दो लड़कियों की प्यासी जवानी

मैं लड़कियों की प्यासी जवानी का इलाज करता हूँ. किसी लड़की को कैसे खुश करना, कैसे उसकी चूत की प्यास को बुझाना है; ये मुझे बड़े अच्छे से पता है.

मेरा नाम अरमान है और मैं पानीपत शहर से हूं. मेरी उम्र 21 साल की है. मैं इस उम्र में एक कॉलब्वॉय बन चुका हूं. मैं प्यासी जवानी का इलाज करता हूँ. मैं दिखने में बहुत ही साधारण महसूस करता हूँ जबकि मेरी ग्राहकों को मैं बड़ा कामुक लगता हूँ.

एक लड़की को कैसे खुश करना, कैसे उसकी चूत की प्यास को बुझाना है; ये मुझे बड़े अच्छे से पता है.

जब मैंने सारिका के बड़े परिवार की सारी औरतों और लड़कियों को चोदा था. तब मुझे पता चल गया था कि एक प्यासी जवानी, गर्म चुत को ठंडा करने का तरीका क्या है. क्या उसकी चुत को सिर्फ लंड से ही चैन मिलता है, या चुत चटवाने से भी मजा आता है. साथ ही एक प्यासी जवान लड़की या औरत को लंड के अलावा उसे कितनी देर तक और किस तरीके से चोदा जाता है, इस बात का बड़ा महत्त्व होता है.

हालांकि मर्द का बलिष्ठ शरीर औरत को आकर्षित करता है लेकिन तब भी एक औरत या लड़की बिस्तर पर मर्द की कलाबाजी की शैदाई होती है.

तो दोस्तो, सारिका के परिवार की लड़कियों और चुदक्कड़ औरतों की प्यासी जवानी ने मुझे मुझे कॉल ब्वॉय बन कर रख दिया था.

सारी की सारी चूतें एक से बढ़ कर एक चुदक्कड़ थीं. किसकी चुत को कैसे शान्त करना है … मुझे सब समझ आ गया था. खूब पैसे भी मिलते थे, सो मुझे उसके घर की हर चुत को रगड़ने में मजा आने लगा था. न केवल खुद चुदवाने में आगे थीं … बल्कि उन सभी की सहेलियां भी एक से बढ़ कर एक रंडी थीं.

एक रात भर की चुदाई में मैं अपने महीने की सैलरी पूरी कर लेता था. भगवान की कृपा से मेरा लंड भी काफ़ी मजबूत और दमदार है. मेरे लंड की एक खासियत है कि ये एक एक घंटे तक झड़ता ही नहीं है. इस योग्यता के कारण मेरा लंड हर औरत की चुत को शांत करने में मेरा पूरा साथ देता है.

मेरे लंड की ख़ास बात ये थी जब तक वो पूरी चुत के पानी से न नहा लेगा. तब तक वो अपना पानी नहीं निकालता था. मेरे लंड को कई भाभियां, तो समझो कच्चा ही खा गयी थीं. मेरे लंड की मर्दानगी पर कई लड़कियां मर मिटी थीं.

फिर पता नहीं क्या हुआ कि मुझे सारिका के रंडी परिवार की चूतों को चोदने का काम मिलना बंद हो गया.

कुछ समय से मुझे कोई चुत मारने का मौक़ा ही नहीं मिल रहा था. मेरा लंड किसी चुत में जाने के लिए बेसब्री से तड़प रहा था.

उस दिन शाम को मैं गुमसुम बैठा लंड सहला रहा था कि तभी मेरे फोन पर एक अनजान नंबर से फोन आया. मैंने फोन उठाया, तो मुझे दूसरी तरफ़ से एक लड़की की आवाज सुनाई दी. उसकी आवाज सच में बहुत मस्त थी. उसकी आवाज सुनते ही मैं समझ गया था कि साली को मेरा लंड लेना है

लड़की- राजन जी मुझे आपका नंबर काजल ने दिया है … और मेरा नाम रीता है.
मैं बीच में उसकी बात को काटते हुए बोला- बस रीता जी मैं समझ गया, आपने मुझे फोन क्यों किया है.
रीता- आप तो बड़े स्मार्ट हो. अच्छा आगे सुनो … मैं सोनीपत से हूँ … आज मेरे घर पर कोई नहीं है.

