सासू माँ की प्यास

तीन जुलाई 2005 को मैं और मेरी पत्नी मेरे ससुराल को गये। वहां पर मेरी सास हमारा इन्तज़ार कर रही थी। उन्हें देख कर मैं बहुत खुश हुआ।

मैंने कहा- कैसी हैं सासू मां?
वो बोली- ठीक हूं बेटा।
मैंने मुस्करा कर कहा- आपकी उम्र और मेरी उम्र में कोई ज्यादा फ़र्क नहीं है।
सास ने जवाब दिया- तो क्या हुआ रिश्ते में तो तुम मेरे दामाद लगते हो।

मैंने कहा- हाँ, दुर्भाग्य से मुझे पैदा होने में थोड़ी देर हो गयी वर्ना मै तो आपसे ही शादी करता!

ये सुनते ही वो शर्मायी और कहने लगी- ठीक है बातें तो होती ही रहेगी, तुम लोग जरा फ़्रेश हो जाओ.

हम लोग वहां से बाथरूम फ़्रेश होने के लिये चले गये।

फिर सबने साथ में डिनर लिया। फिर मैं और मेरी पत्नी बेड रूम में चले आये। बेड रूम में एक खिड़की भी थी जो मेरी सासू मां के कमरे में खुलती थी।
थोड़ी देर मैंनें और मेरी पत्नी ने आराम किया। रात करीब एक बजे मेरी नींद खुल गयी और मैं अपनी पत्नी के कपड़े उतारने लगा। मेरी पत्नी जाग गयी और कहने लगी- आज नही, मुझे नींद आ रही है..

मैंने कहा- तुम सो जाओ और मुझे अपना काम करने दो.
फिर मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिये। वो मुझे बार बार रोक रही थी।

इस तरह हमारी तकरार से सासू मां भी जाग गयी। उन्होंने धीरे से हमारी खिड़की खोली और अन्दर हमें देखने लगी। मैंने अपना काम जारी रखा और और अपनी पत्नी को चूमने लगा।

पहले उसके नाजुक होंठ पर किस किया, फिर उसके मादक चूचियों पर और फिर उसकी रस भरी चूत पर्। इतने भर से मेरी पत्नी अब मूड में आ चुकी थी और फिर उसने मेरे ऊपर के सारे कपड़े उतार दिये।

हम दोनो एक दूसरे के जिस्म पर चूमा चाटी करते रहे और फिर मैंने अपना पेण्ट खोला और अपना आठ इंच से भी लम्बा लण्ड निकाला। ये सब मेरी सासू मां देख रही थी। मैंने खिड़की पर चुपके से देखा वो वहीं पर खड़ी थी। मुझे देख कर वो थोड़ा सा पीछे हट

गयी। मैंने लण्ड को पत्नी की चूत में धकेल दिया और फिर जोरदार धक्के मारने आरम्भ कर दिये। मेरी पत्नी भी बहुत आनन्दित होने लगी थी।

वो आआह्हह… ऊओह्ह… ऊम्मम… की आवाजे निकाल रही थी। कुछ देर बाद मैंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया। वो सफ़ेद वीर्य से भरा हुआ था। मेरी पत्नी ने जल्दी से मेरा लण्ड अपने मुख में ले लिया और मस्त हो कर उसे चूसने लगी।

ये सब देख कर मेरी सासू मां के मुख से सीत्कार सी आवाज निकल गयी। मैंने उनकी आवाज को सुन लिया था। वो बहुत बेचैन हो गयी थी। मैंने और मेरी पत्नी ने कुछ देर बाद कपड़े पहन लिये थे।

कुछ देर बाद मेरी पत्नी सो चुकी थी। मैं अपनी पेण्ट पहन कर कमरे से बाहर निकला और बालकॉनी में आ कर खड़ा हो गया। मैंने कमीज नहीं पहन रखी थी और अपनी ही धुन में गुनगुना रहा था।

अचानक मुझे पीछे से किसी ने पकड़ लिया। इसके पहले कि मैं पलटता वो मुझसे लिपट गयी। मैंने समझा कि मेरी पत्नी है। लेकिन कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था। उसके जिस्म से बहुत मधुर सी सुगन्ध आ रही थी जो मैंने अपनी पत्नी के जिस्म से कभी महसूस नहीं की थी। मैं परेशान था कि कौन है जो मुझसे आकर ऐसी लिपट गयी है।

मैं पलट कर उसका चेहरा नहीं देख सकता था। फिर उसके कांपते हाथ मेरी पेण्ट की जिप की तरफ़ बढे और मेरे लण्ड को पकड़ कर जोर जोर से सिसकते हुये दबाने लगी। मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था। पर मुझे अभी तक पता नहीं था कि ये कौन है।

मैंने उसके हाथ को अपने लण्ड से हटाया तो देख कर दंग रह गया और मेरी आंखे खुली की खुली रह गयी। वो और कोई नहीं मेरी सासू मां थी।

मुझे देख कर वो कहने लगी- तुम्ही ने तो कहा था कि हमारी उम्र में कोई फ़र्क नहीं है और अगर तुम जल्दी पैदा हो जाते तो मुझसे ही शादी करते। अब समझ लो ना तुम जल्दी पैदा हो गये हो’

इसके पहले मैं कुछ कह सकूं सासू मां के मुख से फिर आवाज निकली- देखो मैं एक जवान विधवा हूं, मैं अपने पति के बिना रह रही हूं, जो कि बहुत मुश्किल काम है। तुम मेरी इस मुश्किल को दूर कर सकते हो, मेरी इस बेचैनी को कम कर सकते हो। मेरी जिंदंगी रंगीन बना सकते हो.

ये कहते हुये वो मुझे बेताहाशा चूमने लगी और मेरे हाथो को अपने कसे हुये उभारो पर यानि चूंचियों पर रख दिया। सासू मां का सीना दबते ही उनके मुख से एक मद भरी सिसकारी निकल पड़ी।

इसके बाद क्या हुआ वो बहुत उत्तेजक और दिलकश है। लेकिन आपको कुछ और इन्तज़ार करना होगा।