गिरा बैठा. आंटी ने भी मेरा लंड चूस-चूस कर साफ़ कर दिया.

अब आंटी ने अपने पूरे कपड़े उतार दिए. मैं उन्हें किस करने लगा.. और एक उंगली आटी की चूत में घुसेड़ दी, जिससे आंटी एकदम से तिलमिला उठीं. मैंने नीचे की तरफ अपने मुँह को किया तो उनकी चुत से बहुत अच्छी महक आ रही थी. मैं काम पर लग गया.

आंटी भी ज्यादा देर टिक नहीं पाईं और वो मादक आवाजें निकालने लगीं. अब मैंने 2 उंगलियां डाल दीं और चुत में फिंगरिंग की स्पीड भी बढ़ा दी. अब आंटी ‘आह आहहहह राजा आहह.. प्लीज़ राजा जल्दी करो.. आह्ह..’ कह रही थीं. थोड़ी देर में आंटी झड़ गईं और कमरे में शान्ति छा गई.

फिर कुछ देर बाद आंटी ने मेरा लौड़ा चूस कर खड़ा कर दिया और अब मैंने आंटी की टांगों को अपने कंधों पर रख कर उनकी चुत में लंड पेलने लगा.. पर मेरा लंड आंटी की चुत में घुस ही नहीं रहा था.. क्योंकि आंटी ने काफी समय से चुदवाया नहीं था. मैं सोच रहा था की जब सैटिंग है तो चुदाई क्यों नहीं हो रही है.

मैंने बाद में उनसे ये बात पूछी तो उन्होंने मुझे बताया कि उनकी एक आदमी से सैटिंग थी.. जिससे वो अपनी प्यास बुझाया करती थीं. पर अब वो आदमी कनाडा चला गया है और उनको अब लंड नहीं मिलता है.. इसलिए उनकी चुत कस सी गई थी. दूसरी बार कोशिश करने पर मेरा आधा लंड चुत में एकदम से घुस गया और आंटी ने एक जोर की चीख मारी, वे तड़फ उठीं और कहने लगीं- छोड़ दो.. मुझे.. तेरा बहुत बड़ा है.. दर्द हो रहा है.. ओह्ह.. माँ आह राजा छोड़ दो.. आई माँ मर गई..

मैं भी कहाँ छोड़ने वाला था, आंटी की कराहों से और मस्त हो गया. मैंने तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए तो कुछ ही पल के बाद आंटी भी गांड उठा कर साथ देने लगीं. आंटी चुदते हुए बहुत मादक आवाज निकाल रही थीं और गाली भी दे रही थीं ‘आआवउ ऊहीईईहह.. साले पहले कह देता कि इतना बड़ा है..ऊही आह..’
मैं आंटी को मस्ती से चोदता रहा.

‘आह्ह.. चोद मेरी जान.. चोद अपनी आंटी को.. अब तक क्यों नहीं चोदा.. आह्ह आ ऊहीईईई हहह आहह्हहहा जान जोर से पेल..’

कुछ देर बाद हम दोनों ने आसन बदला.. आंटी अब मेरे लंड पर बैठ गईं और खुद ज़ोर-ज़ोर से लौड़े पर अपनी गांड पटक रही थीं. हम दोनों एक दूसरे को किस कर रहे थे दोनों आवाजें निकाल कर मजा ले रहे थे.
‘ऊहीईई आहहह..’

मुझे बहुत मजा आ रहा था.. मेरा लंड झड़ने को था. मैं आंटी को काफ़ी देर तक चोदता रहा और फिर झड़ गया, मैंने लौड़े को बाहर निकाल कर सारा माल आंटी की गांड पर छोड़ दिया और हाँफने लगा.

मैं थक गया था तो बेड पर लेट गया, पर कुछ मिनट के बाद मैं फिर से तैयार हो गया. आंटी ने भी मेरा लंड चूस कर खड़ा कर दिया था. अब मैंने आंटी की गांड पर हाथ फेरते हुए कहा- मैं तो आपकी गांड मारना चाहता हूँ.
तो आंटी ने कहा- मैं आज से तेरी रंडी हूँ.. जो मरजी कर ले.

आंटी घोड़ी बन गईं.. मैंने सरसों का तेल अपने लंड पर लगाया और आंटी की गांड पर भी लगा दिया. मैंने अपना लंड आंटी की गांड पर सैट करके करारा धक्का मारा और मेरा आधा लंड आंटी की गांड में घुसता चला गया.
आंटी को बहुत दर्द हो रहा था और वो गालियाँ भी दे रही थीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… भहन चोद.. मार डाला.. निकाल इसे..
लेकिन मैंने कुछ नहीं सुना और दूसरा धक्का मारा.. मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया.
आंटी अब भी गालियाँ दे रही थीं.

मैंने अपने धक्के चालू किए तो आंटी भी साथ देने लगीं और आंटी मेरे लंड के ऊपर बैठ गई और उछलने लगीं ‘ऊहीईईई आहा…’
कमरे में चुदाई की आवाज गूँज रही थी. थोड़ी देर बाद मैं आटी के ऊपर हो गया और उनकी चुदाई करते हुए झड़ कर गिर गया. आंटी भी तृप्त हो चुकी थीं. उन्होंने मुझे प्यार से किस करके अपनी बांहों में भर लिया.

कुछ देर बाद आंटी ने कपड़े पहने और मेरे लिए कोल्डड्रिंक लेकर आई. उन्होंने मुझे 1000 रुपए दिए मैंने मना किया तो बोलीं- ये तेरा गिफ्ट है.
मैं बहुत खुश था.

आपको मेरी ये चुदाई की कहनी कैसी लगी, मुझे लिखें.
मेरी आईडी है.
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