कामुक भाभी की चुदाई का सुख-6

नीरज ने मुझसे बाइक की चाबी ली और बोला- बैठ जा पीछे.
मैं बैठ गया और वो बातें करते हुए बाइक चलाने लगा. थोड़ी दूर वो एक घर के पास रुका और मोबाइल निकाल कर किसी को फोन करके बोला- दरवाज़ा खोल.

अन्दर से एक करीब 30 साल का आदमी निकला और तेज़ी से हमारे पास आके बोला- बोलो भाई..
नीरज- बच्चे को खिलौने चाहिये.
वो बोला- भाई ये बंदा सेफ तो है ना.. कहीं मेरी गांड तो नहीं तुड़वा देगा ना??
नीरज- अरे भाई है अपना… टेन्शन ना ले..

फ़िर वो हम दोनों को अन्दर ले गया. हम लोग अन्दर एक रूम में पहुँचे, वहां तरह तरह की आइटम रखे हुए थे.

मैंने पूछा- बाईव्रेटर वाला डिल्डो है??
वो दोनों मुझे देखते रह गए.
नीरज बोला- साले तू क्या गान्डू है??
मैंने बोला- चुप रह साले, जो बोलता वो दे..

नीरज ने मुझसे बहुत जानने की कोशिश की कि किस वजह से मैं ये डिल्डो ले रहा हूँ, मगर मुझे सेजल भाभी के बारे में कुछ भी बोलने का मन नहीं था.

फ़िर मैंने वहां से एक डिल्डो एक बेल्ट और हैंडकफ लिए और फ़िर हम दोनों वहां से निकले. मैंने नीरज को रूम पे छोड़ा, उसके और मैं अपने रूम की तरफ़ निकला.

जैसे ही अपने रूम पे पहुंचा, भाभी मेरा उनके घर के बाहर खड़ी होके वेट कर रही थीं… मुझे देख के सेजल भाभी के मुँह पे खुशी छा गई.

मैंने अपने रूम का दरवाज़ा खोला और बैग रखा; घड़ी में देखा 2 बज गए थे.
तभी भाभी का फोन आया- जल्दी घर पे आओ यार… बहुत भूख लगी है.
मैं रूम लॉक करके तुरंत उनके घर पहुंच गया. वो टेबल पे खाना लगा के बैठी थीं.

“आपने खाना नहीं खाया अभी तक?”
“तेरे बिना कैसे खा लेती मेरी जान.. चल अब टाइमपास मत कर, पेट में चूहे दौड़ रहे हैं.”
मैं खाना खाने बैठ गया, तो वो उठीं और मेरी गोद में आके बैठ गईं और हम एक दूसरे को खाना खिलाने लगे.

खाना खा कर हम बाते करते रहे, पूरा दिन ऐसे ही निकल गया. शाम के सात बजे मैं अपने रूम पर गया. नहा के रेडी हुआ और बैग उठा के भाभी के घर आ गया.

भाभी नहा रही थीं. मैं सीधा जिम में गया और दरवाज़ा बंद कर दिया और अपनी तैयारी करने लगा. आधे घंटे के बाद सब तैयारी कर के बाहर आया.

भाभी अपने बेडरूम में रेडी हो रही थीं. मैंने एक ज़्यादा देर टिक सकूं, ऐसी गोली खाई.. क्योंकि ये गोली आधे घंटे के बाद असर दिखाती है.

अब मैं जा कर सोफे पे बैठ गया, थोड़ी देर बाद बेडरूम का दरवाज़ा खुला मैं सेजल भाभी को देखता ही रेह गया. आज सेजल भाभी ने वाइट कलर की पारदर्शक नाइटी पहनी थी, जिससे उनका पूरा जिस्म साफ़ दिख रहा था.

सेजल भाभी ने बॉडी कलर की ब्रा पेन्टी पहनी थी. वो थोड़ी देर वहीं दरवाज़े पे अलग अलग पोज देके मुझे दिखाती रहीं और फ़िर मटकते हुए मेरे पास आकर मेरी गोद में बैठ गईं.

अब हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने लगे. थोड़ी देर मेरे होंठ चूसने के बाद वो उठीं और नाइटी उतार के एक साइड फेंक दी और अपनी टांगें फैला कर मेरे पैरों के ऊपर बैठ गईं, मेरा लंड पैन्ट के अन्दर से उनकी पेन्टी पे टच करने लगा.

वो अपने हाथ पीछे ले गईं और अपनी ब्रा खोल के हवा में उछाल दी. अपने एक बोबे को हाथ में पकड़ कर मेरे मुँह में देने लगीं. मैं उनके निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा.

