कॉलेज गर्ल की चुत चुदाई पहले ही दिन

कॉलेज के पहले दिन मैं क्लास में बैठा हुआ बाकी स्टूडेंटस को आते देख रहा था. सब अच्छे अच्छे कपड़े पहन कर आ रहे थे, विशेष रूप से कॉलेज गर्ल.. आखिरकार स्कूल की वर्दी से मुक्ति जो मिल गई थी.

मैं देख रहा था कि तभी एक लड़का मेरे बगल में आकर बैठ गया. उसने मुझसे बातें करनी शुरू कर दीं.
लड़का- हाय.
मैं- हाय..
लड़का- तुम्हारा नाम?
मैं- हेमन्त.. और तुम?
लड़का- मनन.
मैं- कहाँ से हो?
मनन- यहीं भिवाड़ी का हूँ, तुम?

हम दोनों बातें कर ही रहे थे तभी हमारी बैंच पर एक लड़की आ कर बैठ गई.
मैं मनन से बोला- मैं तिजारा से हूँ.
लड़की- तुम तिजारा से हो?
मैं- हां, क्यों?
लड़की- तिजारा में हमारी रिश्तेदारी है इसलिए कहा.
मैं- कहाँ?
लड़की- इतना पता नहीं, हम वहाँ कम ही जाते हैं.
मनन- तुम कहाँ से हो?
लड़की- मैं तो यहीं की हूँ.
मैं- तुम्हारा नाम?
लड़की- रीमा.. और तुम दोनों?

रीमा एक सुन्दर हुस्न वाली कॉलेज गर्ल थी. गोरा रंग, उसका 32-26-33 का माप, 5’3″ का कद और डिज़ायन में कटे हुए कंधों से थोड़ा नीचे तक के बाल.
मनन- मैं मनन और ये हेमन्त.
रीमा- ओके.
मनन मुझसे बोला- तिजारा में कॉलेज नहीं है?
मैं- है.
रीमा- तो यहाँ क्यों?
मैं मजाक में बोला- लड़कियों को देखने.
रीमा- सिर्फ देखने या उनको चोदने?

उसकी इस बात पर मनन और मैं एक दूसरे को देखने लगे.

रीमा- ज्यादा मत सोचो.. मैं खुले विचारों की लड़की हूँ.. सबके साथ सब तरह की बात करती हूँ और चुदाई की बातों में मुझे मजा आता है.
मनन- चुदाई?
रीमा- बोला ना, मैं ऐसी ही हूँ, तुम लड़के कर सकते हो तो हम लड़कियाँ क्यों नहीं?
मैं- तब तो तुम्हारा ब्वॉयफ्रेंड भी होगा.. और तुम चुद चुकी होगी?
रीमा- नहीं, अभी तक तो नहीं है. अब कॉलेज में कोई न कोई बन ही जाएगा.

तब तक लेक्चरार सर आ गए और लेक्चर शुरू हो गया. पर पहले दिन सिर्फ इधर उधर की बातें हुईं जैसे कॉलेज के बारे में, अपने बारे में आदि इत्यादि.

इस बीच रीमा और मनन एक दूसरे से बातें करते रहे. ये दोनों बातूनी लोग निकले, रीमा, मनन की ओर आकर्षित होने लगी.

लेक्चरार सर के बाहर जाते ही हम तीनों भी बाहर आ गए.

मनन- मुझसे दोस्ती करोगी?
रीमा- हम तीनों तो आते ही दोस्त बन गए ना, तो पूछने की क्या बात?
मनन- अरे.. वैसी वाली दोस्ती.
रीमा- वैसी, वैसी कैसी वाली?
मनन- गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड वाली.
रीमा- क्यूं?
मनन- ऐसी दोस्ती क्यों करते हैं?
रीमा- मुझे क्या पता, तुम बताओ तुम्हें करनी है दोस्ती.

मैं उनकी बातें सुन कर हँस रहा था.
मनन- चुम्मा चाटी, चुदाई के लिए.
रीमा- पागल, खुल कर नहीं बोल सकता था? मैंने बोला था ना मैं खुले विचारों वाली लड़की हूँ.
मैं- तेरे विचार कुछ ज्यादा ही खुले हैं.
हम तीनों जोर से हँस दिए.

मनन- अब तो बोलो चुदाई वाली दोस्ती करोगी?
रीमा- हम्म्म… ठीक है, पर सिर्फ तुमसे ही नहीं करूंगी और भी मेरी चुत के दीवाने हुए तो उनके साथ भी दोस्ती करूंगी.
मनन- ठीक है, मेरे लंड की दीवानी और कोई आई तो मेरा लंड उसका भी होगा?
रीमा- ठीक है.

