पायल की चुदाई-1

चलिए अब ज्यादा भूमिका ना बांधते हुए मैं इस कहानी पर आता हूँ।

अन्तर्वासना में कहानी आने के बाद मुझे मिलने वाले ईमेल की संख्या की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। जहाँ तक हो सके, मैं सभी मेल का जवाब नियमत: देता ही हूँ। यह बात मेरी चौथी-पाँचवी कहानी लिखने तक की है। मैं कहानी के संबंध में आने वाले मेल का यथोचित जवाब दे रहा था। अब नंबर पायल के नाम से आए मेल का था। इनका दो दिन के भीतर यह तीसरा मेल आया था। पहले इन्होंने कहानी की सत्यता के बारे में पूछा, फिर मुझसे मिलने की इच्छा जताई।

सामान्यत: मैंने इनसे पूछा- आप कहाँ रहती हैं? इन्होंने जवाब दिया- गुजरात में सूरत।

मैंने खुद के नौकरी पेशा व शादीशुदा होने की बात कहते हुए आना थोड़ा मुश्किल बताया। इसके बाद हमारे बीच सामान्य बातें होती रहीं। अब तकरीबन रोज ही उनका मेल आ जाता था, जिसका उचित जवाब मैं दे दिया करता था। मेरी पत्नी स्नेहा भी अक्सर मेरी आईडी पर बैठकर मुझे आए मेल का जवाब दे दिया करती है।

इसी बीच एक बार जब मैं ड्यूटी गया हुआ था, स्नेहा ने मेरे याहू मेल व मैसेंजर की आईडी खोलकर सभी मेल का जवाब दिए और तब पायल, मैसेंजर पर ऑनलाइन थी। उसने यह मैं हूँ सोचकर बात करना शुरू कर दी, यही कि मेरे साथ सैक्स करने कब आ रहे हो… आदि… आदि।

स्नेहा उसको ‘जवाहर’ बनकर जवाब देती रही, फिर उसके मन में पायल के बारे में जानकारी लेने की इच्छा जागी। तो उसने पायल से पूछताछ शुरू कर दी। पायल और स्नेहा के बीच जो सवाल जवाब हुए उसे मैं आप को बताना चाहूँगा। यह अलग से नाम आधारित न होकर सीधे तरीके से ही लिख रहा हूँ।

पायल सूरत में *** की निवासी है, पांच साल पहले ही उसकी शादी हुई है, उसके पति सुरेन्द्र शाह रत्नों का निर्माण करने वाली एक कंपनी के सेल्स आफिसर हैं। काम के कारण उन्हें पूरे देश का भ्रमण करना पड़ता है, इस कारण वे अक्सर अपने घर से बाहर ही रहते हैं।पायल का कहना था कि जब वे घर में होते तब भी काम का तनाव अक्सर उन पर सवार दिखता। पायल के कई बार टोकने के बाद उन्होंने घर में अपनी सर्विस की बात करना तो बंद की, पर रात को सोने से पहले भी ‘यहाँ जाना है-वहाँ का ये काम रूक गया।’ जैसी बातें अक्सर कहते रहते।

पायल का कहना था- उनके इस तरह के काम का असर हमारे पारिवारिक जीवन पर भी पड़ रहा था। बाकी दूसरी बातें छोड़िए शादी के बाद सैक्स में संतुष्टि कैसी होती है, इसका पता मुझे आज तक नहीं चला। जब अपनी सहेलियों को सैक्स के बारे में मजा आने की बातें सुनती, तो मुझे भी लगता कि मैं इस मजे से वंचित क्यूँ रहूँ। आखिर मुझे भी जानना है कि पूरी दुनिया सैक्स की इतनी दीवानी क्यूँ है, और आदमी का लौड़ा औरत की चूत में जाकर तब तक कैसे रहता है जब तक औरत की चूत से पानी न निकल जाए।