हम दोनों वासना की आग में डूबने लगे. अब मैं उनकी चुचियां पकड़ के जोर जोर से दोनों को बारी बारी से चूसने लगा.

‘उफ्फ्फ्फ्फ सीईईईईई समीईर्र.. अह.. ऐसे ही चुसो मेरे शेर.. आहहह्ह्ह..’

‘ह्म्म्म्म.. प्चाआआआ मेरी जान तेरी चूचियों में जो नशा है.. वो और कहीं नहीं है..’

वो झटके से उठीं और जाने लगीं और थोड़ी देर मैं वो रम की बोटल के साथ वापस आईं, मुझे देख कर मुस्कुरा कर बोलीं- नशे को थोड़ा और बढ़ाया जाए मेरे राजा.
और रम की बोटल खोल के फ़िर मेरे ऊपर बैठ गईं और एक चूचे को पकड़ कर मेरे मुँह में दे दिया. मैंने चूचा मुँह में लिया और उन्होंने बोटल को मुँह पे लगाया और 2-3 घूंट नीट रम पी गईं.

फिर आंख मारते हुए बोलीं- आज दर्द सहने के लिए ये तो पीनी ही पड़ेगी.. बस एक बात का ख्याल रखना, मेरी बांहों और गर्दन पर कोई निशान ना पड़े.. बाकी मैं सम्भाल लूँगी.

मेरे को पीने के लिए बोला और मेरे मुँह पे बोटल लगा दी. मैंने भी 2 घूँट नीट के लिए और फ़िर उनके चूचे चूसने लगा. वो अपने मम्मों पे दारू गिराने लगीं और मैं वो पीने लगा.

थोड़ी देर बाद वो उठीं और मेरी तरफ़ पीठ करके खड़ी हो गईं. फ़िर वो पेन्टी को पकड़ के झुकते हुए नीचे तक ले गईं, उनके गोल गोल कूल्हे बिल्कुल खुल चुके और मुझे पागल बना रहे थे.

मैं उठा और सेजल भाभी के दोनों कूल्हों को चूमा. वो एकदम से खड़ी हुईं और सोफे के किनारे के ऊपर बैठ गईं.

उन्होंने उंगली से अपनी चूत चूसने के लिए इशारा किया.. मैं उनकी चूत पे किसी भूखे जानवर की तरह टूट पड़ा. वो अपने पेट पे रम डालने लगीं, जो बह के उनकी चूत से सीधा मेरे मुँह में आ रही थी.

मैं कभी उनकी चूत के चने को चूस रहा था.. कभी अपनी जीभ उनकी चूत में डाल देता, कभी पूरी चूत को मुँह में भर लेता. ऐसे ही थोड़ी देर चलता रहा और मुझको दारू पिलाते हुए, वो दारू खुद भी पिए जा रही थीं.

भाभी पर नशा हावी होने लगा तो मैंने उनके हाथ से बोतल छीन कर टेबल पर रख दी.

वो नीचे उतर कर मेरे लंड को पकड़ कर खींचने लगीं, फ़िर वो सोफे के नीचे घुटनों के बल बैठ के मेरा लंड चूसने लगीं. काफ़ी देर तक वो मेरे लंड को चूसने और चाटने के बाद उठीं.

मैं खड़ा हो गया और भाभी को अपनी बांहों में उठा कर जिम में ले गया. मैंने पंखे से एक रस्सी बाँधी हुई थी. उसमें हैंडकफ बंधे थे.

वहां ठीक पंखे के नीचे उनको खड़ा कर दिया और हैंडकफ से उनको बाँध दिया. फ़िर अपने बैग से वाइब्रेटर निकला और उनके पास जाकर घुटनों के बल बैठ गया. मैंने भाभी की चूत को चूमा और वाइब्रेटर उनकी चूत में डालने लगा.

करीब 8″ लम्बा डिल्डो था, मैंने पूरा भाभी की चुत में डाल दिया. वो कसमसाईं, पर नशे में होने की वजह से उन पर ज़्यादा असर ना हुआ.

मैंने अपना बैग उठाया और उसमें से जैली निकाल कर अपने लंड पे मलने लगा और फ़िर उनके पीछे जाके उनकी गांड के छेद पे थोड़ी सी लगा दी.

सेजल भाभी पे शराब का सुरूर छाया हुआ था. वो नशे में झूम रही थीं, आने वाली तकलीफ़ से अनजान थीं. मैंने अपने बैग से मुँह पे बाँधने वाली पट्टी निकाली जिसमें आगे बॉल लगा हुआ था.

