कुँवारी पिंकी की सीलतोड़ चुदाई -1

मैंने पिंकी को पहली बार देखा.. वो इतवार का दिन था और थोड़ी ठंड भी थी। दोपहर का समय हुआ.. तो मैं धूप सेंकने छत पर गया। मैंने देखा कि पिंकी कोई किताब पढ़ रही थी। उसके बाल गीले थे.. शायद वो थोड़ी देर पहले ही नहा कर आई थी। पिंकी ने नीले रंग का सूट पहना हुआ था।

पिंकी के घर में उसके मम्मी-पापा और उसकी छोटी बहन थी जिसका नाम सोनी था और वो पिंकी से एक साल ही छोटी थी। छत पर मैं खड़ा होकर उसको निहार रहा था.. अचानक उसकी नजर मुझ पर पड़ी तो वो मुझे देख रही थी और मैं उसे देख रहा था। उस टाइम तो कोई भी बात ना हो पाई।

फिर 2 दिन बाद मैंने स्कूल की छुट्टी क़र ली, मैंने सोचा आज तो पिंकी से बात करके ही रहूँगा।
उस दिन दोपहर में सब छत पर ही थे, पिंकी मुझे देख रही थी।
यूं ही वक्त बीतता गया.. शाम के 5 बज गए थे और अब छत पर पिंकी के सिवाए कोई नहीं था।

मैं- हैलो..
पिंकी- हैलो..
मैं- आपका नाम क्या है..?
पिंकी- मेरा नाम पिंकी है और आपका नाम?
मैं- मेरा नाम यश है। आप करती क्या हो?
पिंकी- मैं 12 वीं क्लास में पढ़ती हूँ और आप?
मैं- मैं भी 12 वीं क्लास में पढ़ रहा हूँ।

ऐसे ही हमने 2 घंटे बात की और वो ‘बाय’ बोली.. तो मैंने कहा- अगर आपको बुरा ना लगे तो क्या आप कल शाम को छत पर 7 बजे मिल सकती हो?
तो पिंकी ने कहा- ओके.. ठीक है।
वो यह बोल कर चली गई।

दोस्तो… क्या बताऊँ.. रात में मुझे उसके मम्मे ही याद आ रहे थे.. तो मैंने 2 बार पिंकी के नाम की मुठ मारी.. और सो गया।

फिर अगले दिन शाम के टाइम 7 बजे वो छत पर आई। उसने लाल रंग का टॉप पहना हुआ था और ब्लैक कलर की जीन्स पहनी हुई थी.. उसकी ड्रेस एकदम टाइट थी और खुले बाल में उसका मदमस्त जिस्म.. आह्ह.. मैं तो देखता ही रह गया।
वो मेरे पास आई और बोली- ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा- बहुत सुन्दर लग रही हो।

उसने ‘थैंक्स..’ बोला और ऐसे ही बात होने लगी।
अब रोज वो 7 बजे छत पर मिलती थी। ऐसे ही एक महीना हो गया.. फिर मैंने सोचा यार ऐसे कुछ नहीं होगा।

ऐसे ही एक दिन में 7 बजे पिंकी का छत पर इंतजार कर रहा था। दस मिनट बाद पिंकी आई और बोली- सॉरी यार आज थोड़ा लेट हो गई।
मैंने कहा- कोई नहीं..

लेकिन जब मेरी नजर पिंकी पर गई तो मैं तो देखता ही रह गया। उसने पिंक कलर की साड़ी पहनी हुई थी। वो एकदम परी लग रही थी।
मैंने पूछा- क्या बात है.. आज बहुत खुश लग रही हो?
पिंकी ने कहा- हाँ.. पर मुझे तुम से कुछ कहना है।
तो मैंने भी कहा- मुझे भी कुछ कहना है।
‘कहो?’

मैं- आई लव यू.. पिंकी..
पिंकी- सॉरी यार.. मैंने कभी ऐसा सोचा ही नहीं.. हम तो दोस्त हैं।
मेरा मूड ऑफ हो गया, मैंने कहा- सॉरी पिंकी..

