कॉलेज गर्ल का बुर चोदन, कुंवारी बुर की पहली चुदाई

मैंने देखा है कि यहाँ स्टोरी पोस्ट करने वाले सभी लोग कहते हैं कि यह स्टोरी सच्ची है.. लेकिन ज़्यादातर वो फेक सी लगती हैं। मैं जो इन्सिडेंट आपके साथ शेयर कर रहा हूँ.. वो एकदम सच है। भले ही आप उसे सत्य मानें या नहीं ये आप पर निर्भर करता है।

बात आज से दो साल पहले की है.. जब मैं बी.कॉम के सेकंड ईयर में था, मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती थी रिया (नाम परिवर्तित)। मैं उसको बहुत पहले से जानता था.. लेकिन मैंने उसे ठीक से तब जाना, जब उसने मेरे कॉलेज में बी.कॉम में ही दाखिला लिया।

उस टाइम वो 19 साल की थी। उन दिनों उसे बी.कॉम की स्टार्टिंग में अकाउंट्स में प्राब्लम आती थी। जबकि मैं शुरू से ही पढ़ने में बहुत इंटेलिजेंट था।

साथ पढ़ने के कारण उससे दोस्ती हो गई और मैं उसके घर अक्सर आने-जाने लगा था। उसने एक दिन मुझसे बोला- मुझे अकाउंट्स में प्राब्लम आ रही है.. तुम मुझे थोड़ा बहुत बता दोगे क्या?

रिया को मैंने मना नहीं किया क्योंकि वो मेरी पड़ोसी होने के साथ-साथ अब मेरी दोस्त भी थी।
मैंने रिया को बोला- मैं शाम में फ्री रहता हूँ.. तुम शाम में मेरे घर पर आ जाना।

वो उसी दिन शाम को मेरे घर पर आ गई, मैं उस टाइम सो रहा था, वो मेरे रूम में आई और मुझे उठा दिया। मेरा रूम मेरे घर के कॉर्नर में और बहुत पीछे को है।

उसने मुझे उठाया और पढ़ाने के लिए कहने लगी। मैं उठा ओर मुँह धो कर आया और उसकी बुक देखने लगा। पहले दिन मैंने उसे पूरी ईमानदारी और बहुत अच्छे तरीके से पढ़ाया। वो चली गई.. और दूसरे दिन फिर आ गई।
उसने मुझे रोज की तरह उठाया और हम लोग पढ़ने के लिए बैठ गए। उन दिनों गर्मियां थीं इसलिए मेरे रूम में कूलर चल रहा था।

हम लोग इधर-उधर की बातें कर रहे थे। मैंने अपने फ्रेंड रिहान के बारे में पूछा, जो उसका क्लोजफ्रेंड था.. शायद ब्वॉयफ्रेण्ड भी था।
रिया ने कोई जवाब नहीं दिया।
मैंने उसे पढ़ाया और वो चली गई।

अगले दिन जब वो आई तो मैंने पहले से सोच रखा था कि आज तो रिया से सच पूछ कर ही रहूँगा।
वो आई.. उसने मुझे रोज की तरह नींद से जगाया और हम लोग पढ़ाई के साथ-साथ इधर-उधर की बातें करने लगे।

मैंने रिहान के बारे में उससे फिर पूछा, उसने कोई जवाब नहीं दिया, मैंने मस्ती के मूड में आकर उसका एक बूब दबा दिया।
वो ज़ोर से चिल्लाई- ये क्या हरकत है?
कूलर चलने की वजह से घर में किसी को कुछ सुनाई नहीं पड़ा। फिर भी मैं उसके चिल्लाने से डर गया। शायद मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था, मैंने उससे ‘सॉरी’ बोला.. वो मान गई।

किसी लड़की के साथ ऐसी हरकत की जाए और वो एक ‘सॉरी..’ में मान जाए.. ये बात कुछ जमती नहीं है।
उस दिन हम लोगों ने बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं की।

वो अगले दिन आई.. उसने मुझे नींद से जगाया और मैं उसे रोज की पढ़ाने लगा। आज उसका ध्यान पढ़ाई में ना होकर कहीं और था।
मेरे बहुत पूछने पर भी उसने मुझे नहीं बताया, वो थोड़ी गुमसुम थी।
मुझे लगा कि रिहान से इसकी कोई बात हुई होगी। मैंने उससे भी ये बात बोली भी.. लेकिन उसने मना कर दिया।

