मुंबई की एक बड़ी मॉडल की चुदाई की कहानी

उन्हीं दिनों मेरी इन्सटाग्राम पर एक लड़की से दोस्ती हुई. चूंकि मैं हर लड़की की इज्जत करता हूँ… सो उस लड़की की खूबसूरत दिखती फोटो की तारीफ़ करने लगा.

इसके बाद मेरी उससे भी मैसेज बॉक्स में बातें होने लगीं. वो एक मॉडल थी. मुझे लगा कि इतनी बड़ी मॉडल भला मुझसे क्यों बात करेगी. ये बात मैंने भी उसे बताई… तो उसने मेरी इस मासूमियत पर फ़िदा होकर मुझे अपना नंबर दे दिया और कहा कि ये नंबर किसी को ना दूँ. तब जाकर मुझे यकीन हुआ कि वो रियली एक लड़की है और एक बड़ी मॉडल है. उसका नाम शिखा था. जब उसने मुझसे मेरे बारे में पूछा तो मैंने भी उसको अपने बारे में सब कुछ सच सच बता दिया. उसके साथ मेरी फोन पर भी बात होने लगी.

वो मुझसे बड़ी थी तो मैं उसे दीदी कह कर बुलाता था. उसके साथ फोन पर बात तब ही होती थी, जब वो फोन करती थी, तभी उसके साथ फोन पर कुछ देर बात होती थी. उससे बातचीत एकाध मिनट की ही होती थी, क्योंकि मैं उसे दीदी कहता था तो सेक्स चैट होने का तो कोई मतलब ही नहीं था… और ये तो आपको भी मालूम है कि लम्बी लम्बी गजलें सिर्फ सेक्स चैट में गाई और सुनाई जाती हैं, जिधर दीदी वाला मामला हो, उधर तो खुद से लगता है कि जल्दी से फोन काटो.

खैर इस तरह दिन चल रहे थे.
एक दिन मुझे उसका फोन आया- हैलो मैगी, कैसे हो?
मैं- मैं ठीक हूँ दीदी.
शिखा- सुन… मैं तुझसे मिलना चाहती हूँ… तू मुंबई आ जा.
“क्यों मुझे मुंबई क्यों बुला रही हो आप?”
“बस तू आजा… तुझसे मिलने का बहुत जी कर रहा है.”
मैं- लेकिन दीदी, अभी मेरे पास उतने पैसे नहीं हैं.
शिखा- अरे यार मैं भेज देती हूँ. अपना बैंक एकाउन्ट नंबर दो.
मैं- अरे दी… मैं ऐसे कैसे ले सकता हूँ.
शिखा- अरे मेरे प्यारे मैगी, दीदी भी बोलता है और ऐसा भी कहेगा? वैसे भी मुझे अपने भाई से बहुत जरूरी में मिलना है.

मैंने शिखा को अपने खाते की डिटेल भेज दी और उसने मुझे पैसे भेज दिए. फिर मैं घर से परमीशन लेकर मुम्बई चला गया. वो मुझे स्टेशन पर लेने आई. मैंने उसको पहली बार देखा था. मैं वास्तव में उसे देख कर हैरान था, वो बहुत ज्यादा खूबसूरत थी.

उससे पहली बार मिला तो मैंने उसे घूर कर देखा, शिखा हंस कर बोली- ऐसे क्या देख रहे हो मैगी?
मैंने उसकी तारीफ़ करते हुए कहा- दीदी, आप बेहद खूबसूरत हैं और बस मैं अपनी दी की खूबसूरती को निहार रहा हूँ.

वो भी मुझे मेरी आँखों में आँखें डाल कर देखने लगी. फिर उसने मुझे अपनी बांहों में समेट कर हग किया और बोली- चल अब बाकी का घर चल कर देख लेना.

जैसे ही उसने मुझे हग किया, मेरा लंड अकड़ कर खड़ा हो गया, मेरा ईमान खराब होने लगा. मेरे लंड की चुभन को शायद शिखा ने भी महसूस कर ली थी. वो कुछ नहीं बोली, बस हल्के से मुस्कुरा कर रह गई. उसकी इस मुस्कान के पीछे का क्या मतलब था, मुझे समझ ही नहीं आया. मैं तो अपने लंड को कोसने में लगा था कि दीदी की चूचियों का स्पर्श क्या मिला, साले ने अपनी औकात दिखा दी.

