Tag: गांड

तरक्की का सफ़र-12

मैंने उसे अपनी बाँहों में भरते हुए कहा, “मैं जानता हूँ मेरी जान!” मैं उसकी चूत को रगड़ने लगा। “अच्छा अब चिढ़ाना बंद करो और मेरी कस कर चुदाई करो”, प्रीती अपने कपड़े उतारते हुए बोली। मैंने जमकर उसकी चुदाई की और प्रीती इसी बीच चार बार झड़ी। सच कहता हूँ, प्रीती जैसी चूत किसी […]

मेरी रसीली जवानी

उसके भरे हुए पुष्ट उरोज अब अधिक लचीले नजर आते थे. चूतड़ों की लचक भी मन को सुहाती थी. उसके चूतड़ों की दरार और उसके भरे हुए और कसे हुए कूल्हे का भी नक्शा बडा खूबसूरत नजर आता था. राजेश की अनुपस्थिति में हम खूब बातें करते थे. अपने ब्लाऊज को भी आगे झुका कर […]

अब मैंने छवि की गांड मारी

रात में दस बजे खाना खाकर यूँ ही गाड़ी लेकर निकल गया लेकिन बार बार छवि का चेहरा, छवि की चूत, छवि की कड़ी कड़ी चूचियाँ, छवि के चिकने चूतड़ मेरे सामने आ जाते थे। इसी तरह छवि की यादों में खोया जब मैं आई.टी.ओ. पहुंचा तो छवि की फोन दोबारा आया। फोन उठाते ही […]

अक्षिता की अधूरी प्यास

आज पांच-छः साल हो गये, अब तो पति देव का यह हाल है कि काम से लौटे, खाना खाया और बिस्तर पर लेट गये। बहुत हो गया तो महीने में एक बार चोद दिया। पर मैं… ना… ना… पतिव्रता तो हूँ, पर चुदाई के मामले में नहीं… उसके कुछ दोस्तों से मैं चुद चुकी हूँ, […]

रेलगाड़ी का मज़ेदार सफ़र -2

जैसा मैंने अपनी कहानी में लिखा था कि आगे की कहानी मैं बाद में भेजूँगा। ट्रेन का सफ़र में मैंने लिखा था कि ट्रेन में रश्मि की चूत चोदने के बाद दो बार और उसकी चूत चोदी, पर कहानी भेजने और प्रकाशित होने के बीच कई महीने का समय है इसलिए इस बीच हमारे बीच […]

बदले की आग-10

मैं बोला- आज की सजा के बाद तुम कुसुम से वैसा ही प्यार करोगी जैसा पहले करती थीं। मुन्नी बोली- ठीक है, लेकिन आज के बदले के बाद ! कुसुम रोते हुए बोली- दीदी, सच मेरे कारण गीता भाभी और आपको बहुत सहना पड़ा, आप मेरी 3-3 से नहीं 4-4 लण्डों से मेरी चूत चुदवाओ […]

बदले की आग-9

गीता चोर आँखों से मुझे देख कर मुस्करा रही थी। अगले दिन कुसुम मुन्नी और गीता के साथ फ्लैट में गई। पीछे पीछे मैं और मोहन भी आ गए हमने अंदर घुसते ही कपड़े उतार कर लुंगी पहन ली। दूसरे कमरे मैं भाभी और मुन्नी ने अपनी साड़ी उतार ली और कुसुम की साड़ी भी […]

बदले की आग-7

उसकी टांगें फ़ैला कर मैंने अपना हाथ उसके योनि प्रदेश में घुसा दिया और उसकी चूत और जांघें सहलाने लगा। कुसुम अब पूरी नंगी थी और मेरी जाँघों पर बैठी हुई थी उसकी चूत में उंगली करते हुए मैंने पूछा- यह बताओ, बाकी के रुपए कहाँ से आए? कुसुम रोते हुए बोली- मैं रेलवे कॉलोनी […]

बदले की आग-5

मैंने कहा- भाभी, अभी तो एक पारी हुई है, सजा तो इसे दूसरी पारी में मिलेगी जब इसकी चुन्नी चुदेगी। मुन्नी भाभी से चिपक कर बोली- गीता तुमने मुझे बदनामी से बचा लिया है, मैं किसी भी सजा के लिए तैयार हूँ। कुछ देर बातें करने के बाद मैंने अपने पप्पू की तरफ इशारा करते […]

अफ्रीकन सफ़ारी लौड़े से चुदाई-5

इस दर्द का अंदाजा आप इसी से लगा लीजिये कि इतना दर्द तो मुझे तब भी नहीं हुआ जब मैं पहली बार चुदी थी। यह दर्द उस दर्द का 5 गुणा था। मैं दर्द से चीख रही थी- आअह्ह्ह्ह… ह्ह्ह्ह्हह… ऊऊऊओह्ह्ह्ह्ह… पर पीटर अपनी चुदाई में मग्न था। जैसे ही पीटर का अधिकतर लण्ड मेरी […]