बहन की चुदाई साथ में उसकी बेस्ट फ़्रेंड की चुदाई

एक दिन वो दोनों ने कॉलेज से आकर थक कर हमारे घर में बैठी हुई थीं, मैंने उन दोनों को कोला लाकर दी, इस पर उन दोनों खुश होकर मेरे गाल पर एक एक चुम्मा कर दिया।
मैं तो जैसे लानी के होंठों का दीवाना हो गया।

धीरे-धीरे लानी और मुझमें दूरी खत्म होती गई, एक रात मैंने उसे प्रपोज़ कर दिया, उसने भी मुझे स्वीकार कर लिया।

फिर एक दिन मैं उसे अपने कमरे में ले जाकर किस कर रहा था। वो दीवाली की रात थी… पता नहीं कब दीपा उस कमरे में आ गई। उसने हम दोनों को किस करते देखा तो वो खांसी.. उसे देख कर हम दोनों डर गए।

लानी बोली- देख तू अपने बॉयफ्रेंड को किस करती है, तो मुझे अपने को करने दे।

उन दोनों में बात शुरू हो गई तो मैं वहाँ से चला गया। उसी रात करीब एक बज़े मैंने उनके कमरे का दरवाज़ा ठकठकाया तो दीदी ने आकर दरवाजा खोला। मैंने उसके पैर पकड़ लिए।
वो हंसी और मुझे कमरे में ले गई।

उसने मुझसे कहा- तू अपनी गर्लफ्रेंड को किस करने आया है ना.. तो कर ले.. मैं उसमें क्यों टांग घुसाऊँगी।
उसने लानी को उठाया और बोली- चल अपना आधा कम पूरा कर..!

मैं झट से लानी ऊपर कूद पड़ा और किसिंग शुरू कर दी। फिर 5 मिनट तक बस किसिंग सीन ही चलता रहा। मैंने नोटिस किया कि लानी अपनी चुची पर हाथ फेर रही थी और उसकी सांसें तेज हो गई थीं।

फिर मैंने धीरे से उसकी कमर पर हाथ रखा और सहलाने लगा। वो तो जैसे नशे में आ गई थी और मुझसे चिपक गई। उसकी कमर तो जैसे मक्खन का गोला था.. मेरा हाथ फिसला जा रहा था।
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हमें ये सब करते देख कर दीदी चिल्लाने लगी- ये सब क्या चल रहा है।
फिर लानी ने दीदी को पकड़ा और बोली- मुझे तुझसे कुछ कहना है।
‘क्या?’
लानी बोली- तू तो अपने बॉयफ्रेंड को अपनी चुची पर हाथ मारने देती है.. पर अभि ने बस ये किया तो तू चिल्लाने लगी।
मैंने फिर भी दीदी के पैर पकड़ लिए- दीदी प्लीज़ हमको ये करने दो ना प्लीज़.. तुम जो कहोगी.. मैं वो करूँगा।
फिर दीदी ने कहा- ओके बस थोड़ी देर के लिए.. ज्यादा नहीं।

दीदी दूसरी तरफ मुँह करके लेट गईं। मैं लानी की गर्दन पर किस करने लगा और साथ ही उसकी चुची को मसलने लगा। वो कामुक सिसकारियाँ लेने लगी ‘आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उम.. धीरे करो ना अहह..’

फिर मैंने नोटिस किया कि दीदी अपनी चुत रगड़ रही थीं।
मैं बोला- दीदी क्या कर रही हो..?
वो हड़बड़ा गई और बोलीं- जरा खुजली हो रही थी।

लानी बोली- दीपा तूने तो कल शेव की थी ना.. फिर खुजली कैसी.. झूट मत बोल।
दीपा बोली- तुम दोनों ऐसे सिसकारियाँ लोगे तो मैं कैसे सो पाऊँगी?
लानी बोली- तो तू मजा क्यों नहीं लेती.. दूसरे लड़कों से चुची दबवाती है.. घर में मिल रहा है तो तुझे बुरा लग रहा है।

दीदी चुप रही तो लानी ने मुझसे कहा- उधर जाओ और दीपा को भी किस करो!

मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी, फिर भी मैंने दीदी को पकड़ा और धीरे से उन्हें किस करना शुरू कर दिया।

शायद लानी इस तरह की ब्लू-फिल्म देख़ चुकी थी, इसलिए उसने धीरे से दीपा की चुत पर हाथ से रगड़ना शुरू कर दिया, इससे दीपा गरम हो गई और जोर-जोर से मेरी ज़ुबान को अपने मुँह में खींचने लगी।
लानी ने मेरे कान में कहा- अपनी बड़ी बहन की चुदाई करेगा?
मैं चुप रहा पर मुस्कुरा दिया.

