Tag: खुले में चुदाई

बहू-ससुर की मौजाँ ही मौजाँ-5

प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी उनके झटके बढ़ते गए और एकदम से उन्होंने पानी की धार मेरी चूत में छोड़ दी और वो मुझसे चिपक गए। मैं भी अपने आप को रोक ना सकी और मैंने भी पानी छोड़ दिया, मैं भी उनसे चिपक गई, उनका लण्ड अब भी मेरे अन्दर ही था। हम […]

मेरे ससुर ने मुझे चोदा-1

आप कहानी को रत्ना जी की लेखनी से ही पढ़ें और अपने विचार व्यक्त करें। नमस्कार साथियो, मेरा नाम रत्ना शर्मा है और मैं भीलवाड़ा से हूँ और मैं आज आपको अपने परिवार और मेरी कहानी बताने वाली हूँ जो कुछ महीनों पहले की ही है, जो घटना मेरे साथ हुई थी और अभी तक […]

मेरे ससुर ने मुझे चोदा-2

कुछ देर बाद मुझे खबर लगी कि सासू जी बीमार हो गई हैं तो वे जेठ जी के घर पर ही रुक गई थीं और यहाँ हम दोनों ससुर और बहू ही थे। फिर कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा, ना मैंने कुछ कहा और ना मेरे ससुर जी ने कुछ कहा। मैं अपनी वासना […]

टीवी देखते हुए चूत में उंगली

वो भी मुझे देखते ही मुस्कुरा दी थी क्योंकि उसके सामने मेरे घर पर मेरी मम्मी और भाभी शायद मेरी कुछ ज्यादा ही तारीफ कर चुके थे। मेरे घर वाले वैसे भी मेरी कुछ ज्यादा ही तारीफ करते हैं तो उसके मन में भी मुझसे मिलने की उत्सुकता बढ़ गई होगी। उसने साड़ी पहन रखी […]

मेरे ससुर ने मुझे चोदा-4

रात को ससुर ने मुझे खूब चोदा। फिर एक दिन हमारे गाँव में मेला लगा तो ससुर जी ने मुझे बहुत सी सिंगार की चीजें दिलाईं और मुझे खूब घुमाया। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे हम पति-पत्नी हों। उन्होंने बैंक में मेरे नाम पर 10000/- एफ़डी भी करवा दी और फिर एक दिन मेरा […]

लण्डों की होली-2

वो सारे भागे और ससुर जी अपनी नज़रें यहाँ-वहाँ घुमाने लगे। इतने में मैंने देखा कि नवीन और विजय नीलम भाभी को पकड़ कर ला रहे हैं। तब मुझे अहसास हुआ कि वो जानबूझ कर वहाँ खड़ी थीं ताकि सबसे पहले उसकी चुदाई हो। विजय ने उनका एक हाथ पकड़ा हुआ था और नवीन उनके […]

मेरे लण्ड का अनोखा शोषण-3

खैर.. चलो अब कहानी पर आते हैं। अभी तक आपने पढ़ा कि रानी ने कैसे मेरा देह शोषण किया और किस प्रकार मेरा कुँआरापन भंग करके अपनी तड़पती जवानी के उफान को शांत किया.. मगर उसकी शांति ने मुझे अशांत कर दिया और मेरा लौड़ा अभी भी फुंफकार मार रहा था। क्योंकि अभी कुछ देर […]

मेरे लण्ड का अनोखा शोषण-2

जब मैं अपनी मम्मी को लेकर मामा जी के घर पहुँचा तो वहाँ पहले से ही काफी रिश्तेदारों और पड़ोसियों की भीड़ लगी थी.. जिनमें कई लड़के-लड़कियाँ भी शामिल थे, मगर मेरी आँखें तो किसी और को ही ढूंढ़ रही थीं और जैसे ही मेरी तलाश खत्म हुई तो मेरी बाँछें खिल उठीं और मेरी […]

एक सोची समझी साजिश-1

इस पर मामा की बेटी मुझसे गुस्सा होते हुए बोली- हाँ हाँ, जाओ न उसी से दोस्ती करो, मुझसे तो मन भर गया है न अब? (मेरी पिछली कहानी में मेरे और मामा की बेटी के संबंधो का जिक्र है, उसे पढ़ें) मैंने उसे मनाते हुए कहा- नहीं मेरी जान, तुमसे मेरा मन कभी नहीं […]