आप सोच रहे होंगे अनारकली तो सलीम की थी फ़िर ये नई अनारकली कौन है। दर असल अनार हमारी नौकरानी गुलाबो की लड़की है। उसके घरवाले और मधु (मेरी पत्नी) उसे अनु और मैं अनारकली बुलाता हूँ। अनार के अनारकली बनने की कहानी आप जरूर सुनना चाहेंगे। अनार नाम बड़ा अजीब सा है ना। दर […]
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नौकर-नौकरानी
घरेलू नौकर-नौकरानी को चोदने की कहानियाँ, घरेलू नौकरों, माली ड्राइवर आदि से चुदने की कहानियाँ
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Sex with Servant, Maid stories
एकाकीपन में खुशी-2
में पढ़ा था कि किस प्रकार मेरी बड़ी बहन रश्मि और मेरे नौकर जावेद ने एक दूसरे की रात रंगीन की थी। अब मैं आपको अगले दिन सुबह की कथा भी बताता हूँ। रात में दीदी की कामक्रीड़ा देखने के कारण मैं सुबह देर से जागा। सुबह उठते ही मैंने दीदी के कमरे में रोशनदान […]
मेरी अनारकली-2
‘शादी नहीं साहब गौना हो रहा है।’ ‘हाँ हाँ वही ! पर तुम तो अभी बहुत छोटी हो। इतनी कम उम्र में??’ ‘छोटी कहाँ हूँ ! पूरी 18 की हो गई हूँ। और फ़िर गरीब की बेटी तो घरवालों, रिश्तेदारों और मोहल्ले वालों, शोहदों की नज़र में तो 10-12 साल की भी जवान हो जाती […]
भाभी के बाद कामवाली-2
“यह सही नहीं है ! मैं किसी की बीवी भी हूँ !” “तो मैं किसी का पति भी हूँ रानी ! वैसे दिन में जब तू आती है, संवरती नहीं है ! इस वक़्त बिल्कुल अलग लग रही है ! “क्या करूँ? दिन में सँवरने लगी तो मेरे बच्चे भूखें मर जायेंगे, उनका पेट कौन […]
भाभी के बाद कामवाली-1
यह भाभी तो मेरी हो गई, अब तो हर रात उसको मेरे लौड़े की आदत पड़ गई। मेरे ज़रिये वो अपने शौक भी पूरे करने लगी। मेरा डिपार्टमेंट है ही ऐसा कि थोड़ा बहुत हाथ इधर उधर झाड़ भी दूँ तो फर्क नहीं पड़ता था। उधर मेरी नज़र में एक और खूबसूरत औरत चढ़ गई, […]
सोने का नाटक
खेलते खेलते मेरा लंड का सुपारा फूल कर लाल हो गया और मेरा लंड पूरा 7″ से भी ज्यादा हो गया। इतने में उसकी आने की आवाज सुनाई दी तो मैं चुपचाप लेट गया। वो दरवाजे पर दस्तक देने लगी तो उसे लगा कि दरवाजा तो खुला है, तो वो अन्दर आकर दरवाजा बंद कर […]
हमारी नौकरानी सरीना-2
मैंने कहा- नहीं वो तो नहीं है ! रूचि बोली- मैं भी अकेली हूँ ! अच्छा, सरीना आपके यहाँ हो तो भाईसाहब बात करा दीजिए न ! कुछ बड़ा काम तो नहीं कर रही है क्या ? मैं झेंपता हुआ बोला- अभो कराता हूँ ! सरीना पीछे आकर मुझसे चिपक गई थी, मैंने सरीना को […]
हमारी नौकरानी सरीना-1
और उसने अपने ब्लाउज के तीन बटन खोल लिए। नीचे ब्रा वो नहीं पहने थी पूरी चूचियाँ एकदम से बाहर आ गईं। चुचूक आधे से ज्यादा बाहर थे। पौंछा लगाते लगाते वो मुस्कुरा रही थी। सरीना मुस्कुरा कर बोली- बाबू, आप मुझे 200 रुपए दे दो ! मेरा लौड़ा पूरा टनटना रहा था, मैं बोला- […]
महकती कविता-2
उफ़्फ़्फ़! नहीं ऐसे नहीं! फिर? राजा बाहर खेल रहा था। वो स्नान करके बाहर आई, पूरी भीगी हुई थी। उसने तौलिये के लिये नजर दौड़ाई। अभी वो मात्र पेंटी में ही थी और गीली पेंटी उसके कोमल चूतड़ों से चिपकी हुई थी। घर पर तो कोई था नहीं। उसने झुक कर अपनी उभरी हुई चूत […]
महकती कविता-1
रोहण ने पहले उसे ऊपर से नीचे तक देखा, नाम पूछा, उसका नाम कविता था और उसके बच्चे का नाम राजा था। और कहा- पहले तुम अच्छे से नहा धो लो, साफ़ सुथरी तो हो जाओ। फिर तुम दोनों कुछ खा पी लो, फिर बताऊँगा तुम्हें काम। उसने उसे साबुन और एक पुराना तौलिया दे […]