मैंने रिया हाथ पकड़ कर बोला- तुम मेरी अच्छी फ्रेण्ड हो ना, प्लीज़ मुझे बताओ क्या हुआ है?
उसने बोला- मुझे एक दोस्त की जरूरत है।
मैंने कहा- मैं हूँ ना तुम्हारा दोस्त.. मुझसे सारी बातें शेयर किया करो।

उस दिन मैं उसके बहुत करीब था। लगभग उसकी सारी बॉडी मुझे छू रही थी। उससे टच होने से मेरी बॉडी में करेंट सा दौड़ रहा था।
वो भी क्या चीज थी यार.. बोली- तुम्हें कैसे एक्सप्लेन करूँ?
फिर हम दोनों के बीच और कोई बातचीत नहीं हुई और कुछ हुआ भी नहीं।

अगले दिन वो फिर से आई हम लोग बैठ गए। वो आज एक ब्लैक कलर का सूट पहन कर आई थी। इस सूट में वो बहुत मस्त लग रही थी। उसके गोरे शरीर पर काला सूट और वो भी बिना आस्तीन का बहुत कहर बरपा रहा था। मेरे तो होश ही उड़ गए।

मैंने उसे ‘हाय फ्रेण्ड..’ बोला और हम दोनों पढ़ने के लिए बैठ गए।

उसको देखने के बाद आज मैं फुल मूड में आ गया था, मैंने रिया को बोला- तू मेरी फ्रेंड है ना तुझसे कुछ पूछूँ.. मुझे बताएगी?
रिया ने ‘हाँ’ बोल दिया।

मैं रिया से उसके मम्मों की तरफ़ देखकर बात करने लगा। उसने मेरी इस हरकत को नोटिस कर लिया था।
वो बोली- क्या देख रहे हो समीर?
मैं- तुम्हारे ये कितने बड़े और वेलशेप्ड हैं।
रिया- तुम फिर से फालतू बातें करने लगे ना?
मैं- फ्रेंड्स में इतना तो चलता है यार।
रिया- तुम्हें ये सब अच्छा लगता है क्या?
मैं- नहीं तो.. बस ऐसे ही, वैसे इनकी साइज क्या है?
रिया थोड़ा गुस्से में चटक कर बोली- पूरी 34 इंच..
मैं- ये ब्रा की साइज है क्या?
रिया ने अपने मम्मों की तरफ इशारा करते हुए कहा- नहीं.. ये इनकी है.. मैं ब्रा 32 नम्बर की पहनती हूँ।
मैं- ओके गुड.. लेकिन तुम्हें टाइट नहीं लगता?
रिया- नहीं, छोटी पहनने से ज्यादा बड़े नहीं लगते।

मैं ये बात करके और उसके जवाब सुन कर एग्ज़ाइटेड हो गया। मैंने उसके मम्मों पर अपने हाथ रख दिए ओर दबाने लगा। वो भी कुछ नहीं बोली और उसने अपनी आँखें बंद कर लीं।

मैंने इसी चीज का फायदा उठाते हुए रिया कि चेहरे पर किस करना चालू कर दिया। उसकी साँसें मुझे गर्म कर रही थीं। मैंने उसके दोनों मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा।

उसने मुझे दो मिनट बाद रोक दिया, वो कहने लगी- मुझे दर्द हो रहा है।
मैंने उससे लिप किस करने को कहा.. तो उसने मुझे मना कर दिया और बोली- ये किस एक स्पेशल वन के लिए है.. जो मेरा हस्बैंड बनेगा।
मैंने कहा- ठीक है।

उस दिन के बाद वो रोज आती और रोज हम एक घंटा एक-दूसरे को चूसते रहते। हम दोनों कभी भी उससे आगे कुछ करने का मौका नहीं मिल रहा था क्योंकि हम रूम बन्द कर नहीं सकते थे और घर पर मम्मी रहती थीं।

एक दिन रिया घर आई और हम लोग पढ़ने लगे। इतने में मम्मी को पड़ोस में जाना था.. तो मम्मी कमरे में आईं और बोलीं- मैं पड़ोस में जा रही हूँ, थोड़ी देर में आ जाऊँगी।

