मौसेरी बहन ने कहा ‘आई लव यू…’

तो मेरी बहन स्वीटी आई गर्मियों में हमारे यहाँ… तब तो उसे देख कर मुझे कुछ नहीं होता था… कुछ दिन बीत गये. हम गांव में अकसर जमीन पर ही सोते थे.
रात को मैं और मेरी दीदी… फिर मौसेरी बहन के आ जाने से वो भी साथ में सोने लगी.

एक रात को मैं जल्दी सो गया, मुझे तेज नींद आ रही थी. देर रात में मेरी नींद खुली तो मैंने देखा मेरे ऊपर कोई हाथ रखा हुआ है. मैं आधी नींद में था, मैंने सोचा की मेरी दीदी का हाथ होगा क्योंकि मेरी बगल में हमेशा वही होती है तो मैंने भी हाथ के ऊपर अपना हाथ रख दिया.

कुछ देर बाद मुझे महसूस हुआ की उनका हाथ कुछ हरकत कर रहा है.

मैंने ध्यान से देखा तो तो वो मेरी मौसेरी बहन स्वीटी थी, मैंने इसे सामान्य समझ कर कि भाई बहन में इतना प्यार तो आम बात है. क्योंकि स्वीटी बड़ी थी मुझसे इसलिए मैं सोने की कोशिश करने लगा.
लेकिन अब उसका हाथ मेरे सीने से लेकर मेरे पेट तक सहला रहा था, वो उंगलियाँ चला रही थी और जैसे ही वो नीचे जाती, मेरी धड़कन बढ़ जाती कि कहीं वो ज्यादा नीचे ना चली जाये…
यह सोच सोच कर मेरा लंड खड़ा हो गया और ऊपर की तरफ ही खड़ा हो गया.

तो हुआ यों कि स्वीटी धीरे धीरे नीचे बढ़ती ही जा रही थी और एक बार तो मेरा लंड उसकी उंगलियों से छू गया. जैसे ही उसकी उंगलियाँ मेरे लंड से छुई, उसने अपना हाथ हटा लिया, शायद उसे भी इसका आभास हो गया था.

वो कुछ देर शांत रही, फिर उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपने पेट के ऊपर रख लिया, शायद वो भी मुझसे वही चाहती थी जो उसने मेरे साथ किया. मैं कुछ करता, इसके पहले ही उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने पेट पर चलाना शुरू कर दिया.
अब मेरे अन्दर यह जानने की इच्छा होने लगी कि यह कहां तक जा सकती है. मैंने अपना हाथ उससे छुड़ाया और मैं अपने आप ही स्वीटी के पेट पर हाथ फिराने लगा.

उसने सलवार पहनी हुई थी और मैं अभी तक सलवार के ऊपर से ही सहला रहा था. पर मैंने अब अपने हाथ फेरने का एरिया बढ़ाना चालू कर दिया, ऊपर उसके चूचों पर हाथ लगाना शुरू कर दिया और नीचे उसका पजामा छूने लगा. अब मुझे उसकी साँसों की आवाज सुनाई देने लगी थी. इसका मतलबी कि स्वीटी की गर्मी बढ़ रही थी.

मैं समझ गया और अब मैं बिना संकोच के उसके चूचों को थोड़ा थोड़ा सहलाने लगा और दबाने लगा. स्वीटी की साँसेन और तेज हो रही थी.

मैंने बिना कोई देर किये उसके पजामे के ऊपर से ही बहन की चूत पर हाथ फेरना चालू कर दिया. वो तो जैसे पागल होने लगी थी. अब मैं उसके और समीप आ गया और उसके लबों को चूमने लगा, उसने मेरे चुम्बन का कोई विरोध ना किया. तो मैंने स्वीटी के लबों को चूसना चालू कर दिया इमरान हाशमी की तरह… मुझे तो बड़ा मजा आ रहा था.

अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था, मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार को सामने से नीचे खींच दिया. उसके चूचे तो अंधेरे में भी चमक रहे थे. मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैं तो भूखे कुत्ते की तरह उसके चूचे दबाने लगा, चूसने लगा, उसके निप्पलों को काटने लगा और वह भी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ कर के मेरे लंड को खड़ा कर रही थी.

मैं उसके चूचों से खूब खेला. अब मेरा हाथ उसकी पेंटी के ऊपर आ गया. वो तो पागल होने लगी, अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उसकी पेंटी के अंदर हाथ डाल दिया. जैसे ही मैंने बहन की चूत पर हाथ रखा तो मुझे एक भी बाल नहीं मिला उसकी चूत पर… स्वीटी मुझसे चिपक गई और मुझको अपनी बांहों में भर लिया.

