Tag: कामुकता

ससुर और बहू की कामवासना और चुदाई-2

बहू रानी तुरन्त उठ के सीधी हुई और मुझे शिकायत भरी निगाहों से लेकिन होंठों पर मुस्कराहट लिए देखती रही, तभी उसके होंठों ने ज़रा सा गोल होकर जैसे हवाई चुम्बन दिया; प्रत्युत्तर में मैंने भी अपने होठों से जवाब दिया. मैं अपनी बहूरानी के इस आत्मीय और संतुलित व्यवहार से हमेशा ही अचंभित, अवाक्, […]

मेरी मम्मी और मेरे ससुर की होली

एक दिन सुबह सुबह मैं सिर्फ ब्लाऊज और पेटीकोट में उनको चाय देने गयी। मुझे क्या पता था वो मेरे पेटीकोट का नाड़ा खोलने के चक्कर में हैं। मेरी शादी को जल्द ही एक साल हो गया होली का त्यौहार आने वाला था मेरी ससुराल में पहली होली थी। मैं बहुत मस्ती करने के मूड […]

चुत चुदाई का पहला अनुभव भाभी की बहन के साथ

शादी के दो दिन के फंक्शन में हमारी मुलाकात की शुरूआत बहुत ही ख़राब हुई, जो भड़काऊ और झगड़ने जैसी थी. उसके नखरे, नाटक ही कुछ ऐसे थे, जो मुझे अपने तरफ खींच रहे थे. उसकी वजह से में उसका दीवाना हो गया था. मेरा मन कर रहा था कि बस वहीं भाई की शादी […]

ससुर और बहू की कामवासना और चुदाई-6

“अदिति बेटा, अब आजा फिर से!” “क्यों आऊँ पापा जी… मैं तो यहीं ठीक हूं!” “अरे आ ना टाइम पास करते हैं दोनों मिल के!” “टाइम तो अच्छे से पास हो रहा है मेरा यहीं बैठे बैठे!” “बेटा जी, इस कूपे का हजारों रुपये किराया दिया है हमने. अभी दिल्ली पहुँचने में 18 घंटे बाकी […]

जब मैंने मौसी को चोदा

वैसे तो मैं और माँ जब पापा घर पे नहीं होते, तो अक्सर चुदाई करने लगे थे। लेकिन कुछ दिन बाद पापा दो महीने के लिए घर पर ही रूक गए तो हम माँ बेटा को चुत चुदाई का मौक़ा नहीं मिल पा रहा था। और मेरा मन माँ की चूत चोदने का कर रहा […]

भाई की साली की चुदाई का मजा लिया

इससे पहले हम लोग नॉर्मली ही बातें किया करते थे, थोड़ी बहुत मस्ती भी हो जाती थी. अब मैं मेन पॉइंट की बात करता हूँ. ये बात उस रात की है, जब शादी की सभी रस्में संपन्न हो चुकी थी और मेरी दीदी विदा होकर अपनी ससुराल चली गई थीं. दिन की शादी थी तो […]

इंडियन इन्सेस्ट स्टोरी सास और जमाई की सुहागरात की

रचना के जाने के बाद मुझे घर में बहुत अकेलापन लगने लगा। फिर जैसे तैसे दो महीने बीत गए। एक दिन बेटी जमाई घर आये। सर्दी का मौसम था, मैंने उनको खाना खिलाया और लेटने के लिए बिस्तर सजाया। जमाई जी की नजर मुझे कुछ ठीक नहीं लगी, उनकी नजर मेरी छाती यानि मेरी चूचियों […]

स्त्री-मन… एक पहेली-3

मैंने कपड़ों की हल्की सी सरसराहट और साँसों की मध्यम सी आवाज़ सुनी. मेरे ही बैड पर, मेरे दायीं ओर कोई था. एक पल को तो मेरे रौंगटे खड़े हो गए लेकिन जैसे ही मुझे प्रिया के वहाँ होने का ध्यान आया तो मेरे लिंग में भयंकर तनाव आ गया. मैंने अपना बायाँ हाथ आगे […]

मामा से चुदाई की भानजी की व्यथा कथा-2

उनकी इस बात पर मैं कुछ ना कह सकी पर मैंने अपना विरोध जारी रखा, मैं रात के वक्त ब्रा और पैंटी नहीं पहनती इसलिए उनका हाथ सीधे मेरे नंगे बदन पर चला गया और वो मेरे उभरते कठोर मम्मों को जोर से दबाते हुए मेरी गांड को भी जोर-जोर से दबाने लगे, उनकी बातों […]

स्त्री-मन… एक पहेली-5

अधखुले आद्र और गुलाबी होंठों में बालों पर चढ़ाने वाला काला रबर-बैंड और बालों में बिजली की गति से चलती दस लम्बी सुडौल उंगलियाँ। यकीनन मेरी कुंडली में शुक्र बहुत उच्च का रहा होगा तभी तो रति देवी मुझ पर दिल खोल कर मेहरबां थी. तभी प्रिया अपने बाल व्यवस्थित करने के उपरान्त मेरी ओर […]