खैर… हम दोनों उसकी कार में बैठ कर चल दिए. घर चलने से पहले उसने मुझसे कहा कि आज वो पूरे दिन फ्री है तो चलो पहले मुम्बई घूमते हैं.

मैंने उसकी बात से सहमति जता दी, चूंकि मैं भी पहली बार मुंबई आया था तो मेरा भी मुंबई देखने का मन था. इसके बाद हम दोनों पूरा दिन मुंबई घूमे. घूमते वक्त वो मुझे काफी बार टच कर रही थी. मैं भी उसके साथ खुल गया था, सो मैं भी उसे टच कर लेता था.

उसे मम्मों को भी एकाध बार मेरी कोहनी लग जाती थी या वो खुद मुझे कुछ इस तरह से छूती कि उसकी चूचियां मेरे शरीर से रगड़ जातीं. इससे मुझे मेरे लंड में सिहरन सी हो जाती और शिखा कनखियों से मेरे लंड को फूलते हुए देख कर होंठ दबा कर हल्के से मुस्कुरा देती.

हालांकि इस सबसे मुझे बड़ी उत्तेजना हो रही थी, पर दीदी का रिश्ता सोच कर मैं खुद को मना लेता था कि यूं ही धोखे से हाथ टच हो गया होगा. साथ ही अपने खड़े होते लंड को अपने हाथ से दबाने की कोशिश कर देता, जिससे लंड दबने की बजाए और फूला जा रहा था.

हम दोनों ने बहुत सारी जगहों पर घूम कर मजे किये. फिर हम दोनों रात के समय उसके घर गए तो मैंने देखा कि पूरे घऱ में बस हम दोनों ही थे. मैं फ्रेश होकर आ गया. वो भी फ्रेश होके आ गई.

जब शिखा फ्रेश होकर आई, तो मैं तो बस देखता ही रह गया.

वो एक मॉडल थी, सो उसका फिगर एकदम मेन्टेन था. उसका फिगर 32-28-34 का था… गोरा रंग, जो भी देखे बस देख कर अपना लंड ही पकड़ ले. हम दोनों ने खाना खाया और फिर शिखा किसी काम से बाहर निकल गई. शायद वो खाना खाने के बाद टहलने जाती थी. मैं बहुत थक गया था, तो टीवी देखते देखते सोफे पे ही सो गया.

कुछ देर बाद शिखा ने मेरे गाल को चूम कर मुझे उठाया- मेरे प्यारे मैगी इधर कहां सो गया? चल इतना बड़ा बेड है, उधर चल.

मैं उधर जाते ही सो गया, तो अचानक ही शिखा मुझे किस कर दी. मेरी तो नींद ही उड़ गई. मैं उसकी तरफ हैरानी से देखने लगा क्योंकि शिखा इस वक्त एक छोटे से निक्कर में थी और ऊपर उसने ब्रा जैसा टॉप पहना हुआ था. वो बहुत हॉट लग रही थी. मेरा तो लंड खड़ा हो गया. अब मैं भाई बहन वाला रिश्ता भूल चुका था, मुझे सामने एक चुदाई के मतलब का हसीन माल दिख रहा था. शिखा के टॉप में से उसकी चूचियां लगभग बाहर को निकली जा रही थीं.

उसने मेरे खड़े होते लंड को देख लिया था, तो शिखा अपनी चूचियों को झुका कर मुझे दिखाते हुए बोली- मैं वही सीमा हूँ जिससे तू ऑनलाईन सेक्सचैट पे पूरी रात बात करता रहता है.
शिखा की यह बात सुनकर मैं हैरान हो गया था… और उस वक्त बोलता भी क्या… मैंने अब देर न करते हुए उसे जोरदार किस की.

फिर पूछा- मैं ही क्यों… तुम किसी कॉलब्वॉय को बुला सकती थी.
वो बोली- मैं मेरे मॉडल कैरियर में रिस्क नहीं ले सकती. इसलिए मैंने तुझे चुना. वैसे भी तू लड़कियों की रिस्पेक्ट करता है.

फिर क्या था… हम दोनों किस करने लगे. कब एक दूसरे के कपड़े उतर गए, पता ही नहीं चला.

मैंने बोला- रुको… मैं अभी आया.

