मेरी चुदक्कड़ बहन को लंड की जरूरत थी

अब उसको घर बैठे दो महीने हो चुके थे और पापा ने उसका घर से बाहर जाना बंद कर दिया था. सोनिया इन दिनों लंड के लिए तड़प रही थी और इसकी वजह से घर में लड़ाई झगड़ा होता रहता था.
मेरी दोनों बहनें एक ही कमरे में सोती थीं और देर रात को उनके कमरे से सिसकारियों की आवाज़ आती थी.

एक दिन मैंने सोचा ये सिसकारियों की आवाज़ किसकी है, देखना पड़ेगा. इसलिए मैंने एक रात को दरवाज़े के की-होल में से देखा. उस वक़्त रात के दो बजे थे. मैंने देखा कि मेरी बड़ी बहन सोनिया टाँगें फैलाकर अपनी चूत रगड़ रही है और आँखें बंद करके सिसकारियां ले रही है. उस रात को मैं ये देख कर अपने कमरे में आया और सोचा कि बहन को लौड़े की ज़रूरत है, मुझे घर पर हो रहे रोज़ के कलेश को भी खत्म करना था, तो मैंने सोचा कि बहन की चुत की खुजली मिटानी पड़ेगी.

बस ये सोचते हुए मैं उस रात तो लंड हिला कर सो गया. सुबह से मैं अपनी बहन को चोदने की प्लानिंग करने लगा.
अब मैं सोनिया के पास ज्यादा वक़्त बिताने लगा और उससे ज्यादा बात करने लगा. उसको ज्यादा से ज्यादा छूने की कोशिश करने लगा.. उसका सारा काम कर देता. उसको बाइक पे बिठा कर बाज़ार भी ले जाता, जिससे उसके मम्मे मेरी पीठ में बार बार टच होते. अब जब भी वो मुझे देखा करती तो मैं जानबूझ कर उसके सामने अपने लौड़े को मसलता और ज्यादातर बिना शर्ट के रहता. मैं ढीला पजामा भी पहनता कि न जाने कब लंड खुलने की जरूरत आ जाए.

मैं अपना लंड कड़क करके उसके सामने जाता, जिससे मेरे पजामे में तंबू बना रहता और बिना अंडरवियर के मेरे लौड़े का आकार और लम्बाई अच्छे से दिखाई देती. वो भी मेरे खड़े लंड को लालच भरी नजरों से देखने लगी थी.

कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा. मैंने देखा कि सोनिया अब मेरी ओर खिंच रही थी. अब हमेशा ही उसका ध्यान मेरे पजामे पर रहता और वो मेरे खड़े लौड़े को देखती रहती. वो पजामे में हिलते हुए लौड़े को देख कर मुस्कुरा भी देती, मुझे पता था वो अब लाइन पे आ रही है.
अब मुझे उम्मीद हो चली थी कि सोनिया की चूत अब मेरे लंड से ज्यादा दूर नहीं है.

बस अब मुझे एक आखिरी काम ये करना था कि वो खुद सेक्स की बात करे. उसके लिए मैंने अपने मोबाइल में कुछ भाई बहन की पोर्न मूवी डाउनलोड की और एक गेम भी डाउनलोड कर लिया. मैं योजना के साथ उसके साथ बैठ कर गेम खेलने लगा. खेलते समय सोनिया मेरे लौड़े को ही देख रही थी. मैं भी अपने लौड़े के पास हाथ लगाता और खुजाता.

अचानक मैंने सोनिया से कहा- आपा!
वो बोली- क्या हुआ?
मैंने कहा- आपा, ये गेम बहुत अच्छा है, आप खेल कर देखो.

सोनिया ने मेरा मोबाइल ले लिया और मैं वहां से बहाना कर चला गया. उसने गेम देखा और कुछ देर गेम खेल कर वो मेरे मोबाइल में पोर्न देखने लगी. मैंने भी उसे आराम से मोबाइल देखने दिया.

