चूत चुदाई की हवस-2

मेरी चूत की कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरी दोस्ती पड़ोस के एक जवान लड़के से हुई और वो मुझे छोड़ना चाहता था. मेरी चूत भी लंड मांग रही थी तो …

मेरी चूत की कहानी के पहले भाग
चूत चुदाई की हवस-1
में अब तक आपने पढ़ा कि मेरे पड़ोस में रहने वाला सुनील मेरी वासना को समझ कर मुझे अपनी बांहों में भर कर मेरी पीठ को सहलाने लगा था.

अब आगे:

“भाभी … क्या कर रही हो?”
“तुम्हें भी यही चाहिए ना?” मैंने जवाब दिया.

मैं आज मन से पूरी तैयार थी.

“अहहऽऽऽ … पर आप दिल से तैयार हो, तब ही …”
“मैं पूरा विचार करके आयी हूँ.”
“ओह … भाभी.” मुझे अपनी बांहों में दबोचते हुए उसने मेरे गाल पर जोर से किस किया.

“उम्म … धीरे … मैं कहीं भाग नहीं रही हूं.”
“पक्का … नहीं जाओगी.”
“सुनील … आह.”

बहुत देर हम वैसे ही खड़े रहे, उसके हाथ मेरी पीठ पर घूम रहे थे और मेरे हाथ उसके चौड़े सीने पर.

धीरे धीरे उसके हाथ मेरी गांड को सहलाने लगे और मेरी सिस्कारियां बढ़ने लगीं. जिस स्पर्श को याद करके मैं अपनी चूत को सहलाती थी … आज वो स्पर्श मेरी जांघों पर और गांड पर हो रहा था. अब मुझे वह स्पर्श पूरे बदन पर चाहिए था.

धीरे धीरे वह नीचे बैठ गया, उसकी गर्म सांसें कपड़ों के ऊपर से मेरी चूत पर महसूस हो रहे थे.
“भाभी दिखाओ ना!”