सौतेली माँ के साथ चूत चुदाई की यादें-5

जगत काफ़ी देर तक मुझको चोदता रहा था इसलिए दस मिनट में ही उसका पानी निकल गया. उसके लंड का रस आज चुत के अन्दर जगत ने छोड़ा था.
मैंने ये देखा तो बिंदु से पूछा- क्यों क्या इरादा है.. एक और बच्चा निकालना है इस चुत से.. मतलब हमारे लिए कोई भाई या बहन पैदा करना है?
वो बोली- नहीं यार.. आज कल पूरे सेफ दिन हैं और फिर मैंने पिल भी ली हुई है और सुबह भी ले लूँगी. अब यह काम तुम्हारी चुत का है ना कि मेरी चुत का. कोई नया लंड या चुत, तेरी चुत ही निकालेगी.

यह सुन कर मैं बिल्कुल चुप हो गई क्योंकि अब कुछ बोलने को बाकी ही नहीं बचा था.

बिंदु जगत से बोली- बड़ी डींगें हांक रहा था बे… मैं यह कर दूँगा, मैं वो कर दूँगा चुत में.. मगर तुम तो कुछ मिनटों में ही ढेर हो गए हो?
वो बोला- बिंदु अभी रूको… यह पानी जो निकला है, वो नेहा की चुत के लिए था जो उसने मेरे लंड को चुत में बहुत देर तक मसला था. तुम्हारे लिए तो ये बोनस था. अभी कुछ देर बाद तुम्हारी चुत का असली इंतज़ाम करूँगा.

वो दोनों फिर से चुत और लंड को आपस में मिला कर एक हो गए.. मगर मुझे नींद आने लगी थी सो मैं सो गई. मुझे नहीं पता कि वो कब तक चुदी और कब जगत के साथ मेरे रूम से गई थी.

अगले दिन जगत चला गया और अपनी चुदाई की यादें छोड़ गया. कब आएगा या नहीं आएगा, कुछ पता नहीं था.

कुछ दिन हम दोनों की चुत को कोई खुराक नहीं मिली, तो लंड के लिए तड़फ गईं. मैंने बिंदु से पूछा- क्या तुमको आज कल पापा नहीं चोदते?
वो बोली- नेहा क्या बताऊं.. तुम्हारे पापा आज कल तो मेरी तरफ देखते भी नहीं.. मैं पूरी नंगी होकर उनके साथ सोती हूँ मगर वो मुझे देखते भी नहीं. पता नहीं क्या प्राब्लम हो गई है उनको. जब देखो ऑफिस के किसी आदमी से बातें करते रहते हैं. रोज़ रात तो ऑफिस से लेट आना अब आम बात हो गई है. मैंने पता भी लगवाया था कि कहीं किसी और के साथ तो कोई चक्कर नहीं चला रहे, मगर ऐसा भी कुछ नहीं है.
मैंने कहा- ठीक है.. मैं खुद ही पता करूँगी ऑफिस में जाकर किसी से कि क्या प्राब्लम है पापा को.

फिर मैं उनके ऑफिस में गई, वहाँ मुझको सब जानते थे इसलिए सभी लोग बहुत रिस्पेक्ट देकर मिले. फिर मैंने उनके सेक्रेट्री से पूछा कि मैं तुमसे कुछ जानने आई हूँ.. मगर यह बात पापा को नहीं पता लगनी चाहिए.
उसने कहा- क्या बात हो गई जो आप उनसे छुपा कर मुझसे पूछना चाहती हैं.
मैंने उससे कहा कि आज कल पापा बहुत टेन्शन में रहते हैं, क्या कोई ऑफिस की प्राब्लम है या कुछ और बात है?

