Tag: गांड में उंगली

सिनेमा हॉल में गांड मरवाई

वह शरारती नज़रों से देख मेरी ओर मुड़ा- अकेले देखने में मुझे भी मजा ही नहीं आता। और वह वहीं रुक गया। फिर न मैंने बात की, न उसने। मैंने पैसा निकाल बालकनी की टिकट ले ली। वह बिल्कुल पीछे खड़ा टिकट लेने लगा। मैं टिकट लेकर अन्दर गया, लेकिन अभी बालकनी के बाहर रुक […]

कैसे बना मैं एक चुदक्कड़ गांडू

मैंने कई बार अपनी लड़की दोस्तों को उनके बॉय फ्रेंड के साथ अकेले में स्कूल के खाली कमरों में अश्लील हरक़तें करते देखा। लड़कियों में से पूजा से मेरे बहुत अच्छे से दोस्ती और बोलचाल है, वो अक्सर मेरे घर आती नोट्स के लिए। वो एक बहुत बड़े अमीर परिवार की छोरी है। एक रोज़ […]

अमरूद के बाग़ में गांड मरवाई

मेरे घर के रास्ते में एक अमरुद का बढ़िया सा बाग़ पड़ता है, इस बाग़ में मैं दो बन्दों के साथ मौज मस्ती भी कर चुका हूँ, कैसी मस्ती यह आप जानते ही हो, तब सीज़न नहीं था और बाग़ खाली रहता था, आजकल भारी फसल है, मैं घर आ रहा था कि पके अमरुद […]

गांड मार कर देखते हैं

रात करीब एक बजे जब स्त्री पुरुष के जनन-अंगों वाला पाठ आया और उसमें जनन अंगों की फोटो वाला पेज आया तो कुछ रात की खुमारी और कुछ सेक्स अंगों की फोटो देख कर हम दोनों उत्तेजित होने लगे, हालांकि हम दोनों ही उस पाठ को पहले भी कई बार पढ़ चुके थे। अचानक राम […]

पूरे हुए सपने-1

उसके कमरे में ही उसका साथ रहता था अमित जो उससे एक साल छोटा था। दोनों दोस्त थे साथ ही पढ़ते, साथ ही मस्ती करते, साथ ही ब्लू फिल्म देखते। सर्दियों के दिन थे, दोनों एक ही रजाई में बैठ कर पढ़ रहे थे और दोनों के लण्ड खड़े थे और बीच बीच में वे […]

जाट पुलिस वालों ने खेत में चोदा-4

हम समझ गए कि यह खेत का किसान है.. दोनों पुलिस वालों को देखकर वो अचंभे से बोला- अरै कलयुग की औलादों.. इतने बुरे दिन आगे के थारे (तुम्हारे इतने बुरे दिन आ गए) लड़कियाँ मिलनी बंद हो गी.. के (क्या) हम तीनों कुछ देर तो हक्के बक्के उसको देखते रहे, फिर प्रवीण कुछ संभलते […]

जिस्मानी रिश्तों की चाह -5

मैंने उससे टाँगें फैलाने को कहा और फिर मैंने उसकी गाण्ड में अपनी एक उंगली डाली और अन्दर-बाहर करने लगा.. जिससे उसे तक़लीफ़ होने लगी। इसी के साथ ही मैंने फरहान के लण्ड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा.. जो उसे मज़ा देने लगा। मैंने लण्ड पर अपना मुँह आगे-पीछे करने की स्पीड […]

जिस्मानी रिश्तों की चाह -4

मेरे पहले झटके से ही तकरीबन 4 इंच लण्ड उसकी गाण्ड में दाखिल हो चुका था। उसकी गाण्ड का सुराख काफ़ी लूज था.. शायद काफ़ी बार गाण्ड मरवा चुका था इसलिए ऐसा था। मेरे अगले झटके ने मेरे पूरे लण्ड को जड़ तक उसकी गाण्ड में उतार दिया। यह आज के दिन में तीसरी बार […]

जिस्मानी रिश्तों की चाह -16

आपी यह कह कर फिर से कुछ सोचने लगीं, मैं भी चुप ही रहा और उन्हें सोचने का टाइम दिया। कुछ देर बाद आपी बोलीं- ओके.. ठीक है.. लेकिन ये सब होगा कैसे? मैंने कहा- इसकी आप फ़िक्र ना करें.. ये सब मुझ पर छोड़ दें.. लेकिन आप ये जेहन में रखें कि आपके और […]

जिस्मानी रिश्तों की चाह -19

फरहान उठा और जाकर दरवाज़ा बंद कर दिया। ‘लॉक भी लगा दो..’ फरहान ने लॉक भी लगाया और वापस आकर अपनी कुर्सी पर बैठ गया। ‘हाँ मुझे तुम्हारे कंप्यूटर में कुछ फ़िल्में वाकयी ही बहुत अच्छी लगी हैं.. तो मैं सोच रही हूँ कि आज रियल ही क्यूँ ना देख लूँ.. चलो शुरू करो.. जो […]