अब मैं उनके पास गया और उनके बाल पकड़ कर खींचे, जैसे ही उनका मुँह खुला मैंने उसमें बॉल को डाल दिया और पट्टी बाँध दी. मैंने उनकी आंखों में देखा.. उनकी आंखों में सवाल था, इन्कार नहीं.

फ़िर मैं उनके जिस्म को सहलाता हुआ उनके पीछे गया और उनकी गांड के छेद पर अपना लंड टिका दिया. उनकी पतली कमर को अपने मजबूत हाथों में पकड़ा और एक ज़ोरदार झटका मारा.

गछ्ह्ह्ह्ह.. की आवाज़ के साथ मेरा आधा लंड भाभी की गांड में घुस गया. एकदम से उनका नशा उतर गया और वो हिल सी गईं. वो चिल्लाना चाहती थीं, पर उनके मुँह में बॉल घुसा होने की वजह से चिल्ला नहीं पाईं. मैं अपना हाथ आगे ले गया और वाइब्रेटर ऑन कर दिया, वो तड़पने लगीं.

मैंने पीछे से जोर से एक और धक्का मारा.. मेरा पूरा लंड उनकी गांड को चीरता हुआ अन्दर चला गया. उनकी आंखों से आँसू बहने लगे.

मैं पीछे से उनकी गांड को जोर जोर से चोदने लगा और उनके कूल्हों पे चांटे भी मार रहा था. करीब 20 मिनट तक मैंने उनकी गांड मारी और वाइब्रेटर आगे उनकी चूत के चिथड़े उड़ाता रहा.

अब मैं उनकी गांड की गर्मी और नहीं सह पा रहा था, मैंने 8-10 धक्के और लगाये और मेरा लावा फूट पड़ा. मैं झड़ने लगा.

उनकी चूत से लगातार रस बह रहा था, जो उनकी जांघों को नहलाए जा रहा था. फ़िर मैं रुक गया और वाइब्रेटर बंद किया. उनकी गांड से अपना लंड निकाला और उनके हैंडकफ खोल दिए, वो ज़मीन पे गिर गईं.

मैंने पानी की बोतल उठाई और उनके पास गया, मैंने उनके मुँह से पट्टी खोली और उनको पानी पिलाया.. और उनको गले लगा लिया- सॉरी भाभी.. आप ये सब क्यों करवा रही हो मुझसे?
इतना बोलते ही मैं उनको गले लगा कर रोने लगा.

वो दर्द भरी आवाज़ में मुझे चुप कराने लगीं- बस पागल रो क्यों रहा है?? मुझे इतना दर्द हुआ है, फ़िर भी मैं रो रही हूँ क्या? और तुमने जो किया, मेरे कहने पर किया ना??
मैं- पर भाभी आपको दर्द देने के बाद मुझे बहुत बुरा फील होता है.
सेजल भाभी- बुरा फील मत किया कर.. जो भी हो रहा, मैं ही कर रही.. तुम नहीं.
मैं- ओके भाभी.

फ़िर मैंने उनको उठाया और बेडरूम में उनके बेड पर ले जाकर उनको लेटा दिया.

कुछ देर बाद फिर से वासना का खेल शुरू हो गया. भाभी ने अबकी बार खुद से मुझसे जैली मांगी. मैंने उनको बताया कि मेरे बैग में है. भाभी खुद जाकर जैली ले आईं और उन्होंने अपनी गांड में भर ली. फिर उन्होंने मेरे लंड पर जैली मली और खुद अपनी गांड को मेरे लंड के हवाले कर दिया.

दरअसल अबकी बार भाभी की गांड मैं नहीं मार रहा था, बल्कि वे खुद अपनी गांड मेरे लंड से मरवा रही थीं.

भाभी ने मुझे चित्त लिटा दिया और खुद अपनी गांड को मेरे लंड की नोक पर टिकाते हुए बैठने लगीं. जैसे ही लंड उनकी गांड में घुसा वे दर्द से कलप गईं. कुछ देर गांड में लंड का मजा लेने के बाद मैंने उनकी चुत में अपने लंड को घुसेड़ दिया और उनकी धकापेल चुदाई शुरू हो गई.

उस रात हमने दो बार चुदाई की.. और जब भी मौका मिलता, हम दोनों तन की प्यास बुझा लेते.

आपको मेरी भाभी की गांड चुदाई की कहानी कैसी लगी, मुझे मेल के जरिए ज़रूर बताइएगा.
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