मैं- रीमा मेरा भी नम्बर आएगा क्या?
रीमा- हाँ… आ गया. अब एक दो और नम्बर लग जाएं बस.
मैं- तू ब्लू फिल्म बहुत देखती है?
रीमा- हाँ मुझे बहुत पसंद है, पर तुम्हें कैसे पता?
मैं- तू ग्रुप में चुदने की यानी ग्रुप सेक्स की योजना बना रही है ना इसलिए समझ गया.

बात करते हुए हम कॉलेज परिसर में घूम रहे थे. हम छत पर एक खाली कमरे में पहुँच गए. अन्दर से देखने पर पता चला ये एक स्टोर रूम था. जहाँ पुराना फर्नीचर पड़ा था.

रीमा ये देखकर एकदम से बोल पड़ी- लव पाईंट.
हम उसका मतलब समझ गए.
मनन- शुरू करें चुदाई का खेल रीमा?
रीमा- तुम दोनों ने पहले कभी किसी लड़की को चोदा है?
मैं- नहीं, तुम पहली होगी.

मनन- हाँ मैंने.. आलिया, परिणीति, कंगना, सनी लियोनी जैसी कई को सपनों में चोदा है.
रीमा- ओ तेरी.. ऐसे तो मैं भी सल्लू, रणवीर, रजत और भी कई से चुद चुकी हूँ.
मैंने हंसी बिखेरी.
रीमा- मतलब हम तीनों अभी तक कुंवारे हैं. तो अभी चुदाई नहीं, बाद में आराम से करेंगे.

हम दोनों भी मान गए. पर मनन ने उस नई आई कॉलेज गर्ल को ऊपर से नंगी कर दिया. उसके चुचे गोल और सुडौल थे.. बिना ब्रा के भी एकदम सीधे तने हुए थे, मतलब लटके हुए नहीं थे.

मनन ने उसका एक चुचा मुँह में भर लिया. रीमा ने इसका कोई विरोध नहीं किया. मैंने भी देर नहीं की और दूसरे चुचे को चूसने लगा.

यह हमारा पहला मौका था किसी लड़की के चुचे चूसने का.. इसलिए दोनों को मजा आ रहा था. साथ ही रीमा भी मजा ले रही थी. उसका भी पहला अनुभव था.

रीमा का चुचा चूसते हुए मैंने उसकी जींस का बटन और ज़िप खोल दी. मनन चुचा चूसना छोड़ कर उसकी जींस निकालने लगा. पर जींस टाईट थी, जींस उतारने में मैंने भी मनन की मदद की. मैं सोचने लगा कि लड़कियां पता नहीं कैसे इतनी टाईट जींस पहन लेती हैं.

अब हम दोनों ने बैंचों को एक तरफ कर दिया. बैग रखने वाली तीन बैंच को एक साथ मिलाकर उनका बैड बना दिया.

मेरे बैग में तौलिया था, आखिर गांव का जो हूँ. उससे हमने वो बैड साफ किया और नीचे भी आस पास साफ किया.

रीमा जो अभी तक सिर्फ पैंटी में थी, उसे उस बैड पर लेटा दिया. मनन ने फिर से उसके चुचों पर हमला कर दिया. मैं उसके पैरों के बीच जा कर पैंटी के ऊपर से उसकी चुत में उंगली करने लगा.

अब मैंने पैंटी को निकालने के लिए पैंटी की इलास्टिक में उंगली डाली. पर तुरंत ही रीमा ने मेरा हाथ पकड़ लिया.
मैं- क्या हुआ? करने दे ना. तुझे चोद थोड़ी रहे हैं.. तेरी चुत चाटनी है.
रीमा- चाट लेना, पर पहले तुम दोनों भी कपड़े उतारो.. तब मेरी पैंटी निकालना.

हम दोनों ने चड्डी को छोड़ कर अपने कपड़े निकाल दिए.

मनन- हमने तेरे सारे कपड़े उतारे. अब तू हमारी चड्डी उतार.

वो बैड से नीचे उतर गई. पहले मनन की तरफ बढ़ी और चड्डी के ऊपर से उसका लंड मसलने लगी.
रीमा- यार, तेरा तो बहुत बड़ा है.. और शरीर तो मस्त बना रखा है.. जिम जाता है?
मनन- लंड तो तुम अपनी चुत में लोगी, तब पता चलेगा कितना बड़ा है.. और जिम तो मैं एक साल से जा रहा हूँ.
मैं- मेरी बारी कब आएगी?

