Tag: लंड चुसाई

टीवी देखते हुए चूत में उंगली

वो भी मुझे देखते ही मुस्कुरा दी थी क्योंकि उसके सामने मेरे घर पर मेरी मम्मी और भाभी शायद मेरी कुछ ज्यादा ही तारीफ कर चुके थे। मेरे घर वाले वैसे भी मेरी कुछ ज्यादा ही तारीफ करते हैं तो उसके मन में भी मुझसे मिलने की उत्सुकता बढ़ गई होगी। उसने साड़ी पहन रखी […]

मेरे ससुर ने मुझे चोदा-4

रात को ससुर ने मुझे खूब चोदा। फिर एक दिन हमारे गाँव में मेला लगा तो ससुर जी ने मुझे बहुत सी सिंगार की चीजें दिलाईं और मुझे खूब घुमाया। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे हम पति-पत्नी हों। उन्होंने बैंक में मेरे नाम पर 10000/- एफ़डी भी करवा दी और फिर एक दिन मेरा […]

मेरे ससुर ने मुझे चोदा-3

‘आपका बहुत बड़ा है।’ ‘क्या बहू?’ ‘वो जो नीचे है।’ ‘क्या.. इसका नाम लो बहू.. बोलो लंड.. बोलो..’ फिर मैं बोली- हाँ.. आपका लंड.. बहुत बड़ा है।’ ससुर जी मेरे नजदीक आकर बोले- तुमको अच्छा लगा? ‘मैं तो आपका यह बड़ा लंड देख कर उसी दिन से पागल थी।’ आज वही लौड़ा मेरी आँखों के […]

मेरी चालू बीवी-116

मामाजी- हा हा… वैसे बेटी, बुरा मत मानो तो एक बात पूछूँ? सलोनी- जी हाँ, क्या? मामाजी- क्या अंकुर के अलावा तुमने आज मुझसे ही चुदवाया है या फिर किसी और से भी? देखो सच-सच बताना? उनकी बातचीत का विषय देख मेरे कान भी खड़े हो गए, मेरी चुदाई की गति कम हो गई क्योंकि […]

घर के लौड़े-7

अब विजय के पास बोलने को कुछ नहीं था वो चुपचाप बिस्तर पर बैठ गया। मैं उसके पास गई और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए। दो मिनट के चुम्बन के बाद विजय मेरे मम्मों को दबाने लगा, मेरी चूत को सहलाने लगा। मैं भी कहाँ पीछे रहने वाली थी, मैंने उसके लौड़े को […]

घर के लौड़े-4

कुछ देर बाद मेरी चूत का दर्द मज़े में बदल गया। अब मेरी चूत में वही खुजली फिर से होने लगी थी, ऐसा लग रहा था पापा का लौड़ा आगे तक क्यों नहीं जा रहा। रानी- आहह.. हह उईईई उफफफ्फ़.. पापा आहह अब दर्द कम है.. आहह घुसा दो.. आह फाड़ दो.. मेरी चूत को […]

लड़कपन की यादें-8

अनन्या की योनि अब मेरी तरफ थी इसलिए मैंने अपनी दायें हाथ की उंगली उसकी योनि में डाल दी और अन्दर-बाहर करने लगा। अब सोनी के साथ अनन्या की मादक सिसकारियाँ रूम में गूंजने लगीं थी। मैंने सोनी की योनि में अपने प्रहार तेज कर दिए थे। कुछ ही मिनटों के बाद सोनी तेज उत्तेजक […]

विज्ञान से चूत चुदाई ज्ञान तक-24

मुझे कुछ समझ नहीं आया क्या करूँ.. क्योंकि वो मुझे अपना दोस्त समझ रहा था। मैंने उसका हाथ पकड़ा और बाथरूम तक ले गई। दीपाली- यार क्या बोल रही है.. किसी ने देखा नहीं..? प्रिया- अरे कमरे में बाथरूम था यार बाहर नहीं गई.. अब तू सुन… दीपक- अरे स..साली ज़िप नहीं खुल रही आह्ह… […]

मेरे लण्ड का अनोखा शोषण-2

जब मैं अपनी मम्मी को लेकर मामा जी के घर पहुँचा तो वहाँ पहले से ही काफी रिश्तेदारों और पड़ोसियों की भीड़ लगी थी.. जिनमें कई लड़के-लड़कियाँ भी शामिल थे, मगर मेरी आँखें तो किसी और को ही ढूंढ़ रही थीं और जैसे ही मेरी तलाश खत्म हुई तो मेरी बाँछें खिल उठीं और मेरी […]

विज्ञान से चूत चुदाई ज्ञान तक-43

सुधीर के घर में जाते ही प्रिया ने मुख्य दरवाजा बन्द कर दिया और दीपक से चिपक गई। उसने अपने होंठ उसके होंठों पर टिका दिए। दीपक भी उसका साथ देने लगा और उसकी गाण्ड को दबाते हुए उसे चुम्बन करने लगा। थोड़ी देर बाद दोनों अलग हुए। दीपक- मेरी प्यारी बहना.. यहाँ नहीं.. कमरे […]