कामुकता से भरपूर मेरी दीदी की चुदाई

मेरी फूफी की बेटी न्यूज रिपोर्टर है और वो मेरे साथ किराये के मकान रहती हैं. इस सेक्सी स्टोरी में कामुकता से भरपूर मेरी दीदी की चुदाई की दास्ताँ पढ़ें.

नमस्कार दोस्तो, ये कहानी मेरी फूफीजान की लड़की की है. उनका नाम फौजिया था. फौजिया दीदी की उम्र 27 साल है. फौजिया दीदी और मैं नोयडा में किराये के मकान रहते हैं. मेरा नाम पप्पू किंग (बदला हुआ) है. मेरी उम्र 24 साल है. मैं कॉलेज में पढ़ता हूँ.

दीदी न्यूज रिपोर्टर का काम करती हैं और बहुत खुले विचारों की लड़की हैं. उनके बूब्स बहुत मोटे और गांड बहुत मस्त है. जब भी वो सड़क पर चलती हैं, तो मैं लोगों की आँखों को देखता था. सभी लोग दीदी की गांड को घूरते रहते थे. उनके ब्वॉयफ्रेंड रह चुके थे. मैं जानता था कि वो चुदवा चुकी हैं. शायद लड़कियां एक बार चुदवाने के बाद बिल्कुल बिंदास हो जाती हैं. मेरी बहन को भी दूसरे लोगों के सामने कोई शर्म नहीं लगती थी.

मैं दीदी के साथ अक्सर ड्रिंक कर लेता था. जब दीदी चार पांच पैग लगा लेती थीं, तब वे मुझे ही अपनी चुत का शिकार बनाने की कोशिश करने लगती थीं. मगर मेरे मन में अपनी बहन के साथ सेक्स करना पाप लगता था. तब भी मैं दीदी का नंगा जिस्म देख कर खूब मुठ मार लिया करता था.

एक बार उनको काम के सिलसिले में ब्राज़ील के बीच (समुद्र तट) और कल्चर पर एपिसोड बनाने थे. उन्होंने कुछ ड्रेस और बीच पर पहनने के लिए बिकिनी खरीदी.

बिकिनी पहनना उनके लिए कोई नयी बात नहीं थी. लेकिन आप खुद सोचिये कि जब मेरी हॉट दीदी को जीन्स में सभी लड़के घूरते रहते थे तो बिकिनी में तो वे दीदी को देख कर पागल ही हो जाते.

उस दिन दीदी बिकिनी पहनकर मेरे सामने आईं. उनकी गांड और चूचियां बहुत मस्त दिख रही थीं.

फौजिया दीदी- कैसी है ये ब्राज़ील के लिए?
मैं- ठीक है.
फौजिया दीदी- कुछ मोबाइल से फोटो खींचो … मैं भी तो देखूँ कि ठीक है, या दूसरी लेना पड़ेगी.

मैंने सारे एंगेल से फोटो खींची. मैं अब तक बहुत गर्म हो गया था. मैं किसी लड़के से फौजिया दीदी की चुदाई देखने के लिए बेताब होने लगा था.

उस दिन भी दीदी ने ड्रिंक की और मुझसे कहने लगीं- तू मुझे खुश नहीं करता है … तो मेरे लिए एक ऐसा बन्दा ला, जो मेरी प्यास बुझा सके.
मैं समझ गया कि मुझे दीदी के लिए लंड खोजना ही होगा.

मेरा एक दोस्त था. जिसका नाम अरमान था, वो एक अफगानी पठान था. उसकी उम्र 23 साल की रही होगी. उसके घर वाले बहुत पहले दिल्ली आकर बस गए थे. अफगानी पठान होने के कारण अरमान एक बहुत ही गोरा और लंबे कद वाला लड़का था.

मैंने सोचा कि इसको घर पर काम करने के लिए रख लूंगा और इसकी और फौजिया दीदी की चुदाई रोज देखूंगा.

उसको मैंने फौजिया दीदी से पूछ कर रख लिया. फौजिया दीदी ने उसको देखते ही अपने लिए पसंद कर लिया.

फौजिया दीदी जब ब्राजील से वापस लौटीं. तब तक अरमान हमारे घर के सदस्य की तरह हो गया था.

फौजिया दीदी के कुछ हॉट पिक्चर मैंने अरमान को दिखाएं. हम दोनों फोटो देखकर मज़े लेने लगे. मैं दीदी को चुदवाते देखना चाहता था. इधर दीदी और अरमान भी बहुत जल्दी फ्रेंडली हो गए थे.

एक दिन मैंने बोला- अरमान … पठान तो बहुत ताकत वाले होते हैं. तुम मुझे उठा कर दिखाओ.
अरमान ने मुझे झट से उठा लिया.
फिर मैंने कहा- मैं तो हल्का हूँ तुम दीदी को उठाओ.

दीदी हँसने लगीं और खड़ी हो गईं, उसने दीदी को उठा लिया. जब वो फौजिया दीदी को अपनी गोद में उठाए हुआ था. इस वक्त उसका एक हाथ दीदी की गांड को पकड़े हुए था, दूसरा टाँगों को जकड़े था.

मैंने बोला- पठान ऐसे ही रुक … मैं कुछ फोटो खींचता हूँ.

वो दीदी को कसकर जकड़े रहा. मैंने फोटो लिए और फौजिया दीदी अन्दर चली गईं.

पठान का लंड खड़ा हो गया था. मैंने उसके खड़े लंड को देखा, तो उससे पूछा- क्या हुआ?
अरमान हंस दिया और बोला- तू खुद समझ ले भाई … मेरा मूड बन गया.
मैंने बोला- ठीक है … तू आज शाम को दीदी को चोदने के लिए तैयार रहना.

शाम को फौजिया दीदी के साथ हम तीनों ने शराब पी. दीदी पीने के बाद पठान का हाथ पकड़ने लगीं. पठान उनको अपनी गोद में उठा कर कमरे में ले गया. उसने दीदी का टॉप उतारना शुरू किया. दीदी ने कुछ विरोध नहीं किया. पठान दीदी के मम्मों को दबाने लगा.

दीदी ने अपने हाथों से अपना स्कर्ट खोल दिया. मैं उन दोनों का वीडियो बनाने लगा.