रीमा ने ये सुन कर मनन की चड्डी उतार दी. मनन का 6″ का लंड रीमा के सामने था. रीमा ने उसके लंड को हाथ में पकड़ कर देखा और किस किया. इसके बाद मेरे पास आकर रीमा घुटनों पर बैठ गई और लंड को चड्डी के ऊपर से मसलने लगी. फिर वो अपना चेहरा पास ला कर लंड की महक सूंघने लगी.

रीमा- महक तो अच्छी आ रही है, कोई परफ्यूम लगा रखी है क्या?
मैं- नहीं, साबुन और पसीने की मिलावट होगी.

रीमा ने फिर मेरी चड्डी उतार दी. चड्डी उतारते ही मेरा 5″ लंबा और 3″ मोटा लंड उसके होंठों को छूता हुआ उसकी नाक पर लगा.

मैं- लगता है.. मेरे लंड को तेरे मुँह में जाना है.

रीमा ने ये सुनकर तुरंत मेरा लंड मुँह में ले लिया. आह.. पहली बार लड़की के मुँह में लंड गया.. मजा ही आ गया.

फिर रीमा को मैंने गोद में उठा कर बैड पर लिटा दिया. रीमा ने उंगली के इशारे से मनन को बुलाया. मनन के आते ही रीमा ने उसके बाल पकड़ कर अपने चुचों पर मुँह लगा दिया.

मैंने उसके पैरों को पकड़ कर फैला दिया. उसकी चुत एकदम साफ थी. एक भी बाल नहीं था.
मैं- रीमा चुत कब साफ की?
रीमा- कल, आज कॉलेज में आना था ना इसलिए.. जो सोच कर आई थी, वही हो रहा है. तू मेरी चुत चाट जल्दी से.. मुझसे इंतजार नहीं होता.

मैं उसकी चुत चाटने लगा.. बीच बीच में मैं उसकी चुत में जीभ डाल देता, जिससे वो मचल जाती और अपनी चुत ऊपर कर देती.

वो नागिन की तरह अपने शरीर को ऊपर नीचे करने लगी. जब वो चुत ऊपर करती तो मेरी जीभ उसकी चुत में अन्दर तक घुस जाती. मैं उसकी चुत चाटते हुए और जीभ से चोदते हुए उसकी गांड में उंगली करने लगा. ऐसा करने से रीमा पागलों की तरह मचलने लगी.

अब मनन ने रीमा के चुचे चूसना छोड़ कर मुझे हटने के लिए बोला. मैं हट गया और मनन ने उसकी चुत में मुँह लगा दिया और चाटने लगा.मैं बैड पर चढ़कर रीमा के मुँह पर बैठ गया.. दोनों तरफ पैर करके. उसके मुँह में अपना लंड घुसा दिया. वो मेरा लंड चूसने लगी.

रीमा ज्यादा गर्म हो गई थी तो जल्दी झड़ गई. उसने मेरा भी वीर्य लंड चूस कर माल निकाल दिया और पी गई. बाद में मनन का लंड मुँह में लिया, उसका वीर्य भी निकाला और उसका रस भी पी गई.

फिर हम तीनों ने कपड़े पहने, पर मैंने रीमा को ब्रा नहीं पहनने दी.
रीमा- क्या हुआ?
मैं- तेरे चुचे तो वैसे ही टाईट है, आसमान को देखते रहते हैं तो तुझे ब्रा पहनने की क्या जरूरत.
रीमा- ठीक है, मेरे चुचों के दीवाने.. आज के बाद ब्रा नहीं पहनूंगी.. और अब ये ब्रा तू ही रख.

ऐसा कहते हुए उसने अपनी ब्रा मेरी चड्डी में घुसा दी, जो लंड को ढक रही थी.
मैं- इसे मैं रख कर क्या करूंगा?
रीमा- तु मुठ्ठी मार लिया कर अपना वीर्य इसमे छोड़ दिया कर.. और तू इसे अपनी जींस में ही रख, बाहर से पता ही नहीं लग रहा.
मैं- ठीक है.

फिर हम लव पाईंट से बाहर निकल आए और कॉलेज के पार्क में बैठ गए और बातें करने लगे. हमने आपस में अपने नम्बर बदल लिए.
तब तक मनन किसी काम की बोल कर चला गया. रीमा ने उसे रोकना चाहा, पर वो नहीं रुका.
मैं- तू उसे इतना क्यों रोक रही थी?
रीमा- चुदने के लिए.
मैं- पर तूने तो चुदने से मना कर दिया था ना?
रीमा- मना नहीं किया था, बाद में चुदने को बोला था.
मैं- तो मैं हूँ ना.. आ जा फिर लव पाईंट में चलते हैं.
रीमा- नहीं वहाँ नहीं, घर पर चल खेलते हैं.