और मैं नीच जाने लगा। इतने में पिंकी ने आवाज दी।
पिंकी- यश.. आई लव यू टू बेबी..
मैं जल्दी से उसके पास गया और उससे पूछा- सच में ना..!
उसने मुस्कुरा कर कहा- यस.. और मैं भी तुमसे यही बोलने आई थी.. पर तुमने पहले बोल दिया।

फिर क्या था.. मैंने पिंकी के बाल पकड़े और कमर पर हाथ को सहला कर उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिए और जोर-जोर से कभी उसके होंठों को चूसने के साथ-साथ काटने भी लगा। दस मिनट किस चलता रहा और साथ में मैं उसकी पीठ को सहलाता भी जा रहा था। अब मैंने एक हाथ उसके मम्मों पर डाला और ब्लाउज़ के ऊपर से ही सहलाने लगा, मेरा दूसरा हाथ उसकी पीठ को सहला रहा था।

पिंकी की ‘आहें..’ निकल रही थीं और वो धीरे-धीरे गर्म होने लगी, मैंने उसके ब्लाउज़ के बटन खोल दिए, पिंकी मना कर रही थी- कोई आ जाएगा.. रहने दो यार!

पर मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने जल्द ही उसकी ब्रा भी निकाल दी क्या मस्त टाइट मम्मे थे.. फिर मैंने उसके पूरे शरीर पर चुम्बन की बारिश कर दी.. जिससे वो गरम हो गई थी। फिर मैं उसके एक चूचे को दबा रहा था और दूसरे को चूस रहा था।

मेरी छत पर एक कमरा भी था.. तो मैंने छत की सीढ़ी के दरवाजे को बंद कर दिया।

अब मैंने पिंकी को गोद में उठा लिया और बेड पर ले जाकर लिटा दिया फिर मैंने उसके होंठों पर बहुत देर तक चुम्बन किया और उसके पूरे बदन पर हाथ सहलाता रहा था.. चुम्बन भी करता रहा।
अब मैंने उसकी साड़ी और पेटीकोट को उतार दिया और साथ में पिंकी ने मेरी टी-शर्ट को और पैन्ट को भी उतार दिया, उसने अन्दर पिंक कलर की ही पैंटी भी पहन रखी थी.. जो पूरी तरह से गीली हो गई थी।

मैंने देर न करते हुए पिंकी की पैंटी को उतारा.. तो देखा एकदम क्लीन और गुलाबी सी चूत रो रही थी।
मैंने देखा पिंकी को मजा आ रहा है, मैं पिंकी की चूत को चाटने लगा और एक उंगली उसकी चूत में डाली.. तो वो एकदम से आवाज आई- ह्ह्ह्हआआ.. ऊऊऊ.. ईईईई.. कहने लगी.. आराम से करो..

उसकी चूत बहुत ही टाइट थी.. अब मैं एक हाथ से उसके पेट पर हाथ सहला रहा था.. तो दूसरी तरफ उसकी चूत को चाट रहा था। पिंकी पूरी मदमस्त हुई पड़ी सिसकारियाँ ले रही थी।

फिर मैंने थोड़ी जोर लगा कर पिंकी की चूत में 2 उंगलियां डाल दीं और जोर-जोर से अन्दर-बाहर करने लगा। पिंकी की मस्त आवाजें आने लगीं।
‘आआहह.. ऊऊऊहह.. हम्मम्म.. यश अब मत तड़पाओ.. डालो न.. अपना लंड.. मेरी चूत में..’ वो मदमस्त होते हुए कह रही थी।

मैंने अपना अंडरवियर निकाला और उसको आँखें बंद करने को कहा।
पहले तो मैंने एक उंगली उसके मुँह में डाली उसको चूसने को कहा और फिर लंड उसके मुँह में डाल दिया।
उसने आँखें खोलीं तो वो अपना हटाने की कोशिश करने लगे.. पर मैंने थोड़ा कहा तो मान गई और लंड को चूसने लगी।

दोस्तो, सच बता रहा हूँ.. क्या मस्त मजा आ रहा था, मेरे भी मुँह से मस्ती भरी आहें निकलने लगी थीं- ऊऊऊ ओईऊऊ ओह्ह्ह ह्ह्ह..

