अब आगे: गीत ने कहा- तू तो ऐसे कह रही है, जैसे कि मेरी चूत में इतना बड़ा एक फुट का डिल्डो चला ही जाएगा. परमीत ने इठलाते हुए कहा- तेरी चूत का तो पता नहीं, पर मेरी चूत में तो चला जाता है. उसकी ये बात सुनकर मैं और मनु आश्चर्य से परमीत को […]
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कितनी गलत थी मैं
‘कुछ नहीं तुम अपना काम करो।’ थोड़े रुखे स्वर में मैंने कहा और अपना काम करने लगी। बाद में मुझे एहसास हुआ कि मुझे इतना रुखा नहीं होना चाहिये था तो उसे चाय के बहाने अपने पास बुलाया, सॉरी कहा और शाम के खाने पर घर आने के लिये कहा। कुछ देर वह टालता रहा, […]
मेरे पति का छोटा सा लण्ड-2
पांच मिनट भी नहीं गुज़रे कि मैं एक बार फिर से झड़ गई। मैं अब तक चार बार झड़ चुकी थी। वो मुझे तीस-पैंतीस मिनट में चार बार झड़ता हुआ देखकर सोच में पड़ गए। पिछले डेढ़ साल की चुदाई में मैं कभी-कभी ही झड़ती थी। दोस्तो, आपका इंतजार खत्म हुआ अब पेश है, मेरी […]
भाई बहन के साथ मिलकर चूत चुदाई-2
लेकिन अचानक रात को मैंने एक आवाज सुनी जैसे कोई चुदाई कर रहा हो। मुझे समझते देर नहीं लगी कि यह आयेशा और साहिल ही होंगे। मैंने पीछे मुड़कर देखा तो आयेशा साहिल के लंड पर उछल उछल कर चुदाई करवा रही थी। मैंने दोनों से कहा- यार, इतनी भी क्या हवस है जो फिर […]
डिल्डो और जिगोलो-2
राहुल, मेरा भाई सामने खड़ा था और हम दोनों को आँखें फाड़ कर देख रहा था। हम दोनों को नंगा बिस्तर पर चुदाई में मशगूल देख कर उसकी आँखें फटी की फटी रह गई थी। कुछ देर तक कोई भी कुछ भी ना बोल सका। फिर राहुल कुछ संभाल कर बोला- दीदी, सॉरी मैं अचानक […]
बुआ का कृत्रिम लिंग-2
उनकी यह बात सुन कर बुआ ने छूटते ही बुटीक की वजह बता कर मनाली जाने से मना कर दिया। बुआ की बात सुन कर मैंने भी कह दिया कि घर और बुटीक में बुआ अकेली रह जायगी इसलिए मैं भी नहीं जाऊँगा। हमारी यह बात सुन कर पापा और मम्मी ने हम दोनों को […]
बुआ का कृत्रिम लिंग-1
तो मित्रो, मैं आज अपने गुरूजी के द्वारा दी गई हिम्मत के कारण मेरे जीवन में घटित उस घटना का विवरण लिखने से पहले उस घटना के मुख्य पात्रों का परिचय देना चाहूँगा! मेरा नाम विवेक है और मैं दिल्ली में अपने पापा, मम्मी और सबसे छोटी बुआ के साथ रहता हूँ! मेरी आयु इक्कीस […]
बहू-ससुर की मौजाँ ही मौजाँ-5
प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी उनके झटके बढ़ते गए और एकदम से उन्होंने पानी की धार मेरी चूत में छोड़ दी और वो मुझसे चिपक गए। मैं भी अपने आप को रोक ना सकी और मैंने भी पानी छोड़ दिया, मैं भी उनसे चिपक गई, उनका लण्ड अब भी मेरे अन्दर ही था। हम […]
बहू-ससुर की मौजाँ ही मौजाँ-7
प्रेषिका : कौसर सम्पादक : जूजाजी मैं फिर करीब 05-30 बजे उठी तो शाम की फिर चिंता होने लगी कि आज ससुर जी को चाय कैसे देने जाऊँ। उनकी बात बार-बार याद आ जाती थी कि शाम को मैं उनके पास नंगी होकर चाय देने जाऊँ। तभी ससुरजी खुद मेरे रूम में आ गए। बोले- […]