हर किसी को चाहिए तन का मिलन-11

राहुल ने हाथ अंजना की टॉप में और अंदर तक घुसा दिया, अंजना ने ब्रा नहीं पहन रखी थी राहुल को अपने नीचे गर्म गर्म गुब्बारों सी चीज़ का एहसास हुआ… उसका रोम रोम उत्तेजित हो रहा था. उसने धीरे से पहले एक मम्में को दबाया फिर दूसरे को, अंजना ने उसकी ज़िप खोल दी और उसके कच्छे में हाथ डाल के उसके तने हुए लौड़े को पकड़ लिया.
“भाभी क्या कर रही हो?” उसने धीरे से कहा.
पर अंजना रुकी नहीं, उसे अपने हाथ में एक हैवी लन्ड महसूस हो रहा था- तुम मेरे मम्मों से खेलो, मैं तुम्हारे लन्ड से!

इतना कह कर उसने अपने गर्म गर्म होंठ राहुल के होंठों पे रख दिए और चूसने लग गई. उसने एक हाथ से राहुल के चेहरे को थाम रखा था और दूसरे से वो राहुल का मूसल लन्ड हिला रही थी.
राहुल को अजीब महसूस हो रहा था, अनजाने में ही वो अंजना के स्तनों को काफी जोर जोर से दबा रहा था… उसका सारा बदन अकड़ा जा रहा था जिस का बदला वो अंजना के मम्मों से ले रहा था.
कुछ ही देर में वो बेसुध सा हो गया और जैसे किसी कपड़े को निचोड़ा जाता है, पूरी ताकत से बिल्कुल वैसे ही उसने अंजना के स्तन निचोड़ दिए और एक लम्बी आह के साथ झड़ गया।

अंजना ने अपने बैग से रुमाल निकाला और अपने हाथों और कपड़ों पर गिरा राहुल का वीर्य साफ किया।
पूरी मूवी के दौरान दोनों ने यही परिक्रिया एक बार और की।
राहुल को अब बनना था मर्द वो भी चोदू मर्द।

रात के खाने के बाद अंजना ने राहुल के कान में कहा- आज रात को 1 बजे आऊँगी तुम्हारे कमरे में, इसलिए कुंडी मत लगाना।

अंजना कहे अनुसार रात ठीक एक बजे राहुल के कमरे में दाखिल हुई। अंजना ने सोते वक़्त पहना जाने वाला सफेद रंग का गाऊन पहना हुआ था. उसने धीरे से दरवाजा खोला ताकि कोई आवाज़ न हो. कमरे में गुप्प अंधेरा था इसलिए उसने फ़ोन की लाइट ऑन की तो उसकी नज़र हड़बड़ी में कच्छा ऊपर करते राहुल पर पड़ी. वो यह तो न देख पाई कि वो क्या कर रहा था पर कच्छे का बड़ा सा उभार देख कर समझ गयी कि राहुल मुठ मार रहा था.

उसकी हँसी छूट गयी पर उसने अपने मुँह पर हाथ रख लिया ताकि आवाज़ न हो।
राहुल हड़बड़ी में- क्या भाभी, दरवाजा नॉक तो करती।
अंजना- तुम ऐसा क्या कर रहे थे जो इतना घबरा रहे हो?
राहुल- कुछ नहीं… कुछ नहीं सो रहा था, बस आपके आने से चौंक गया।
अंजना- अपनी गर्लफ्रैंड से झूठ बोल रहे हो? तुम मुठिया रहे थे न?
राहुल- वो… वो… मैं…

अंजना राहुल के पास जाकर उसके कच्छे पर हाथ मलते हुए- इतना घबरा क्यों रहे हो? लन्ड हिलाना कोई पाप नहीं है. और वैसे भी जिसका इतना मस्त लौड़ा हो, उसे शर्माना शोभा नहीं देता। इतना कह कर अंजना ने उसका कच्छा नीचे कर दिया और एक झटके से राहुल का 9 इंची हथियार पट से बाहर आ गया।

“हे राम ऐसा लल्ल….लन्ड!” अंजना हैरानी में बड़बड़ाई।
दिन के वक़्त ही अंजना को यह एहसास हो गया था राहुल के लिंग का आकार काफी बड़ा है पर लन्ड की जगह अजगर होगा यह उसने नहीं सोचा था।

