मेरी क्लासमेट की चूत चुदाई

चूँकि मैं अपनी कक्षा का सबसे बेहतरीन धावक था और दिखने में भी किसी से कम नहीं हूँ तो स्कूल में मेरे चर्चे होते रहते थे.

एक दिन मैं लंच में दोस्तों के साथ घूम रहा था तो पता नहीं कहाँ से एक केले का छिलका मेरे पैर के नीचे आ गया और मैं बराबर में चल रही उस नई क्लासमेट से टकरा गया और बस फिर उसने मुझे सॉरी बोला और मैंने उसे!
और हमारी बातों का सिलसिला शुरु हो गया।

उसकी एक सहेली से मेरा दोस्त फ्रेंडशिप करना चाहता था तो मैंने सपना से बात की और उन दोनों को मिलवा दिया.
एक दिन वो दोनों बेशरम हमारे सामने ही एक दूसरे को चूमने लगे तो पता नहीं मुझे क्या हुआ, मैंने भी सपना के लाल-लाल होटों पर अपने होंट रख दिए और वो भी मेरा साथ देने लगी.
लेकिन 1 मिनट के बाद उसने मुझे पीछे धकेल कर एक थप्पड़ रसीद कर दिया और वहां से चली गयी।
मेरे दिल पे तो पहाड़ टूट पड़ा कि एक ही पल में मैंने अपना दोस्त भी खो दिया और मैं अपने घर चला गया.

जब अगले दिन हम स्कूल आये तो सब कुछ सामान्य सा लग रहा था। उस दिन छुट्टी हुई और हम अपने घर चले गए. उस दिन शाम को उसका कॉल आया कि कल वो मेरे साथ घूमने चलना चाहती है. मैंने उसे उस दिन के लिए सॉरी बोला तो बोली कोई बात नहीं!
मैं खुश हो गया लेकिन तब मेरे दिमाग से चुदाई का ख्याल कोसों दूर था।

अगले दिन जब वो मुझे बस स्टॉप पे मिली तो वो कयामत ढा रही थी. दोस्तो, सब उसे ही घूरे जा रहे थे, आते ही बोलने लगी कि पहले उसे अपने दोस्त के घर कुछ काम है तो पहले वहाँ चलना होगा.
मैंने हाँ कर दिया और वो मेरी बाइक पर मुझसे चिपक कर बैठ गयी.

जब हम उसके दोस्त के घर पहुंचे तो देखा वहाँ ताला लगा हुआ था लेकिन उसने बाहर रखे एक गमले के नीचे से चाबी निकाली और ताला खोल कर अंदर घुस गयी. जैसे ही मैं अंदर घुसा, उसने तुरंत दरवाजा बंद किया और मेरे गले से चिपक गयी और मेरे मुँह मे अपना मुँह डाल दिया.
मैं भी तुरंत जोश में आ गया और उसे गोद में उठा कर सोफे पर लाकर पटक दिया और उस पर टूट पड़ा. हम दोनों 15 मिनट तक एक दूसरे को ऐसे चूसते रहे जैसे एक दूसरे को खा जायेंगे.

पता नहीं इस बीच हमारे कपड़े कब हमारे जिस्म से अलग हो गए. मैंने उसकी ब्रा और पैंटी को भी उसके जिस्म से उतार कर फ़ेंक दिया और उसजे मम्मों को दबाने लगा, चूसने लगा, कभी उसकी चूची चूसता तो कभी उसकी नाभि तो कभी उसकी चूत.
इस बीच वो दो बार पानी छोड़ चुकी थी. वो बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी, मैंने सोचा कि लोहा गर्म है, चोट मार देनी चाहिए तो मैंने अपने लन्ड और उसकी चूत पर थोड़ा सा थूक लगाया और उसकी चूत में अपना 6 इन्च और 4 इंच मोटा लन्ड घुसेड़ दिया.

उसकी चीख निकल गयी, मैंने उसका मुँह अपने होठों में दबा लिया उसकी चीख मेरे मुंह में ही घुट गयी. बस फिर क्या… मैंने ताबड़तोड़ धक्के लगाने शुरू किये और आधे घंटे बाद हम दोनों चरम पर पहुँच गए. मैंने अपना सारा माल उसकी नाभि पर गिरा दिया.

जब वो सामान्य हुई तो उसने सोफे पर खून देखा तो मैं और वो एक दूसरे की तरफ मुस्करा दिए. फिर उसने नाश्ता बनाया और बताया कि उसकी सहेली अपने परिवार के साथ 3 दिनों के लिए ऊटी गयी है और आज वो अपना पूरा दिन मेरे साथ बिताना चाहती है.

फिर नाश्ता करने के बाद हम दोनों बाथरूम में जाकर शावर चला कर नहाने लगे. दोस्तो, शावर के नीचे मुठ मारने का मजा ही अलग होता है और अगर चूत मिल जाये तो सोने पे सुहागा. बस हमारा एक और दौर शुरु हो गया, इस बार काफी देर तक हमने ताबड़तोड़ चुदाई की.
फिर हम दोनों बाथरूम से आकर बिस्तर पर लेते और पल भर में ही सो गए।

तीन घंटे बाद जब हमारी आँख खुली तो हमने बिस्तर पर चूत चुदाई का एक राउंड और खेला.

उसके बाद तो हमें चुदाई की लत ही लग गयी, बस जब देखो चुदाई!

आज मैं और वो मेरी क्लासमेट साथ नहीं हैं लेकिन मैंने उसके सिवा किसी लड़की को नहीं चोदा. लेकिन कभी कभी सोचता हूँ कि कोई लड़की भाभी या चाची ही मिल जाये जिसका मैं और जो मेरा पूरा फायदा उठा सके।

दोस्तो, मेरी क्लासमेट की चुदाई की कहानी कैसी लगी, मुझे अपने प्यार भरे मेल कीजिये.
[email protected]