शिखा सेक्स की बहुत भूखी थी. उसका उतावलापन देख कर ऐसा लग रहा था कि आज तो ये मुझे कच्चा ही खा जाएगी.
उसके साथ काफी देर तक चूमा-चाटी करने के बाद मैंने उसको रोका तो उसने मेरी तरफ सवालिया निगाहों से देखा.

मैंने उससे जरा सब्र करने को कहा और मैं जाकर फ्रिज में से कुछ बरफ और कुछ आम के पीस ले आया. इसके बाद मैं उसको चित लेटा कर उसके पूरे शरीर पर बरफ घिसने लगा. वो गरम हो चुकी थी और मेरा लंड पकड़ के हिलाते हिलाते “उफफ… आहहह… स्स्सस्स्स…” कर रही थी.

बाद में मैंने उसके होंठों पर एक आम का पीस रख दिया. दूसरे दो पीस दोनों मम्मों पर रखे और एक पीस उसकी चुत के दाने पर रखा.

शिखा बस एक ही बात बोल रही थी कि मुझे चोद दो प्लीज… चोद मैगी.
मैंने कहा- अभी तो शुरू हुआ है जान.

फिर मैंने उसके होंठों पर रखा मेंगो का पीस मुँह में लेकर उसे किस करने लगा आहह उमम्म… किस करते करते कुछ मेंगो उसके मुँह में दे दिए, जिसे वो निगल गई.

फिर मैं उसकी राइट चुची पर गया. मैंने मैंगो पीस उठाते वक्त चुची को काट लिया. इससे वो और गरम हो गई और पागलों की तरह इधऱ उधऱ सर हिलाने लगी. फिर मैं उसकी लेफ्ट चुची पर आया, वहां से मेंगो पीस उठा कर उसका रस मुँह से मम्मों पे डाला. फिर पागलों की तरह उसकी मम्मे से रस चूसने लगा ‘उम्मम्म… च्यउ… उउहह… उहह…’

फिर बारी आई आखिरी उस आम की, जो उसकी चुत पे रखा था. मेंगो को मैंने मुँह में दबाया और उसकी चुत पर घिसने लगा.
वो आहें लेने लगी- उहह यस… आहहह…

फिर मैंने आम के इस बड़े पीस को आधा चुत में डाल दिया… और चुत को काटते हुए आम चूसने लगा.
वो मेरी इस हरकत से पागल हो गई- आहहहह इश्स… आह… उहह… चोद से साले मुझे… वरना मैं तेरा रे.प कर डालूँगी.

वो मुझे धक्का देके मेरे ऊपर आ गई अपनी चुत पे मेरा 7 इंच का लंड घिसने लगी और आहें लेने लगी ‘आहहह आहहह उहह…’
फिर उसने खुद ही मेरा लंड अपनी चुत में डलवा लिया और ऊपर नीचे होने लगी. कमरे में “फच्च्च्च्च फच्च…” के साथ साथ “आहहह… आहहह…” की आवाजें भरने लगीं.

कुछ ही देर में वो एक बार झड़ चुकी थी उसका रस मेरे लंड पर क्रीम का काम करने लगा था.
फिर मैं उसे उठा कर मिरर के सामने ले जा कर चोदने लगा.

“आहहह आहहह और चोद मैगी यस… साले पूरी रात मुझे चोद आहहह…”

फिर कुछ देर हम 69 पोजीशन में आ गए. वो मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चुत चाट रहा था ‘आहहह उहह…’

फिर मैं उसे डॉगी स्टाइल में चोदने लगा “आहहह… स्स्स्स्स्… उफ्फ…”
मैं सोच रहा था कि मैं अभी तक झड़ा क्यों नहीं.

तभी दीदी सामने से बोली कि खाने में उसने वायग्रा डाल दी थी, ये सब उसका ही प्लान था.
पूरे एक घंटे बाद मैंने दीदी से बोला- कि मैं झड़ने वाला हूँ.

वो बोली- अपनी दीदी की चूत के अन्दर मत झड़ना… मुझे भाई के लंड का रस पीना है.

वो मुझे बेड पे लेटा कर मेरा लंड चूसने लगी. मैं उसके मुँह में ही झड़ गया. उस रात हमने दो बार चुदाई की. फिर उसने अपनी दूसरी सहेली के साथ भी चुदाई कराई, वो फिर कभी लिखूंगा.