Tag: दर्द

पड़ोस की कुंवारी लड़की

यह कहानी है मेरे एक पड़ोस की लड़की की जो देखने में कयामत थी उसका नाम था शबनम। और वो देखने में भी किसी फूल से कम नहीं थी वो। क्या कहूँ, बिल्कुल कैटरिना लगती थी। मैं जब भी उसे देखता मेरा लंड मेरी पैन्ट को फाड़ने लगता था, जिसको कंट्रोल करना बहुत ही मुश्किल […]

जो पहले कर ना सकी थी

कल दोपहर सजा के तौर पर किए गय कारनामे के बाद मुझे लगा कि मैं क्यों नहीं कर पाई थी अपना कारनामा तो सोचा आज अपने तरीके से करके देखती हूँ, पर फ़िर भी अपने मित्र से चैट करके कुछ सलाह ली और उसके बाद मैंने तैयारी शुरू की… जल्दी से साड़ी पेटीकोट सब उतार […]

छोटी बहन की कामुकता जगा कर बुर चोदन करवाया-2

वो सब मुझे इस तरह से चश्मे में से देख रही थीं कि जैसे मैं कोई बहुत बड़ा पिशाच हूं, जो उन्हें खा जाऊँगी. शायद उन लड़कियों को किसी ने मेरे बारे में भड़काया था. वो एक दूसरे को देख रही थीं, उसमें से एक आगे आके मुझसे बोली- वर्षा कहां पर है? मैं जवाब […]

प्यासी जवानी के अकेलेपन का इलाज़-6

पूजा चिल्ला रही थी- हाय मार डाअला, अरेए.. निकालऊऊओ अपना लौड़ाआआ मेरी गाअंड सेईई.. सालेईई मादरचोद.. मुफत का माअल मिलाआआ है तभीईई.. मेरी गाअंड फ़ाड़ रहा है.. हायईईईई.. अभीईईईई मादरचोद अपना लंड मेरी गाआअंड से जलदीईईई निकाआलो. मैं पूजा की बातों को ना सुनते हुए अपना लंड उसकी गांड में पेले जा रहा था और […]

मेरी मस्त पड़ोसन की चाय और गर्म चूत-3

थोड़ी देर आराम से लेटने के बाद मैंने उसे अपनी तरफ घुमाया, उसे गोद में उठा कर खड़ा हो गया. मेरा लंड अब तक दुबारा खड़ा हो गया. मैंने अपने लंड को धीरे से उसकी चूत पे टिकाया और उसे हल्के हल्के ऊपर नीचे करने लगा. मेरा लंड उसकी चूत में अंदर घुस गया और […]

मेरा पहला सेक्स कुंवारी लड़की के साथ

ऐसे ही कुछ दिन बीत गए. फिर सुषी के लिए एक रिश्ता आया और उसके घर वालों को रिश्ता पसंद आया और उन्होंने एक लड़के के साथ सुषी का रिश्ता पक्का कर दिया। शादी को सिर्फ 45 दिन ही रह गए थे। एक दिन संडे को मेरी ऑफिस की छुट्टी थी तो मैंने और रवि […]

तीन पत्ती गुलाब-35

भैया ने अपनी अंगुली पर फिर क्रीम लगाई और गांड के छेद पर लगाकर अपनी अंगुली को गोल-गोल घुमाने लगे। भाभी आह … ऊंह करती रही। फिर उन्होंने अपनी अंगुली भाभी की गांड से निकाल ली और उसके नितम्बों को चौड़ा करके गौर से देखने लगे। शायद वह उसकी गांड का छेद देख रहे थे। […]

सहेली का अन्तर्वासना और पहला सेक्स-2

मैं नज़मा के घर जाकर रात 10 बजे का इंतजार करने लगी. रात को जब हम दोनों सहेलियां साथ में लेटी हुई थीं तो मैंने अपनी सहेली की चूचियों को मसलना शुरू कर दिया. उसकी चूत को चाटने लगी. कुछ ही देर में उसकी सिसकारियां निकलने लगीं. जब उससे रहा न गया तो वो बोली- […]

आपा के हलाला से पहले खाला को चोदा-2

धीरे से मैंने उसकी गोरी पेशानी चूम ली और धीरे से उनकी चुनरी हटाने लगा. उन्होंने भी मुझे चुनरी हटाने में मदद की. मैंने खाला को कहा- नूरी खाला आप मुझे बिल्कुल मुमताज लगती हैं! तो वे बोली- मेरे शाहजहां, मैं आपकी मुमताज ही हूँ! आप आगे से मुझे मुमताज ही कहें! अब मैंने उसका […]

एक चूत पर एक चूत फ्री

उसके होंठ गुलाब की पंखुड़ियों की तरह थे जिनमें हरदम रस भरा रहता था, जैसे किसी के इंतज़ार में बैठे हों। हम तो बस उसकी चूत का अंदाज़ा लगाकर ही खुश हो जाते और पानी निकाल देते थे। मेरी जब भी उससे आँख मिलती तो वो अपने होंठों का रस पी लेती थी और मुझे […]