मेरी बहन की चूत एकदम गरम थी, मैं उसकी चूत को धीरे धीरे सहलाने लगा, उसे मजा आ रहा था, वह सिसकारियाँ भरने लगी थी.
अब मैंने अपनी एक उंगली बहन की चूत में डाल दी. वो तो एकदम से चिहुंक पड़ी…

मैं अपनी उंगली को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा, वो मस्त हो रही थी. फिर मैंने अपनी दो उंगलियाँ बहन की चूत में डाल दी और अन्दर बाहर करने लगा. मेरी बहन की चूत एकदम गीली हो गई थी. मैं उसके चूचे भी चूस रहा था और उसकी चूत को भी सहला रहा था.

अब मेरी बारी थी, मैंने उसका हाथ अपने लंड पर रखा और उसका हाथ पकड़ के चड्डी के ऊपर से ही सहलाने लगा. फिर मैंने अपना हाथ हटा लिया.
वो समझ चुकी थी कि उसे क्या करना है, मेरा लंड तो पहले से ही तना खड़ा था, स्वीटी का हाथ लगते ही मेरा लंड और उछल पड़ा.

अब मेरी बहन ने मेरे अंडरवीयर के अन्दर हाथ डाल दिया और मेरे लंड से खेलने लगी. मुझे बहुत मजा आ रहा था, मैं उस के लबों को चूस रहा था, चूचे दबा रहा था और बहन की चूत सहला रहा था.
फिर मैंने स्वीटी से कहा- मुझे तुम्हारी चूत चाटनी है!
तो उसने मना किया लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था… बिना समय गंवाए मैं घूम गया, हमने चादर ओढ़ ली, अब मैंने अपना काम शुरू कर दिया. उसे भी पता चल गया था कि मैं बिना चूत चूसे नहीं मानूँगा तो उसने भी मेरा साथ देना ही ठीक समझा.

मैंने उसकी पेंटी नीचे सरकाई ताकि मैं अपना मुँह उसकी चूत पर लगा सकूँ, मैंने उसकी चूत की खुशबू सूँघी, बड़ी ही मादक सी महक थी यारो… मैं तो पागल सा हो गया.
फिर उसकी चूत के लबों को चूमा और उसकी दरार में अपनी जीभ घुसा दी. मेरी बहन तो सिहर सी गई और मेरा लंड जोर जोर से हिलाने लगी.

मैं तो अपनी बहन की चूत चाटने में ही लगा था और कुछ देर बाद वो अकड़ने सी लगी और मेरे लंड को तेज़ी से दबाने, सहलाने लगी, मैं समझ गया की यह झड़ने वाली है. और अचानक ही चूत का पानी मेरे लबो पर लगा, मैंने अपना मुँह वहाँ से हटा लिया, मैं नहीं चाहता था की मैं उसकी चूत का पानी अपने मुंह में लूं.

अब स्वीटी शांत सी पड़ गई थोड़ा… लेकिन अभी मेरा काम नहीं हुआ था तो मैंने उसे अपना लंड मुँह में लेने का इशारा किया. मेरी भावनाओं को समझते हुए उसने तुरन्त मेरा लंड अपने मुख में ले लिया और चूसने लगी. हालांकि वो प्रोफेशनल तो नहीं थी लेकिन चूस अच्छे से रही थी. मैं अब उसके मुख को चोद रहा था. वो काफ़ी देर तक मेरा लंड चूसती रही और अब मैं झड़ने वाला था तो मैंने पूरा जोर लगा कर उसके मुँह को ही निशाना बनाया और सारा माल उसके लबों और गालों पर छोड़ दिया.
मेरा माल तो निकलता ही जा रहा था, रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था.

अब मैं थक चुका था.

स्वीटी उठी और बाथरूम में गई, उसने अपने आप को साफ किया और पांच मिनट बाद आकर मेरी बगल में लेट गई.

मुझे भी अपनी सफाई करनी थी, तो मैं भी उठा और फ्रेश होने चला गया. जब मैं लौटा तो उसकी पीठ मेरी ओर थी.

मैं लेट गया और उसके ऊपर हाथ रख लिया. उसने तुरन्त अपना चेहरा मेरी ओर किया और मेरे लबों को चूम लिया… मेरी आँखों में आँखें डाल कर मुझे धीरे से ‘आई लव यू…’ कहा और गले से लगा लिया.
मेरे पास उसका कोई जवाब नहीं था मैं तो बस उसी में खो गया.

उस दिन के बाद हमें कोई ऐसा मौक़ा नहीं मिला जो हम चूत चुदाई तक पहुँच पाते.

तो यह थी मेरी सच्ची सेक्सी कहानी! मेरी इस पहली कहानी में आपको मजा आया? हो सकता है आपको मेरी यह कहानी अधूरी लगी हो लेकिन जो हुआ मैंने लिख दिया.
आप प्लीज़ मुझे मेल करके बताएँ कि मेरी सेक्सी कहानी आपको कैसी लगी?
धन्यवाद.
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