अंजना ने अपना गाऊन खोल दिया और टाँगें नीचे लटका कर लेट गयी। राहुल बुत बना उसे देख रहा था, उसके बड़े बड़े मम्में राहुल को अपनी और खींच रहे थे पर उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि वो करे क्या!
अंजना ने उसे कच्छा उतार कर अपने पास लेटने के लिए कहा, राहुल ने आज्ञाकारी शिष्य की तरह कच्छे को उतारा और डरते मन से अंजना के पास लेट गया।
अंजना राहुल का 90 के कोण पर तना हुआ लौड़ा देख रही थी.

पर वो जानती थी कि वो एक कुंवारे लड़के के साथ है, उसका शिष्य घबराया हुआ है इसलिए उसने पहले राहुल को शांत होने दिया और फिर उसके लन्ड के आसपास हाथ घुमाते हुए बात शुरू की- राहुल तुम डर क्यों रहे हो? डरते तो वो लोग हैं जो कुछ गलत या बुरा करते हैं।
राहुल छत की ओर देखते हुए- भाभी, आपको ऐसे देख कर अजीब सा लग रहा है।

अंजना ने राहुल के चेहरे को अपनी ओर घुमाया और उसकी आँखों में आँखें डाल कर कहा- राहुल, सेक्स करना कोई पाप नहीं है, फिर डरना क्या और शर्माना क्या? मुझे बताओ कि मुझे देखकर तुम्हारे मन में क्या आता है?
राहुल- भाभी आपको देखकर मेरे ल..ल..लन्ड में करंट सी दौड़ने लगती है।
अंजना उसके लन्ड को पकड़ते हुए दोनों अभी भी लेटे हुए हैं और एक दूसरे को देख रहे हैं… अंजना आहिस्ता आहिस्ता राहुल के लन्ड को हिलाने लगी- कैसा लगा?
राहुल- अच्छा, मज़ा आ रहा है।
अंजना- और क्या आता है तुम्हारे मन में… जब मुझे देखते हो?

राहुल- आपके होंठों को देखकर जी करता है कि आप मेरा लन्ड चूसो और मैं आपकी फ़ोटो लूँ लन्ड चूसते हुए। बेहद सेक्सी हैं आपके होंठ।
अंजना- यह हुई न बात… तो रेडी हो जाओ फ़ोटो लेने के लिए!
राहुल- तो आप चूसोगी?
अंजना- जैसे तुम्हारा मन कर रहा कि मैं तुम्हारा लन्ड चुसूं वैसे ही तुम्हारा ये बड़ा और सुंदर लन्ड देखकर मेरा भी मन कर रहा कि मैं इसके साथ खेलूं, इसे मुँह में लूँ… लड़का लड़की एक जैसा सोचते हैं। लड़कियाँ भी उत्तेजित होती हैं उन्हें भी सेक्स करने की चाहत होती है।

अंजना हल्का सा उठी, अपने घने- लम्बे काले बाल पीछे किये और राहुल के लन्ड के मोटे गुलाबी टोपे पे हल्की सी किस की, फिर राहुल की ओर देखते हुए उससे पूछा- कैसा लगा?
राहुल- बड़ा मजा आया, और करो न!
अंजना कई चुम्मियाँ करते हुए- अब?
राहुल- आह… रुको मत और करो।
अंजना- तुम्हें फ़ोटो लेनी थी न? पहले फ़ोटो तो लो! मैं भी देखूँ कैसे लगते हैं मेरे होंठ तुम्हारे लन्ड को चूसते हुए।
अंजना ने O का आकार बनाते हुए राहुल के आधे टोपे को मुँह में लिया, फिर उसी पोजीशन में रुक गई ताकि राहुल फ़ोटो खींच सके।

राहुल ने फ़ोटो खींच कर उसे दिखाई, अंजना को फ़ोटो देख कर हैरानी होती है कि सच में उसके होंठ लन्ड चूसते हुए बेहद कामुक और आकर्षक लग रहे थे।
राहुल अंजना के हाथ से फोन लेते हुए- अंजना कुछ फोटोज और लेते हैं ना अलग-2 एंगल्स से?
अंजना ने अलग अलग तरह से कई फोटोज खिंचवाये जैसे टोपे को जीभ की नोक से छूते हुए, चाटते हुए, लन्ड चाटते हुए, चूसते हुए, टट्टे चाटते और चूसते हुए।

