Tag: सहेली

मालकिन के साथ नौकरानी को भी चोदा–4

लेकिन दोस्तो, मैंने जो कहानी लिखी है वो मेरी अपनी है इसमें मैं आप लोगों को शामिल नहीं कर सकता.. सिर्फ़ मेरे अनुभवों को आपके साथ साझा कर सकता हूँ। मैं सिर्फ़ आपकी चूत और लंड से पानी निकालने के लिए अपनी कहानी लिखता हूँ। कई मित्रों के ईमेल मुझे मिले.. पर ज़्यादातर लोगों ने […]

मेरा गुप्त जीवन- 17

तब फुलवा ने बिंदू को पलंग से नीचे उतारा और उसके कपड़े उतारने लगी, पहले ब्लाउज उतार दिया और फिर धोती खींच दी और फिर पेटीकोट भी उतार दिया। बिंदू ने अपना एक हाथ स्तनों पर रखा और दूसरे से चूत को छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी। अब तक फुलवा भी पूरी नंगी हो […]

मेरा गुप्त जीवन- 15

अगले दिन जब स्कूल से वापस आया तो वो बोली- चम्पा कह रही थी की कल शायद 2-3 दिनों के लिए शहर जा रहा है, चम्पा का पति। अब बोलो, क्या करना है आगे? मैंने कहा- हमारी एक बड़ी अच्छी छोटी सी कुटिया है जंगल में… जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। कल […]

मेरा गुप्त जीवन- 20

बिंदू ख़ास तौर से हैरान थी मेरी यौन शक्ति देख कर क्यूंकि उसका पति तो रात में एक बार झड़ कर सो जाता था और फुलवा का पति भी हफ्ते में 2-3 बार छूटा कर थक जाता था, दोनों का लौड़ा भी दुबारा नहीं खड़ा होता था। बिंदू कहती थी कि छोटे मालिक शायद एक […]

मेरा गुप्त जीवन-26

मम्मी के इशारे पर मैंने ताऊजी और ताई जी के चरण स्पर्श किये और वहीं खाली कुर्सी पर बैठ गया। तब मैंने ध्यान से उन सबको देखा, ताऊजी हट्टे कट्टे लग रहे थे और ताई भी उनसे उम्र में काफी छोटी लग रही थी। ऐसा नहीं लग रहा था कि वो दोनों बेटियों की माँ […]

मेरा गुप्त जीवन -35

‘तेरी इच्छा है अगर तेरा दिल मानता है तो बुलाना वरना नहीं। उसके तो अभी बच्चे भी होंगे न?’ ‘नहीं छोटे मालिक, उसका कोई बच्चा नहीं हुआ अभी तक, उसका पति अक्सर काम के सिलसिले में बाहर रहता है और वो यहाँ अकेली ही रहती है पति की गैरहाज़री में!’ ‘अच्छा तुम उससे पूछना क्या […]

मेरा गुप्त जीवन-34

खाना खाकर हम तीनों मेरे कमरे में इकट्ठे हुए, तीनों ने धीरे धीरे अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिये। कपड़े उतारने का क्रम ऐसा रखा कि हर एक कपड़ा उतारने के बाद हम देखते थे कि कितने कपड़े बचे हैं शरीर पर! एक एक कपड़ा उतारते हुए हम देखते जा रहे थे कि किसके कपड़े […]

मेरा गुप्त जीवन-72

पाठकों को याद दिला दूँ कि ये दोनों वही लड़कियाँ थी जिन्होंने मेरा अपहरण किया था जब मैं निम्मी और मैरी के कमरे से निकला था नैनीताल के होटल में। कोक पीते हुए मैं बोला- शानू और बानो, कैसे हो आप दोनों, बड़े अरसे के बाद आपको मेरी याद आई जब कि बहुत सेवा की […]

चूची से जीजाजी की गाण्ड मारी-4

सुधा जीजाजी चाय पीते हुए बोले- ठीक है, चमेली इस बार केतली में चाय इसीलिए बना कर लाई थी कि दुबारा चाय गर्म करने के लिए नीचे ना जाना पड़े और दीदी अकेले-अकेले…! जीजाजी चमेली की तरफ गहरी नज़र से देख कर मुस्काराए। “जीजाजी आप बड़े वो हैं..!” चमेली बोली। “वो क्या..!” “बड़े चोदू हैं..!” […]

चूची से जीजाजी की गाण्ड मारी-7

सुधा अचानक जीजा जी रुक गए, मैंने पूछा- क्या हुआ ? रुक क्यों गए? जीजा जी बोले- बुर के बाल गड़ रहे हैं..! और अब तो इसका राज जान कर ही आगे चुदाई होगी। मैं जीजा जी के पीठ पर घूँसा बरसते हुए बोली- जीजा जी खड़े लण्ड पर धोखा देना इसे ही कहते हैं…! […]