मैं- सोनीपत में कहां आना है?
रीता- मैं सोनीपत से हूँ उधर रहती नहीं हूँ. मैं पानीपत में ही रहती हूँ. मगर शहर से थोड़ा दूर रहती हूँ. यहां के लिए बस चलती है.
मैं- तो उधर का आने का चार्ज अलग से देना होगा.

रीता- क्या यार चार्ज के लिए बात करते हो … आ जाओ … पैसे की फ़िक्र मत करो. आप जितने कहेंगे, मैं उतने पैसे आपको दे दूंगी. बस आप मुझे किसी तरह से शांत कर दीजिए.
मैं- आप उसकी फ़िक्र मत कीजिये. ये मेरा रोज़ का नाम है.
रीता- ठीक है … जल्दी से जल्दी आ जाओ. आपको आज की पूरी रात बस मेरे नाम करना है, मेरी प्यासी जवानी का इलाज करना है.
मैंने कहा- ओके रीता जी. मैं बस आ रहा हूँ.

उसने कहा- मैं पता मैसेज कर रही हूँ.
मैंने ओके कहा और फोन काट दिया.

मेरे मोबाइल पर मैसेज की घंटी आई, मैंने मैसेज पढ़ा और पता समझ लिया. ये शहर की एक आभिजात्य कॉलोनी का पता था, जिधर मुझे पहली बार जाने का मौक़ा मिल रहा था.

तभी रीता का फिर से मैसेज आया- तुम कॉलोनी के बाहर ही रुके रहना. मैं खुद अपनी काली रंग की ऑडी कार, जिसका नम्बर नीचे लिख रही हूँ, का इंतजर करना.
मैं समझ गया कि कॉलोनी में हर किसी का घुसना सम्भव नहीं था.

बस मैं लंड की झांटें साफ़ करके अच्छे से तैयार होकर घर से निकल गया. मैंने बस स्टैंड से उधर की बस पकड़ी और सीधा उस जगह पर आ गया. इधर बस से उतर कर मैं उसके दिए हुए पते पर पहुंच गया.

कुछ ही देर में मेरा फोन बजा और उसने मुझे अपनी कार का बताया कि किधर खड़ी है. मैं पास गया, तो वो कार से हाथ बाहर निकाल हिला कर मुझे बुला रही थी.

मैं उसकी कार के आगे वाले गेट को खोल कर अन्दर बैठ गया. कार दौड़ने लगी.

कुछ ही देर में मैं उसके घर में आ गया था. वो देखने में काफी सुंदर लग रही थी. मैं तो उसके रूप का दीवाना सा होने लगा था.

उसने घर के सब दरवाजे और खिड़कियां बंद कर दीं. फिर वो मेरे साथ सोफे पर बैठ कर बोली- यार तुम तो इतने जवान और खूबसूरत हो … तुम कॉलब्वॉय क्यों बन गए हो. तुम तो बहुत आराम से किसी लड़की को पटा कर जिन्दगी भर चोद सकते थे.

मैं चाहता, तो ठीक यही उससे भी पूछ सकता था. लेकिन मैंने अपने ग्राहक का सम्मान करना सीखा था. इसलिए चुप रह गया.
मैंने उससे पूछा- क्या सचमुच … मैं इतना सुन्दर हूँ कि कोई लड़की मुझसे पट सकती है?
रीता- और क्या … लड़कियां पटना तो छोड़ो … बल्कि तुम्हारे पास आ आकर खुद से चुदाने को मचलेंगी.

मैं मन ही मन सोचने लगा कि साली रंडी तूने भी तो खुद को चुदवाने के लिए मुझे बुलाया है … बल्कि तू तो अपनी चुत की खाज शांत करवाने के लिए मुझे पैसे भी देगी.

लेकिन मैं सामने से उससे ये नहीं बोल सकता था.

मैं- पर क्या करूं … मेरे पास तो कोई लड़की चोदने के लिए है ही नहीं.
रीता- मैं तो हूँ … मेरी प्यासी जवानी है राजा, तुम बस मुझे चोद दो.

तभी रीता मेरे सामने जाकर खड़ी हो गयी और एक एक करके अपने कपड़े उतारने लगी और अपना नंगा बदन मुझे दिखाने लगी.