अपने इस फोटोशूट के बाद उसने राहुल को लेटे रहने के लिए कहा और खुद बिस्तर से उतर कर राहुल की टाँगों के बीच आ गई और घुटनों के बल बैठ राहुल के लन्ड को दोनों हाथों से पकड़ कर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी… कभी लन्ड को वो जड़ तक मुँह में लेती, कभी टट्टे दबाती, कभी चाटती कभी चूमती!

राहुल आँखें बंद किये काम आनन्द में हल्के हल्के कराह रहा था, उसे पता ही नहीं चला कि कब उसने वीर्य की पिचकारी अंजना के मुँह पर छोड़ दी।

अंजना ने जब नखरा दिखाते हुए कहा कि ‘राहुल यह क्या, तुमने तो मेरा फैशियल ही कर दिया?’
तब जाकर उसने आँखें खोली और सॉरी कहा।
अंजना- सॉरी से काम नहीं चलेगा।
राहुल- फिर क्या करना होगा मुझे?
अंजना- मैंने तुम्हारे लन्ड को सुख दिया है अब तुम्हें मेरी चूत की आग को शांत करना होगा।
राहुल- लन्ड डाल के?
अंजना हँसते हुए- नहीं जनाब, अभी तो आपके लन्ड की हवा निकल चुकी है और फिर यहां चुदाई की तो सबको पता चल जाएगा, अभी तो आपको मेरी चूत की आग चाट चाट कर ही मिटानी होगी। तो अपनी अपनी जगह बदल लें?
राहुल संकोची आवाज़ में- हम्म!

अंजना समझ गई कि राहुल अभी भी शर्मा रहा है- मेरे बड़े लन्ड वाले देवर जी, आपके लन्ड को भी मौका मिलेगा पर कल होटल में! अभी आओ और मेरी चूत का रसपान करो।
राहुल अंजना की बातों से फिर जोश में आते हुए- ठीक है अब देखो मेरा कमाल।
अंजना बिस्तर पर लेट गई अपनी टाँगें नीचे करके और राहुल उसकी टाँगों के बीच आ कर बैठ गया।
अंजना- क्या दिख रहा है?
राहुल- चूत।
अंजना- शाबाश अर्जुन, तुम्हारी नज़र निशाने पर है, कैसा है तुम्हारा निशाना?
राहुल- बिना झाड़ियों के, गुलाबी गुलाबी छेद और उस पर एक छोटा सा दाना।
अंजना- बिल्कुल ठीक… जिसे तुम दाना कह रहे हो, उसे भगनासा कहते हैं, यह हम औरतों का लन्ड होता है, इसे जितना रगड़ो, एक औरत उतनी उत्तेजित होगी, याद रखना! अब तुम्हें अपनी नाक दाने पे रखनी है, जीभ से गुलाबी गुलाब चूत पे।

राहुल वैसा ही करता है, अंजना उसे अगला निर्देश देती है, अब चाटना शुरू करो जैसे आइसक्रीम चाटते हो।
राहुल थोड़ा हिचकिचाया, पर एक दो बार चाटने के बाद उसे भी मज़ा आने लगा- शाबाश, तुम तो बड़ी जल्दी सीखते हो… आह… अहह.. हाँ ऐसे ही चाटते रहो पर बीच बीच में जीभ को अंदर बाहर भी करते रहो… ओह… मा… अहह… हाँ हाँ ऐसे ही… रुकना मत… तू नहीं जानता, जब से मुम्बई से आई हूँ आज कुछ… श…शा… शांति मिली है.
अंजना बकती जा रही थी- अब भगनासा चूस… अहह… हाँ… हाँ ऐसे ही… आह… बड़ा मस्त चूस्ता है कुत्ते… ऐसे चूस… आह… आह… तू मेरा घोड़े के लन्ड वाला कुत्ता है… उम्म… और मैं तेरी कुतिया… ज…जाने वाली हूँ. जैसे आम चूसता है, अब वैसे ज़ोर से चूस… आह… उउ… ममम्म!