ये सुनकर मैं ख़ुशी के मारे मन ही मन नाचने लगा।

मम्मी के जाते ही मैं मेनगेट बंद करके आ गया। मैंने देखा कि रिया मेरे रूम के बिस्तर पर लेट गई है। मैं भी बिस्तर पर आ गया और उसको चूमने लगा।

उस दिन भी रिया ने ब्लैक सूट पहना था।

मैं उससे बोला- आज तेरे साथ कुछ करने का मेरा बहुत मन कर रहा है।
उसने कहा- क्या करने का?
मैंने कहा- तू मेरी अच्छी दोस्त है ना?
रिया- हाँ हूँ।
मैं- मैं तेरे पूरे जिस्म पर एक-एक इंच पर किस करना चाहता हूँ.. बिना कपड़ों के।

रिया- नहीं समीर.. मैंने आज तक किसी के सामने कपड़े नहीं उतारे हैं और वैसे भी उसके बाद मेरा मन करने लगेगा।
मैं- मन करने लगेगा.. मतलब किस चीज को मन करने लगेगा?
रिया- इतने मासूम मत बनो।

मैं- प्लीज रिया बस एक बार.. उसके बाद मैं तुम्हारी हर बात मानूँगा प्लीज़ एक बार करने दो ना.. आज मत रोको।
रिया- नो.. मैं अभी तक कुंवारी हूँ.. बहुत दर्द होगा।
मैं- मैं आराम से करूँगा.. अगर तुम्हें दर्द हो तुम मुझे रोक देना.. मैं नहीं करूँगा।
रिया- ओके.. लेकिन आराम से करना।
मैं- आई लव यू रिया।
रिया- आई लव यू टू।

फिर हम दोनों ने किस करना स्टार्ट किया, हम दस मिनट तक किस करते रहे।
इसी बीच मैंने उसका कुर्ता उतार दिया। उसकी ब्रा सच में उसके मम्मों से बहुत छोटी थी। मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसके निप्पलों को चूसने लगा।
वो पूरी तरह गर्म हो गई थी, मेरे सर को अपने चूचों पर दबा रही थी।

यह फर्स्ट टाइम था.. जब मैं किसी लड़की के मम्मों को चूस रहा था। मैंने उसके मम्मों काफी देर तक चूसा। फिर मैंने उसकी सलवार उतार दी।

वो अब मेरे सामने केवल पेंटी में थी। उसकी पेंटी चूतरस से पूरी गीली हो चुकी थी। मैंने उसकी पेंटी उतारी और उसकी अनचुदी बुर में उंगली डाल दी।
वो मचल गई और उसने अपनी टांगें मेरे हाथ को दबाते हुए बंद कर लीं।

मैंने उसकी टाँगों को खोला और अपनी ज़ुबान उसकी बुर पर लगा दी। वो उछल पड़ी।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
उसने कहा- पहली बार किसी ने मेरी बुर पर जीभ लगाई है।

अब मैं उसकी बुर चूस रहा था, वो मचल रही थी और सीत्कार कर रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… बहुत अच्छा लग रहा है.. और चूसो.. समीर.. पूरा चूस लो आज इसको.. आअहह.. इहह.. आई लव यू.. समीईईरर.. आह्ह.. और चूसो मेरी बुर को आअउहह.. आह.. हाय..

वो अपनी तेज चुदास की ठरक के चलते मेरा मुँह अपने पैरों से अपनी बुर पर दबा रही थी। मैं कुछ मिनट तक यूं ही उसकी बुर चुसाई करता रहा।
तभी अचानक उसकी बुर का झरना फूट गया और मेरा पूरा मुँह उसकी बुर की मलाई से सन गया। मैंने भी मजे से उसकी बुर की मलाई को चाट लिया।

अब वो निढाल हो चुकी थी, मैं उसकी बुर को अब भी चाट रहा था, वो फिर से गर्म होने लगी थी। कुछ देर बाद वो मेरे लंड को अपनी बुर में लेने के लिए मचलने लगी- मुझे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.. प्लीज़ समीर अपना लंड पेल दो मेरी बुर में.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी।