लानी समझ गई, फिर चालाकी से उसने दीपा की पेंटी उतार दी और मुझे इशारा करने लगी। मैंने दीपा को उठाया और लानी की मुँह पर बिठा दिया।

अब तो मुझे पता चल गया था कि बहुत मजा आने वाला है। लानी दीपा की चुत को अपनी ज़ुबान से लिक करने लगी।

दीपा की भी गर्मी बढ़ गई और वो चुदने की पोज़िशन पर आ गई, चुत चूसने से जैसे दीपा जैसे पागल सी हो उठी थी।

फिर उस हसीन मौके का मैंने फ़ायदा उठाया अपना लंड निकाल लिया। अभी दीपा दीदी कुछ समझती कि मैंने उसके मुँह में लंड डाल दिया। वो भी इसी फिराक में दिख रही थी और उसने जोर-जोर से मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया।

मैं एकदम गरमा गया और कुछ ही पलों में उसने मेरा माल झाड़ दिया.. और नीचे लेट गई।

अब लानी की बारी थी.. लानी आई और उसने 69 में होकर मेरे मुँह पे अपनी चुत रख दी, मैं बस उसकी मक्खन चुत को चूसता रहा। लानी ने भी मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसना चालू कर दिया और साथ ही उसकी दो उंगलियां दीपा की चुत में फिंगरिंग कर रही थीं।

चुत में हलचल होने से दीपा की गर्मी फिर से बढ़ गई। वो लानी का सर पकड़ कर चुत में उंगली का मजा लेने लगी। इधर लानी की चुत चुसाई क्या हुई.. उसकी गर्मी बढ़ गई। कुछ ही पलों में उसने मेरे मुँह पर ही अपनी चुत का रस निकाल दिया।

उसकी चुत के रस से मेरा मुँह भर गया। मैंने उसका सारा रस पी लिया।

कुछ पल रुकने के बाद लानी जोर-जोर से लंड को अपने मुँह में ले कर चूसने लगी। मैं भी खुद को नहीं रोक पाया और दोबारा झड़ गया, वो दोनों मेरे सारे रस को चाट कर पी गईं।

दस मिनट यूं ही रेस्ट करने के बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो लानी मेरे ऊपर आई और सीधा मेरे खड़े लंड के ऊपर बैठ गई। अचानक से उसके बैठने से मुझे थोड़ा दर्द हुआ और उसे भी हुआ, पर उस वक्त की उत्तेजना के माहौल में ये सब मालूम ही नहीं पड़ा।

फिर मैंने उसके चूतड़ों को पकड़ा और धीरे-धीरे मेरा सीधा खड़ा हुआ लंड को उसको चूत में जड़ तक ठोक दिया। वो सिसकारियाँ लेने लगी। दीपा भी चुदाई करने में मुझे हेल्प करने लगी और वो मुझे किस कर रही थी।

फिर ऐसे ही चलता रहा, करीब 4 बजे सुबह तक धकापेल हुई.. मैंने बहन की चुदाई भी की.

अब हम सब कई-कई बार झड़ कर थक गए थे.. सो ऐसे ही नंगे सो गए।

फिर सुबह मम्मी ने आकर दरवाजा खटखटाया तो हम लोग हड़बड़ा गए और हड़बड़ी में दीपा ने मेरा लोवर पहन लिया, मैंने लानी की पेंटी पहन ली और लानी ने दीपा की पेंटी पहन ली। उन दोनों ने जल्दबाजी में एक-दूसरे के टॉप पहन लिए.. पर तब तक मम्मी चिल्लाने लगी थीं।

दीपा ने जाकर दरवाजा खोला, तो मम्मी मुझे उनके रूम में देख कर हैरान थीं।

मम्मी- तू कल रात यहाँ सोया था क्या..?
मैं- हाँ मॉम मुझे उस रूम में डर लगा.. इसलिए..!

फिर मम्मी ने देख लिया कि मैंने दीपा की पेंटी पहनी है। मम्मी को शायद सब पता चल गया था.. कि मैं अपनी बहन की चुदाई करा चुका हूँ फ़िर भी वो कुछ नहीं बोलीं.. सिर्फ़ स्माइल करके मुझसे कहा- मुझसे अकेले में मिलना।

मेरी बहन की चुदाई की कहानी कैसी लगी? मुझे लिखें… आपके मेल के इन्तजार में।
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