Category: रिश्तों में चुदाई

इंडियन इन्सेस्ट स्टोरी, चाचा-भतीजी, चाची-भतीजा, मौसी, बुआ सास, ससुर जैसे रिश्तों में, परिवार में, रिश्तेदारी में चुदाई की कहानियाँ जिसे वर्जित माना जाता है.

Indian Incest Sex Stories in Hindi of Bhai-Bahan, Rishton mein chudai, Jija Sali and Devar-Bhabhi

कमाल की हसीना हूँ मैं-29

जैसे ही उन्होंने पेशाब करके अपने लंड को अंदर किया तो मैंने एक बनावटी खाँसी देते हुए उन्हें अपने आने की इत्तला दी। वो कपड़े ठीक करके बाहर निकले। ताहिर अज़ीज़ खान जी ने नंगे जिस्म पर एक छोटा सा वी-शेप का स्विमिंग कॉस्ट्यूम पहन रखा था जिसमें से उनके लंड का उभार साफ़-साफ़ दिख […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-28

“यहाँ मैं अकेला हूँ तो शर्म आ रही है… वहाँ तो सैंकड़ों लोग देखेंगे फिर?” “अब्बू वहाँ तो सारी लड़कियाँ इसी ड्रेस में होंगीं… इसलिये शर्म नहीं लगेगी।” “नहीं-नहीं ! तुम तो उसी तरह आओ ! नहीं तो पता कैसे चलेगा इन कपड़ों में तुम कैसी लगोगी?” उन्होंने कहा तो मैं चुपचाप लौट आई और […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-27

“नहीं ! लेकिन क्यों?” मैंने पूछा। “अरे वो नई सेक्रेटरी अक्ल के मामले में बिल्कुल खाली है। दस दिन बाद पैरिस में एक सैमिनार है हफ़्ते भर का। मुझे अपने सारे पेपर्स और नोट्स तैयार करने हैं जो कि तुम्हारे अलावा और कोई नहीं कर सकता। तुम जितनी जल्दी अपने काम में एक्सपर्ट हो गई […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-19

अचानक मुझे रात की सारी घटना याद आई। मैंने चौंक कर आँखें खोलीं तो मैंने देखा कि मेरा नंगा जिस्म गले तक चादर से ढका हुआ है और मेरे पैरों में अभी भी सैंडल बंधे थे। मुझ पर किसने चादर ढक दी थी, पता नहीं चल पाया। वैसे यह तो लग गया था कि ये […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-35

“मेरे लंड पर किसी तरह का कोई कंडोम नहीं है। मेरा वीर्य अपनी कोख में लेने की इच्छा है क्या?” “हाँऽऽ ऊऊहह माँ… हाँऽऽ मेरी चूत को भर दो अपने वीर्य सेऽऽऽ! डाल दो अपना बीज मेरी कोख में !” मैं तड़प रही थी। पूरा जिस्म पसीने से तरबतर हो रहा था, मेरी आँखें उत्तेजना […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-34

फिर उनकी जीभ मेरी टाँगों और जाँघों से होती हुई मेरी टाँगों के जोड़ पर घूमने लगी। उनकी जीभ मेरे घुटने पर से धीरे-धीरे आगे बढ़ती हुई मेरी टाँगों के जोड़ तक पहुँची। उन्होंने अपनी जीभ से मेरी चिकनी चूत को ऊपर से चाटना शुरू किया। वो अपने हाथों से मेरी चूत की फाँकों को […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-33

उनके होंठ मेरी गर्दन के पीछे, जहाँ से मेरे बाल शुरू हो रहे थे, वहाँ जाकर चिपक गये। फिर उन्होंने मेरी गर्दन पर हल्के से दाँत गड़ाये। उनके होंठ मेरी गर्दन पर घूमते हुए मेरे बाँये कान तक आये। वो मेरे बाँये कान के ऊपर अपने होंठ फिराने लगे। औरत का कान एक जबरदस्त उत्तेजक […]

कमाल की हसीना हूँ मैं-32

“मुहब्बत ! तुझे आज जी भर कर मुहब्बत करना चाहता हूँ।” आज ससुर जी के मुँह से इस तरह की बातें सुनकर अजीब सा लग रहा था। ताहिर अज़ीज़ खान जी हमेशा से ही एक सोबर और मर्यादित आदमी रहे हैं। मैंने जब निकाह से पहले इतनी कोशिश की थी उन्हें उत्तेजित करने की, तब […]

बहन का यौवन-1

बारहवीं की परीक्षा के बाद पापा चाहते थे कि तान्या इंजिनीयरिंग करे मगर तान्या डीयू में एडमिशन लेना चाहती थी। वैसे तो तान्या का कोई बॉयफ़्रेंड नहीं था मगर शायद वो वो सब करना चाहती थी जो इस उम्र की सारी लड़कियाँ करना चाहती हैं। मुझे इस बात का पूरा अंदाजा था, आखिर पापा को […]

बहन को कैसे पटाया

उसे कुछ समझ नहीं आता था। वो भी मेरे साथ वैसे ही करती थी। लेकिन उसके थोड़े-थोड़े निम्बू की तरह चूची निकल आई थी, मैं लगभग हर रोज उन्हें दबाता और मजे करता। अब वो भी बड़ी होने लगी थी। मुझसे दूर रहने लगी। एक दिन मैंने उसके चीकू दबा दिए। वो रोते हुए कहने […]