पहले तो झिझक कर कुछ भी बोलने से ना करने लगा. मगर जब मैंने उससे कहा कि तुम बिना झिझक के बताओ, मैं किसी से कुछ नहीं बताऊंगी.
तब उसने बताया कि कम्पनी लॉ बोर्ड ने किसी ऑफिसर को कुछ छानबीन करने के लिए कहा हुआ है. वो अधिकारी अगले कुछ दिनों में ही आकर कंपनी का रिकॉर्ड चैक करेगा और अगर उसमें कुछ ग़लत पाया गया तो क्रिमिनल केस भी चल सकता है.
मैंने कहा- उस अधिकारी के बारे में पूरी जानकारी जब आपको मिल जाए तो मुझे फोन कर देना.
उसने कहा कि वो सब उसके पास है और उसने उस अधिकारी की डीटेल्स मुझे दे दिए. उस अधिकारी की जिस होटल में बुकिंग हुई थी, उसकी डीटेल्स भी उसने मुझे दे दी.

फिर मैंने उससे कहा कि तुम पूरी जानकारी इकट्ठी करो कि उस अधिकारी की फैमिली में कौन कौन है और क्या करते हैं आदि इत्यादि.
उसने कहा- वो यह सब पता करके कल बता देगा.
मैंने उसको ये भी कहा कि तुमको मैं इस जानकारी के लिए अलग से बोनस दूँगी, जिसका किसी को भी पता नहीं लगना चाहिए.

अगले दिन उसने मुझको फोन करके बताया कि उस अधिकारी की वाइफ ने उसे डाइवोर्स दे दिया है.. इस आधार पर कि वो दूसरी लड़कियों के साथ घूमता है उसकी एक लड़की है, जो अपनी मदर के साथ रहती है.. मतलब कि उसकी डिवोर्स्ड वाइफ के पास.
मैंने उससे थैंक्स कह कर कहा- मैं आपसे मिलने जल्द ही आऊंगी और अपना वायदा पूरा करूँगी.. (मतलब की उसको कुछ पैसे बोनस के रूप में देने के लिए जाने के लिए सोचा)

मैंने यह सब बिंदु को बताया तो वो कुछ सोचने लग गई. फिर मुझसे बोली- अगर तुम मेरा साथ दो तो मैं तुम्हारे पापा को इस मुश्किल से निकाल लूँगी.
मैंने कहा- यह कोई कहने की बात है, जब कहो, मैं तुम्हारे साथ ही हूँ.
वो बोली- नहीं… मैं चुदवाने के लिए बोल रही हूँ.
मैंने कहा- किस से?
तो बोली- उसी अधिकारी से.. जो इंक्वाइरी करने आएगा.
मैंने कहा- मैं तैयार हूँ.

दो दिनों बाद वो अधिकारी आ गया और जिस होटल में रह रहा था, मैंने भी उसमें उसके साथ वाला रूम बुक करवा लिया अपने और बिंदु के नाम से.. ताकि कहीं कोई प्राब्लम हो तो भी रेकॉर्ड बोलेगा कि हाँ ये वहाँ पर रह रही थीं.

जिस दिन उसने होटल में आना था, उसी दिन हम लोग यह कह कर घर पर कि दो तीन दिनों के लिए किसी से मिलने जाना है… और जाकर होटल में शिफ्ट हो गए.

हम दोनों ने बहुत ही लूज टॉप खरीदे थे, जिससे ज़रा सा भी झुकने में पूरे मम्मे घुंडियों सहित नज़र आ जाते थे. स्कर्ट्स भी ऐसी ली थी, जो बहुत छोटी थी और चुत आराम से दिखाई जा सके.

जब वो अधिकारी आ गया तो देखा कि वो कोई 45-46 साल का आदमी था, बस फिर उसको फंसाने का पूरा इंतज़ाम कर लिया. जिस आदमी ने हमारी कंप्लेंट की थी, उसके भी डाटा इकट्ठे कर लिए थे. रात को जब वो अपने रूम में आया तो उसके आने के कुछ देर बाद बिंदु ने उसके रूम की घंटी बजाई. उसने दरवाजा खोला.

इसके आगे की कहानी आप बिंदु की जुबानी ही सुनेंगे तो आपको ज्यादा मजा आएगा.

तो दोस्तो, मैं अब बिंदु आपसे मुखातिब हूँ. कमरे का दरवाजा खुलते ही मैंने उससे कहा कि मैं साथ वाले रूम में हूँ और बोर हो रही थी, आपको अकेले देखा तो सोचा कि आपसे बात करके टाइम पास कर लूँ.. क्या मैं अन्दर आ सकती हूँ.
मेरी ड्रेस उस वक़्त ऐसी थी कि अगर कोई बूढ़ा भी देख लेता तो अपने लंड पर हाथ फेर लेता.

