तो मैंने कहा- लेकिन मेरा लंड तो अभी भी खड़ा है.. अब आगे.. अब वो हाथ से मेरा लंड पकड़ कर तेज़ी से मुठ्ठ मारने लगीं तो मैंने कहा- बस करो.. नहीं तो मैं झड़ जाऊँगा। यह कह कर मैंने उन्हें लिटा दिया और मैं उनके ऊपर आ गया। मैंने लंड को उनकी बुर के […]
Category: चाची की चुदाई
चाची की चुदाई, मामी, ताई, बुआ मौसी को चोदने की कहानियाँ
Chachi Ki Chudai, Mausi, Mami, bua, Tayi ki Chut Chudai Ki Kahani
Incest Sex Stories about sex with aunt
चुदक्कड़ आंटी और मेरा कच्चा लण्ड-2
यह सुनकर मैंने झट से अपना पैन्ट के ऊपर से ही लंड को पकड़ कर हिलाया। यह देख कर वो उठी और मेरे नजदीक को आई और अपना एक हाथ मेरे लंड पर रख दिया.. जिससे मेरे पूरे शरीर में एक करेंट सा आ गया। उसने कहा- क्या है यह? मैंने कहा- अभी तो देखा […]
मौसी की मस्त फ़ुद्दी की चुदास
वे अपने साथ एक तेल की मलिया (मिट्टी की कटोरी) भी साथ लाई थीं। वे अपने बेटे को तेल लगाने लगीं.. बच्चा सोया हुआ था और उसे लगाने के बाद मुझसे तेल लगाने के लिए बोलीं- तुझे भी लगा देती हूँ.. कितने सालों के बाद आए हो.. मेरे बहुत मना करने के बाद भी वे […]
सोनी मौसी की चूत चुदाई -8
इस बार मैं चूत की जड़ तक पहुँच कर रुक गया और दो मिनट के बाद जब मौसी थोड़ी शांत हुईं.. तब मैंने अपना लंड बाहर निकल लिया और ढेर सारी क्रीम को अपने लंड और उनकी गाण्ड पर लगा दिया। जब तक सोनी मौसी कुछ सोच समझ पातीं.. मैंने अपना लंड उनकी गाण्ड पर […]
चाची की बुर है या आग का गोला-2
यार ऐसे में लंड कैसे जाए.. उनकी गरम बुर में.. तो बेचारी मेरे लवड़े को चूत के मुँह पर रगड़-रगड़ कर ही काम चला रही थीं। थोड़ी देर काफी प्रयास करने के बाद भी जब लंड उनकी चूत को नहीं मिला.. तो वो फिर से उठीं और मेरी चड्डी को पकड़ कर बाहर निकाल दिया […]
चाची की बुर है या आग का गोला -1
मैंने यहीं पर एक कॉलेज में अपना नाम लिखवा लिया और पढ़ाई करने लगा। जब कुछ दिन बीत गए तो मैंने देखा कि अक्सर दिन में या रात में दोनों लोगों के बीच लड़ाई होती रहती थी। मैंने भी यह सोच कर कभी ध्यान नहीं दिया कि पति-पत्नी के बीच का मामला है.. मुझे इससे […]
मेरा गुप्त जीवन-31
मैं बोला- ठीक है मम्मी, उनको आने दो मैं उनका पूरा ख्याल रखूँगा। कितने लोग होंगे उनके परिवार में? मम्मी बोली- चाचा-चाची और उनकी लड़की होगी शायद। उनका अच्छी तरह से ध्यान रखना और खातिर में किसी तरह की कमी नहीं रहने देना। वो शायद कल पहुँच रहे हैं अपनी कार से, ठीक है न? […]
अठरह वर्ष पूर्व दिए गए वचन का मान रखा-2
उस दिन गर्मी बहुत ही अधिक थी, जब मैं रात का खाना बना कर रसोई से जैसे ही बाहर निकली तब पल्लवी ने मुझे देखते ही कहा- मम्मी, आप तो पसीने से भीग गई हो। ऐसा करो आप जल्दी से नहा लो, तब तक मैं नागेन्द्र भईया को बुला लाती हूँ। फिर हम सब एक […]
अठरह वर्ष पूर्व दिए गए वचन का मान रखा-1
अनेक संदेश भेजने एवं अत्यंत आग्रह करने के बाद ही श्रीमती तृष्णा लूथरा जी ने मेरी रचना का अनुवाद करने के लिए सहमत हुई और तब जाकर मेरे जीवन की उस घटना को निम्नलिखित रूप मिला:- जब भी कोई व्यक्ति अकेले में बैठ कर अपने जीवन के व्यतीत किये गए खट्टे-मीठे पलों को याद करता […]
मेरी काम वासना के रंगीन सपने -2
अब आगे लिख रही हूँ.. आप लोगों को बता दूँ कि अब मेरे मम्मे बहुत ही बड़े थे, ब्रा 36 सी की साइज़ की पहनती हूँ। उनको जितना भी ब्लाउज.. ब्रा और साड़ी के पल्लू के सहारे ढक दूँ। उनकी गोलाई और उभार को छिपा नहीं सकती। जो भी मुझे देखता, मेरी वक्ष-संपदा से तुरंत […]