बड़ी दीदी की चूत में कुत्ते का लन्ड फंस गयी

जब मैं घर आ रहा था तो देखा बगल की रामू की बेटी अपनी चूत से मूत की धार छोड़ते हुए गाना गा रही है झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में। मैंने कहा ये ले तेरा झुमका मेरे पास है तो कहने लगी तेरे पास तो कुछ भी नही है। मैं अवाक रह गया कहा आज शाम को अरहर के खेत में आयो बताता हू कि मेरे पास क्या है। शाम हो गई तो मैं सरसों का तेल और अपना गमछा लेकर लोटा में पानी भरकर खेत की तरफ़ गया और इंतजार करने लगा।इतने में मुझे किसी के पैरों की आहट सुनाई दी और मुझे लगा कि कोई आ रहा है सामने देखा तो रामू की बीबी आ रही थी और उसके पीछे उसका कुत्ता शेरू। मैं दम साधे बैठा रहा और देखता रहा। शायद वो शौच के लिए आई थी। लेकिन यहा कहानी दूसरी थी। मैंने देखा कि उसने अपना पेटीकोट जैसे ही उठा के बकरी की तरह बनी शेरू सीधे पीछे से उसकी चूत चाटने लगा और वो मस्ती लेने लगी।

उसकी आंखे एक्दम से बंद होने लगी थी।ये चुदाई कहानी आप एडल्ट सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।तभी शेरू का 9 इन्च का कटीला लंड निकला, देशी कुत्तों का लड कंटीला होता ही है और उसने अपना लंड उसके चूत के पास कर दिया और उसकी पीठ का सहारा लेकर खड़ा हो गया। जैसे ही शेरू ने अपना लंड उसकी चूत में डाला वो चिल्ला उठी। शेरू ने तुरत ही रफ़्तार पकड़ ली और लंड पेलने लगा। लेकिन कुत्ते का लंड पूरा एक बार में कैसे अंदर जा सकता है ? सो शेरू अपने धक्के में जान लगा रहा था। उस रंडी को बहुत मजा आ रहा था, कहां उसके पति का छोटा सा लंड और कहां कुत्ते का बड़ा गदह लंड।

और तभी मेरी आंखे आश्चर्य से फ़टी रह ग़ईं। शेरू ने अपना लंड जैसे ही खीचा उसके चूत से फ़चाक से पानी का फ़व्वारा निकला और कुत्ते की आंखो को और मुंह को भिगोता हुआ जमीन पर बिखर गया।शेरू को गुस्सा आ गया मानो वो एक ट्रेंड ब्वायफ़्रेंड हो। उसने अपना लंड उसकी गांड में ठेल दिया और वो चिल्लाने लगी हट ह्ट लेकिन आज कुत्ते को चूत का भूत चढा था और उसने लगभग आधे से ज्यादा लंड उसकी गांड में डाल दिया। धक्के लगाने लगा। उसकी गाँड से फ़ट्ने की आवाज साफ़ आ रही थी। लेकिन उस रंडी को पता नही कितना चुदवाना था।

और तभी शेरू अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाले बिना ही घूम के पलट गया और आगे तो आप जानते ही हैं कि जब कुत्ता कुतिया को चोदते समय पलट जाता है तो क्या नजारा होता है? रामू की बीबी अब बिल्कुल हलाल होने वाले बकरे की तरह डकारने लगी और चिल्लाने लगी। अब मैंने सोचा क्या करूं क्या करुं तभी मुझे उसकी बेटी आती दिखाई दी। मैंने मन ही मन एक योजना बनाई और दोनों को आज ही चोदने का प्लान बनाया।

जैसा कि आप सब जानते हैं कि कुत्ते का लंड फ़ंसने के बाद निकलता नही है तो फ़िर उसकी जान पर बन आयी थी और वह बचाओ बचाओ करने लगी। मेरी नजर उसकी बम्माट जवानी पर पहले से ही थी और इसलिए मैं उसे बचाने का उपाय सोच रहा था कि अचानक से उसकी बेटी भी आ गई और यही मुझे अपना महेश बाबा का किरदार निभा कर दोनो ही चूतों का बिरयानी बना देना था।अपनी मां के गांड में कुत्ते का लंड फ़ंसा देखकर वो जोर से चिल्लाने ही वाली थी कि मैंने उसका मुंह दबा दिया। अबे मरवाओगी क्या अभी एक कुत्ता पेल रहा है सारे गांव वाले जान जायेंगे तो तेरी मां का कुतिया बना के चौराहे पर पेल देंगे।