उससे बात करने पर पता चला कि उसके घर दिन में कोई नहीं रहता. मम्मी-पापा बिजनेस संभालते हैं और छोटी बहन स्कूल में होती है.

हम वहाँ से रीमा के घर जाने लगे तो कॉलेज के गेट पर गार्ड के साथ चपरासी बैठा था. हमने उनसे ऊपर वाले स्टोर रूम की जानकारी ली. पता चला कि वहाँ कभी कोई नहीं जाता और जब फर्नीचर टूटता है, तो ही रखने जाता है और अभी कॉलेज में नया फर्नीचर था.

हम दोनों सुन कर खुश हुए और रीमा अपनी स्कूटी पर मुझे बैठा कर अपने घर ले गई.

उसका घर बहुत बड़ा था. घर में जाते ही वो मुझे अपने बैडरूम में ले गई. वहाँ जाकर उसने मुझे गद्देदार बिस्तर पर धक्का दे दिया और मेरे ऊपर आ कर बैठ गई.
रीमा- क्या लेगा.. चाय या ठंडा?
मैं- कुछ भी, पर पहले पानी.
रीमा- पानी की जगह मेरा शु-शु चलेगा?
मैं- अभी तो पानी ही पिला, तेरे शु-शु की बाद में सोचूंगा.

वो पानी ले आई. जब मैं पानी पी रहा था तो उसने अपने कपड़े उतार दिए. अब उसके शरीर पर सिर्फ पैंटी थी, उसने मेरे पास आकर मेरे लंड को पकड़ लिया, मेरा लंड खड़ा होने लगा.
फिर वो खाली गिलास ले कर रसोई में चली गई और फ्रूटी की बोतल ले आई.

रीमा ने बोतल खोल कर टेबल पर रख दी और मेरे कपड़े उतार दिए, चड्डी भी. चड्डी के साथ उसकी ब्रा भी आ गई.
मैंने भी उसकी पैंटी निकाल दी.

अब वो मुझे फ्रूटी पिलाने लगी. कभी अपने चुचों पर गिरा कर, तो कभी चुत पर डाल कर. साथ में खुद भी मेरे लंड पर गिराकर पीने लगी.

अब हमने एक दूसरे को चूमना चाटना शुरू किया.. हम गर्म होने लगे. वो मेरे लंड को हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी. मैं भी उसकी चुत और गांड में उंगली घुमाने लगा.

रीमा- हेमन्त.. मुझे आज सब कुछ करना है. मैं चाहती हूँ, तू मेरी चुत के साथ गांड भी चाटे.. और मैं तेरा शु-शु भी पीना चाहती हूँ, तुझे अपना पिलाना भी.. बोल करेगा ऐसा?
मैं- ठीक है.. आज सब करके देखते हैं. पर गांड चाटने के लिए पहले अच्छे से साफ कर ले.

हम दोनों उसके कमरे के अटैच बाथरूम में घुस गए. वहाँ पहले रीमा ने पानी दाल दाल कर अपनी गांड धोई, फिर मैंने उस कॉलेज गर्ल की गांड में उंगली डाल कर उसकी गांड अच्छे से साफ़ की. मैंने उसके साथ खूब मस्ती की और उसने भी मजा लिया. उसने मेरी झांटें शेव करके साफ कर दीं. हम दोनों अच्छे से नहा कर बाहर आए. अब वो मुझ पर टूट पड़ी.. यहाँ वहाँ चूमती रही और लंड से खेलती रही.

मैं भी उसे चूम चाट रहा था. उसके नंगे शरीर पर उंगलियां चला रहा था. उसकी चुत में बीच की उंगली डाल कर उसे उठा दिया और उसे बैड पर लिटाया.

उंगली डाल कर उठाने पर उसे दर्द हुआ पर मजा भी आया. मैं उसके ऊपर कूद पड़ा और उसे ऊपर से नीचे तक चाटने लगा. उसका गला, चुचे, उसकी नाभि, उसकी चुत, जाँघों और घुटनों पर चूमा. उसकी पैरों की उंगलियों को चूसा. फिर उसे उल्टा कर उसकी टांगें चाटीं, घुटने के पीछे, जाँघों पर, कूल्हों पर भी खूब जुबान चलाई.

