ममेरी बहन रेखा की चुदास

रेखा एक बहुत ही सुंदर लड़की है और उसकी उम्र 20 साल की है, उसका बदन 36-24-34 का है और कॉलेज में हर कोई उसका दीवाना है।

उसके बाद रात में प्रोग्राम शुरू हो गया। मैंने खाना खाया और रेखा के पास पहुँच गया और हम दोनों बातें करने लगे। फिर रात में जगह कम होने की वजह से हम दोनों को एक ही बिस्तर पर सोना था। य बात जान कर मैं काफी खुश था.. पर मुझे क्या पता था कि रेखा मुझसे भी ज्यादा खुश होगी।

हम सोने की तैयारी करने लगे, एक ही बिस्तर पर लेटे-लेटे हम बातें करने लगे।
मैंने उससे पूछा- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?
तो उसने बोला- हाँ है।
ऐसे ही इधर-उधर की बातें करते रहे।

फिर एकदम से रेखा ने मेरे कान में बोला- क्या मैं तुम्हें किस कर सकती हूँ?
मैंने कुछ नहीं बोला और उसने मुझे किस करना शुरू कर दिया।

मुझे काफी मजा आ रहा था.. मैंने भी उसे जोर-जोर से चुम्बन करना शुरू कर दिया। हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चुम्बन करने लगे और अचानक मेरा हाथ उसके चूचों पर चला गया।
जब उसने कोई विरोध नहीं किया.. तो मैंने धीरे-धीरे दबाना शुरू कर दिया।

अब उसे भी मजा आने लगा था.. फिर हमने अपने कपड़े उतार दिए और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए। मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3.5 इंच मोटा है.. जिसे देख कर रेखा एक बार तो डर सी गई थी.. पर उसे तो आज चुदना ही था.. तो उसने बिना किसी डर के मेरा लंड मुँह में ले लिया।

हम दोनों 69 की पोजीशन में थे.. मैं उसकी रसीली चूत चाट रहा था.. जो काफी गीली हो गई थी। उसकी चूत पर काफी बाल थे.. और एकदम गुलाबी चूत थी.. जिसे देख कर मजा आ गया था।
वो मेरा लंड चूसे जा रही थी और मैं उसकी चूत में ऊँगली करके चाट रहा था।
लगभग 15 मिनट तक ऐसे ही चलता रहा.. इस बीच रेखा दो बार झड़ चुकी थी और मेरा भी बस निकलने वाला था।

मैंने उससे कहा- जल्दी करो.. निकलने वाला है।
तो उसने जोर-जोर से मेरा लंड चूसना चालू कर दिया, थोड़ी देर में मैं भी झड़ गया।
मेरे पूरे रस की पिचकारी उसके मुँह में निकल गई और वो सारा का सारा पानी पी गई।
फिर थोड़ी देर हम ऐसे ही लेटे रहे।

मैं उसके चूचों को मसल रहा था और वो मेरे लंड को हिला रही थी, थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और उसने मुस्करा कर अपने मुँह में मेरा लंड डाल लिया।

थोड़ी देर लण्ड चुसाने के बाद मैंने उसको सीधा लिटा लिया और उसकी कमर के नीचे तकिया लगा दिया, मैंने ढेर सारा थूक अपने लंड पर और उसकी चूत पर लगाया।
उसने मुझसे डरते हुए बोला- धीरे डालना..
मैंने कहा- फ़िक्र मत करो.. जरा सा भी दर्द नहीं होगा।

थोड़ी देर लंड उसकी चूत पर रगड़ने के बाद मैंने एक जोर का झटका मारा और वो चिल्लाने लगी- ऊई… ई..ई… माँ… आ… अ… बाहर निकालो.. बहुत दर्द हो रहा है।

फिर मैं थोड़ी देर रुक गया और उसे चुम्बन करने लगा उसके चूचे दबाने लगा। थोड़ी देर बाद वो दर्द भूल गई और उसे मजा आने लगा।
फिर मैंने एक और झटका मारा.. मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में घुस चुका था। इस बार उसे दर्द भी कम हो रहा था।
फिर मैंने धीरे-धीरे झटके मारने चालू कर दिए और पूरा लंड उसकी चूत में सैट कर दिया।

उसे काफी मजा आ रहा था, उसके मुँह से हल्की-हल्की सिसकारियाँ निकल रही थीं और उसकी आँखें बंद थीं ‘आह.. आहा.. हहाहा..’
फिर मैंने झटके तेज कर दिए, उसकी सिसकरियाँ भी तेज होने लगीं और वो जोश में आकर बोलने लगी।
‘आह्ह.. आज मेरी चूत का भोसड़ा बना दो.. मुझे रंडी बना दो.. उह्ह.. मेरी चूत फाड़ दो.. साली बहुत तड़पती है.. आह्ह.. आज मजा आया..’