अंजना ने राहुल का सिर पकड़ कर चूत पर ज़ोर से दबा दिया और कम्पकम्पाते हुए अपना सारा राहुल के मुँह में छोड़ दिया और निढाल हो बिस्तर पर ढेर हो गई।
अंजना- आ मेरे पास लेट!
राहुल उसके पास लेट गया- अंजना, बड़ा मजा आया तुम्हारी चूत को चूसने में।
अंजना- उससे भी ज्यादा मज़ा तो मुझे आया।
राहुल- तुमने तो बहुत सारा रस छोड़ा।
अंजना- हाँ, बहुत दिन हो गए थे न!

राहुल- तुम बहुत अच्छी हो…
अंजना- तुम भी, बस एक कमी है।
राहुल- वो क्या?
अंजना- तुम लड़कियों से इतना डरते क्यों हो?
राहुल- मुझे उनसे बात करनी नहीं आती, उनके सामने जाते ही समझ नहीं आता कि क्या कहूँ।
अंजना- राहुल याद रखना, लड़कियां भी तुम्हारी ही तरह सोचती हैं बल्कि सभी ऐसा ही सोचते हैं.
राहुल- फिर मुझे क्या करना चाहिये?
अंजना- कुछ नहीं।
राहुल- मतलब?
अंजना- मतलब की कुछ असामान्य करने की कोशिश मत करो, वैसे ही बात करो जैसे दोस्तों से करते हो।
राहुल- समझ गया।

अंजना- अच्छी बात है… अच्छा यह बताओ कि क्या कोई ऐसी लड़की है जो तुम्हें पसंद करती हो?
राहुल- है तो… पर मुझे वो अच्छी नहीं लगती।
अंजना- क्यों?
राहुल- उसके कई सारे बॉयफ्रेंड रह चुके हैं।
अंजना- बॉयफ्रेंड होने से वो बुरी हो गयी क्या? फिर तो मैं भी बुरी हूँ, तुम्हें मैं अच्छी नहीं लगती?
राहुल- नहीं, वो बात नहीं है।
अंजना- राहुल, एक बताओ कि जब तुम अपने जूते खरीदने जाते हो तो क्या पहला जूता ही पसंद कर लेते हो?
राहुल- नहीं।
अंजना- क्यों?
राहुल- किसी का डिज़ाइन अच्छा होता तो वो फिट नहीं होता, किसी का कलर पसंद नहीं आता।

अंजना- बिल्कुल ठीक, यही बात रिश्तों पर भी लागू होती है, हम जब तक किसी के साथ नहीं रहेंगे तब तक उसे जान नहीं सकते।
राहुल- भाभी, मुझे आपकी बात समझ आ गयी। अब मैं किसी के बारे उससे बात किये बिना राय नहीं बनाऊंगा।
अंजना- नहीं राहुल, तुम आधी ही बात समझे, जैसे हम केवल एक ही तरह के कपड़े नहीं पहनते, जूते नहीं पहनते, वैसे ही रिश्ते भी एक से ज्यादा हो सकते हैं, बस हमें किसी को धोखा नहीं देना चाहिए।
राहुल- इसका मतलब आज तक मैं रिया के साथ गलत कर रहा था?
अंजना- रिया… अच्छा नाम है। हम्म तुमने उसका दिल दुखाया है।
राहुल- मुझे क्या करना चाहिए?
अंजना- उसे कॉफी पिलाने ले जाओ.
राहुल- इस काम में आप मेरी मदद करेंगी न?
अंजना- बिल्कुल मेरे नादान बुधू देवर, पर अब मुझे जाना चाहिये काफी समय हो गया है।
राहुल- थोड़ी देर बैठो न।
अंजना उसके गाल पर चूमते हुए- तीन बजने वाले हैं ना, और तुम्हें कल स्कूल भी तो जाना है, चलो सो जाओ जल्दी।

अंजना ने राहुल को बिस्तर पर लिटा के लाइट बंद की और गाऊन पहन के कमरे से बाहर चली गयी।

आगे क्या हुआ… यह मैं आपको इस हिंदी सेक्स की कहानी के अगले भाग में बताऊँगी।
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