पायल का कहना था- मुझे सैक्स के बारे में उतना ही पता है जितना मेरे पति ने बताया है। जब उनका टूर नहीं होता, तब घर पर ही किसी दिन मैं उनसे चिपककर सोती हूँ, ताकि उनका लौड़ा खड़ा हो और वो मुझे कुछ तो करें। तब किसी दिन उनका मूड हुआ तो वे मेरा गाउन ऊपर करते, अपनी लुंगी व अंडरवियर हटाकर अपना लंड निकालते और मेरी चूत पर रखकर अंदर डाल देते। अपना लौड़ा डालकर वे बहुत कम समय तक आगे-पीछे हिलते फिर अपना खुद का माल झड़ते ही यूं ही मेरे ऊपर लुढ़ककर सो जाते। शादी के बाद आज तक मेरा माल कभी इन्होंने चोदकर नहीं झड़ाया हैं, इसके लिए मुझे अक्सर अपनी चूत में उंगली डालकर हिलाना पड़ता, या कभी सोते समय खुद ही निकल जाता।

स्नेहा ने पायल से यह जरूर पूछा- तुम्हें सैक्स की जरूरत है, यह बात तुमने सुरेन्द्रजी से नहीं कही क्या?

पायल बोली- सैक्स के लिए उन्हें अपनी स्त्रीसुलभ लज्जा के कारण मैं कुछ कह नहीं पाई। कभी बेशरम होकर कुछ बोलने का सोचा भी तो ये उस बारे में मुझे कुछ कहने ही नहीं देते और रात को खुद का निकलने के बाद तो ये ऐसे बेसुध हो जाते कि उस समय इन्हें कुछ बोलना यानि भैंस के आगे बीन बजाना होता। सो मैं इनके सामने तो कभी कुछ कह ही नहीं पाई, और शादी के बाद मैं इस घर में सिर्फ उनका काम करने की चीज बनकर रह गई हूँ। उनके व घर के पूरे काम करना और कभी इनकी इच्छा हुई तो बस अपना गाऊन या मैक्सी उपर उठा कर चूत को खोलना जिसमें उनका लंड भीतर जाकर कुछ देर हिल ले, ताकि उन्हें नींद आ सके।

स्नेहा से पायल से यह सब कुछ जवाहर बन कर ही पूछा। मेरे घर लौटने पर पायल की सारी बात मुझे बताई। मैं भी उसकी बातों पर हामी भरता हुआ खाना खाकर स्टडी रूम में आया और कंप्यूटर आन करके मैसेंजर में आई पोस्ट देखने लगा। तभी मुझे हमारे आफ टाइम में भेजा गया पायल का ही एक मैसेज देखने मिला जिसमें उसने बताया था कि वह दोपहर को 3 बजे करीब आएगी, तब बातें होंगी।

मैंने देखा अभी करीब आधा घंटा बाकी है उसके ऑनलाइन आने में, तो आज सुबह उसकी स्नेहा के साथ क्या बात हुई है, यह निकालकर पढ़ने लगा। ये बातें वैसी ही थी जैसी स्नेहा मुझे बता चुकी थी, तो मैं दूसरे मेल को पढ़ने लगा।

थोड़ी ही देर में पायल आनलाइन हो गई। उसने बात शुरू की और अपने लिए मुझे सिर्फ एक रात देने की जिद करने लगी। मेरी अपने दोस्तों के साथ चर्चा होती थी, जिसमें मुझे पता चला कि मेरे कई दोस्त भी लड़की का नाम रखकर फर्जी आईडी चलाते हैं। सो मैंने सोचा कि यह फर्जी नाम रखकर कोई लड़का ही मुझे बेवकूफ तो नहीं बना रहा है, यानि यह पायल भी लड़का हो सकती है।

यह ध्यान में रखकर मैंने पायल से कहा- मैं तुम्हें देखना चाहता हूँ।

पायल बोली- मैं भी आपको देखना चाहती हूँ, बताइए कब आ रहे हैं?