ये सब सुन कर मेरा भी जोश बढ़ रहा था, मैंने कहा- ले मेरी रंडी.. तेरी चूत को भोसड़ा ही बना दूँगा.. साली आज तुझे पूरी रात चोदूँगा.. ले साली कुतिया..
हम दोनों को काफी मजा आ रहा था। फिर मैंने अपनी पोजीशन बदली, मैं बिस्तर पर लेट गया और उसे अपने ऊपर ले लिया।
मेरा लंड सीधे उसकी चूत में घुस गया और वो ऊपर से झटके मारने लगी।
फिर मैंने नीचे से झटके लगाने शुरू कर दिए.. उसे बहुत मजा आ रहा था। वो बोल रही थी- आह्ह.. और जोर से चोदो.. आह्ह..
मेरी रफ़्तार बढ़ती जा रही थी।

थोड़ी देर बाद मैं थक गया और वो ऊपर से ही झटके मारने लगी। फिर मैंने उसे कुतिया बनने के लिए कहा।
वो हँसने लगी और बिस्तर पर झुक गई, मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड डाल दिया और उसके मुँह से सिसकारी निकल गई।
मैं उससे बड़े मजे से चोदे जा रहा था, काफी मजा आ रहा था, रेखा अब तक कई बार झड़ चुकी थी, मेरा भी निकलने वाला था, मेरे झटके तेज हो गए, मैंने उससे कहा- मेरा आने वाला है।
तो उसने कहा- अन्दर ही डाल दो।

मैंने और तेजी से चुदाई चालू कर दी और दस-पंद्रह झटकों के बाद मेरी पिचकारी उसकी चूत को भिगोने लगी और मैं उसी के ऊपर लेट गया।
थोड़ी देर में मेरा लन्ड बाहर निकल आया और उसकी चूत से मेरा और उसका पानी निकल रहा था।

उसके बाद हम दोनों ने आराम किया। थोड़ी देर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया, इस बार तो और भी ज्यादा टाइट हो गया था।
रेखा देख कर हँसने लगी और लौड़े को अपने मुँह में डाल लिया। वो बोलने लगी- आज रात तो सच में तू मेरी चूत का भोसड़ा बना कर ही रहेगा।
मैंने कहा- हाँ..
रेखा ने कहा- इस बबार मेरी चुदाई तेल लगा कर करो।

मैंने अपने लंड पर काफी तेल लगा लिया जिससे वो बहुत चिकना हो गया था।

रेखा मेरे लंड पर हल्के-हल्के हाथ फेर रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। फिर मैंने उसे लिटा लिया और उसकी चूत पर भी तेल लगाने लगा।

मैंने तेल अपनी उंगली पर लगा कर उसकी चूत में घुसा दी, वो झटपटाने लगी।
मैंने फिर अपना लंड उसकी चूत पर रखा और जोर लगाया.. लंड आसानी से अन्दर चला गया।
फिर धीरे-धीरे झटके मारने शुरू कर दिए।

इसी बीच रेखा मस्त होकर चिल्ला रही थी ‘आअह्ह… डालो और जोर से आह. आह्ह्ह्ह.. चोदो मुझे और जोर से.. आह..’
अब हमारे कमरे में बस हमारी सांसें और चुदाई की आवाजें गूँज रही थीं, कमरे में केवल एक ही आवाज ज्यादा सुनाई दे रही थी ‘फ़च्च फ़्च्च फ़्च्च… आह आआह्ह… इइ ह्ह्ह्ह्म् म्म…’

फ़िर 15 मिनट बाद जब मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूँ.. तो मैंने उसे उठा कर बिस्तर के नीचे बिठाया और खुद बिस्तर पर बैठ कर अपना लंड उसके मुँह पर रख दिया।
थोड़ी देर में मेरी सारी पिचकारी उसके मुँह में निकल गई और वो सारा पानी पी गई।
रात बहुत हो गई थी, हमने अपने कपड़े पहने और एक-दूसरे से चिपक कर सो गए।

सुबह होते ही मैं वहाँ से अपने घर आ गया और रेखा को धन्यवाद किया।

जब भी मैं उन पलों को याद करता हूँ तो मेरा मन मुठ मारने का हो जाता है, यह कहानी लिखते लिखते मैंने दो बार मुठ्ठ मारी।
आप सबका धन्यवाद.. अपने विचार जरूर भेजिएगा।
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