फिर मैं उसकी गांड में लग गया. उसकी गांड साफ की थी तो उसकी गांड में एक दो बार जीभ अन्दर घुसा दी. गांड के छेद के चारों तरफ जीभ फिराई. फिर गांड से रीढ़ की हड्डी पर ऊपर तक जीभ से चाटा.. उसकी बगलों को भी चचोरा.

इस सबसे वो पागल हो गई और मचलने लगी. अब वो मेरे ऊपर आ गई. मुझे चूमने लगी. शरीर पर बाल होने की वजह से उसने ज्यादा चाटा नहीं.. पर चूमा सब जगह.
फिर उसने लंड मुँह में ले लिया.. लंड चाटा, चूमा, आंडों को भी मुँह में भर लिया.

रीमा- चल अब चोद दे मुझे.

मैंने उसे 69 की पोज में किया और उसकी चुत चाटने लगा. जीभ से उसके चुत के दाने के छेड़ने लगा. फिर एकदम से उसकी चुत में जीभ डाल दी. वो उछल पड़ी.

वो भी मेरा लंड मस्ती से चूस रही थी. बीच बीच में लंड बाहर निकाल कर मुठ्ठी मारती और फिर चाटती.

रीमा- यार, अब तो घुसा दे अपना लंड मेरी चुत में.. सील तोड़ दे मेरी.

मैंने उसे सीधा किया और अपना लंड उसकी चुत के द्वार पर लगा दिया. मैंने एक झटका दिया, पर लंड फिसल गया. मैंने दूसरा झटका दिया, साला फिर से फिसल गया. उसने मुझे चुत में और लंड पर तेल लगाने को बोला.

मैंने वैसा ही किया, ड्रेसिंग टेबल से तेल की बोतल उठा कर उसकी चुत में उड़ेल दी और उंगली से अन्दर तक घुसा दिया.

फिर उसने तेल मेरे लंड पर मला और चित लेट कर एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चुत के छेद पर रख कर जोर से गांड को उठा दिया. इधर मैंने भी जोर का धक्का लगा दिया. मेरा आधा लंड उसकी झिल्ली तोड़ता हुआ अन्दर घुस गया. मेरे लंड का धागा भी टूट गया, मुझे दर्द हुआ.

वो झटपटाने लगी और जोर से चिल्लाने लगी.. मैं रुक गया. जब वो नॉर्मल हुई तो मैंने फिर से धक्का लगाया और पूरा लंड उसकी चुत में घुसा दिया. अब मैं धीरे धीरे लंड को उसकी चुत में आगे पीछे करता रहा. जब उसने अपनी कमर उठा कर मेरा साथ देना चालू किया.. तो मैंने स्पीड बढ़ा दी.

थोड़ी देर में वो झड़ गई. फिर 8-10 धक्कों में मेरा भी वीर्य निकल गया.. जिसे मैंने उसकी चुत में ही छोड़ा. कुछ समय आराम करने के बाद रीमा ने मेरा लंड फिर से मुँह में ले लिया. मेरा लंड फिर से चुदाई करने के लिए तैयार हो गया.

मैंने उसे घोड़ी बनने को कहा.. तो वो तुरंत बन गई. मैंने उसकी गांड में तेल डाला और उंगली डाल कर जगह बनाई.

जगह बन जाने पर मैंने उसकी गांड के छेद पर लंड रख दिया और एक जोर का झटका दिया. वो इस धक्के को सम्भाल नहीं पाई और गिर गई. उसे काफी दर्द हुआ तो वो रोने लगी.

मैंने वैसे ही फिर एक और धक्का दिया. लंड अब उसकी गांड में घुस गया था. कुछ देर उसकी गांड मारने के बाद मैंने उसे आगे से लंड डाल कर अलग अलग पोज में चोदा.

इस बार हमारी चुदाई ज्यादा देर चली. मैंने उसकी तीन बार चुत चुदाई और एक बार गांड चुदाई की.

फिर जैसा रीमा ने बोला था.. हमने एक दूसरे का मूत पीने का नेट पर पढ़ा था कि मूत पीने से कोई बीमारी या खतरा तो नहीं था.. इसलिए मूत्र पी लिया. उत्तेजना के चलते हम दोनों को ये करना अच्छा लगा.

हम दोनों थक कर एक घंटे के लिए नंगे ही सो गए.

यह मेरी पहली चुदाई की कहानी थी एक कुंवारी कॉलेज गर्ल की चुदाई की! आपको कैसी लगी मुझे ईमेल कीजिएगा [email protected] पर!
धन्यवाद