मसाज़ सेन्टर में गाण्ड मरवाई

करीब दो साल पुरानी बात की है, मैं एक बार बारहवीं कक्षा की परीक्षा के बाद एक मालिश सेण्टर में गया ताकि मेरा शरीर थोड़ा रेलक्स फील करे। जैसे ही मैं सेण्टर पर पहुँचा तो मुझे इन्तजार करने को कहा गया। रात के नौ बज चुके थे, सेण्टर बंद होने का वक्त हो रहा था, आधे घंटे बाद मेरा नंबर आया तो एक बड़ा सुन्दर और स्मार्ट सा लड़का मुझे एक कमरे में ले गया। कमरे में एक लड़का तौलिये में था। वह काफी गोरा था और एकदम जिम वालों जैसी बॉडी थी, लम्बे बाल, सुन्दर चेहरा।

मैं अन्दर गया तो उसने मुझे एक तौलिया दिया और सारे कपड़े उतार कर तौलिया लपेट कर आने को कहा। उसकी आवाज़ में अच्छी सी मिठास थी।

जब मैं बाथरूम से आया तो सेंटर से सब लोग जा चुके थे, बस वह और मैं ही बचे थे। उसने मुझे तौलिया खोल कर बेड पर लेटने को कहा पेट के बल !

उसने मेरी कमर तक एक चादर डाल दी, फिर उसने अपने हाथ में काफी सारी क्रीम ली और मेरी कमर पर मालिश करनी शुरू की। करीब पंद्रह मिनट तक उसने मेरी कमर की मालिश की और फिर मेरे कन्धों पर क्रीम मलने लगा।

करीब दस मिनट बाद वह बेड पर चढ़ गया और अपने दोनों पैर मेरी कमर के दोनों तरफ कर दिए. अब वो मेरे चूतड़ों पर बैठा हुआ था। उसने मेरी कमर पर थोड़े मुक्कों की मालिश की और फिर मेरे कूल्हों पर से तौलिया हटा दिया।

अब मैं उसके सामने नंगा था। जैसे ही वो मेरी कमर मलने को झुकता, मुझे उसका लंड अपनी गांड पर दबता महसूस होता। फिर उसने काफी सारी क्रीम ली और मेरे चूतड़ों की मालिश शुरू कर दी।

उसने यह काफी देर तक किया और फिर उसने मेरी अंडकोष को दबा लिया। ऐसे ही मेरी गांड रगड़ते हुए उसने मेरी गांड में अपनी उंगली घुसा दी, यह बात मुझे बड़ी अजीब लगी।

फिर वो उतर कर सामने आया और अपना तौलिया निकाल दिया। उसका लण्ड एकदम सांप जैसा था, काला, एकदम नौ इंच का और मोटा।

फिर वो मेरे पास आया और बोला- मुझे पता है तुम गाण्ड मरवाते हो, मुझसे चुदोगे?

यह सुन कर मैं हक्का बक्का रह गया।

उसने अपना लंड मेरे पास किया और मेरा मन ललचा गया।

मैं उठ कर बैठा और उसने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया। वह बोला- बड़े रसीले होंठ हैं तेरे तो !

और फिर उसने मेरे गले और छाती को चूमना और चाटना शुरू किया। फिर वह तेज़ी से मेरे निप्प्ल को काटने लगा। अब मेरा पूरा शरीर लाल हो चुका था।

मैं खड़ा हुआ और उसे अपने सामने बिठाया, मैं उसकी छाती पर किस करता करता उसके पेट की तरफ बढ़ा। अब मैंने उसके लंड के आसपास के बालों को सहलाया और उसकी जांघें चाटने लगा।

धीरे धीरे मैंने उसके लौड़े के मुण्ड पर अपनी जीभ टिकाई तो उसकी सिसकारी निकल गई। अब मैं उसके सुपारे को चूस रहा था और उसने अपना हाथ मेरे सर पर टिका दिया- लंड चूस मेरा और बन जा मेरी रंडी गांडू साली !

ऐसे ऐसे वो मुझे अब गालियाँ देने लगा।

अब उसने अपना पूरा लंड मेरे मुँह में ठूंस दिया और सिसकारियाँ भरने लगा। दस मिनट बाद उसने मुझे खड़ा किया और बेड पर लेटा दिया, मेरी टांगें उठा कर वो मेरी गाण्ड को देखने लगा।

देखते ही देखते उसने मेरी गांड पर थप्पड़ मारने शुरू कर दिए, मार मार कर उसने मेरी गाण्ड लाल कर दी थी, मेरी आँखों से आँसू निकल रहे थे और मैं उससे रहम और लौड़े की भीख मांग रहा था।

अब उसने मेरी गाण्ड को चाटना शुरू कर दिया और अपनी जीभ मेरे छेद में घुसा दी। उसने अपने लौड़े पर कंडोम चढ़ाया और अपना लण्ड मेरे छेद पर टिका दिया, मेरे बालों को नोचा और धक्का देना शुरू किया।

मेरा छेद काफी टाइम से न चुदने के कारण काफी छोटा था, उसने जान लगा कर अपना आधा लंड मेरी गाण्ड में डाल दिया। मेरी तो जान ही निकल गई थी।

“साले गांडू, बड़ी सोलिड गांड है ! इसे तो मैं रोज़ मारूँगा और तुझे अपनी कुतिया बना कर रखूँगा !” वह मुझे ऐसे कहने लगा।

अब उसके लौड़े की रगड़ की आवाज़ मुझे भी सुनाई देने लगी। फिर उसने कुतिया बनने को कहा और मेरे ऊपर चढ़ कर मेरी चुदाई करने लगा।

मैं तो चुदाई से धन्य ही हो गया था, मानो मैं कोई सालों का भूखा था और मुझे खाना मिल गया हो।

अब वो अपना लंड मेरे मुँह में देने को आया तो उसमें से बदबू आ रही थी। मैंने उसका लंड मुँह में लिया और उसने सारा रस मेरे मुँह में छोड़ दिया जिसे मैं गटक गटक पी गया।

अभी भी मेरा मन भरा नहीं था, मैंने उसे कहा- मुझे तुम्हारे पेशाब में नहाना है।

उसने मुझे बालों से पकड़ा और घसीटता हुआ टॉयलेट में ले गया। उसने मुझे घुटनों पर बिठाया और अपने लौड़े को मेरे सर पर टिका कर मूतने लगा।

उसका मूत मेरे सारे बालों से होकर मेरे पूरे शरीर पर बहने लगा और उसने मूतते मूतते अपना लण्ड मेरे मुँह में ठूँस दिया और मैं उसका मूत पीने लगा।

यह थी मेरी कहानी ! उम्मीद करता हूँ आप सबको यह पसंद आई होगी। आप मुझे ईमेल कर सकते हैं !