चचेरे भाई की बीवी को ग्रुप सेक्स में शामिल किया -5

नीता ने उत्सुकता से पूछा- भाभी, आप लोग ये गेम कितने लोगों के साथ खेल चुके हो?

मधु बोली- नीता, यह गेम सिर्फ तुम लोगों के साथ खेल रहे हैं। इससे पहले ये गेम सिर्फ हम दोनों अकेले में खेलते थे। पर अकेले में जैसे ही कपड़े उतर जाते, हम रति क्रिया में इतने डूब जाते कि अगली चाल का ख्याल सुबह ही आता था। आज तुम लोग हो इसलिए गेम इतना लम्बा चल रहा है।
नीता यह जवाब सुन कर खुश हुई।
अब बारी मेरी थी, मैंने बोतल घुमाई और वो जाकर रुकी नीलेश पर…
नीलेश बोला- हुकुम करो मेरे आका?
मैंने कहा- तुझे मेरी बीवी मधु की 4 मिनट तक चूत चाटनी है।
नीलेश बोला- यह सजा है या मज़ा?
और कूद पड़ा मधु के ऊपर…

4 मिनट तक वो मेरी बीवी मधु की चूत की अपनी जीभ से मसाज करता रहा। मेरी मधु तड़पती और छटपटाती सिसकारियाँ मारती रही, उसके हाथ लगातार नीलेश के बालों को सहला रहे थे।नीता अपने पति को किसी और की चूत चाटते हुए देख रही थी और में अपनी बीवी को किसी और मर्द से मेरे सामने चूत चटवाते और आनन्द लेते हुए देख रहा था।

मैं सोफे पर बैठकर सिगरेट के कश लगा कर यह सारा नज़ारा देख रहा था।
नीता आकर मेरी गोद में बैठ गई, बोली- भैया आपकी बीवी मेरी पति से चूत चटवा रही है, आपको बुरा नहीं लग रहा?

मैंने उसके बूब्स को चूमते हुए कहा- यार नीता, हम इंसानों की भी न कितना छोटी सोच है, आदमी के पास लंड है और औरत के पास चूत है। किसी और से सेक्स करने के बाद कोई लंड अशुद्ध या कोई चूत बेईमान थोड़े ही हो जाती है। यार हमें ये अंग मजे लेने के लिए दिए हैं तो इनसे मजे लो, इतना सोचना क्यूँ कि तू किसके साथ सोई या तू किसके साथ सोया। चार दिन की ज़िन्दगी है, उसमें भी सिर्फ एक दिन की जवानी हंस खेल कर मस्ती के साथ गुज़ार लो। ऐसा करने से किसी भी तरह के धोखे की कोई गुंजाइश ही नहीं बचती। मुझे जिसे चोदना हो, मैं अपनी बीवी से बोल सकता हूँ और मेरी बीवी को किसी का लंड अच्छा लगे तो वो मुझसे बोल सकती है कि मुझे फलाने से चुदवाना है।

नीता शरारती मुस्कान के साथ बोली- तो आपकी बीवी अब तक कितने लंड ले चुकी है आपके सामने? और आप कितनी चूत चोद चुके है अपनी बीवी के अलावा?
मैंने कहा- मेरी बीवी ने अभी तक मेरे अलावा किसी और का लंड नहीं लिया है। मैंने भी शादी के बाद अभी तक कोई चूत नहीं चोदी।

नीता बोली- शादी से पहले कितनी चूतें मार ली होगी आपने?
मैंने कहा- कभी गिनती तो नहीं की पर यही कोई 10 के आस पास चूतें तो चोदी ही होंगी।
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नीता बोली- भैया, क्या आप ग्यारहवीं चूत मारना चाहोगे?
मैंने कहा- हाँ, बताओ किसकी मारनी है?
नीता बोली- भैया, आप भी न… मेरी और किसकी? बस भैया पता नहीं नीलेश इसके लिए तैयार होगा या नहीं? यह खेल तो खेल लिया पर शायद इसके आगे मुझे नहीं बढ़ने देंगे वो।
मैंने कहा- तुम चिंता मत करो, तुम्हारी इच्छा पूरी करने की कोशिश करूँगा मैं!

इतने में स्टॉप क्लॉक बज गई पर वो दोनों कहाँ रुकने वाले थे।
मैंने आवाज़ लगाई- अरे नीलेश, मधु टाइम अप!
नीलेश उसकी टांगों के बीच से निकला, उसने देखा उसकी नंगी बीवी नीता मेरी गोद में बैठी है और मेरे हाथ उसके स्तन को सहला रहे हैं, वो मेरे पास आया और हाथ बढ़ाया तो मैंने अपनी सिगरेट उसकी तरफ बढ़ा दी।

नीता बोली- तुम्हारा तो पूरा मुंह सन गया है।
नीलेश बोला- वो भाभी की चूत का पानी है।
मधु की तरफ देखकर बोला- भाभी आप कम से कम 2 बार तो झड़ गई होगी।
मधु भी उतनी कामुकता के साथ बोली- आपकी जीभ चूत के अंदर जाकर तो आग लगा देती है भैया!

ऐसी ऐसी बातें सुनकर नीता तो पागल सी हो रही थी।

नीलेश बोला- एक छोटा सा ब्रेक लेते हैं, मैं अभी मुंह धोकर आता हूँ।

सभी लोग फ्रेश होकर आकर दोबारा बैठ गए।
नीलेश बोला- यार, बहुत थक गए हैं और बहुत पी ली है।
मैंने भी कहा- चलो यारो, सोते हैं।

मैंने फिर कहा- देखा नीता इस खेल का एक और फायदा… एक ही रूम में चारों एक ही बिस्तर पर सो सकते हैं।
हमने बाहर के कमरे की लाइट बंद नहीं की और अंदर आकर लेट गए। इससे बाहर के कमरे से पर्याप्त रोशनी हमारे कमरे में आ रही थी जिससे हमें सब दिख रहा था और आँखों में चुभने वाली रोशनी भी नहीं थी।

कहानी जारी रहेगी।
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