उसकी बुर की मचलन को देखते हुए अगले ही पल मैंने अपने पूरे कपड़े उतार दिए थे। मैंने उसे अपना लंड दिखाते हुए हिलाया तो वो बहुत डर गई- ओह.. इतना बड़ा और मोटा.. मुझे बहुत दर्द होगा.. है ना!
मैं- नहीं होगा.. अगर दर्द हुआ तो मुझे बोल देना.. मैं रुक जाऊँगा।

मैंने अपना फनफनाता हुआ लंड उसके होंठों पर टच किया तो रिया मुझे घूरने लगी। मैं समझ गया कि ये लंड मुँह में नहीं लेना चाहती।

अब तक मेरा लंड पूरी तरह से तन गया था। मैंने लंड चुसाने की बात रहने दी और उसकी बुर के पास आकर लंड टिका दिया। अगले ही पल उसकी टांगें मेरे लंड को लीलने के लिए खुल गईं और मैंने उसकी बुर में लंड अन्दर ठेल दिया।

जैसे ही मैंने लंड का सुपारा बुर के अन्दर डाला.. तो रिया चिल्लाने लगी। उसकी छोटी सी बुर के हिसाब से मेरा लंड बहुत बड़ा था.. उसे दर्द हो रहा था। उसकी बुर अभी तक कुंवारी भी थी इसलिए मैंने पहले तो सोचा कि रुक जाऊँ। पर मैंने उसकी चिल्लम-पों को अनसुना किया और एक और ज़ोर से धक्का मार दिया।

इस धक्के से मेरा लंड थोड़ा और अन्दर घुस गया। रिया की हालत बहुत खराब हो उठी वो हाथ पैर पटकने लगी।
फिर मैंने लंड थोड़ा सा बाहर निकाला और ज़ोर से अन्दर पेल दिया, इस बार पूरा लंड रिया की बुर में जड़ तक घुस गया।

रिया चिल्लाने लगी और कहने लगी- ओह्ह.. समीर मैं मर गई.. बहुत दर्द हो रहा है.. प्लीज़ प्लीज़.. बाहर निकाल लो।

मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में ले लिया। मैं उसकी बात नहीं सुनना चाहता था मुझे मालूम था कि थोड़ी देर में ये ‘लंड.. लंड..’ चिल्लाएगी।

मैं ज़ोर ज़ोर से उसकी बुर में लंड को अन्दर बाहर करने लगा। थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ, तो वो खामोश हो गई। फिर मैं धीरे-धीरे लंड को अन्दर-बाहर करने लगा। अब उसे भी मजा आने लगा था और वो भी मेरा साथ देने लगी थी।

कुछ देर के बाद मेरा लंड रिया की बुर की गहराइयों में खेल रहा था। हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था।

करीब दस मिनट की मस्त बुर चुदाई के बाद मैं अब झड़ने वाला था।

मैंने अपना वीर्य उसकी बुर में ही छोड़ दिया। इतने में उसने भी एक पानी का फव्वारा सा छोड़ा। हम दोनों रज और वीर्य के मिलन को महसूस करने लगे।

कुछ देर बाद मैं उससे अलग हो गया और उसे चूमने लगा। मैंने उसके होंठों से अपने होंठों लगा लिए और उसके होंठों के रस को चूसने लगा।

वो मेरी छाती से अपने मम्मों को रगड़ते हुए कहने लगी- आज से तुम मेरे स्पेशल वन बन गए हो।

इस बुर चुदाई के बाद रिया और मैं बहुत क्लोज फ्रेंड्स बन गए थे। अब हम दोनों का साथ में कॉलेज जाना.. साथ आना.. घूमना-फिरना, खाना-पीना सब साथ-साथ होने लगा।

घंटों फोन पर बातें करना हमारा रुटीन बन गया था। मौका मिलने पर हम दोनों ने बहुत बार सेक्स का मजा भी लिया।

हमने कभी सोचा नहीं था कि हमें अलग भी होना पड़ेगा। लेकिन वो टाइम भी आ गया। पिछले साल जून में रिया की शादी हो गई है। उसकी शादी के बाद हम दोनों ने आपस में कभी सेक्स नहीं किया है।

लेकिन अब भी हम दोनों एक-दूसरे को लव करते हैं और एक-दूसरे को बहुत मिस करते हैं।

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