Tag: गांड

मेरा गुप्त जीवन -24

मैंने पूछा- क्यों चम्पा क्या यह रात रहेगी यहाँ? ‘हाँ छोटे मालिक, मैंने इसकी सास से बात कर ली है और वो मान गई है। यह अब दिन रात आप की सेवा करेगी छोटे मालिक!’ ‘क्यों निर्मला? करेगी न हर प्रकार की सेवा?’ यह कहते हुए चम्पा ने मुझको आँख मारी, मैं भी मुस्कुरा दिया। […]

मेरा गुप्त जीवन -93

मैं थोड़ा थक गया था, थोड़ी देर के लिए सो गया। रात को पारो ने बहुत ही उम्दा खाना बनाया और हम तीनों ने एक साथ बैठ कर खाना खाया। दिल्ली और आगरा में खाना तो होटलों का था, उसमें घर सा आनन्द कहाँ। फिर मैं और कम्मो अपने गार्डन की सैर करने लगे और […]

आया आंटी ने लंड चूस कर चूत चुदवाई

आंटी कैन को कैंची से काट रही थीं.. तो कैन के टुकड़े आंटी के फुद्दी के पास गिरने लगे.. मैं टुकड़ों को उठाता-उठाता हाथ को उनकी फुद्दी के पास ले गया। मुझे बड़ा मजा आया.. फिर मैं जानबूझ कर ऐसा करने लगा। आंटी ने भी मुझे नहीं रोका। मैं मजा लेता गया.. और कैन कट […]

औरतों की गांड मारने की ललक

एक बार मेरे सभी रूममेट्स फिल्म देखने बाहर गए हुए थे और रात के समय मैं अकेला बैठकर शराब पी रहा था. मंजू ने सब्ज़ी पका दी थी, पर उसके बच्चे के रोने के कारण आटा लेकर वह अपने घर चली गई थी कि रोटी बनाकर ला देगी. टीवी देखने के चक्कर में मैं यह […]

नौकरानी और प्रेमिका एक साथ

एक बार मैंने उससे पूछा भी था कि इतना सेक्स तेरे में कैसे आया? उसने बताया था कि मम्मी डैडी का सेक्स देखते देखते उसको भी सेक्स चढ़ जाता था. लेकिन जमाने के डर से सिर्फ उसने अपनी उंगलियों से ही काम चला लिया था. वो मुझे कहने लगी- तुम पहली बार जब मिले, तो […]

मैंने जीजू से चुदवा ही लिया

मैं किसी तरह अपने मन को काबू में रख रही थी. मेरी उत्तेजना जब अधिक बढ़ जाती तो मैं उंगली को चूत में डाल कर अन्दर बाहर करके अपना पानी निकल देती थी. हाथ से करते समय भी समीर को ही सोच कर अपना पानी निकाल देती थी. अब समीर ने मुझे कैसे चोदा… इसके […]

सलहज की जम कर गान्ड मारी

मुझे तो मानो करंट लग गया और साथ ही उसे भी अहसास हुआ कि जीजाजी का लन्ड खड़ा है। १८ घण्टे के सफ़र के दौरान मैं सोचता रहा कि इसे कैसे चोदूं। खैर घर आ गये हम। पड़ोस की एक भाभी को बच्चा होने वाला था, इस कारण मेरी बीवी एक रात उनके साथ अस्पताल […]

जीजाजी, दीदी और मैं-2

तब भी मुझे डर लग रहा था। उन्होंने पहले आधा ही अंदर किया और कुछ देर तक उतना डाल कर ही बाहर भीतर करते रहे। जीजाजी पुछने लगे बोलो मजा आ रहा है कि नहीं। मैं कुछ नहीं बोली और जीजाजी की कमर पकड़ कर अपने तरफ़ दबाने लगी। जीजाजी कहने लगे अच्छा तो अब […]

जीजू का प्यार

घर आ कर हम डिनर करते थे… फिर जीजू और दीदी जल्दी ही अपने कमरे में चले जाते थे। लगभग दस बजे मैं अकेली हो जाती थी… और कम्प्यूटर पर कुछ-कुछ खेलती रहती थी। ऐसे ही एक रात को मैं अकेली रूम में बोर हो रही थी… नींद भी नहीं आ रही थी… तो मैं […]

कुड़ी पतंग हो गई

आज भी शाम को मम्मी के होस्पिटल जाते ही जीजू झील के किनारे घूमने के लिये निकल पड़े थे, मुझे भी उन्होंने साथ ले लिया था. जीजू मेरा बहुत ख्याल रखते हैं. अपनी मोटर-बाईक वो एक रेस्तरां के सामने खड़ी कर देते थे, फिर वो लगभग दो किलोमीटर पैदल घूमते थे. आज भी उन्होंने घूमते […]