वो मेरे मम्मों को घूरता हुआ बोला- जी हां, आप अन्दर तशरीफ़ लाइए.

अन्दर जा कर मैंने जानबूझ कर दो तीन बार झुक कर उसको अपने मम्मों के दर्शन करवा दिए. जिससे मैंने देखा कि उसका लंड उसके काबू से बाहर होने लगा.
मैंने उससे कहा- क्या आप एक मिनट के लिए अपना फोन दे सकते हैं, मेरा फोन कुछ खराब हो गया है और इतनी रात को कहीं जाना भी मुश्किल है.. फिर मैं होटल के फोन से बात नहीं करना चाहती.

उसने हामी भर दी और अपना फोन देने लगा.
तब मैंने कहा- नहीं आप खुद ही मिला दीजिए इस नंबर पर.. मैं बात कर लूँगी.
वो नंबर देख कर चौंक गया क्योंकि यह जिस आदमी ने हमारी शिकायत की थी, उसी कमीने का नम्बर था.

उसने नम्बर तो मिला दिया, तो मैंने उसके देखे बिना ही काट दिया और बोलने लगी- मैं सर कल आपसे बात करूँगी.. अभी मेरा फोन ठीक नहीं है.
इतना कह कर मैंने उसे उसका फोन वापिस कर दिया.
जब मैं जाने लगी तो वो बोला- बैठिए कुछ ठंडा गरम लेंगी क्या?
मैंने इठलाते हुए झुक कर मम्मे दिखाए और कहा- आपके पास नाइट ड्रिंक तो होगी?

उसने मेरे निप्पल देखते हुए जीभ लपलपाते हुए कहा- आप भी क्या बात करती हैं, उसके बिना तो मैं रह ही नहीं सकता.
इतना कह कर उसने व्हिस्की की बॉटल और सोडा निकाल लिया और बोला- लीजिए आपकी सेवा में हाज़िर है.
मैंने चूत खुजाते हुए कहा- मैं अकेली नहीं पीती. मेरा पति यहाँ नहीं है, क्या आप उनकी तरह बन कर मेरा साथ दे सकते हैं?
वो तो यह सुन कर बहुत खुश हो गया, बोला- मैं तो आपका पूरी रात भी साथ दे सकता हूँ बस आप कुछ इशारा तो करें.
मैंने अंगड़ाई लेते हुए कहा- ठीक है, मुझे अकेले नींद भी नहीं आएगी. आपका साथ होगा तो फिर क्या बात है.

अब वो पूरा खुलता जा रहा था और इधर मैं झुक झुक कर उसको अपने मम्मे दिखा रही थे. दो तीन बार मैंने टांगें कुछ इस तरह से कर लीं कि उसकी नज़र मेरी चुत पर पूरी तरह से चली जाए.

हम दोनों ने जल्दी ही दो दो पैग हलक के नीचे उतार लिए. इसी बीच मैंने अपनी टांगें कुछ खोल कर पूरी झांट रहित चिकनी चुत दिखा दी. जब उसने मेरी चिकनी चूत देख ली.. तो वो आपे से बाहर हो गया.
वो मुझसे बोला- आप आराम से बेड पर बैठिए.. यहाँ पूरी तरह से आराम नहीं है.

मैं बेड पर लेट गई.. अपनी स्कर्ट जो जानबूझ कर चुत के पास तक ले गई जैसे कि मैं शराब पी कर नशे में आ गई हूँ और मुझे नहीं पता कि मैं किस तरह से लेटी हूँ.

मैंने उसकी तरफ देखा और आँख दबा दी. बस फिर क्या था, वो मुझ पर टूट पड़ा.. मुझे चूमने लगा. मैंने भी एक पल की देर नहीं लगाई और उसको अपने ऊपर खींच लिया. उसने झट से अपना लंड निकाल कर मेरी खुली चुत पर रख दिया.

