मौसी की फूली हुई चूत की चुदाई

मैंने उस समय तो ध्यान नहीं दिया पर रात में जब मैं पेशाब के लिये उठा तो उनकी साड़ी और पेटीकोट उनके घुटनों के ऊपर चढ़ गया था उनकी चिकनी जांघें शीशे की तरह चमक रही थी।

मुझसे रहा नहीं गया मैंने धीरे से उनकी जांघों पर हाथ रखा उन्होंने कुछ नहीं कहा मेरी हिम्मत और बढ़ी मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट ऊपर खिसका दिया चूंकि कमरे में अंधेरा था इसलिये मेरी इस हरकत का किसी को पता नहीं चल पा रहा था।

मुझे ऐसा लग रहा था कि वो भी मेरी इस हरकत का मजा ले रही हैं। मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट उनकी कमर तक खिसका दिया। ओह माई गोड उनकी होंठों तक फूली हुई बुर मेरे हाथों में थी उनकी बुर से थोड़ा थोड़ा पानी निकल रहा था मैंने उनकी शेव्ड बुर पर हाथ फेरना चालू कर दिया.

उन्होंने कुछ नहीं कहा बल्कि वो सीधी लेट गई जिससे उनकी बुर पूरी तरह से खुल कर मेरे सामने आ गई मैंने उनकी जांघों को चूमते हुए उनकी गर्म बुर पर अपने होंठ लगा दिये, वो अब तड़प उठीं, उन्होंने धीरे धीरे आवाज़ निकालना चालु कर दिया था. वो मेरे सर को सहला रही थी.

मैंने जी भरकर उनको बुर को चाटा और अपनी जीभ से चोदा, वो भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा सहयोग कर रही थी।
मौसी की चूत से नमकीन पानी निकल रहा था वो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने करीब आधे घंटे उनकी चूत को चाटा.

दूसरे दिन जैसे कि पहली रात में हम दोनो (मैं और मेरी दूर के रिश्ते की मौसी) एक साथ लेटे थे उसी तरह से दूसरे दिन भी भीड़ होने के कारण हम दोनो कमरे के एक कोने में लेट गये चूंकि मौसी तो पहले दिन से ही तैयार थी इसलिये उस दिन उन्होंने मैक्सी पहनी हुई थी।

हम दोनो अब एक ही रजाई में लेटे हुए थे मुझे कंट्रोल नहीं हो रहा था मैंने झट से उनकी मैक्सी पर से जांघों पर हाथ रख दिया।
उन्होंने कहा थोड़ा सब्र करो आज पूरी रात मैं तुम्हारी ही हूं।

खैर रात काफ़ी हो गयी सभी लोग सो चुके थे पर हम दोनो को नींद कहां थी मैंने उनके बूब्स पर हाथ रखा तो वो बोली पहले कपड़े तो उतार दो।

इतना इशारा मिलते ही मैंने उनकी मैक्सी ऊपर कर दी उन्होंने मैक्सी के नीचे कुछ भी नहीं पहना था, मैक्सी उतरते ही वो पूरी तरह से नंगी हो चुकी थी।

उनके भरे हुये बदन को देखकर मुझे नशा छा रहा था।

अब उन्होंने मेरे कपड़े उतारने चालु कर दिये, थोड़ी ही देर में मैं भी उनकी तरह से ही नंगा हो गया, मेरा 8 इंच का लंड रोड की तरह गर्म हो रहा था, वो इतना कड़ा था कि छूने पर लोहे का लग रहा था।

उन्होंने बड़े प्यार से मेरे लंड को सहलाया फिर धीरे -2 नीचे खिसक गयी और मेरे लंड को मुँह मेँ लेकर चूसने लगी।

ज्यों ज्यों उनकी जीभ मेरे लंड पर घूम रही थी मेरे लंड का तनाव बढ़ता ही जा रहा था।

मैंने उनके खुले हुए बाल पकड़ लिये और वो तेजी से अपना सर ऊपर नीचे करने लगीं।

फिर मैंने उनसे कहा कि मौसी अब आप लेट जाओ वो लेट गयीं और मैं उनके ऊपर आकर अपने लंड को उनकी फ़ूली हुई बुर मैं डालने लगा धीरे-2 मैंने उनकी बुर में अपना लंड डाल दिया।

अब मैंने चुदाई करनी शुरु कर दी दोनो को ही बड़ा मजा आ रहा था उनकी सिसकी भी निकल रही थी। इस्सस इस्स ओहह वव्वव्वूऊऊ नाआआ धह्हहीईई
इस तरह की आवाजें उनके मुँह से निकल रही थीं।

मैंने करीबन 25 मिनट उनकी चुदाई की वो मेरे गठीले और बालों से भरी हुई छाती हो सहला रहीं थीं और चूम रही थी अचानक उन्होंने बड़ी तेजी से मुझे जकड़ कर पकड़ लिया मैं समझ गया कि वो अब झड़ गयीं हैं।

मैंने भी थोड़ी देर बाद उनकी बुर में ढेर सारा माल डाल दिया।

इस तरह उस रात हमने तीन बार मजे लिये मौसी मेरी चुदाई की कायल हो चुकी थी।

खैर आपको मेरी ये सच्ची कहानी कैसी लगी?