मैंने कहा- मैं तुम्हें देखने के बाद ही अपने आने की तारीख बताऊँगा।

पायल बोली- तो ठीक है, मैं अपनी फोटो भेज रही हूँ। इसमें मेरे पति भी हैं पर यह फोटो और कहीं ना जाए, आप इसका ध्यान रखिएगा।

मैं बोला- ठीक है, पर आपने भी बीते जमाने की बात कर दी कि चेहरा देखना हो तो फोटो देख लो, जबकि अब कंम्प्यूटर का जमाना आ गया है, विदेशों में बैठे हुए लोग भी विडियो चैटिंग से ऐसे बात करते हैं जैसे सामने ही बैठे हुए हों।

पायल ने पूछा- आप मेरे साथ विडियो चैटिंग करना चाहते हैं क्या?

मैं बोला- ऐसा हो जाए, तो मजा ही आ जाएगा।

पायल बोली- ठीक है, पर इसमें भी मेरी एक शर्त है।

मैं बोला- क्या? बताइए।

पायल बोली- उस चैटिंग में ही आपको अपने यहाँ आने की तारीख बतानी होगी।

मैंने इसके लिए तुरंत हामी भर दी। कुछ ही देर में उसने विडियो कालिंग दी। मैंने इसे स्वीकारा, और कुछ ही देर में मेरे पीसी पर वह आ गई।

मैं उसकी सुंदरता देख अचंभित था। वो बहुत सुंदर थी, उसका फिगर भी बढ़िया था।

पायल बोली- अब अपने आने की तारीख बताइए जवाहर जी, मैं आपका इंतजार कर रही हूँ।

वो सही बोल रही थी, मैंने उसे वायदा किया था कि चैटिंग में मैं उसे आने की तिथि बताऊँगा, पर अभी मुझे ट्रेन में रिजर्वेशन और काम से छुट्टी का इंतजाम करना था, मैंने उसे बताया कि बस एक दिन की छूट मुझे दे दीजिए, कल मैं आपको अपने आने की तारीख बताऊँगा। थोड़े ना-नुकुर के बाद पायल मानी।

विडियो चैटिंग की बात मैंने स्नेहा को बताई तो स्नेहा ने कहा- मुझे आपके अहमदाबाद जाने से कोई दिक्कत नहीं है पर वहाँ सब ठीक हो, यह जरूरी है।

मैंने उसे आश्वस्त किया कि सब ठीक होगा, कल मैं अपनी छुट्टी का जुगाड़ लगाता हूँ, फिर ट्रेन का भी देखना पड़ेगा।

कुछ ऐसी ही सामान्य बात करने के बाद हम लोग काम में लगे। पायल के मामले में किस्मत ने मेरा साथ दिया। दूसरे दिन प्लांट में मैंने छुट्टी का आवेदन दिया, तो इत्तफाक से मुझे अगले ही दिन से एक हफ्ते की छुट्टी मिल गई। ट्रेन में रिजर्वेशन के लिए मैंने अपने एक मित्र की मदद ली। इसने कुछ ज्यादा पैसे लेकर एक दिन बाद का रिजर्वेशन करवा दिया।

मैंने घर पहुँचकर स्नेहा को छुट्टी मिलने का बताया और उससे कहा कि मेरे सफर के लिए बैग तैयार कर दीजिए, मुझे वहाँ रूकने और आने जाने में एक सप्ताह तो लग ही जाएगा।

स्नेहा ‘ठीक है’ बोलकर मेरा सामान सहेजने लगी। मैंने पायल को फोन करके मैसेंजर पर आने कहा। वो आई, उसे बताया कि मैंने आपके पास आने का इंतजाम कर लिया हैं। परसों दोपहर को अहमदाबाद एक्सप्रेस यहाँ से निकलेगी यह अगले दिन शाम तक पहुँच जाएगी। यानि फिर मैं तुम्हारे पास होऊँगा।

पायल खुश हुई, और उसने कहा- आप सूरत के स्टेशन ही आप मुझे फोन करना, मैं आपको लेने स्टेशन पहुँच जाऊँगी।

अब दो दिन हम यूँ ही विडियो व वॉयस चैट करते रहे, पायल की विडियो चैट मैंने स्नेहा के साथ भी कराई।

अगले दिन ट्रेन में बैठने के बाद मैंने उसे बता दिया कि यहाँ से निकल गया हूँ।

कहानी जारी रहेगी।
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