मैंने भी गांड उठाते हुए कहा- जल्दी से डालिए ना.. बहुत खुजली हो रही है, पति तो ठीक तरह से चोदता नहीं, आप ही अपने इस हथियार से कुछ मज़े दिलवा दो.
वो बोला- जानेमन अभी तो खेल शुरू हुआ है.. आज तो पूरी रात हनीमून की तरह तुम्हारे साथ खेलूँगा.

फिर तो पूरा नंगा नाच शुरू हो गया. मेरे नाममात्र के ही कपड़े थे, उनको भी उसने उतार कर फेंक दिया और खुद भी नंगा होकर अपना 6 इंच लंबा 2.5 इंच मोटा लंड खड़ा करके मेरी चुत के सामने हिलाने लगा.
मैंने आँख मारी और इशारा किया तो उसने एक ही झटके में अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया. अब वो लगा धक्के पर धक्का मारने.

मैंने उससे कहा- क्या बात है.. आप इतने उतावले क्यों हो.. क्या घर पर वाइफ की चुत नहीं मिलती.
वो बोला- वो साली छोड़ कर चली गई है. आज बहुत दिनों बाद किसी चुत के दर्शन हुए हैं.. इसलिए रुका नहीं जा रहा है.
मैंने पूछा कि क्या बात हो गई, जो बीवी छोड़ कर चली गई. क्या उसे लंड लेना पसंद नहीं है या किसी और का लंड उसे पसंद आ गया था?
वो बोला- नहीं साली बहनचोद मुझ पर शक़ करती थी, जब कि मैं किसी और के पास गया भी नहीं. उसके छोड़ जाने के बाद आज तुम्हारे साथ ही यह सब कर रहा हूँ. तुमने आज अपनी चुत और मम्मे दिखा कर मुझे पूरा बेईमान बना दिया है. आज तो मेरा लंड मेरे काबू से बाहर हो चुका है. जानू अब तुम मेरे रूम में ही रहो, अपना रूम छोड़ दो. मैं अगले पूरे वीक यहीं हूँ. हम दोनों मिल कर अपनी रातें रंगीन करेंगे.

मैंने उस से कहा- मेरी चुत तो अब कुछ कुछ बूढ़ी हो गई है, अगर तुम चाहो तो मैं अपनी एक फ्रेंड को, जो अभी पूरी जवान है.. उसको भी ला सकती हूँ. वो इस काम में मेरी पार्ट्नर है. उसका अपने ब्वॉयफ्रेंड से झगड़ा हो गया है और वो किसी लंड से चुदने के लिए मुझसे कह रही थी. मैंने उससे कहा था कि अभी तो मेरा खुद का कोई जुगाड़ नहीं बन रहा, जैसे ही बनेगा.. मैं तुमको भी उसका स्वाद चखा दूँगी.

यह सुन कर उस अधिकारी का लंड मेरी चुत में ही कुछ ज़्यादा उछाल मारने लगा. वो मेरी चुत में एक जोर का शॉट मारते हुए बोला- नेकी और पूछ पूछ मगर तुम खुद को बूढ़ी चुत ना कहो. तुम नहीं जानती कि मेरी नज़रों में तुम्हारी क्या जगह है. वो साली बहनचोद जो मुझको छोड़ कर चली गई है, उसकी चुत से तुम्हारी चुत 100 गुना मस्त है.. मगर उस साली के नखरे आसमान को छूते थे.

उसने मुझे जब पूरी तरह से पेल लिया तो बोला- सुनो मैं अपना माल तुम्हारी चुत में गिरा दूं.. क्योंकि जब माल चुत में गिरता है, मज़ा तभी आता है और उसके बाद वो बाहर अपने आप ही आ जाएगा. मैं नहीं उसको बाहर करने वाला.
मैंने उसको चूमते हुए कहा- कोई बात नहीं.. मैं तुम्हारे बच्चे की माँ भी बन गई तो तुमसे शादी कर लूँगी.
यह सुन कर वो बहुत खुश हुआ.

खैर मैंने पहले ही पिल ली हुई थी, मुझे तो कोई डर ही नहीं था.

मेरी इस रसभरी चुदाई की कहानी पर आपके मेल की प्रतीक्षा रहेगी.
पूनम चोपड़ा
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ये रसभरी चुदाई की कहानी जारी है.