आधा घंटा वो पोर्न देखती रही. तभी मेरे मोबाइल पे मेरे दोस्त का फ़ोन आ गया और उसने बिना पोर्न मूवी बन्द किए हुए ही मुझे आवाज लगा दी. मैं आया तो उसने मुझे मोबाइल दे दिया. मैंने जब मोबाइल पे बात करके फ़ोन काटा तो पोर्न मूवी वापस प्ले हो गई.

जब मैंने अपनी बहन की तरफ देखा तो वो मुझे ही देख रही थी. मेरे देखते ही उसने मुझसे नज़रें चुरा लीं और मुस्कुरा दी.

फिर हम दोनों अपना अपना काम करने लगे. शाम को सोनिया ने मुझसे कहा कि में रात को जब कॉल करूँ, मेरे कमरे में आ जाना.
मैं जानता था कि सोनिया मुझे रात को क्यों बुला रही है, मगर मैंने अनजान बनते हुए सोनिया से कहा- क्यों कोई काम है क्या आपा?
तो उसने बताया कि वो रात को ही बताएगी.
मैंने कहा- ठीक है.

अब मुझे रात का बेसब्री से इंतज़ार था. मैं अपने बिस्तर पर लेटे हुए फेसबुक चला रहा था. रात को एक बजे सोनिया का कॉल आया कि मेरे कमरे में आ जाओ.
मैंने कहा- ठीक है.
मैं जल्दी से सोनिया के कमरे में गया जहां बेड पर मेरी छोटी बहन सो रही थी और नीचे बेड के पास सोनिया ने एक अलग बिस्तर बिछाया हुआ था. मैं गया और सोनिया के पास बैठ गया.

मैंने कहा- क्या काम है?
सोनिया ने कहा- भाई, तुमसे कुछ बात करनी है.
मैंने कहा- क्या?
सोनिया ने कहा- तुम्हारे फ़ोन में वो पोर्न मूवी मुझे अच्छी लगी, मुझे वो तुम मेरे मोबाइल में सेंड कर दो.
मैंने कहा- मेरे फ़ोन में ही देख लो.
उसने मुझे देखा, फिर वो शर्मा गयी.

सोनिया ने कहा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है.
मैंने कहा- नहीं है…
उसने कहा कि तुमने कभी वो किया है?
मैंने कहा- क्या वो?
तो सोनिया बोली- वही, जो पोर्न मूवी में है.
मैंने कहा- नहीं किया.

फिर वो मुझसे खुलने लगी और कुछ देर बातें करने के बाद सोनिया ने कहा- तुम मेरे साथ सेक्स करोगे?
मैंने कहा- लेकिन आपा, आप मेरी बहन हो.
उसने कहा- उससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
मैंने कहा- मुझे वो सब करना नहीं आता.
उसने कहा- भाई मैं तुझे सब सिखा दूंगी.
मैंने कहा- ओके.. सिखाओ.

यह कहते ही सोनिया ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया. अब हम भाई बहन आपस में किसिंग करने लगे. मेरे किस करने के अंदाज़ से सोनिया समझ गयी कि मैंने पहले भी सेक्स किया है. उसने पूछा कि ऐसा किस तो पक्के खिलाड़ी ही करते हैं.
तब मैंने उसको सब बताया कि मैंने बहुत सी आंटी और लड़कियों और भाभियों को चोदा है.

सोनिया ने छोटी बहन की तरफ देखा और बोली- आज इसको मैंने नींद की गोली दे दी थी ताकि कोई समस्या न हो.

ये सुनते ही मैं कमीज़ के ऊपर से ही सोनिया के मम्मे दबाने लगा. सोनिया गरम होने लगी. मैंने सोनिया की कमीज़ को उतार दिया, जिससे उसके मोटे मम्मे बाहर किसी बंद कबूतर की तरह उछल के बाहर आ गए. उस टाइम सोनिया ने ब्रा नहीं पहनी थी.

फिर सोनिया ने मेरी शर्ट को भी खोल दिया, जिससे हम दोनों ऊपर से नंगे हो गए. अब मैं सोनिया को चाटने और चूसने लगा. सोनिया भी पागलों की तरह मुझे चूमने और चाटने लगी. हम दोनों बुरी तरह से वासना के दरिया में डूब कर कामुक आहें भरने लगे.