फिर मेरी घड़ी में नजर गई तो देखा 8 बज रहे थे। मैंने देर करना ठीक नहीं समझा, मैंने उसकी टांगों को फैलाया और लन्ड उसकी चूत पर रगड़ने लगा, वो जोर-जोर से ‘आहें…’ भरने लगी।
मैंने लंड को चूत के मुँह पर रखा और हल्का धक्का लगाया.. पर लंड फिसल गया। पास में एक शीशी में सरसों का तेल रखा था, मैं अक्सर धूप में बैठ कर मालिश करता था तेल से तो तेल की शीशी वहीं रखी रहती थी, मैंने अपने लन्ड और पिंकी की चूत पर तेल लगा दिया।

उसकी चूत काफी गीली हो रही थी, लंड को मैंने चूत के मुँह पर लगाया और हल्का दबाव दिया.. लंड हल्का सा अन्दर घुस गया।
वो चिल्ला पड़ी- मम्म्म्म्ममिह.. आआह.. निकाल लो प्लीज.. तुम्हें मेरी कसम.. प्लीज.. बहुत दर्द हो रहा है.. आह.. यश ह्शश.. मम्म्ममि.. आह..

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मैं रुक गया और उसे सहलाने लगा और उसे चूमने लगा।

लगभग 5 मिनट तक किस करने के बाद वो हल्की-हल्की गाण्ड उठाने लगी। मैंने फिर एक धक्का दिया.. वो फिर जोर से चिल्ला पड़ी.. पर इस बार वो कुछ ज्यादा जोर से चीखी थी.. क्योंकि पिंकी की चूत से खून निकल रहा था और मेरा लन्ड भी खून से सन गया था।
फिर मैंने अपना लन्ड और पिंकी की चूत साफ की इस बार मैंने उसके होंठ चूस लिए और उसकी पीठ से हाथ डालकर उसकी गाण्ड को सहलाने लगा।

अब मैंने लौड़े को घुसेड़ कर हल्के-हल्के से अन्दर-बाहर करने लगा.. पर वो फिर चिल्लाने लगी लेकिन मैंने इस बार उसकी एक नहीं सुनी और झटके से लौड़ा जड़ तक उसकी चूत में घुसा दिया।
मैंने उसकी चीख तो अपने मुँह में दबा दिया था.. पर उसकी आँखों में आँसू निकल आए थे और उसे बहुत दर्द भी हो रहा था।

कुछ पलों के बाद वो शांत हुई और चूतड़ उठाकर मेरा साथ देने लगी और मैं उसको जमकर चोदने लगा।
वो अभी भी चिल्ला रही थी.. पर हल्के-हल्के।
वह ‘आह.. आह.. आअह्ह्ह.. आह..’ की आवाज निकाल रही थी।

ऐसे ही 20 मिनट ताबड़तोड़ चुदाई के बाद उसने अपनी टाँगें मेरे चारों तरफ लपेट लीं.. मुझे कसकर पकड़ लिया और जोर-जोर से सांसें लेकर झड़ने लगी।
मैंने भी लंड को पिस्टन की सी शक्ल दे दी और चुदाई की स्पीड तेज कर दी।

मेरा भी माल निकलने वाला था जब उसे लगने लगा कि मेरा माल आने वाला है.. तो उसने मेरी छाती पर हाथ मारकर धक्का दिया और बोली- अन्दर मत निकालना प्लीज..

पर मैं भी कहाँ मानने वाला था। उसकी एक भी नहीं सुनी और उसको कसकर पकड़कर जोर-जोर से 10-15 झटके मारे और सारा माल उसकी चूत में गिरा दिया और निढाल होकर उसकी चूचियों पर सर रखकर लेट गया।
दस मिनट तक वो लेटी रही और मैं उसकी चूत में लंड डालकर उसके ऊपर लेटा रहा।

मैं उसकी गाण्ड भी मारना चाहता था.. पर टाइम बहुत हो चुका था, मुझे खोजने कोई भी आ सकता था।
तो 10 मिनट बाद हम मैंने घड़ी में देखा 9 बज रहे थे। और फिर पिंकी मेरे होंठों पर एक चुम्बन दे कर और ‘आई लव यू बेबी’ बोल कर चली गई।

तो दोस्तो, इसके बाद मैंने पिंकी की गाण्ड भी मारी और सोनी की भी.. वो सब आगे की कहानी में लिखूँगा। फिर मुलाक़ात होगी। अपने मेल भेज कर मुझे बताएं मेरी सेक्स स्टोरी आपको कैसी लगी।
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