बात बेटी की समझ में आ गई मुझसे बोली अब क्या करें मैंने कहा कुत्ता का लंड है एक गांड में फ़ंसा है तो जब तक दूसरी कुतिया का मसाले दार गरमा गरम चूत नही देखेगा बाहर नहीं आने का।ये चुदाई कहानी आप एडल्ट सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।कहने लगी तो मैं क्या करुं? मैंने कहा मेरी जान!ऐसा है कि जल्दी से अपनी सलवार उतारो। उसने जैसे सलवार उतारनी शुरु की मेरे लंड में उफ़ान आना शुरु हो गया। उसकी कमर एक्दम ऐसी थी जैसे खुद किसी कलाकार ने बनायी हो।

पेट के भूरे रोंयें ऐसे लग रहे थे जैसे सुनहरे धान की बालियां हों। और उसकी घाटी जैसी चूत तो हिमालय की संकरी कंदराओं जैसी दिख रही थी। इस नजारे को देख कर मैं दंग रह गया।जब उसने अपनी सलवार उतारी तो कहा अब शेरू कुत्ते के सामने कुतिया बनकर अपनी चूत उसके मुंह के आगे करो इस साले को मसाले दार चूत की आदत लगी हुई है। जैसे ही उसने शेरू के सामने अपनी क्वारी चूत की, शेरू अपने लंड की परवाह किये बिना उसकी चूत चाटने लगा। हद थी इस कुत्ते की भी, मेरा आईडिया काम कर गया।मैंने कहा कि अब जरा आगे पीछे अपनी गाँड मटकाओ जिससे की शेरू जरा हिले डुले। जैसे ही उसने गांड मटकानी शुरु की शेरू ने अपना लंड रामू की बीबी मतलब उसकी मां के गांड से निकालने की कोशिश तेज कर दी और वो चिल्लाने लगी अरे चूतजली तेरे करम फ़ूटें। तभी खचाक से शेरू ने अपना लंड खीच लिया और उसके गांड का लाल लाल भाग बाहर तक निकल गया।

अब शेरू के मुंह क्वारी चुत का रस लग गया था। वो जोर जोर से चूसे जा रहा था जैसे उसकी चूत को सैंडविच बनाके खा जाएगा। लेकिन मैं अब शेरू को चांस देने वाला नही था और मैंने शेरू को हटा दिया वो फ़िर से उसकी मां की चुत चाटने लगा।अब मैंने रामू की बेटी को बकरी बना दिया और कहा कि अपनी कमर जरा उपर की तरह निकाल। उसकी कमर के कसाव गजब के थे, दोनों चूतंडों की घाटियां इतनी सुडोल और कमाल की थीं कि मेरे लंड में खून उतर आया सीधा फ़ूल कर आठ इंच का हो गया और कसमसाने लगा। क्वारी चूत चोदने का मेरा सपना सच होने वाला था।और मैंने उसकी मां को कहा की वह उसकी चूत के नीचे अपना मुंह लगा ले फ़िर मैंने उसके चूंचे दबाने शुरु किये और अपना लंड उसकी चूत में उतारने लगा। उसकी बुर की झिल्ली अभी फ़टी नही थी और इसलिए वह् सिसिया गई।

मैंने उसकी मां को कहा कि साथ साथ नीचे से वह उसकी चुत चाटती रहे। उसकी मां ने ऐसा ही किया लेकिन शेरू अभी भी उसकी चूत चाट रहा था। मैंने अपना थूक भाभी की गांड और चूत पर मल दिया और कुत्ते लंड एक ही झटके में पेल दिया। ये चुदाई कहानी आप एडल्ट सेक्स कहानी डॉट कॉम पर पड़ रहे है।वह बकरी की तरह चिचिया उठी और तभी मैंने स्पीड पकड़ ली और वह आ!!ह उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़!! सीसी!! करने लगी।कभी मैं उसकी चुत से निकाल कर अपना लंड उसकी मां की मुंह में दे देता और कभी उसकी फ़ट चुकी क्वारी चुत में और अचानक से उसके चूत से पानी बहने लगा। तभी मैं भी आह्ह्ह्ह! आह्ह्ह्ह करके झड़ गया और उसकी मां मेरे लंड और अपनी बेटी की क्वारी चुतका पानी पीकर मेरे सुपाड़े को चट कर गई।मैंने शेरू को देखा जो ललचाई नजरों से क्वारी चूत की तरफ़ देख रहा था। मैंने कहा ले शेरू अब तेरी बारी तू भी पार हो जा। और इस तरह से मेरे एहसान तले दोनों मां बेटी दब चुकी थीं।