करीब 15 मिनट के रोमांस और चुम्मा चाटी के बाद सोनिया ने कहा- अब मुझे जल्दी से लंड दे दो.. मैं बहुत दिनों से तड़प रही हूँ.

मैंने सोनिया की सलवार उतारी और उसकी पेंटी के ऊपर से ही चूत पे हाथ लगाया. मैंने देखा कि उसकी चुत गीली हो चुकी थी. मैंने सोनिया की पेंटी एक झटके में उतार दी और चूत को मसलने लगा.

सोनिया ने कहा- मेरी चूत को बाद में चाट और चूस लेना.. पहले इसको एक बार लंड से फाड़ दे.
मैंने कहा- कंडोम नहीं है.
तो उसने कहा- कोई बात नहीं.. तू बस जल्दी से चुत फाड़ दे.

मैंने अपना मोटा लंड सोनिया की चूत पे रखा. पहले दो मिनट तक मैंने अपने लौड़े से बहन की चूत की रगड़ाई की और एक झटका लगा दिया, जिससे मेरा आधा लवड़ा सोनिया की चूत में समा गया. सोनिया ने एक ठंडी आह भरी और मुझे अपने से लिपटा लिया. उसके बाद मैंने एक झटका और दिया और पूरा लंड चूत में समां गया.

उसके बाद सोनिया ने दोनों टांगें मेरी कमर में डाल कर मेरी कमर पकड़ ली और आहें भरने लगी. मैं ज़ोरदार झटके देने लगा. मेरे ज़ोरदार झटकों से सोनिया ऊपर नीचे हिलने लगी, जिससे उसके मोटे मम्मे भी झूलने लगे.

अब मैं सोनिया के आगोश में था. मेरे होंठ सोनिया के होंठ चूस रहे थे और मेरे हाथ सोनिया के बड़े मम्मे मसल रहे थे. मेरा लवड़ा सोनिया की चूत फाड़ रहा था. दस मिनट की चुदाई के बाद सोनिया बहुत गरम हो गयी और नीचे से ही अपनी गांड उछाल उछाल के मेरा लवड़ा लेने लगी. उसके गांड उछाल कर लंड लेने से मुझे ऐसा लग रहा था, मानो सोनिया की चूत मेरे लंड के साथ मेरे अंडकोष भी अपनी चूत में भर लेगी. उसकी इस तड़प से ये भी पता चल रहा था कि वो कितनी चुदासी और प्यासी और चुदक्कड़ थी.

फिर कुछ मिनट की चुदाई के बाद मैंने उससे पोजीशन चेंज करने को कहा.

उसने हां कर दी, तो मैं नीचे लेट गया और सोनिया मेरे ऊपर आ गयी.

अब सोनिया ने मेरा तना हुआ लवड़ा अपने हाथ से अपनी चूत पे लगाया और झटके से बैठ गयी. झटके से बैठने की वजह से मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया और फच की तेज आवाज़ आई. उस वक़्त मेरे लौड़े में कुछ दर्द सा भी हुआ, मगर चूत की गर्मी ने उसे ठीक कर दिया.

अब सोनिया मेरे सीने पे दोनों हाथ रख कर मेरे लौड़े पे उछल रही थी और ‘आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह ओह यस..’ कर रही थी. दस मिनट की चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए और सोनिया मेरे ऊपर निढाल होकर गिर गई. हम दोनों ऐसे ही काफी देर तक पड़े रहे.

फिर सोनिया ने मुझे चूमते हुए कहा- भाई, आज तो मज़ा आ गया.

उस रात मैंने अपनी बहन सोनिया को 4 बार और चोदा. उसके बाद घर में सब ठीक हो गया. सोनिया को लवड़ा मिल गया था और मुझे फ्री की चूत मिल गई थी. अब सोनिया ने घर में झगड़ा करना छोड़ दिया था.

अगले 3 महीने तक मैंने सोनिया को और चोदा. फिर सोनिया के पति उसे लेने आए और वो चली गयी. मगर जब भी वो घर आती है, मैं उसे ज़रूर चोदता हूँ.

मेरी सेक्स कहानी पर अपने विचार मुझे जरूर बताएं!
[email protected]